3 अपने अध्यापन में जानकारी के लिए छात्रों की बातचीत का उपयोग करना।

छात्र अक्सर अपने शिक्षण के बारे में बात करते हैं। अब क्रियाकलाप 4 करके देखें।

गतिविधि 4: अपने छात्रों की बातचीत सुनना

एक अधिगम संसाधन के रूप में छात्रों की बातचीत की सफलता की संभावना को समझने के लिए, छात्रों की किसी बातचीत को चुपचाप सुनें। यदि संभव हो, तो एक से ज्यादा बार ऐसा करें।

देखें कि क्या आप अपने छात्रों को निम्नलिखित में से कुछ करते हुए सुन सकते हैं:

  • किसी बात पर ध्यान देना
  • उसके बारे में ध्यान से सोचना
  • अपने अवलोकन एक-दूसरे को बताना
  • अपने अवलोकनों और अनुभवों को सुव्यवस्थित करना
  • एक-दूसरे के अवलोकनों और अनुभवों को चुनौती देना
  • अवलोकनों और अनुभवोंके आधार पर तर्क देना
  • अनुमान लगाना
  • किसी पिछले अवलोकन या अनुभव को याद करना
  • किसी दूसरे के अनुभव या भावनाओं की कल्पना करना
  • अपनी भावनाओं या अनुभवों को याद करना।

विचार के लिए रुकें

  • क्या आपने किन्हीं ऐसे छात्रों की बातें सुनीं, जो कुछ सीखने की प्रक्रिया में थे और बातचीत के द्वारा अपने शिक्षण को एकत्रित कर रहे थे?
  • आप अपने अध्यापन के संसाधन के रूप में इस तरह की बातचीत का उपयोग कैसे कर सकते हैं?

एक शिक्षक होने के नाते, एक अच्छा श्रोता होना महत्वपूर्ण है। अक्सर आप अपने छात्रों की जिन बातों को सुनते हैं, उनके तत्वों को आप अपने आगे के पाठों की योजनाओं में शामिल कर सकते हैं।

अब केस स्टडी 2 में दो उदाहरण पढ़ें। इन्हें पढ़ते समय इस बारे में सोचें कि शिक्षक जो सुनते हैं, उसका उपयोग अपने अध्यापन में सहायता के लिए किस प्रकार करते हैं। जब आप इसे पूरा कर लेते हैं, तो अपने छात्रों को सुनने का अगला अवसर ढूंढें। उनकी बातचीत के कौन-से पहलू आपकी अगली कक्षा गतिविधियों के लिए उपयोगी हो सकते हैं?

केस स्टडी 2: छात्रों की वार्ता से मदद लेना

सुश्री भूमि मुरादाबाद में कक्षा दो की शिक्षिका हैं।

एक दिन मैं बाहर बैठकर खाना खा रही थी कि तभी मैंने छात्रों को ऊंची आवाज़ में बहस करते हुए सुना। मैंने दखल देने के बजाय, ध्यान से सुनने का फैसला किया। चार छात्र एक कविता के बारे में बहस कर रहे थे, जो मैंने उन्हें उस दिन सुबह पढ़कर सुनाई थी। जब मैं कविता पढ़ रही थी, तो कक्षा ने चुपचाप वह कविता सुनी थी। इसलिए मैंने यह मान लिया था कि सब लोग उसे समझ गए हैं। लेकिन जब मैंने अपने छात्रों को बहस करते हुए सुना, तब मुझे अहसास हुआ कि उनमें से ज्यादातर ने उसे बिलकुल ही गलत अर्थ में समझा था। कविता के मुख्य शब्दों के लिए उनके द्वारा की गई अलग अलग व्याख्या को सुनकर मुझे यह बात पता चली।

मैंने अगले दिन उन्हें यह कविता फिर से सुनाई और यह जानने का प्रयास किया कि कविता उन्हें समझ में आई अथवा नहीं। इस घटना ने मुझे सिखाया कि जब हम पाठ्यपुस्तक-आधारित अन्य पाठ पढ़ते हैं, तो हमें इस बात को जाँचने के लिए ज्यादा समय देना चाहिए कि क्या कोई अपरिचित शब्दावली है और यदि ऐसा है, तो उसे ध्यानपूर्वक समझाना चाहिए। मैं उसके बाद से नियमित रूप से ऐसा कर रही हूँ और मैंने इसके फायदे भी देखे हैं।

श्रीमती सरोज बिठूर में कक्षा पाँच की शिक्षिका हैं।

मैं अपने छात्रों को लेखन कार्य देते समय कुछ मुख्य बिन्दु बता देती थी। इससे उनके लेख एक समान हो जाते थे।

एक दिन सुबह कक्षा से पहले, मैंने कई छात्रों को आपस में बातें करते हुए सुना। मुझे अचंभा हुआ कि उन कुछ मिनटों में ही उन्होंने कई तरह के विषयों पर चर्चा की, उन्हें समझाया, प्रश्न पूछे, तर्क दिए और अनुमान लगाया। उनके पास कई रोचक विचार थे।

उनकी बातें सुनने के परिणामस्वरूप मुझे अहसास हुआ कि यदि मैं अपने छात्रों को उनके मौखिक भाषा संसाधनों, अनुभवों और रुचियों का इस तरह उपयोग करने दूँ, तो वे और भी ज्यादा रचनात्मक और सार्थक रूप से लिख सकेंगे।

अब मैं अपने छात्रों को चार या पाँच के समूहों में रखती हूँ और उन्हें चर्चा करने के लिए एक विषय देती हूँ व इसके बाद उन्हें उस विषय पर लिखने के लिए आमंत्रित करती हूँ। अभी तक, उन्होंने स्कूल के बाहर वाली चाय की दुकान, एक स्थानीय त्यौहार, हाल ही में हुए एक खेल आयोजन और आस-पास के पेड़ों जैसे विषयों के बारे में बात की है और लिखा है। कभी-कभी मैं अपने छात्रों को स्कूल के परिसर में भेजती हूँ और उनसे कहती हूँ कि वे वस्तुओं का अवलोकन करें, आपस में चर्चा करें और फिर उनके बारे में लिखें।

अंतिम गतिविधि में, आप एक समूह गतिविधि आज़माएंगे, जिसमें बोलना और लिखना शामिल होगा। मुख्य संसाधन ‘समूह कार्य का उपयोग करना’ आपके लिए उपयोगी हो सकता है।

गतिविधि 5: लेखन की तैयारी के लिए सामूहिक बातचीत का उपयोग करना

श्रीमती सरोज की स्थिति अध्ययन (केस स्टडी) का मार्गदर्शक के रूप में का उपयोग करके, एक पाठ तैयार करें, जिसमें आप अपने छात्रों को किसी विषय पर चर्चा करने और फिर उसके बारे में अकेले-अकेले लिखने के लिए आमंत्रित करेंगे।

  • अपनी कक्षा को चार, पाँच या छः के समूहों में बाँटें।
  • प्रत्येक समूह को चर्चा करने के लिए एक विषय दें। यह आपके छात्रों की उम्र और रुचियों पर निर्भर होगा। आप प्रेरणा के लिए प्रत्येक समूह को एक चित्र या अखबार की किटंग दे सकते हैं।
  • दो या तीन छात्रों के साथ इस बात का नमूना दिखाएँ कि उन्हें किस तरह आपस में बात करनी चाहिए, उन्हें यह प्रदर्शित करके बताएँ कि उपयोगी अन्वेषक प्रश्न किस तरह पूछे जाते हैं और उनके सहपाठियों के उत्तरों को किस तरह आदरपूर्वक सुनना चाहिए।
  • कक्षा में घूमते हुए निरीक्षण करते रहें और यदि आवश्यक हो, तो समूहों की मदद करें। इस अवसर का उपयोग करके अपने छात्रों के व्यवहार, भाषा में उनकी महारथ और संबंधित विषय की उनकी समझ का अवलोकन करें।
  • चर्चा सत्र के बाद, अपने छात्रों से कहें कि उन्होंने जिस विषय पर चर्चा की है, वे उस पर एक संक्षिप्त निबंध लिखें।
  • कभी-कभी आप अपने छात्रों के निबंधों को रुचि के अनुसार अन्य सदस्यों में वितरित भी कर सकते हैं।
  • अंत में, आप अपने छात्रों के लेखन के अपने मूल्यांकन के आधार पर आगे के पाठों की योजना बना सकते हैं।

2 छात्रों की बातचीत में संकेत के रूप में चित्रों का उपयोग करना

4 सारांश