2 जीवन में वृत्त बनाम गणितीय वृत्त: शब्दावली
संभवत: आप विद्यालयी ज्यामिती को सीखने में आने वाली कई बाधाएँ सोच पाएँगे। यह यूनिट उनमें से एक से आरंभ होता है: गणितीय भाषा को अधिक सुगम व ‘रटने’ (याद करके सीखने) पर कम निर्भर कैसे बनाएँ।
वृत्त एक सरल किंतु विशिष्ट ज्यामितीय आकार है। इसमें कोई शीर्ष या कोना नहीं होता व वृत्त पर सभी बिन्दु केन्द्र से समान दूरी पर होते हैं।
कक्षा IX व X की ज्यामिती सीखने के लिए, विद्यार्थियों को वृत्त से संबद्ध तत्वों व संकल्पनाओं को परिभाषित करने के लिए नई शब्दावली से परिचित होना चाहिए। (गणित की शब्दावली के बारे में और गतिविधियाँ यूनिट गणितीय पुनरुत्थान का निर्माण: त्रिभुजों में समानता व सर्वांगसमता में पाई जा सकती हैं।) यह विशिष्ट शब्दावली कक्षा के बाहर अधिक उपयोग नहीं की जाती है, और इस कारण विद्यार्थियों को अपरिचित लग सकती है, जो विद्यालय के बाहर रोजमर्रा के उपयोग की भाषा में इन शब्दों से परिचित नहीं हैं। अक्सर ही उन्हें यह शब्दावली रटकर याद करने को कहा जाता है। शब्दावली चित्र 1 में दिखाई गई है।

ध्यान दें कि वृत्त की परिधि का अर्थ है, उसके घेरे की पूरी लंबाई। यह वृत्त के गणना से संबद्ध एक संकल्पना है; और इस कारण वृत्त का भाग नहीं है।
गतिविधि 1 का उद्देश्य विद्यार्थियों को रटने की अपेक्षा अन्य तरीके से वृत्तों के सदंर्भ में प्रयुक्त विभिन्न शब्दों से परिचित कराना है। इसके लिए विद्यार्थियों को इन शब्दों व संकल्पनाओं को भौतिक रूप से निरुपित करना होगा, व ऐसा करते समय उनकी एक छवि व स्मृति बनानी होगी। यह गतिविधि विद्यार्थियों से अन्तर आरै समानता के बारे में भी प्रश्न करती है: ‘क्या समानता है?’ और ‘क्या भिन्नता है’ के साथ ही ‘क्या समान रहना चाहिए?’ व ‘क्या बदला जा सकता है?’ ज्यामिती सीखते समय समानता पर काम करना बहुत महत्वपूर्ण प्रशिक्षण उपकरण है। वटसन आदि कुछ (2013, p. 108) यह दावा भी करते हैं कि यह:
ज्यामिती में विशेषकर प्रासंगिक व महत्वपूर्ण है। ज्यामिती के अधिकांश प्रमेय इस बात के अध्ययन से बने हैं कि किस परिवर्तन की अनुमति है जो कुछ सम्बन्धों या गुणों को समान बनाते हैं।
इस यूनिट में अपने विद्यार्थियों के साथ गतिविधियों के उपयोग का प्रयास करने के पहले अच्छा होगा कि आप सभी गतिविधियों को पूरी तरह (या आंशिक रूप से) स्वयं करके देखें। यह और भी बेहतर होगा यदि आप इसका प्रयास अपने किसी सहकर्मी के साथ करें क्योंकि जब आप अनुभव पर विचार करेंगे तो आपको मदद मिलेगी। स्वयं प्रयास करने से आपको शिक्षार्थी के अनुभवों के भीतर झांकने का मौका मिलेगा, जो परोक्ष रूप से आपके शिक्षण और एक शिक्षक के रूप में आपके अनुभवों को प्रभावित करेगा। जब आप तैयार हों, तो अपने विद्यार्थियों के साथ गतिविधियों का उपयोग करें। पाठ के बाद, सोचें कि गतिविधि किस तरह हुई और उससे क्या सीख मिली। इससे आपको सीखने वाले विद्यार्थियों पर ध्यान केंद्रित रखने वाला अधिक शैक्षिक वातावरण बनाने में मदद मिलेगी।
गतिविधि 1: वृत्त को अभिनीत करना
इस गतिविधि के लिए, विद्यार्थियों से एक वृत्त में बैठने को कहें (चित्र 2। यदि आपकी कक्षा बड़ी है, तो आप 20-30 विद्यार्थियों को वृत्त में रखकर बाकी से देखने को कह सकते हैं। यह गतिविधि सबसे कारगर तब होगी, यदि आप अपने विद्यार्थियों को बाहर ले जाएँ जहाँ अधिक जगह हो। इस गतिविधि के दो भाग हैं: पहला है विद्यार्थियों को कुछ खास तरह से अपनी जगह से चलने के निर्देश देना, दूसरा काम है, इस गतिविधि को थोड़े अन्तर के साथ कई बार दुहराना।

भाग 1: वृत्त के साथ जुड़े शब्दों को अभिनीत करना
एक विद्यार्थी को किसी शब्द को अभिनीत करने के लिए कुछ खास तरीकों से चलने को कहें (इसे कैसे करना है, यह नीचे की सूची में दिया गया है) लेकिन उस शब्द का उच्चारण न करें। सभी विद्यार्थी चिल्लाकर उस शब्द का अन्दाज़ा लगाते हैं। फिर दूसरे विद्यार्थी को यह करके बताने को कहें कि शब्द को किस प्रकार अभिनीत किया गया था। गतिविधि को और आकर्षक बनाने के लिए आप विद्यार्थियों से इस बारे में अपने विचार बताने को कह सकते हैं कि उन्हें शब्द को किस प्रगकार अभिनीत करना चाहिए।
विद्यार्थी शब्द को कैसे अभिनीत कर सकते हैं, यहाँ दिया गया है:
- त्रिज्या (Radius): विद्यार्थी को उठकर वृत्त के केंद्र में जाकर अपने स्थान पर वापस आने को कहें।
- चाप (Arc): विद्यार्थी (S1) को अन्य विद्यार्थी (S2) का नाम देने के लिए कहें; फिर S1, S2 व इनके बीच बैठे विद्यार्थियों को उनके हाथ उठाने के लिए कहें।
व्यास (Diameter): विद्यार्थी (S1) को उनसे ठीक विपरीत बैठे विद्यार्थी (S2) का नाम लेने के लिए कहें। दोनों विद्यार्थी अपने हाथ सामने एक दूसरे की ओर बढ़ाते हैं; वकैल्पिक रूप से, उनसे एक रस्सी के दोनों छोर पकड़ने को कहें।
जीवा (Chord): एक विद्यार्थी को किसी और विद्यार्थी का नाम लेने को कहें; दोनों अपने हाथ एक दूसरे की ओर बढ़ाएँगे या एक रस्सी का उपयोग करेंगे।
वृत्तखण्ड (Segment): एक विद्यार्थी को किसी और विद्यार्थी का नाम लेने को कहें; दोनों अपने हाथ एक दूसरे की ओर बढ़ाएँगे या एक रस्सी का उपयोग करेंगे। दोनों के बीच जिस ओर कम विद्यार्थी बैठे होंगे, वे अपने हाथ बढ़ाकर खाली जगह को भरेंगे।
- त्रिज्यखण्ड (sector): एक विद्यार्थी को किसी और विद्यार्थी का नाम लेने को कहें; दोनों विद्यार्थी केंद्र में जाते हैं, हाथ मिलाते हैं और अपने स्थान पर लौट जाते हैं।
- परिधि (Circumference) : एक विद्यार्थी को खड़े होकर अपने कदमों की संख्या ज़ोर से गिनते हुए वृत्त के आसपास चलने को कहें। फिर विद्यार्थी कहेगा ‘वृत्त की परिधि … कदम है’।
भाग 2: शब्दावली पर आत्मविश्वास जगाना
गतिविधि का यह भाग भाग 1 से आगे बढ़कर विद्यार्थियों को दुहराव के माध्यम से प्रत्येक विचार को शब्द देने में आत्मविश्वास बढ़ाने का मौका देगा। इस गतिविधि के दौरान, विद्यार्थियों को अन्तर आरै समानता शब्दों व शब्दों के गुणों (क्या परिवर्तित हो सकता है क्या नहीं) के बारे में सोचने के लिए भी इस प्रकार के प्रश्न पूछकर प्रेरित किया जा सकता है:
- (उदाहरण के लिए) चाप व जीवा में क्या समान व असमान है?
- क्या आप एक और परिधि बना सकते हैं?
- यदि आप एक और जीवा बनाते हैं, तो क्या समान रहना चाहिए और क्या बदला जा सकता है?
पाठ से पहले आपको वे प्रश्न सोचने होंगे , जो आप विद्यार्थियों से पूछेगें। आप उपरोक्त प्रश्नों से वृत्त की शब्दावली को वृत्तों के अन्य तत्वों से बदल सकते हैं।
एक विद्यार्थी से वृत्त से संबंधित वह शब्द कहें, जिसे आप उससे अभिनीत कराना चाहते हैं। यदि विद्यार्थी को यह करना याद न रहा हो, तो पूछें कि क्या किसी और को याद है और वह उस विद्यार्थी को बता सकता है। प्रत्येक विद्यार्थी की क्रिया के बाद, सभी विद्यार्थी उस शब्द को ज़ोर से बोलते हैं व कोई अन्य विद्यार्थी बताता है कि शब्द को किस प्रकार अभिनीत किया गया।
इसे कई बार दुहराएँ व अन्तर और समानता के प्रश्नों पर आ जाएँ।
गतिविधि के अंत में, अपने विद्यार्थियों से प्रत्येक शब्द की परिभाषा अपनी पुस्तिका में लिखने को कहें। फिर पुस्तिकाएँ आपस में बदल दें व एक-दूसरे के उत्तरों का मूल्यांकन करने को कहें, जिससे हर किसी को अच्छी परिभाषाएँ देखने को मिल सकें।
प्रमुख संसाधन ‘विचारशीलता को प्रोत्साहन के लिए प्रश्नों का उपयोग’ पर भी नज़र डाल लें।‘Using questioning to promote thinking’.
केस स्टडी 1: गतिविधि 1 के उपयोग का अनुभव श्रीमती चक्रकोटि बताती हैं
यह एक शिक्षिका की कहानी है, जिसने अपने माध्यमिक कक्षा के विद्यार्थियों के साथ गतिविधि 1 का प्रयास किया।
यह विद्यार्थियों को वृत्तों से संबद्ध विभिन्न शब्दों से परिचित होने के लिए प्रेरित करने वाला एक अच्छा अभ्यास था। उन्होनें अभिनय को बहुत पसंद किया, यद्यपि वे पहले अनिच्छुक थे क्योंकि हमने पहले इस प्रकार की गतिविधियाँ नहीं की थीं। मैंने पहले उन्हें व्यास व चाप को अभिनीत करने के निर्देश दिए। अगला निर्देश देने से पहले मैंने उनसे शब्द को अभिनीत करने के बारे में उनके विचार पूछे। पहले यह चर्चा कुछ अव्यवस्थित थी, क्योंकि वे लोग एक-दूसरे के विचारों को सुनकर उनपर बात आगे नहीं बढ़ा रहे थे। अत: मैंने उन्हें पहले उन्हें जो कहना था, वह एक सहयोगी के साथ मिलकर कहने का अभ्यास करने को कहा। यह वाकई कारगर रहा और उनके विचार बहुत सुधर गए, जो गतिविधि में सुझाए अनुरूप ही थे।
अन्तर और समानता के बारे में प्रश्नों पर प्रतिक्रिया आश्चर्यजनक थी। इससे मुझ समेत हम सभी इन शब्दों व संकल्पनाओं के बारे में एक अलग ढंग से सोचने लगे: अचानक संबंध स्पष्ट हो गए, जैसे कि वृत्त के कुछ भागों की भूमिका, जैसे केंद्र। रोचक बात यह कि कुछ समय बाद विद्यार्थी बिना मेरे दखल दिए भी ये प्रश्न पूछने लगे। शब्दावली को केवल रटकर याद करने से कितना बेहतर था! इस तरह विदयार्थियों को यह भी पता लग गया कि वास्तव में ज्यामिती पर काम करना मुश्किल ही हो, आवश्यक नहीं।
फिर हम कक्षा में गए और इस शब्दावली को कागज़ पर पढ़ा। विद्यार्थियों ने चार के समूह में काम किया और प्रत्येक समूह को उन्होंने जो समझा उस पर एक प्रस्तुति बनाने के लिए एक अलग शब्द या संकल्पना दी गई थी। फिर इन्हें साझा किया गया और प्रत्येक समूह को कम से कम एक प्रश्न पूछने को कहा गया। इस प्रकार, प्रत्येक समूह ने स्वयं अपने विषय को अच्छे से समझने की कोशिश की व उन्हें उस पर प्रश्नों के उत्तर भी देने पड़े। उन्हें वह भी सुनकर समझना पड़ा जो दूसरे कह रहे थे और साथ ही प्रश्न पूछने पड़े। उनके प्रश्नों व उत्तरों से पता लगा कि वे विषयों के बीच सहसंबंध स्थापित कर पा रहे थे।
आपके शिक्षण अभ्यास के बारे में सोचना
अपनी कक्षा के साथ ऐसा कोई अभ्यास करने पर बाद यह सोचें कि क्या ठीक रहा और कहाँ गड़बड़ी हुई। ऐसे सवाल की ओर ध्यान दें, जिसमें विद्यार्थियों की रुचि दिखाई दे और वे आगे बढ़ते हुए नजर आएं और वे जिनका स्पष्टीकरण करने की आवश्यकता हो। ऐसे चिंतन से वह ‘स्क्रिप्ट’ मिल जाती है, जिसकी मदद से आप विद्यार्थियों के मन में गणित के प्रति रुचि जगा सकते हैं और उसे मनोरंजक बना सकते हैं। अगर विद्यार्थियों को समझ नहीं आ रहा है और वे कुछ नहीं कर पा रहे हैं, तो इसका मतलब है कि उनकी इसमें सम्मिलित होने की रुचि नहीं है। जब भी आप गतिविधियां करें, इस विचार करने वाले अभ्यास का उपयोग करें। जैसे श्रीमती चक्रकोडी ने कुछ छोटी–छोटी चीजें की, जिनसे काफी फर्क पड़ा।
विचार के लिए रुकें निम्न चिंतन को बढ़ावा देने वाले अच्छे प्रश्न हैं:
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1 सहज ज्ञान संबंधी अध्ययन
