2 बीजगणितीय रूप से विचार करना

बीजगणितीय रूप से विचार करना और स्कूल में बीजगणित के उपयोग में पैटर्न को पहचानना और उनका विश्लेषण करना, चिह्नों का उपयोग और सामान्यीकरण विकसित करना शामिल है। ‘अंकगणित की भाषा’ उत्तर पाने पर केंद्रित है, जबकि ‘बीजगणित की भाषा’ संबंधों पर केंद्रित है। उदाहरण के लिए, ‘a + 0 = a’ उस सामान्यीकरण का एक प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व हैं जो कि जब किसी संख्या में शून्य जोड़ा जाता है, तो वह समान रहती है।

बीजगणित एक समान्यीकृत संबंध को व्यक्त करने पर केन्द्रित रहता है, जबकि अधिकांश गणितीय सबक उत्तर ढूँढने पर केंद्रित रहते हैं। तो पहली चीज़ जो समझी जानी चाहिए वो ये है कि बीजगणित अलग है।

इस इकाई की गतिविधियाँ बीजगणितीय सोच के बारे में विचार विकसित करने पर कार्य करेगी:

  • गतिविधि 1 में आपके विद्यार्थियों को संख्याओं के साथ खेलने के लिए और ऐसी अभिव्यक्ति बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है जो उन्हें बराबर के चिह्न को ‘उत्तर ढूँढें’ की बजाय ‘के समान है’ के अर्थ में देखने के लिए प्रेरित करती है।
  • गतिविधि 2 विद्यार्थियों की बीजगणितीय सोच को विस्तारित करना आरंभ करती है, उन्हें यह अन्वेषण करने के लिए कहती है कि कोई कथन सच है या झूठ और यह अनुमान लगाने के लिए कहती है कि वह सदा सच है, कभी-कभी सच होता है या हमेशा गलत है।
  • गतिविधि 3 में है सामान्यीकरण, जिसमें विद्यार्थियों को यह विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है कि उनका अनुमान (या सिद्धान्त) सारी संख्याओं के लिए काम करता है या नहीं। इसका अर्थ यह है कि वे संख्या गुणों के बारे में बीजगणितीय रूप से सामान्यीकरण करना आरंभ करेंगे।

इस अंक में अपने विद्यार्थियों के साथ गतिविधियों के उपयोग का प्रयास करने से पहले अच्छा होगा कि आप सभी गतिविधियों को पूरी तरह या आंशिक रूप से स्वयं करके देखें। यह और भी बेहतर होगा अगर आप अपने किसी सहकर्मी के साथ मिलकर इसे करने का प्रयास करें क्योंकि स्वयं के अनुभव के आधार पर सिखाना आसान होगा। स्वयं प्रयास करने से आपको किसी सीखने वाले व्यक्ति के अनुभव का ज्ञान होगा, जो आपके शिक्षण और एक शिक्षक के रूप में आपके अनुभवों को प्रभावित करेगा।

गतिविधि 1: समानता का खेल

तैयारी

यह खेल एक दूसरे के साथ स्पर्धा करने वाली दो टीमों के समूह के द्वारा खेला जाता है। तय करें कि आप अपनी कक्षा को दो टीमों के कितने समूहों में बाँटना चाहते हैं।

दो टीमों के हर समूह के लिए आपको निम्न की आवश्यकता होगी:

  • 1 से 9 संख्याओं में से हरेक के लिए दो नंबर कार्ड
  • जोड़ने (+), घटाने (–), गुणा (×) और भाग (÷) के संक्रिया कार्ड – प्रत्येक के कई कार्ड
  • बराबर के चिह्न (=) के लिए एक कार्ड।

काग़ज़ के एक बड़े टुकड़े पर वह संख्या लिख कर संख्या कार्ड बनाया जा सकता है। आप काग़ज़ पर लिखने के लिए एक स्केच या मार्कर पेन का उपयोग कर सकते हैं ताकि उसकी स्याही इतनी गाढ़ी हो कि उसे सारे विद्यार्थी देख सकें।

विद्यार्थियों को घूमने के लिए आपको कुछ जगह की आवश्यकता पड़ेगी। यदि आपकी कक्षा में टेबलों और बेंचों को पर्याप्त रूप से हटाया नहीं जा सकता, तो बाहर जाने के बारे में विचार करें। कक्षा को पुनगर्ठित करके बनाएँ:

  • संख्या कार्ड के साथ दो टीमें (A और B)।
  • चार सदस्यों की एक परिचालन टीम जो ‘संक्रिया’ कार्ड पकड़ कर रखेंगे।
  • ‘बराबर’ कार्ड के साथ एक विद्यार्थी (जो प्रोफ़ेसर बराबर कहा जाएगा)।

खेल कैसे खेला जाता है

टीम A उसके किसी भी दो सदस्यों और जोड़ने या घटाने के परिचालन का उपयोग करके एक गणितीय अभिव्यक्ति बनाती है। उदाहरण के लिए:

9 + 8

7 – 4

तब प्रोफेसर बराबर (=) आते हैं और टीम A की अभिव्यक्ति के किसी भी सिरे पर खड़े हो जाते हैं।

फिर टीम B अपने सदस्यों की किसी भी संख्या को लेकर और बची हुई संक्रियाओं में से किसी एक को लेकर एक और अभिव्यक्ति बनाती है, जो टीम A द्वारा बनाई गई अभिव्यक्ति के ‘समान मूल्य’ है। टीम B के सदस्य प्रोफ़ेसर बराबर के दूसरी ओर खड़े होते हैं।

उदाहरण के लिए, ऊपर टीम A द्वारा बनाई गई दो अभिव्यक्तियों के सापेक्ष टीम B निम्न बना सकती है:

‘9 + 8 = 19 – 2’ or ‘9 + 8 = 21 – 4’, आदि।

‘7 – 4 = 6 2’ or ‘7 – 4 = 9 – 6’, आदि।

यदि टीम B एक ऐसी अभिव्यक्ति बनाने में सफल रहती है जो कि टीम A द्वारा बनाई गई अभिव्यक्ति के बराबर हो, तो उसे उसकी अभिव्यक्ति बनाने में उपयोग की गई सबसे बड़ी संख्या के बराबर पॉइंट मिलेंगे।

यदि टीम B एक ऐसी अभिव्यक्ति बनाने में विफल रहती है जो कि टीम A द्वारा बनाई गई अभिव्यक्ति के बराबर हो, तो टीम A को उसकी अभिव्यक्ति बनाने में उपयोग की गई सबसे बड़ी संख्या के बराबर पॉइंट मिलेंगे।

अगली चाल के लिए टीम B पहले जाएगी। दोनों टीमों को समान संख्या में चालों की अनुमति है।

केस स्टडी 1: श्रीमती अपराजिता समानता के खेल का उपयोग करने के बारे में बताती हैं

यह एक अध्यापिका की कहानी है जिसने अपने प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों के साथ गतिविधि 1 का प्रयास किया।

इस गतिविधि में बहुत से प्रबंधन की आवश्यकता थी और हमारे वास्तव में आरम्भ करने से पहले काफी समय लगा। मैंने कुछ काफी मजबूत कार्ड लिए और इसकी मदद से कार्ड बनाए। गतिविधि पूर्ण होने पर मैंने उन्हें एक साथ एकत्रित किया और उन्हें एक सुरक्षित स्थान पर रख दिया, ताकि बाद में फिर उपयोग कर सकूँ।

मेरी एक सहकर्मी मीना ने मुझे उन कार्डों को रखते देखा और मुझसे उनके बारे में पूछा। जब मैंने उसे गतिविधि के बारे में बताया, तो उसने कहा कि वह भी उनका उपयोग करना चाहेगी, तो उनका अब तक दो बार उपयोग हो चुका है और जिससे उन्हें बनाने में लगा समय और भी उपयुक्त लगता है। अगली बार जब मैं कार्ड का उपयोग करूँगी (और मैं ज़रूर करूँगी क्योंकि विद्यार्थी उससे इतना कुछ सीखे थे) \ तो मीना और मैं मिल कर कार्ड बनाने का काम करेंगे।

अध्याय से पहले हमें तालिकाओं को हटाना पड़ा ताकि हमारे पास खाली स्थान रहे। लेकिन हमारा समय लगाना व्यर्थ नहीं गया। असल में सभी विद्यार्थियों को गतिविधि में बड़ा मज़ा आया और उन्होंने मेरे विचार से बराबर के चिह्न के बारे में बहुत कुछ सीखा।

आरंभ में मैंने उन्हें दस-दस विद्यार्थियों की दो टीमों की मदद से खेल समझाया लेकिन मैंने पहले ही तय कर लिया था कि मुझे दो की जगह चार टीमें बनानी पड़ेंगी, क्योंकि मेरी कक्षा में बहुत से विद्यार्थी थे और अन्यथा कई विद्यार्थी इसमें शामिल नहीं हो पाते थे। मैंने चार विद्यार्थियों को मूल्यांकनकर्ता के रूप में भी नियुक्त किया था जो विद्यार्थियों के हर समूह द्वारा बनाई गई अभिव्यक्तियों का मूल्यांकन करेंगे और देखेंगे कि वे सही हैं या नहीं और स्कोर रखने के लिए दो विद्यार्थी नियुक्त किए थे। कक्षा के अलग-अलग सिरों पर टीम A टीम B के साथ खेली और टीम C टीम D के साथ खेली और फिर उन्होंने जगह बदल ली।

मैंने देखा कि टीम B में कुछ गहन सोच रखने वाले विद्यार्थी थे। उन्होंने अधिक अंक पाने और दूसरी टीम को बाहर रखने के लिए हमेशा सबसे बड़ी संख्याओं का उपयोग करने का फैसला किया। बेशक इसका अर्थ था कि उन्हें उनकी बड़ी संख्याओं के साथ काफी कठिन अंकगणित करना पड़ा था। उनको खुद को चुनौती देना उनका ही चयन था लेकिन मुझे देख कर खुशी हुई कि उन्होंने खुद कैसे सवाल सेट किए और यह सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की कि वो सही थे और उन्होंने पॉइंट स्कोर किए।

अध्याय के अंत में हमने एक नॉकआउट प्रतियोगिता रखने का फैसला किया। टीम A ने टीम B से खेला और उनके विजेता ने टीम C से खेला और इस तरह किया। मुझे लगा यह काफी कारगर रहा क्योंकि हम हर प्रयास पर रुके और हमने हर किसी के दिए गए उत्तरों का मूल्यांकन किया और देखा कि वे सही क्यों थे और गलत क्यों थे। इसके कारण काफी चर्चा हुई और मैं यह देख कर फिर एक बार हैरान थी कि हर विद्यार्थी ने अपने मन में ही तेज़ी से अंकगणित करने के लिए खुद को कितनी चुनौती दी।

आपके शिक्षण अभ्यास के बारे में सोचना

अपनी कक्षा के साथ ऐसा कोई अभ्यास करने के बाद यह सोचें कि क्या ठीक रहा और कहाँ गड़बड़ी हुई। ऐसे प्रश्नों की ओर ध्यान दें जिसमें विद्यार्थियों की रुचि दिखाई दे और वे आगे बढ़ते हुए नज़र आएँ और वे जिनका स्पष्टीकरण करने की आवश्यकता हो। ऐसे चिंतन से वह ‘स्क्रिप्ट’ मिल जाती है, जिसकी मदद से आप विद्यार्थियों के मन में गणित के प्रति रुचि जगा सकते हैं और उसे मनोरंजक बना सकते हैं। अगर विद्यार्थियों को समझ नहीं आ रहा है और वे कुछ नहीं कर पा रहे हैं, तो इसका मतलब है कि उनकी इसमें सम्मिलित होने की रुचि नहीं है। जब भी आप गतिविधियां करें, इस विचार करने वाले अभ्यास का उपयोग करें।श्रीमती अपराजिता की तरह कुछ छोटी-छोटी चीजें नोट करें जिनसे काफी फर्क पड़ जाता है।

विचार के लिए रुकें

ऐसे चिंतन को गति देने वाले अच्छे प्रश्न निम्नलिखित हैं:

  • इस गतिविधि को लेकर आपके विद्यार्थियों की कैसी प्रतिक्रिया थी? विद्यार्थियों से कैसी प्रतिक्रियाएँ अनपेक्षित थीं? क्यों?
  • क्या किसी भी समय आपको ऐसा लगा कि हस्तक्षेप करना चाहिए?
  • किन बिंदुओं पर आपको लगा कि आपको और समझाना होगा?
  • क्या आपने कार्य में किसी भी तरीके का संशोधन किया? अगर हाँ, तो इसके पीछे आपका क्या कारण था?

1 बीजगणित में बराबर का चिह्न

3 अनुमान लगाना और सामान्यीकरण