3 चरों और अचरों को पहचानना

पिछली गतिविधि में विद्यार्थी वास्तविक जीवन के अपने अनुभवों का उपयोग करके उन्हें राशियों की गणितीय अवधारणा से जोड़ते थे। दूसरी गतिविधि में विद्यार्थियों को उनके द्वारा गतिविधि 1 में पहचानी गई राशियों के आधार पर चरों और अचरों में अंतर करने के लिए कहा जाता है।

इन अवधारणाओं के बीच अंतर की विद्यार्थियों की समझ को विकसित करने में उन्हें मदद करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे इसके बारे में बात करें। विद्यार्थियों से यह अपेक्षा करना महत्वपूर्ण है कि वे गणितीय शब्दों का स्वयं उपयोग करें और जहाँ उन्हें ऐसा करना हो वहाँ उस तरह का माहौल पैदा करें। इससे आपके विद्यार्थी बीजगणितीय व्यंजकों, चरों और अचरों की पहचान, उपयोग और उनके बारे में एक दूसरे से संवाद करने में सक्षम होंगे। ‘एक गणितज्ञ के समान बोलना’ और गणित को बस याद करने की बजाय उसे समझना एक महत्वपूर्ण कदम है।

विद्यार्थियों से पूछना कि ‘क्या समान रहेगा?’ या ‘क्या बदलेगा?’ अगली गतिविधि में चर्चा आरंभ करने तथा चर और अचर की पहचान में मदद कर सकता है।

गतिविधि 2: क्या समान रहेगा, क्या बदलेगा?

इस गतिविधि को छोटे-छोटे समूहों या जोड़ियों में करना सबसे अच्छा रहता है। यह महत्वपूर्ण है कि सभी विद्यार्थियों के पास यह कहने का मौका हो कि वो क्या सोच रहे हैं और उन्हें उनकी गणितीय शब्दावली का अभ्यास करने का मौका मिले।

  • विद्यार्थियों से गतिविधि 1 की उन राशियों की सूची देखने को कहें जो उन्होंने अपनी पुस्तक में लिखी थी और ब्लैकबोर्ड में सूचीबद्ध की थी। फिर उनके समूह या जोड़ी में, उनमें से पहचानने, चर्चा करने और एक नोट बनाने के लिए कहें कि इनमें से कौन सी:
    • जिन राशियों के मान बदल जाएँगे, उन्हें ‘चर’ कहा जाता है
    • जिन राशियों के मान नहीं बदलते, जो समान रहेंगी, उन्हें ‘अचर’ कहा जाता है।
  • एक संपूर्ण कक्षा के रूप में, विद्यार्थियों के साथ राशियों को चर या अचर के रूप में श्रेणीबद्ध करने के लिए उनकी खोज और कारणों पर चर्चा करें।
  • अब अपने विद्यार्थियों से छोटे-छोटे समूहों में कार्य करने को कहें, चरों में से तीन को चुनें और चर्चा करें कि चर कैसे बदलेंगे। उन्हें अपने तरीके से रिकॉर्ड करने को कहें, लेकिन उन्हें चर, अचर, बदलाव और समान रहना जैसे शब्दों और वाक्यांशों का उपयोग करना चाहिए।
  • दो या तीन चर राशियों को चुनें जिन पर पिछले चरण में सबसे ज्यादा देखा गया था और विद्यार्थियों से आगे आकर यह लिखने को कहें कि उन्होंने यह कैसे दर्ज किया था कि चर में बदलाव किससे आएगा। इन रिकॉर्डों पर कक्षा में चर्चा करें और जानें कि विद्यार्थी क्या सोचते हैं कि उनके रिकॉर्ड और स्पष्ट कैसे बनाए जा सकते हैं।

केस स्टडी 2: श्रीमती मेहता गतिविधि 2 के बारे में बताती हैं

गतिविधि के पहले भाग में मैंने विद्यार्थियों से कहा कि दो या तीन की जोड़ी में काम करें ताकि वे एक दूसरे का लिखा हुआ देख सकें।

मैंने उन्हें प्रश्न बताया और मैंने विद्यार्थियों से उन राशियों के चारों ओर एक बॉक्स बनाने को कहा जो बदल जाएँगी। जब वे यह कर रहे थे, तो मैं कक्षा में बिना किसी हस्तक्षेप के घूम रही थी। मैंने कई चर्चाएँ सुनी कि चाहे जो हो जाए कोई राशि हमेशा बदलेगी या हमेशा वही रहेगी। शुरुआत में एक दूसरे को यकीन दिलाने की कोशिश करते हुए कि उनके वर्णन सदा ही धाराप्रवाह नहीं होते थे, लेकिन मुझे तो लगता है कि जैसे-जैसे वे प्रयास करते गए वे इसमें बेहतर होते गए। जब तक वर्गीकरण के बारे में हमने पूर्ण कक्षा की चर्चा की तब तक अधिकांश विद्यार्थी खुद को काफी स्पष्ट रूप से व्यक्क्त करने में सक्षम हो गए थे। जिनकी आवाज़ कुछ दबी सी थी, उन्हें मैंने फिर एक बार वर्णन का अभ्यास करने के लिए भेज दिया और ज़्यादातर को उससे मदद मिली।

हमारी सूची अब भी ब्लैकबोर्ड पर थी और पहले मैंने चरों पर बॉक्स भी बनाए (विद्यार्थियों के अनुरोध पर), लेकिन उससे सब अस्तव्यस्त दिखता था। तो मैंने सूची को नए सिरे से दो स्तंभों में लिखा – एक का लेबल था ‘चर – वे राशियाँ जिनके मान बदलेंगे’ और दूसरे का लेबल था ‘अचर – वे राशियाँ जिनके मान समान रहेंगे’। मैंने सोचा पहले गणितीय शब्दों को लिखने से उन्हें वे शब्द सीखने में मदद मिलेगी।

गतिविधि के तीसरे भाग में उन्होंने चार से छः विद्यार्थियों के समूहों में कार्य किया। मैंने उन्हें उनके रिकॉर्ड लिखने के लिए काग़ज़ की एक बड़ी शीट दी और उनसे कहा कि हम इस अभ्यास के खत्म होने पर उन्हें दीवार पर लगाएँगे (जो हमने किया)। मुझे लगता है कि ऐसा करने से वे अधिक शुद्धता के साथ सोच पाए कि वे किसके बारे में लिख रहे हैं। जब वे चरण 3 पर काम कर रहे थे तो मैं कक्षा में घूम रही थी और मैंने तय किया कि गतिविधि के अंतिम भाग में हम दो चरों के बारे में विस्तार के साथ जानेंगे – पहला था पहियों की संख्या और जो थोड़ा जटिल था एक समूह में अलग-अलग जगहों पर यात्रा करने के दौरान एक यात्री द्वारा अपने हिस्से के तौर पर अदा की जाने वाली राशि (या कीमत)।

विद्यार्थियों को आकर इसके अपने रिकॉर्ड को ब्लैकबोर्ड पर कॉपी करने को कहने से हमें मिले स्पायडर आरेख, पूर्ण वाक्य, बीजगणितीय व्यंजक और इन सबका एक मिश्रण और ये सब ब्लैकबोर्ड पर मौजूद थे। मुझे उसके बारे में ये अच्छा लगा कि इसमें कैसे ये सारे कनेक्शन और अलग अलग प्रस्तुतियाँ दिखाई गईं और हम इन प्रस्तुतियों में समानताओं और अंतरों पर चर्चा कर पाए।

विचार के लिए रुकें

श्रीमती मेहता के पाठ में विद्यार्थियों और साथ ही शिक्षक के द्वारा भी ब्लैकबोर्ड पर बहुत कुछ लिखना और रिकॉर्ड करना शामिल था। आपके अनुसार इस तरीके के लाभ और संभावित हानियाँ क्या हैं?

अब सोचें कि आपके विद्यार्थियों के साथ गतिविधि कैसी हुई और निम्नलिखित प्रश्नों पर विचार करें:

  • विद्यार्थियों से कैसी प्रतिक्रियाएँ अनपेक्षित थीं? क्यों?
  • अपने विद्यार्थियों की समझ का पता लगाने के लिए आपने क्या सवाल किए?
  • क्या आपने टास्क में ज़रा भी संशोधन किया, जिस प्रकार श्रीमती मेहता ने किया था? अगर हाँ, तो इसके पीछे आपका क्या कारण था?

2 बातों के ज़रिए चरों और अचरों के बारे में सीखना

4 औपचारिक बीजगणितीय कथन और व्यंजक लिखना