यह दृष्टिकोण क्यों महत्वपूर्ण है

पारंपरिक कक्षाओं में, शिक्षक ही मौखिक भाषा के मुख्य स्रोत होते हैं और पाठ्यपुस्तकें लिखित भाषा की मुख्य स्रोत होती हैं। समय की कमी और सीमित संसाधनों के कारण इनमें और विकल्पों को जोड़ने का प्रयास नहीं किया जाता।

स्वाभाविक बोलचाल और लेखन के विभिन्न स्रोतों का संपर्क और उपयोग विद्यार्थियों की भाषा और साक्षरता के विकास में अत्यधिक लाभकारी होता है। अपने छात्रों की जानकारी को मौखिक और लिखित संवाद के विभिन्न सार्थक उदाहरणों द्वारा समृद्ध बनाकर आप उनकी कल्पनाशीलता को प्रोत्साहन देंगे और साथ ही कई तरह के विषयों के बारे में शब्दों और वाक्यांशों की उनकी समझ और रचना भी बढ़ाएंगे। यदि आप अपने छात्रों की घर की भाषा के उदाहरणों को कक्षा में शामिल करते हैं, तो आप यह दर्शाते हैं कि उनके अतिरिक्त भाषायी कौशलों को महत्व दिया जाता है इससे उनके सहपाठियों को उनसे जुड़ी अलग अलग संस्कृतियों और परंपराओं की प्रशंसा करने का अवसर मिलेगा। इस प्रकार एक भाषा-समृद्ध कक्षा बनाने से आपके सभी छात्रों की शिक्षा पर एक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

इस इकाई में ऐसे कई तरीके सुझाए गए हैं, जिनके द्वारा आप अपनी कक्षा को अधिक भाषा-समृद्ध बनाने की शुरुआत कर सकते हैं।

आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं

1 स्थानीय परिवेश में लेखन के उदाहरण