1 स्कूल से बाहर छात्रों की शिक्षा

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  • आप किन कौशलों और ज्ञान के बारे में सोच सकते हैं, जो आपके छात्रों ने स्कूल से बाहर सीखे हैं?

  • क्या आपको लगता है कि आपके छात्रों के घर या समुदाय की भाषा और सांस्कृतिक ज्ञान उनकी स्कूली शिक्षा में उपयोगी है? क्यों या क्यों नहीं?

स्थिति अध्ययन 1 में, एक शिक्षिका एक प्री-स्कूल छात्र के शिक्षण अनुभवों के बारे में जानकारी लेती हैं।

केस स्टडी 1: श्रीमती भट्टी एक प्री-स्कूल छात्र के ज्ञान और कौशल के बारे में बताती हैं

भोपाल की एक प्राथमिक शिक्षिका श्रीमती भट्टी ने उनकी कक्षा दो के छात्रों में से एक के अभिभावक की दुकान से एक बाउल खरीदने के उनके अनुभव का वर्णन किया है। वहाँ उनकी मुलाक़ात उनके छात्र की चार-वर्षीय बहन शिल्पी से हुई, जिसने अभी स्कूल जाना शुरू नहीं किया है।

शिल्पी फर्श पर कार्डबोर्ड के एक बक्से की बगल में बैठी हुई थी। वह पैकेट निकालकर उन्हें गिन रही थी और उनके ढेर बना रही थी। उसके पिताजी एक ग्राहक से बात कर रहे थे। मैंने शिल्पी से पूछा, ‘क्या तुम बाउल (कटोरा) बेचती हो?’ उसने अपनी माँ को बुलाया, जो कि दुकान के पीछे की तरफ से आईं। एक कोने की तरफ इशारा करते हुए, उसकी माँ ने बच्ची की घर की भाषा में उत्तर दिया, लेकिन ‘बाउल’ के लिए उन्होंने हिन्दी शब्द का उपयोग किया। शिल्पी मुझे वहाँ ले गई, जहाँ बाउल रखे हुए थे और उसने उनमें से दो-तीन उठाकर मुझे दिखाया कि कौन-से अलग अलग रंग उपलब्ध हैं। मैंने लाल वाला चुना, जिसे लेकर वह काउंटर पर गई। इसके बाद उसने मुझसे पैसे लेकर अपनी माँ को दिए, जिन्होंने मुझे देने के लिए उसे सही रकम लौटाई। शिल्पी ने उस बाउल को कागज़ में लपेटने में अपनी माँ की मदद की और फिर बैग में रखने के लिए वह मुझे दिया। अंत में, उसने अपनी माँ के साथ मुझे धन्यवाद दिया और हिन्दी में बोलकर मुझसे विदा ली।

जब मैं दुकान से निकल रही थी, तब मैंने इस बारे में सोचा कि शिल्पी क्या ज्ञान और कौशल सीख रही है, जिससे उसे स्कूल शुरू करने के बाद फायदा होगा।

(केनर, 2000 से लिया गया)

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  • शिल्पी भाषा और संवाद के बारे में क्या जानती है?
  • इस अध्ययन में शिल्पी ने और कौन-से कौशलों का प्रदर्शन किया?

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शिल्पी हिसाब लगाना सीख रही है। वह गिन सकती है और वह सीख रही है कि किस तरह वर्गीकरण और संक्षेपीकरण किया जाता है। वह पैसों और रेजगारी के बारे में सीख रही है। वह जानती है कि दुकान में किस तरह काम होता है। वह सुन सकती है, सवाल को समझ सकती है और जानकारी ले सकती है। वह ये भी जानती है कि किसी ग्राहक के साथ किस तरह विनम्रता से बात करनी चाहिए।

शिल्पी अपने घर की भाषा में आत्मविश्वास के साथ बात करती है। वह रंगों के नाम जानती है, प्रश्नों की भाषा, निर्देशों और दिशाओं को समझती है। वह थोड़ी-बहुत हिन्दी भी समझ लेती है, जिसका उपयोग वह धन्यवाद और नमस्ते कहने में करती है। वह इस बात को समझने लगी है कि लोग अलग अलग भाषाओं में संवाद कर सकते हैं।

अवलोकन, संपर्क और नकल के द्वारा, शिल्पी महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान और संवाद कौशल प्राप्त कर रही है। जब वह स्कूल जाने लगेगी, तो ये उसकी आगे की शिक्षा और भाषा के विकास का एक मज़बूत आधार बनेंगे।

छात्र जब स्कूल जाते हैं, तो उसके साथ ही वे घर में और समुदाय से भी मूल्यवान ज्ञान और कौशल प्राप्त करते हैं। आपके छात्र छोटे भाई-बहनों की देखभाल करने में मदद कर सकते हैं, अपने दादा-दादी का ख्याल रख सकते हैं, परिवार के पालतू जानवरों का ध्यान रख सकते हैं, बाज़ार में सामान की बिक्री में अभिभावकों की मदद कर सकते हैं, रसोई में हाथ बंटा सकते हैं, किसी विशिष्ट शिल्प में महारत हासिल कर सकते हैं या कोई खेल खेलना पसंद कर सकते हैं। ऐसी गतिविधियों से उनकी भाषा और साक्षरता के विकास के लिए अनौपचारिक अधिगम अवसर मिलते हैं, जो उनके स्कूल के माहौल के भीतर बनाए जा सकते हैं।

यह दृष्टिकोण क्यों महत्वपूर्ण है

2 कक्षा में बातचीत