1 कोणों के बारे में सीखने और उसे सार्थक बनाने के लिए कोणों के मूर्त रूप का उपयोग करना

विचार के लिए रुकें

आप अपने आसपास जिधर भी नज़र डालते हैं, हर तरफ आपको कोण दिखाई देते हैं। अभी अपने आसपास नज़र डालें और दिखाई दे सकने वाले दस कोणों की सूची बनाएँ। क्या आपको उनके बीच किसी गणितीय संबंध का पता चलता है?

गणित को प्रायः उस चीज़ के रूप में माना जाता है जिन्हें आप गणित की कक्षा में करते हैं, संभवतः कुछ प्रयोगों के साथ : विनिर्माण और स्थापत्य आदि वास्तविक जीवन के क्षेत्रों में लेकिन इससे भी मज़ेदार बात यह है कि गणित एक मानव के रूप में हमसे और हमारे जीवन से भी जुड़ा हुआ है – और हमारे शरीर के कोण इसका एक बेहतरीन उदाहरण हैं। हम अपनी बाँहों और पैरों को एक कोण पर मोड़ते हैं, हम अपने सिर को एक कोण पर घुमाते हैं, हम अपनी उंगलियों को अलग-अलग कोणों पर मोड़ते हैं। शारीरिक आकार में गणित को निरूपति करने के लिए, विद्यार्थियों के साथ इस तरह की गतिविधियों को करने के लिए उन्हें गणितीय आकृति जैसा ‘बनने’ या ‘करने’ की आवश्यकता होती है।

शोध (ड्रेफ़स, 1996; गिब्स, 2006) के अनुसार, ‘शारीरिक गणित’ के पीछे निहित उपायों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • मूर्त रूप – किसी अमूर्त अवधारणा को ठोस रूप प्रदान करना
  • सन्निहित अनुभूति – मस्तिष्क के विचारों को आकार देने के लिए शरीर का उपयोग करना।

इस तरह, शारीरिक गणितʼ के उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  • विद्यार्थियों के जीवन अनुभवों से उन्हें दूर कर, गणित को सैद्धांतिक विषय के रूप में देखी जाने वाली बाधा से निज़ात पाना
  • गणितीय अवधारणाओं के लिए बिंब विधान (Imagery) का निर्माण करना
  • गणितीय गुणों के साथ एक भावनात्मक और मनोरंजक संबंध स्थापित करना।

आपका शरीर कोणों से परिपूर्ण है और कोण आपका एक महत्वपूर्ण भाग हैं! इसलिए, पहली गतिविधि में आप अपने विद्यार्थियों से उनके शरीर के भागों का उपयोग कर कोणों का उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए कहेंगे।

इस अंक में अपने विद्यार्थियों के साथ गतिविधियों के उपयोग का प्रयास करने से पहले अच्छा होगा कि आप सभी गतिविधियों को पूरी तरह या आंशिक रूप से स्वयं करके देखें। यह और भी बेहतर होगा अगर आप अपने किसी सहकर्मी के साथ मिलकर इसे करने का प्रयास करें क्योंकि स्वयं के अनुभव के आधार पर सिखाना आसान होगा। स्वयं प्रयास करने से आपको किसी सीखने वाले व्यक्ति के अनुभव का ज्ञान होगा, जो आपके शिक्षण और एक शिक्षक के रूप में आपके अनुभवों को प्रभावित करेगा।

एक गणितीय विषय जैसे कि कोण, पर पाठों की शृंखला शुरू करने से पहले, विद्यार्थियों को निर्देश देने और उनसे साझा करने से पहले यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि आपके विद्यार्थी पहले से क्या जानते हैं और वे क्या कर सकते हैं, ताकि आप यह निर्धारित कर सकें कि पाठों की शृंखला से आप उनके द्वारा क्या सीखने की उम्मीद करते हैं। इस इकाई में गतिविधियों के दौरान अपने विद्यार्थियों की प्रगति और प्रदर्शन का आकलन करने के लिए अपनी योजना बनाने में मदद करने के लिए आप संसाधन 2 का उपयोग कर सकते हैं।

गतिविधि 1: कोणों को मूर्त रूप देना

भाग 1: हाथों का उपयोग करना

अपने विद्यार्थियों को कलाई से दोनों हाथ जोड़कर निम्नलिखित कोण बनाने के लिए कहें:

  • 90 डिग्री वाला कोण
  • 0 डिग्री वाला कोण
  • 180 डिग्री वाला कोण
  • 45 डिग्री वाला कोण
  • 135 डिग्री वाला कोण
  • ऋजु कोण
  • अधिक कोण
  • समकोण
  • न्यून कोण।

अधिक कोण और न्यून कोण के लिए अलग-अलग उदाहरण संभव हैं। इन अलग अलग उदाहरणों की वैधता पर चर्चा करने से परिभाषाओं एवं इन परिभाषाओं के अंतर्गत संभावित रूपांतरों पर बात करने का अच्छा अवसर मिलता है।

यह डिग्री संकेतों के आशुलिपि संकेतन से परिचित कराने (या सुदृढ़ बनाने) के लिए भी उपयुक्त अवसर है – उदाहरण के लिए, समकोण के लिए 90°।

चित्र 1 इस गतिविधि के भाग 1 का प्रयास करते विद्यार्थी।

भाग 2: एक बाँह का उपयोग करना

  • भाग 1 से प्रश्नों को दोहराएँ, अब विद्यार्थियों से एक हाथ का उपयोग करने के लिए कहा जा रहा है जहाँ उनकी कांख (armpi) कोण के घूर्णन केंद्र के रूप में कार्य करती है। 0° का कोण चित्रित करने के लिए, हाथ नीचे लटका हुआ होगा और यह शरीर के बगल वाले हिस्से से सटा होगा।

  • बताएँ कि कोण का अर्थ स्थैतिक स्थिति नहीं है बल्कि ▪ कोण ▪ शब्द घुमाव/मोड़ की मात्रा को वर्णित करता है – अर्थात एक कोण घुमाव या घूर्णन का माप होता है।
चित्र 2 इस गतिविधि के भाग 2 का प्रदर्शन करते हुए एक शिक्षिका।

भाग 3: कोणों को चित्रित करने के लिए शरीर के अन्य भागों का उपयोग करना

  • चार या पांच के समूह में विद्यार्थियों को व्यवस्थित करें। विद्यार्थियों से अपने शरीर के अन्य भागों का उपयोग कर कोण चित्रित करने के अन्य तरीकों के बारे में और भाग 1 और 2 में दर्शाए गए समान कोण बनाने के लिए कहें। इसे बनाने के लिए उन्हें कुछ मिनट का समय दें।
  • विद्यार्थियों से अपने समूहों में संपूर्ण कक्षा के समक्ष अपने द्वारा बनाई गई चीज़ का प्रदर्शन करने के लिए कहें।
  • कक्षा के साथ चर्चा करें कि क्या ये उदाहरण गणितीय रूप से वैध हैं या उन्हें उन उदाहरणों की कमियाँ दिखाएँ।

केस स्टडी 1: गतिविधि 1 का उपयोग कर श्रीमती अल्का बताती हैं

यह एक अध्यापिका की कहानी है जिसने अपने प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों के साथ गतिविधि 1 का प्रयास किया।

जब मैं कोण की अवधारणा से परिचित हुई थी तब मैंने कोण दिखाने के लिए अतीत में हाथों का उपयोग किया था। हालाँकि, शायद ही कभी मैंने विद्यार्थियों से यह करने के लिए कहा हो – मैंने बस उनके सामने इसका प्रदर्शन किया। इस गतिविधि को पढ़ने पर मुझे लगा कि यह कुछ ज्यादा भिन्न नहीं होगा, लेकिन मुझे इसे आजमाना होगा। यह मेरे लिए उसे ही आगे बढ़ाने जैसा था जिसे मैं पहले कर चुकी थी और, सच कहूं तो, इसके प्रयोग से मेरे अध्यापन में बहुत अधिक बदलाव नहीं हुआ।

लेकिन यह बहुत अलग था। विद्यार्थी इतने अधिक जुड़े हुए थे, इतनी दिलचस्पी ले रहे थे जितना मैंने उन्हें पहले कभी कोण बनाने में इतना जुड़ा हुआ कभी नहीं देखा! जब मैंने एक अधिक कोण चित्रित करने के लिए कहा तो मेरे समक्ष कई उदाहरण प्रदर्शित हुए। इसलिए, मैंने विद्यार्थियों से अपने हाथ उठाए रहने और अपने आसपास अन्य विद्यार्थियों की ओर देखने के लिए कहा ताकि वे जान सकें कि दूसरों ने क्या बनाया है।

फिर, हमने एक अधिक कोण, उसकी सीमाओं एवं उसके संभावित रूपांतरों के बारे में मज़ेदार गणितीय चर्चा की। फिर, हमने स्वचालित रूप से न्यून कोण, समकोण और साथ ही वृहत कोण के बारे में भी इसी प्रकार की चर्चा की।

विद्यार्थियों को तीसरा भाग बहुत पसंद आया और वे कई सारे विचार सामने लेकर आए जैसे कि दोनों बाँहों को सामने रखना, आँखों को खोलना-बंद करना, उंगलियों को मोड़ना, सिर घुमाना और वृहत कोण बनाने का प्रयास करते समय आई समस्याएँ आदि।

गतिविधि के प्रतिक्रिया भाग में विद्यार्थियों ने स्वयं और दूसरों के बारे में अपनी समालोचनात्मक लेकिन सहायक दृष्टि से मुझे आश्चर्यचकित कर दिया – उदाहरण के लिए, यदि तुम अपनी पीठ को थोड़ा और सीधा रखो तो सही समकोण बनेगा, क्योंकि कोण बनाने वाली रेखाएं सीधी होनी चाहिएʼ जैसा कि मेरे एक विद्यार्थी ने कहा ‘सही दिशा में समालोचक होना’। एक शिक्षिका के रूप में, मैंने अपने विद्यार्थियों के चिंतन और सीखने के बारे में बहुत कुछ जाना।

आपके शिक्षण अभ्यास के बारे में सोचना

अपनी कक्षा के साथ ऐसा कोई अभ्यास करने के बाद यह सोचें कि क्या ठीक रहा और कहाँ गड़बड़ी हुई। ऐसे प्रश्न सोचें जिनसे विद्यार्थियों में रुचि पैदा हो तथा उनके बारे में उन्हें समझाएँ ताकि वे उन्हें हल करके आगे बढ़ सकें। ऐसे चिंतन से वह ‘स्क्रिप्ट’ (लिपि) मिल जाती है, जिसकी मदद से आप विद्यार्थियों के मन में गणित के प्रति रुचि जगा सकते हैं और उसे मनोरंजक बना सकते हैं। अगर विद्यार्थियों को समझ नहीं आ रहा है और वे कुछ नहीं कर पा रहे हैं, तो इसका मतलब है कि उनकी इसमें सम्मिलित होने की रुचि नहीं है। जब भी आप गतिविधियाँ करें, इस विचार करने वाले अभ्यास का उपयोग हर समय करें। जैसे श्रीमती अल्का ने कुछ छोटी-छोटी चीज़ें की, जिनसे काफी फर्क पड़ा।

विचार के लिए रुकें

ऐसे चिंतन को गति देने वाले अच्छे प्रश्न निम्नलिखित हैं:

  • आपकी कक्षा में इसका प्रदर्शन कैसा रहा?
  • विद्यार्थियों से कैसी प्रतिक्रियाएँ अनपेक्षित थीं? क्यों?
  • अपने विद्यार्थियों की समझ का पता लगाने के लिए आपने क्या सवाल किए?
  • क्या आपके सभी विद्यार्थियों ने भाग लिया?
  • किन बिंदुओं पर आपको लगा कि आपको और समझाना होगा?
  • क्या आपने कार्य में किसी भी तरीके का संशोधन किया? अगर हाँ, तो इसके पीछे आपका क्या कारण था?

आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं

2 कोणों के बारे में जानने के लिए हस्तकौशलों (मेनुपुलेटिव) के रूप में पेपर फ़ोल्डिंग का उपयोग करना