4 औपचारिक बीजगणितीय कथन और व्यंजक लिखना

पेशेवर गणितज्ञ जो हो रहा है उसकी गति की और उसमें परिवर्तनों का पूर्वानुमान करने और उनका वर्णन करने के लिए मॉडल विकसित करते हैं। ऐसा करके वे यह अंदाज़ा लगाना संभव कर देते हैं कि परिवर्तन होने पर क्या ज़रूरी हो सकता है, जो कि नियोजन में बहुत महत्वपूर्ण है। यह गणितीय मॉडलिंग यह तय करने पर निर्भर होती है कि चर और अचर क्या हैं, कौन-कौन से जुड़े हैं और वे कैसे जुड़े हैं। गतिविधि 1 और 2 में इस पर विचार किया गया है। अगला चरण यह तय करने से संबंधित है कि ये चर और अचर कैसे एक दूसरे को प्रभावित करते हैं और कैसे एक दूसरे से जुड़े हैं और गणितीय रूप से व्यक्त किए गए कथन बना कर इस ‘मॉडल’ को एक गणितीय रूप में रिकॉर्ड करना।

अगली गतिविधि इस बारे में आपकी सोच को विकसित करेगी कि ऐसे गणितीय मॉडल के सरल संस्करण कैसे बनाएँ और गतिविधि 1 और 2 की सीखों पर कैसे आगे बढ़ें। ये कार्य जोड़ियों या छोटे समूहों में कार्य कर रहे विद्यार्थियों के लिए खासतौर पर अच्छा होता है क्योंकि इससे अधिक विचार सामने आते हैं और कहीं अटक जाने पर विद्यार्थी एक दूसरे की सहायता कर सकते हैं।

गतिविधि 3: बीजगणितीय व्यंजकों में चर और अचर राशियाँ

[शिक्षक के लिए नोट: यह कार्य पूर्णांक संख्याओं का उपयोग करके ही सरलीकृत किया जा सकता है।]

भाग 1: श्री मूर्ति अपना ऑटोरिक्शा किराया गिनते हैं

  • विद्यार्थियों को श्री मूर्ति द्वारा एक ऑटोरिक्शा में की गई शहर की यात्रा की याद दिलाएँ। यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनसे अधिक किराया न लिया जाए, श्री मूर्ति कितना किराया हुआ है यह खुद गिनते हैं।
  • ऑटोरिक्शा चालक 2 किलोमीटर तक की यात्रा के लिए रू. 25 किराया लेता है। उसके बाद अगले हर अतिरिक्त 0.1 किमी का रू. 0.80 किराया होता है।

विद्यार्थियों से निम्न करने के लिए कहें:

  • श्री मूर्ति द्वारा 3.6 किमी, 6.7 किमी, 12.3 किमी, 25.9 किमी, 31 किमी, 1,000 किमी, 1 करोड़ किमी और अंत में ‘x’ किमी की यात्रा करने पर अदा किए गए किराए की गणना करें।
  • प्रत्येक उत्तर के लिए आपने जिस तरह गणना की वह विधि लिखें। क्या आपको X किमी की कीमत जानने के लिए अपनी विधि बदलनी पड़ी? अपने सहपाठियों के साथ अपने उत्तर जाँचें।
  • अब इस कथन को बीजगणित या शब्दों में पूरा करें:

    यदि श्री मूर्ति X किमी की यात्रा करते हैं, तो उन्हें ___________ किराया देना पड़ेगा।

ध्यान रहे कि उपरोक्त संपूर्ण वाक्य ‘यदि श्री मूर्ति …’ एक कथन कहलाता है। जिसे विद्यार्थीयों को अंत में भरना है, इस मामले में कुछ इस तरह, 25 + 8(x – 2), where x > 2, इसे ‘बीजगणितीय व्यंजक’ कहते हैं। यदि विद्यार्थी अब भी बीजगणितीय संकेत पद्धति में लिख नहीं पाते हैं तो उन्हें अपने शब्दों में वाक्य बना कर लिखना चाहिए।

भाग 2: अपने कथन खुद बनाएँ

विद्यार्थियों से कहें कि वे गतिविधि 2 में उनके द्वारा बनाई गई चर और अचर की सूची का उपयोग करके लागत या समय जैसी अवधारणाओं के लिए शब्दों या बीजगणितीय व्यंजकों के साथ अपने खुद के कथन बनाएँ।

आपके सारे विद्यार्थी चर और अचर का उपयोग करके अपने खुद के कथन बनाने की अपनी समझ में शायद एक ही स्तर पर न हों। यह गतिविधि आपको उनके प्रदर्शन की निगरानी करने और उन्हें रचनात्मक फ़ीडबैक प्रदान करने का एक शानदार अवसर देती है। गतिविधि के इस पहलू के लिए आपको तैयार होने में मदद के लिए आप शायद एक प्रमुख संसाधन की ‘निगरानी करना और फ़ीडबैक देना’ पर एक नज़र डाल सकते हैं। Monitoring and giving feedback [Tip: hold Ctrl and click a link to open it in a new tab. (Hide tip)]

वीडियो: निगरानी करना और फीडबैक देना

केस स्टडी 3: गतिविधि 3 के उपयोग का अनुभव श्रीमती अपराजिता बताती हैं

मैंने विद्यार्थियों से गतिविधि 3 के भाग 1 पर जोड़ी में या तीन के समूहों में कार्य करने को कहा क्योंकि मुझे लगा इससे उन्हें मदद मिल सकती है और यदि वे नहीं जानते कि कैसे करें तो उनकी समस्या हल की जा सकती है।

जब वे इस पर कार्य कर रहे थे, मैं घूमते हुए यह देख रही थी कि वे श्री मूर्ति को कितना किराया देना होगा इसकी गणना कैसे कर रहे थे। मैंने देखा कि वे अलग अलग विधियों का उपयोग कर रहे थे। मैंने सोचा उन्हें सारी कक्षा के साथ साझा करना बेहतर होगा ताकि विद्यार्थी देख सकें कि एक प्रश्न को हल करने के कई तरीके हो सकते हैं। तो लगभग पाँच मिनटों के बाद मैंने कक्षा को रोका और ऐसे दो विद्यार्थियों को ब्लैकबोर्ड के पास बुलाया जिन्हें मैं जानती थी कि उन्होंने अलग-अलग तरीकों का उपयोग किया था और उनसे लिखने को कहा। फिर मैंने पूछा कि किसने उसे अलग तरीके से किया है और उन्हें बताने को कहा कि उन्होंने अपनी गणना कैसे की थी।

मैंने देखा कि सारे विद्यार्थी सुन नहीं रहे थे, तो मैंने सभी विद्यार्थियों से कहा कि वे अपने अपने समूह या जोड़ी में दूसरों के द्वारा उपयोग की गई विधि को समझें और फिर हमने एक बार फिर सारी कक्षा के साथ उसे बांटा। इसके परिणामस्वरूप वे गलतफहमियों को ढूँढ पाए और उन पर चर्चा कर पाए। उदाहरण के लिए सीमा और उसके साथी ने 0.8 किमी के गुणज निकाल कर प्रत्येक गुणज की कीमत निकाली थी। फिर उन्होंने प्रश्न में पूछे गए गुणज के सबसे करीब वाला उपयोग किया। लेकिन वह भूल गई थी कि पहले दो किलोमीटर का किराया निर्धारित था। जय के समूह ने उसकी विधि की जाँच की और उन्होंने बताया कि वे इस निर्धारित किराए को गिनना भूल गए थे। तो फिर ये हुआ कि न केवल वे किसी हल तक पहुँचने के अलग अलग तरीकों को देख पाए, बल्कि वे ये भी देख पाए कि उन्होंने क्या छोड़ दिया था।

ज़्यादातर विद्यार्थी कथन को शब्दों में पूरा कर सके थे और कक्षा के एक तिहाई विद्यार्थियों ने कथन को एक बीजगणितीय व्यंजक से पूरा करने का प्रयास किया था। हालाँकि बीजगणितीय व्यंजक वैसे बहुत कम सही होता था। मैंने कुछ विद्यार्थियों को आकर ब्लैकबोर्ड पर अपने कथनों के साथ बीजगणितीय व्यंजक शब्दों में लिखने को कहा। फिर हमने यह चर्चा की कि वे कैसे जुड़े हुए थे और क्या हम गणितीय संकेत पद्धति को बेहतर बना सकते हैं।

गतिविधि के भाग 2 ने उन्हें इसके साथ प्रयोग करने में मदद की, जो कि उपयोगी था। मुझे लगता है कि विद्यार्थियों के लिए बीजगणितीय संकेत पद्धति के संबंध में चर्चा करने में सक्षम होना और वह कथन के साथ शब्द में कैसे संबद्ध है वास्तव में मददगार था और मुझे एहसास हुआ कि मैंने उन्हें पहले कभी इसका मौका नहीं दिया था।

विचार के लिए रुकें

  • क्या किसी भी समय आपको ऐसा लगा कि हस्तक्षेप करना चाहिए?
  • क्या आपके सारे विद्यार्थी गतिविधि में व्यस्त थे?
  • किन बिंदुओं पर आपको लगा कि आपको और समझाना होगा?
  • क्या आपने श्रीमती अपराजिता की तरह कार्य को किसी भी तरह से संशोधित किया था? अगर हाँ, तो इसके पीछे आपका क्या कारण था?

3 चरों और अचरों को पहचानना

5 क्रिकेट में बीजगणित