यह दृष्टिकोण क्यों महत्वपूर्ण है

बोलना और सुनना सभी शैक्षणिक क्षेत्रों में शिक्षण और अधिगम के केंद्र में होते हैं। बोलना साक्षरता का आधार भी है। छोटे बच्चे पढ़ना और लिखना शुरू करने से बहुत पहले ही अच्छी तरह से सुनने और बोलने लगते हैं। वे सीखते हैं कि बोलकर वे अपनी ज़रूरतों और इच्छाओं को व्यक्त कर सकते हैं, वस्तुओं के बारे में जान सकते हैं, और काल्पनिक, अन्वेषक खेल में शामिल हो सकते हैं। बच्चों में भाषा कौशल विकसित करने के लिए उन्हें सुनने व विभिन्न सन्दर्भों में अलग–अलग विषयों पर बोलने के पर्याप्त अवसर मिलने चाहिए, जिससे उनकी स्कूली उपलब्धियों में भी वृद्धि होगी।

आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं

1 बोलना और सीखना