3 समूहीकरण एवं विघटन प्रदर्शित करने के तरीके
गिनतारा का उपयोग संख्याओं को जोड़ते व घटाते समय स्पष्ट रूप से यह दिखाने के लिए किया जा सकता है कि संख्या प्रणाली कैसे कार्य करती है। मूलभूत गिनतारा (स्पाइक एबेकस) पर प्रत्येक स्पाइक में केवल नौ मोती अथवा छल्ले ही लगाए जा सकते हैं, जिससे यह चर्चा अपने आप ही सामने आएगी कि जब संख्याओं को जोड़ने पर वह दस पर पहुँच जाए तो क्या करना चाहिए।
पैसों से भी संघटन और विघटन की बात दर्शायी जा सकती है। कई विद्यार्थी यह समझना आरंभ कर देंगे कि एक रुपए के दस सिक्कों से वही चीज़ खरीदी जा सकती है जो 10 रुपए के नोट से खरीदी जा सकती है। कक्षा में कुछ 1 रुपए के सिक्के और 10 और 100 रुपए के नोट दिखाएँ – इससे कक्षा में आप वास्तविकता से बातें समझा सकते हैं।
आप उन्हें दिखा सकते हैं कि संघटन और विघटन सही मायने में होते क् या हैं। आप एक रुपए के लिए कंकड़ों का उपयोग कर सकते हैं और 10 और 100 रुपए के लिए कागज़ का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिस पर वह संख्या लिखी हो, ताकि विद्यार्थी अपने ‘पैसे’ का उपयोग सही रूप में कर सकेंगे। आप कुछ छोटी–छोटी चीज़ें ला सकते हैं, जिन्हें विद्यार्थी उनके पास मौजूद पैसों की मदद से खरीदने का अभिनय कर सकते हैं।
विघटन सिखाने का एक अन्य तरीका पैसे छुट्टे करना है।
इस इकाई में दो गतिविधियों में दस (एक दहाई) प्रदर्शित करने के लिए कागज की पट्टियों पर 10 बिंदु बनाकर उनका उपयोग किया गया है। विघटन दर्शाने के लिए इन्हें आसानी से एक–एक में अलग किया जा सकता है। सुनिश्चित करें कि आपके विद्यार्थी अगली गतिविधि करने के पहले ‘एक साथ गिनने’ की विधि को समझें। जिसे उन्हें यह समझाने में मदद के लिए डिजाइन किया गया है कि अगर दस इकाइयों से ‘एक दहाई बने’तो आप उस दहाई को अन्य दहाइयों में जोड़ें।
अपने विद्यार्थियों के साथ गतिविधियों के उपयोग का प्रयास करने से पहले अच्छा होगा कि आप सभी गतिविधियों को पूरी तरह या आंशिक रूप से स्वयं करके देखें। यह और भी बेहतर होगा अगर आप अपने किसी सहकर्मी के साथ मिलकर इसे करने का प्रयास करें क्योंकि स्वयं के अनुभव के आधार पर सिखाना आसान होगा। स्वयं प्रयास करने से आपको शिक्षार्थी के उन अनुभवों के भीतर झांकने का मौका मिलेगा जो आपके शिक्षण और एक शिक्षक के रूप में आपके अनुभवों को प्रभावित कर सकते हैं। जब आप तैयार हों, तब गतिविधियों का अपने विद्यार्थियों के साथ उपयोग करें और फिर से इस बात पर विचार करें कि गतिविधि कैसी हुई और क्या सीख मिली। इससे आपको सीखने वाले विद्यार्थियों पर ध्यान केंद्रित रखने वाला शैक्षिक वातावरण बनाने में मदद मिलेगी।
गतिविधि 1: ‘एक दहाई बनाएँ’ – लिखित जोड़ कलन विधि सीखना
तैयारी
कागज की एक ही लंबाई की कई पट्टियाँ बनाएँ और प्रत्येक पट्टी पर समान दूरी पर दस बिंदु बनाएँ जैसा कि चित्र 7 में दर्शाया गया है। इनमें से कई पट्टियों के एक–एक बिंदु वाले दस हिस्से करें। अगर आपके पास किसी प्रिंटर वाले कंप्यूटर तक की पहुँच है, तो आप पट्टियाँ बनाकर उनका प्रिंट आउट लेकर कुछ समय बचा सकेंगे।
गतिवधि
भाग 1
- विद्यार्थियों से पट्टियों का उपयोग कर 24, और फिर 36 और कई अन्य संख्याएँ दर्शाने को कहें।
- सुनिश्चित करें कि वे इस बात पर ध्यान दें कि बाईं ओर के अंक यह दर्शाते हैं कि 10 की कितनी पट्टियों की आवश्यकता है और दाईं ओर के अंक दर्शाते हैं कि कितने एक–एक (अथवा इकाइयाँ) की कितनी पट्टियाँ लगेंगी।
- विद्यार्थियों से पूछें कि एक पट्टी बनाने के लिए कितने एक–एक (इकाइयाँ) जरूरी हैं
भाग 2
अब जोड़ने के लिए विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करें।
- 24 और 12 को जोड़े:
- पट्टियों पर 24 दिखाएँ।
- अब इसके आगे 12 पट्टियाँ रखें।
- अब उन्हें एक साथ रखें। आपके पास कितने हैं? (आपके पास 3 दस की पट्टियाँ और 6 एक–एक की, अतः24 + 12 = 36 हुए।) इसी प्रकार कुछ और संख्याओं को जोड़ें, सुनिश्चित करें कि ‘हासिल’ की कोई संख्या न हो, यानि, इकाई के अंकों का योग 10 या उससे अधिक न हो।
- 24 और 38 जोड़ें:
- पट्टियों पर 24 दिखाएँ।
- अब इसके पास 38 पट्टियाँ रखें।
- उन्हें एक साथ रखें। आपके पास कितने हैं? (आपके पास 5 दस की पट्टियाँ और 12 इकाइयों की पट्टियाँ हैं।)
- क्या इसके साथ कोई समस्या है? संभवतः कोई न कोई कहेगा कि अगर आप 10 बिन्दुओं को एक साथ रखते हैं, तो आप दस की पट्टी बना सकते हैं अतः आपके पास 6 दहाई की पट्टियाँ हैं। अगर नहीं, तो उन्हें दिखाएँ कि जब वे ‘एक दहाई’ बना सकते हैं, तो उन्हें दशमलव प्रणाली में दहाई के स्तंभ में जोड़ना पड़ेगा।
- विद्यार्थियों से उनकी पट्टियों के उपयोग से इसी प्रकार की अन्य कई जोड़ करने को कहें।
कुछ ऐसे काग़ज़ लें जिन पर 100 स्तंभ को प्रदर्शित करते 100 बिंदु हों, ताकि वे विद्यार्थी जो बात को जल्दी ही समझ लेते हैं। वे संख्याओं को आगे जोड़ते जाएँगे, जहाँ दहाई के अंक जुड़कर 10 से अधिक हो जाते हैं।
वीडियो: स्थानीय संसाधनों का उपयोग करते हुए |
केस स्टडी 1: गतिविधि 1 के उपयोग का अनुभव श्रीमती कपूर बताती हैं
यह एक अध्यापिका की कहानी है जिसने अपने प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों के साथ गतिविधि 1 का प्रयास किया।
मैं अपने विद्यार्थियों को लिखित जोड़ कलन विधि सिखाना चाहती थी तथा पिछले अनुभव से मैं जानती थी कि उनमें से कई सिर्फ स्तंभों को अलग–अलग जोड़ेंगे जैसा कि सतीश ने ‘विचार के लिए रुकें’ में किया था। मुझे उस उपाय की सादगी बहुत पसंद आई जिसमें एक अलग काग़ज़ पर 10 बिन्दुओं की पट्टियों को एक–एक में बाँटा जा सकता था।
मैं जानती थीं कि इसकी तैयारी में काफी समय लगेगा, अतः मैंने भोजनावकाश में मदद के लिए दो विद्यार्थियों को चुना। योगेश एवं रानी ने बिन्दुओं के बीच दूरी रखने में मुझसे अधिक सावधानी बरती, तथा उन्होंने बिन्दुओं को गहरा व काला बनाया जो कि बहुत बढ़िया था।
मैंने विद्यार्थियों को चार–चार के समूह में काम करने को कहा ताकि मेरे पास प्रत्येक समूह के लिए पर्याप्त पट्टियाँ हों तथा कक्षा को बताया कि संख्याओं को प्रदर्शित करने के लिए पट्टियों का इस्तेमाल किस तरह करें। मैंने इस बात पर बल दिया कि संख्याएँ इसी प्रकार बनी थीं, क्योंकि हमारी दस उंगलियाँ हैं और पट्टियाँ यही दिखाती हैं। कक्षा ने पहले दो अंकों वाली संख्याएँ देखी थीं अतः वे जानते थे कि संख्याओं को इस प्रकार लिखा जाता है। मैंने यह सुनिश्चित किया कि उन्हें यह जानकारी हो कि हम उन्हें अंकगणित को बेहतर तरीके के समझाने के लिए ऐसा कर रहे हैं।
प्रत्येक समूह ने निर्देशानुसार उनकी पट्टियों को व्यवस्थित किया तथा सभी को एक साथ रखा और फिर उन्हें गिना। ऐसा करने में उन्हें मजा आया, अपनी पट्टियों का योग निकालने से पहले पट्टियों और एक–एक बिंदुओं को साथ में जमाने और फिर उन सभी को क्रम देने की प्रक्रिया ने उन्हें बहुत हँसाया, उनके योग को मैंने फिर बोर्ड पर लिखा।
फिर हम उन सवालों की ओर बढ़े जहाँ इकाई को दस या उससे अधिक अंकों के साथ जोड़ा गया। मुझे चिंता थी कि वे इस बात की ओर ध्यान नहीं देंगे कि दस इकाइयाँ मिलकर एक दहाई बनती हैं। लेकिन जब मैं कक्षा में इधर–उधर घूम रही थी, तब मैंने उनमें से कई बच्चों को बात करते सुना और महसूस किया कि उन्होंने पहले ही जान लिया था कि दहाई वाली पट्टियों को फाड़ कर ही इकाई अंक बने हैं।
अतः इस बार जब मैंने उन्हें सभी पट्टियाँ एक साथ रखने को कहा, तो कुछ हाथ यह पूछने के लिए ऊपर उठे कि क्या वे काग़ज़ के दस टुकड़ों के स्थान पर एक पट्टी ले सकते हैं। मैंने उनसे पूछा कि वे ऐसा क्यों करना चाहते हैं, तो उन्होंने कहा कि काग़ज़ के इकाई वाले टुकड़े काफी अव्यवस्थित हैं तथा दहाई की पट्टियों का उपयोग करना आसान है। मैं इस व्याख्या से काफी खुश थी कि जब आप ‘एक दहाई बना’ सकते हैं तो आप काग़ज़ के उन दस छोटे टुकड़ों से बच सकते हैं और केवल दहाई की पट्टियों को जोड़ सकते हैं।
इससे पहले कि मैं उन्हें औपचारिक लिखित कलन विधि के इस्तेमाल से इस प्रकार जोड़ने का तरीका समझाऊँ, मैंने उन्हें पट्टियों के उपयोग से कई और जोड़ करने को कहा। मैं चाहती थी कि वे लोग इस तरह कुछ देर खेलें, ताकि उन्हें पता हो कि जब आप ‘हासिल’ को एक दहाई के स्तंभ में ले जाते हैं तो क्या होता है। जो हो रहा था, वो मैं ध्यान से देख रही थी। अधिकांश समूहों ने दो संख्याओं के लिए अपनी पट्टियों को जमाया तथा फिर तुरंत दस इकाइयों को गिना और उन्हें एक दहाई की पट्टी से बदला। मैंने सोचा कि वे औपचारिक कलन विधि के लिए तैयार हैं अतः मैंने उन्हें दिखाया कि ‘लोग किस प्रकार इसे अपनी किताबों में लिखते हैं’।
अगले पाठ में हम पट्टियों का इस्तेमाल करते हुए आगे बढ़े और मैंने देखा कि उनमें से कई ने इन्हें अपने घर पर ही बनाया, जो कि बहुत ही बढ़िया बात थी, इससे मेरा काम बच गया तथा उन्होंने सोचा कि इससे उन्हें मदद मिलेगी। मैंने जोड़ के सवाल बोर्ड पर लिखे। वहाँ क्या हो रहा था, यह दिखाने के लिए उन्होंने पट्टियों का इस्तेमाल किया तथा सही जगह पर ‘हासिल की संख्या’ को लिख दिया। मैंने देखा कि कई विद्यार्थी सहमति व्यक्त कर रहे थे और बता रहे थे कि इतने शेष के साथ इकाइयाँ मिलकर ‘एक दहाई’ बनाएँगी, अतः पट्टियों से उन्हें यह बताने में मदद मिली कि वे क्या कर रहे थे। दो अथवा तीन समूहों ने पाठ के अंत तक पट्टियों का इस्तेमाल बंद कर दिया था लेकिन, फिर भी वे ‘एक दहाई की पट्टी’ बनाने के बारे में बातें कर रहे थे।
मुझे वाकई में बहुत खुशी हुई कि इस विधि ने अगले स्तंभ में एक दहाई ले जाने की बात समझाने में उनकी मदद की। मैंने एक विद्यार्थी से हर पाठ के बाद सभी पट्टियों और इकाइयों को सावधानीपूर्वक एकत्र करने को कहा क्योंकि मैं देख सकती थी कि भविष्य में हम और भी कई पाठों के लिए उनका इस्तेमाल करेंगे।
आपके शिक्षण अभ्यास के बारे में सोचना
अपनी कक्षा के साथ कोई अभ्यास करने के बाद यह सोचें कि क्या ठीक रहा और कहाँ गड़बड़ी हुई। ऐसे प्रश्न सोचें जिनसे विद्यार्थियों में रुचि पैदा हो तथा उनके बारे में उन्हें समझाएँ ताकि वे उन्हें हल करके आगे बढ़ सकें। ऐसे चिंतन से वह ‘स्क्रिप्ट’ मिल जाती है, जिसकी मदद से आप विद्यार्थियों के मन में गणित के प्रति रुचि जगा सकते हैं और उसे मनोरंजक बना सकते हैं। यदि विद्यार्थी कुछ भी समझ नहीं पाते हैं तथा कुछ भी नहीं कर पाते हैं, तो वे शामिल होना नहीं चाहेंगे। जब भी आप गतिविधियाँ करें, इस विचार करने वाले अभ्यास का उपयोग करें, जैसे श्रीमती कपूर ने कुछ छोटी–छोटी चीजें की जिनसे काफी फर्क पड़ा।
विचार के लिए रुकें ऐसे चिंतन को गति देने वाले अच्छे प्रश्न निम्नलिखित हैं:
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घटाने के लिए संख्या रेखा का उपयोग करना