2 भिन्नों की समझ विकसित करना
दूसरी गतिविधि विद्यार्थियों द्वारा भिन्न की धारणाओं को शारीरिक रूप से दर्शाने पर केन्द्रित है। इसे मूर्त रूप भी कहते हैं। आप उन्हें गणितीय विचार दर्शाने के लिए उनके शरीरों का उपयोग करने के लिए कहेंगे। यदि किसी पूर्ण का भिन्न बनाने के लिए स्वयं एक स्थान से उठकर दूसरे स्थान पर जाते हैं, तो वे यह धारणा विकसित करने लगेंगे कि भिन्न क्या है और वे भिन्नों के साथ कैसे काम कर सकते हैं।
इस अंक में अपने विद्यार्थियों के साथ गतिविधियों के उपयोग का प्रयास करने से पहले अच्छा होगा कि आप सभी गतिविधियों को पूरी तरह या आंशिक रूप से स्वयं करके देखें। यह और भी बेहतर होगा अगर आप अपने किसी सहकर्मी के साथ मिलकर इसे करने का प्रयास करें क्योंकि स्वयं के अनुभव के आधार पर सिखाना आसान होगा। स्वयं प्रयास करने से आपको शिक्षार्थी के अनुभवों के भीतर झांकने का मौका मिलेगा जिसके फलस्वरूप यह आपके शिक्षण और एक शिक्षक के रूप में आपके अनुभवों को प्रभावित करेगा।
गतिविधि 2: शारीरिक रूप से भिन्नों को दर्शाना
तैयारी
पहले एक स्थान बनाएं, और फिर आठ विद्यार्थियों को कक्षा के सामने या ऐसी जगह पर आने को कहें जहां से सारी कक्षा उन्हें देख सकें।
गतिवधि
- अपने विद्यार्थियों को खुद को एक आयत के आकार में व्यवस्थित करने को कहें।
- किसी और को इस समूह को आधे में विभाजित करने को कहें।
- आयत को पुनः बनाएं, फिर एक दूसरे विद्यार्थी को समूह को एक अलग रूप में विभाजित करने को कहें।
- विद्यार्थियों से पूछें कि समूह के नए आधे भाग में क्या समान और क्या अलग ह।ै
- अब एक दूसरे विद्यार्थी को आठ विद्यार्थियों को चौथाई भागों में विभाजित करने को कहें। फिर से पूछें कि क्या इस विभाजन को करने का कोई अलग तरीका है, और चौथाई में वि भाजित करने के नए तरीके में क्या समान और क्या अलग है।
- अब विद्यार्थियों की संख्या बदलें और इस प्रक्रिया को एक बार फिर दोहराएं। हो सकता है कि चौथाई में विभाजित करना कठिन हो लेकिन चुनी गई संख्या पर निर्भर करते हुए, आगे पूछते रहें ,, जब तक कि आप ऐसे भिन्न तक न पहुंच जाएं जिसका विभाजन न हो पाएं। विद्यार्थियों से पूछें कि आप इन विद्यार्थियों का भिन्न क्यों नहीं पा सकते। एक विद्यार्थी को टुकड़ों में विभाजित करने की अनुमति नहीं है!
- विद्यार्थियों को 12 के समूहों में कार्य करने के लिए कहें। यदि कक्षा 12 के समूहों में समान रूप से विभाजित नहीं होती तो आप प्रत्येक समूह में एक कप्तान नियुक्त कर सकते हैं। उनसे कहें कि उन सभी भिन्नों पर कार्य करें जिनमें आप 12 विद्यार्थियों को विभाजित कर सकते हैं।
वीडियो: चिंतन को बढ़ावा देने के लिए प्रश्न पूछने का उपयोग करना |
केस स्टडी 1: श्रीमती आशा गतिविधि 1 के उपयोग के बारे में बताती हैं
यह उस शिक्षिका की कहानी है जिन्होंने अपने प्राथमिक विद्यार्थियों के साथ गतिविधि 1 का प्रयास किया।
पहले मैंने आठ विद्यार्थियों को कक्षा के सामने आने के लिए कहा और एक ऐसी जगह पर आयताकार आकार में खुद को जमाने के लिए कहा जहां सारी कक्षा उन्हें देख सके। फिर मैंने विद्यार्थी अनुष्का को आकर इन आठ विद्यार्थियों को आधे में विभाजित करने के लिए कहा, जो काफी आसान था।
फिर मैंने कक्षा से पूछा कि क्या आठ विद्यार्थियों के समूह को किसी और तरीके से आधे में विभाजित किया जा सकता है। यह थोड़ा चुनौतीपूर्ण साबित हुआ, क्योंकि विद्यार्थियों को गणितीय सवालों के केवल एक जवाब होने की आदत थी, तो पहले तो उन्हें लगा कि कहीं अनुष्का तो गलत नहीं है। उन्हें यह स्पष्टीकरण चाहिए था कि यहां ‘अलग’ का क्या अर्थ है। बेशक, जिस भी तरह से उन्होंने विद्यार्थियों को आधे में विभाजित किया, हर अर्ध भाग में हमेशा चार विद्यार्थी थे। चूंकि मैं इसी उत्तर को खोज रही थी, मैंने उन्हें इन उपायों के बारे में बात करने के लिए समय दे दिया।
फिर मैंने विद्यार्थी नीता से आगे आकर समूह को चौथाई में विभाजित करने को कहा। इस बार विद्यार्थी ये करने के लिए अलग तरीके सुझा पाए, और वे खुश थे कि हर भाग में हमेशा दो विद्यार्थी होंगे।
फिर मैंने विद्यार्थियों के एक और समूह को आगे आने को कहा, इस बार छह विद्यार्थियों के समूह में। इस बार मैंने उन्हें खुद को दो तरीकों से आधे में विभाजित होने को कहा। मैंने पूछा ‘क्या आपको हमेशा एक ही उत्तर मिलता है?’ ‘जी हां!’ उन्होंने कहा। फिर मैंने पूछा ‘आप खुद को और दूसरे किस भिन्न में बांट सकते हैं?’ उन्होंने खुद को चौथाई में बांटने का प्रयास किया लेकिन वे बांट नहीं पाए, लेकिन उन्हें यह पता चला कि वे खुद को तीन भागों में बांट सकते हैं और उन्होंने यह चर्चा की कि इस भिन्न को क्या कहेंगे।
फिर मैंने कक्षा को 12 के समूह में रखा और उनसे पूछा कि वे अपने समूह में कौन से भिन्न बना सकते हैं। एक समूह ने एक बटे बारह का प्रस्ताव दिया, लेकिन अधिकतर ने आधे, चौथाई, और एक बटा छह पर कार्य किया।
आपके शिक्षण अभ्यास के बारे में सोचना
अपनी कक्षा के साथ ऐसा कोई अभ्यास करने पर बाद यह सोचें कि क्या ठीक रहा और कहाँ गड़बड़ी हुई। ऐसे प्रश्न सोचें जिनसे विद्यार्थियों में रुचि पैदा हो तथा उनके बारे में उन्हें समझाएँ ताकि वे उन्हें हल करके आगे बढ़ सकें। ऐसे चिंतन से वह ‘स्क्रिप्ट’ मिल जाती है, जिसकी मदद से आप विद्यार्थियों के मन में गणित के प्रति रुचि जगा सकते हैं और उसे मनोरंजक बना सकते हैं। अगर विद्यार्थियों को समझ नहीं आ रहा है और वे कुछ नहीं कर पा रहे हैं, तो इसका मतलब है कि उनकी इसमें सम्मिलित होने की रुचि नहीं है। जब भी आप गतिविधियां करवाएं तो इस विचारात्मक अभ्यास का उपयोग करें, यह ध्यान रखें कि श्रीमती आशा ने कुछ छोटे परिवर्तन किए जो काफी महत्वपूर्ण रहे।
विचार के लिए रुकें ऐसे चिंतन को गति देने वाले अच्छे प्रश्न निम्नलिखित हैं:
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1 भिन्नों के बारे में इतना अलग क्या है?