4 समूहों में पूरी कक्षा का निर्देशित पठन

निर्देशित पठन में, आप पूरी कक्षा को पठन क्षमता के अनुसार समूहों में व्यवस्थित करते हैं। प्रत्येक समूह के पास अलग-अलग पुस्तकें या पठन कार्ड्स, अथवा उनके पठन स्तर के अनुरूप साझा पुस्तक होती है।

निर्देशित पठन।

आपको प्रत्येक समूह के साथ समय बिताना होता है, और बारी-बारी से हर छात्र ऊंची आवाज़ में बोलकर पढ़ता है, जिसे आपको सुनना होता है। जब आप एक समूह के साथ काम कर रहे हों, तो अन्य समूहों को स्वतंत्र रूप से काम करना चाहिए।

  • क्या आपने कभी ऐसा किया है, या ऐसा होते हुए देखा है?
  • आपके अनुसार इस विधि के लाभ क्या हैं? आपके अनुसार इस विधि की हानियाँ क्या हैं?
  • पठन हेतु समूह बनाने के लिए आपको कक्षा के विषय में क्या मालूम होना चाहिए ?

छात्र अलग अलग गति से पढ़ेंगे और अलग अलग समय पर पूरा करेंगे। जब आप छात्रों को समूह में पढ़ने के लिए सेट करते हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि पढ़ने का काम पूरा हो जाने के बाद करने के लिए उन्हें कोई अतिरिक्त काम दें, जैसे कहानी के पात्रों के चित्र बनाना, वर्कशीट पूरी करना, कहानी का नया अंत लिखना या पुस्तक के लिए नया कवर डिज़ाइन करना। यह अतिरिक्त कार्य एक पुरस्कार के रूप में काम कर सकता है और इससे छात्रों को प्रेरणा मिल सकती है।

संसाधन 2, ‘समूह कार्य का उपयोग करना’ देखें।

वीडियो: समूहकार्य का उपयोग करना

पठन में छात्रों की मदद करना।

अंतिम केस स्टडी में, एक शिक्षिका एक चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में निर्देशित पठन आयोजित करती हैं।

केस स्टडी 2: श्रीमती जेना निर्देशित पठन समूहों का प्रबंधन करती हैं

श्रीमती जेना कई ग्रेड वाली एक कक्षा को अंग्रेज़ी पढ़ाती हैं, जिसमें कक्षा चार से छः के 46 छात्र हैं, जिनके पठन स्तर अलग अलग हैं। उन्होंने कुल 80 मिनट की अवधि वाले दो पीरियड के लिए एक निर्देशित पठन सत्र की योजना बनाई।

संसाधन और समूह बनाना

पहले मैंने छात्रों को छः समूहों में बिठाया: आठ-आठ छात्रों के पाँच समूह और छः छात्रों का एक समूह। मैंने चार छात्रों की मदद से बैठने की व्यवस्था बनाई, और हर छात्र का नाम पुकार कर उसे एक समूह आवंटित किया। प्रत्येक समूह में छात्रों को व्यवस्थित करते समय, मैंने इस बात को सुनिश्चित करने पर ध्यान दिया कि एक समान पठन क्षमता वाले छात्र एक समूह में रखे जाएं।

एक समूह के छात्र अंग्रेज़ी लगभग पढ़ ही नहीं पाते थे, इसलिए मैंने इस समूह को कक्षा एक की कहानी की एक बड़ी पुस्तक दी। दो समूहों के छात्र काफी हद तक प्रवाह के साथ पढ़ सकते थे। इनमें से एक समूह को मैंने एक कहानी की किताब दी, जो मैंने स्कूल की लाइब्रेरी से ली थी, और दूसरे समूह को मैंने सरल कहानियों का एक संग्रह दिया, जिसका संकलन मैंने अख़बार में ‘बच्चों के पन्ने’ से किया था। अन्य दो समूहों के छात्र अंग्रेज़ी अक्षरों और ध्वनियों से परिचित थे, और वे कई शब्दों को पहचान सकते थे, इसलिए मैंने उन्हें शब्दों और चित्रों व सरल प्रश्नों वाले रीडिंग कार्ड्स दिए। मैंने ये कार्ड पिछले साल बड़ी उम्र वाले छात्रों की मदद से बनाए थे।

आखिरी समूह के छः छात्रों को विशेष मदद की ज़रुरत थी: एक छात्रा नेत्रहीन थी, दूसरा छात्र डिस्लेक्सिया से ग्रस्त था और चार प्रवासी छात्र थे, जिन्होंने दस दिन पहले ही स्कूल में प्रवेश लिया था। मैंने नेत्रहीन छात्रा को टेक्टाइल अक्षर दिए, जो मैंने सैंडपेपर से काटे थे। इसकी सलाह मुझे गर्मियों में समेकित शिक्षा के प्रशिक्षण के दौरान मिली थी। मैंने उसे इन अक्षरों को महसूस करके अनुमान लगाने को कहा कि ये कौन-कौन से अक्षर हैं और उसे बताया कि मैं थोड़ी देर बाद वापस आकर उसकी मदद करुँगी। शेष पाँच छात्रों को मैंने एक बड़ी चित्र-पुस्तिका दी, जिसे पहले मेरा बेटा पढ़ता था, लेकिन अब वह उस लिहाज से बड़ा हो चुका है। मैंने इस समूह से कहा कि वे बारी-बारी से इस चित्र-पुस्तिका को देखें और धीमी-आवाज़ में इस बारे में बात करें कि उन्हें चित्रों में क्या दिखाई दिया। मैंने उन्हें यह भी बताया कि मैं वापस लौटकर उनकी मदद करुँगी।

निगरानी अनुश्रवण और आकलन

मैंने छात्रों के तीन समूहों का अवलोकन करने की योजना बनाई थी: दो समूह उन छात्रों के, जिन्हें पढ़ने में कठिनाई हो रही थी और एक समूह प्रवाह के साथ पढ़ने वाले छात्रों का। दो पीरियड की उस 80-मिनट की अवधि में, मैं यह भी सुनिश्चित करना चाहती थी कि मैं छात्रों के सभी समूहों के साथ समय बिताऊं।

जब छात्र अपने-अपने समूहों में सेट हो गए, तो मैंने लगभग पाँच मिनट में सभी समूहों का निरीक्षण करके यह सुनिश्चित किया कि वे सभी पढ़ रहे थे और समझ गए थे कि उनसे क्या अपेक्षित है। एक बार इस बात की तसल्ली कर लेने के बाद, मैंने प्रत्येक समूह के साथ 10-15 मिनट बिताए और प्रत्येक छात्र से कहानी का एक भाग सुना तथा ऐसा करते समय ज़रुरत के अनुसार उनकी मदद की और प्रश्न पूछकर अनुमान लगाया कि उन्होंने जो पढ़ा है, उसमें से वे कितना समझ सके हैं। ऐसा करते समय, मैंने एक जाँच-सूची का उपयोग किया, जो मैंने प्रत्येक छात्र के लिए पहले ही तैयार कर ली थी और ज़रुरत के अनुसार इसमें संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखीं।

कक्षा प्रबंधन

जब मैं तीसरे समूह तक पहुँची, एक अन्य समूह के दो छात्र शोरगुल करने लगे। पहले समूह के ज्यादातर छात्रों ने अपना पढ़ने का काम पूरा कर लिया था और वे मेरा ध्यान आकृष्ट करने के लिए शोर मचा रहे थे। एक पल के लिए मुझे बहुत घबराहट महसूस हुई। मैंने तीसरे समूह के साथ ज्यादा समय बिताने की योजना बनाई थी क्योंकि वे पढ़ने में कठिनाई महसूस कर रहे थे, हालांकि उन्होंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की थी। मेरे लिए तुरंत ही कुछ करना ज़रूरी था। मैंने उन दोनों छात्रों को अलग किया, जो शोर मचा रहे थे और उन्हें दो अलग अलग समूहों में भेजकर उनसे दूसरों की मदद करने के लिए कहा और कहा कि मैं यह देखूंगी कि वे ऐसा कर पाते हैं या नहीं। जिन छात्रों ने पढ़ने का काम पूरा कर लिया था, मैंने उनसे कहा कि वे अपनी कॉपी में कहानी का वर्णन करने वाले चित्र बनाएँ। मैंने दो अन्य छात्रों से कहा कि वे अंतिम समूह को चित्र-पुस्तिका पढ़कर सुनाएँ। यह सब करने के बाद ही मैं तीसरे समूह के साथ अगले 20 मिनट बिताने में सक्षम हो सकी।

इतनी देर में कक्षा के शोर का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा था क्योंकि छात्रों ने या तो पढ़ने का काम पूरा कर लिया था, या वे अशांत हो गए थे। मैंने अपनी गिनने की रणनीति का प्रयास किया; मेरे छात्र जानते हैं कि जब मैं धीरे-धीरे पाँच तक गिनना शुरू करती हूँ, तो उन्हें तुरंत अपनी-अपनी जगह पर बैठ जाना चाहिए और शोर मचाना बंद कर देना चाहिए। भोजन की छुट्टी के लिए अब सिर्फ पाँच मिनट का समय बचा था। मैंने जल्दी से उन्हें होमवर्क असाइनमेंट दिया कि वे अपने घर के या पड़ोस वाली दुकान से किन्हीं तीन उत्पादों के लेबल पढ़ें और उनकी नकल करके लाएँ। मैंने अंतिम समूह के छः छात्रों को एक तरफ बुलाया और उनसे कहा कि होम असाइनमेंट में वे किन्हीं तीन उत्पादों के चित्र बनाएँ और उनके नाम के पहले अक्षर लिखें। मैंने नेत्रहीन छात्रा से कहा कि वह अपनी माँ से तीन उत्पादों के नाम पूछे और अगली कक्षा में वे नाम दोहराए।

मैंने घंटी बजने के बाद तुरंत ही अपनी डायरी में यह दर्ज कर लिया कि: जिस समूह को लाइब्रेरी की किताबें दी थीं, उनके साथ अगली कक्षा में समय बिताना है, और उनके नाम भी दर्ज किये जिन छात्रों को मैं उस दिन पढ़ते हुए नहीं सुन सकी थी।

विचार के लिए रुकें

श्रीमती जेना ने अधिक विद्यार्थियों वाली कक्षा में गतिविधियों का एक बहुत जटिल, बहु-स्तरीय सेट चलाया। इसमें बहुत सारी गतिविधियाँ चल रही थीं। आपकी कक्षा किस प्रकार श्रीमती जेना की कक्षा जैसी या उससे अलग है इस पर विचार करें। इस इकाई को ख़त्म करने के लिए श्रीमती जेना की तकनीकों के बारे में निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें:

  • श्रीमती जेना द्वारा उपयोग की गई कुछ कक्षा प्रबंधन रणनीतियां क्या हैं?
  • क्या आपने पठन और समूह कार्य गतिविधियों के लिए श्रीमती जेना की रणनीतियों में से किसी का उपयोग किया है?
  • यदि आप श्रीमती जेना की जगह होते, तो आप क्या काम अलग ढंग से करते? क्यों?
  • श्रीमती जेना ने एक बड़ी पुस्तक, लाइब्रेरी की पुस्तकों, रीडिंग कार्ड्स, अखबारों से बनाई छोटी पुस्तकों और अपने बेटे की चित्र-पुस्तिका का उपयोग किया। आपके पास ऐसे कौन-से संसाधन हैं, जिनसे आप कक्षा में अपने पठन समूहों को व्यवस्थित कर सकते हैं?
  • श्रीमती जेना ने बहुत बड़े छात्रों के लिए भी कक्षा 1 की बड़ी पुस्तक का उपयोग किया। क्या आप कक्षा की किसी ऐसी किताब के बारे में सोच सकते हैं, जिसे आप ज्यादा प्रवाह या कम प्रवाह के साथ पढ़ने वाले पाठकों को देने के लिए उपयोग कर सकें या अनुकूलित कर सकें?

यदि आपको लगता है कि श्रीमती जेना ने जो किया, वह सब-कुछ कर पाने में आप सक्षम नहीं हैं, तो भी हम आशा करते हैं कि इस इकाई से आपको अपनी कक्षा में अंग्रेज़ी पढ़ने के लिए नए क्रिया–कलापों और संसाधनों को आज़माने के लिए कुछ विचार और प्रोत्साहन मिला होगा।

3 मौन रहकर पढ़ने के लिए संसाधन

5 सारांश