3 लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए पढ़ना

छात्र जितना ज्यादा अंग्रेज़ी सुनते हैं और पढ़ते हैं, उतना ही उनका अंग्रेज़ी लेखन बेहतर होगा। जब आप छात्रों को अंग्रेज़ी में बोलना और पढ़ना सिखाते हैं, तो आप उन्हें अंग्रेज़ी में लिखना भी सिखा रहे होते हैं। एक बार जब छात्र पढ़ने लगते हैं, तो वे लिखना भी शुरू कर सकते हैं। जब वे लिखने लगते हैं, तो वे अपने और दूसरों के लेख को पढ़ना चाहेंगे। अंतिम केस स्टडी में, शिक्षक इसी प्रक्रिया की प्रेरणा देने के नए तरीकों को आज़मा कर देखते हैं।

केस स्टडी 3: श्री भट्ट लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए पढ़ने से शुरुआत करते हैं

यह एक सरकारी स्कूल के शिक्षक श्री हेमराज भट्ट द्वारा लिखे गए लेख से लिया गया उद्धरण है।

हमारी नई पाठ्यपुस्तक एक नया तरीका प्रस्तुत करने जा रही थी। इसमें बच्चों को वर्णमाला के वर्णों से शुरुआत करके और फिर उन्हें लिख लिख कर ‘रटने’ को कहने के बजाय सीधे ही अंग्रेज़ी शब्दों और वाक्यों से उनका परिचय कराया जाने वाला था। लेखन को कोई विशेष महत्व नहीं दिया जाने वाला था। इसके बजाय छात्रों को अंग्रेज़ी सुनने, पढ़ने और बोलने के मौके दिए जाने वाले थे। इससे पहले पाठ्यपुस्तक में शुरुआती छह से आठ पन्ने अंग्रेज़ी वर्णमाला और इससे संबंधित चित्रों के लिए होते थे। नई पुस्तक में अंग्रेज़ी लेखन की शुरुआत वर्णमाला से करने की यह परंपरा तोड़ी जाने वाली थी। परम्पराओं में विश्वास करने वाला शिक्षक होने के कारण, मुझे इस बात की कल्पना भी कठिन लग रही थी कि वर्णों को लिखे बिना छात्र सीधे ही अंग्रेज़ी पढ़ पाने में कैसे सक्षम हो सकेंगे।

दिया गया प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, मैंने प्रयोग करने का निश्चय किया। मैंने अपने छात्रों के बीच कुछ अंग्रेज़ी अखबार और बच्चों की पत्रिकाएँ वितरित कीं, ताकि हर कोई कम से कम तीन पन्ने देख सके। मैंने बोर्ड पर एक अंग्रेज़ी शब्द लिखा। उदारहण के लिए, एक छात्र का नाम जयपाल था। मैंने बोर्ड पर उसका नाम लिखा। अब, जयपाल को जो अख़बार दिया गया था, उसे उसमें अंग्रेज़ी वर्ण ‘J’, ‘A’, ‘I’, ‘P’ और ‘L’ ढूँढकर उन पर गोल घेरा बनाना था। इसी तरह सभी छात्रों को उन्हें दिए गए अख़बार में अपने नामों में दिखने वाले वर्ण ढूँढने थे और उन पर गोल घेरा बनाना था।

छात्रों को अपने नामों में आने वाले वर्ण ढूँढने में बहुत मज़ा आया। उन्हें खासतौर पर तब आश्चर्य हुआ, जब उन्हें अखबार में अंग्रेज़ी में अपना पूरा नाम दिखाई दिया और वे पूरे शब्द पर गोल घेरा बना पाए। इस अभ्यास का उद्देश्य छात्रों को शब्दों से वर्णों पर ले जाना था और ऐसा सफलतापूर्वक हो गया। मुझे यह देखकर अचंभा हुआ कि जो छात्र कुछ महीनों पहले तक अंग्रेज़ी वर्णों को पहचान भी नहीं पाते थे, वे किस तरह अखबारों और पत्रिकाओं में वर्णों और शब्दों के उदाहरणों को ढूँढ पाने में सक्षम थे। अख़बार के इस अभ्यास से मुझे अहसास हुआ कि अंग्रेज़ी पढ़ना छात्रों के लिए मज़ेदार बनाया जा सकता है। एक शिक्षक के रूप में जो मुझे सबसे महत्वपूर्ण दिखा वह यह था कि एक बार बच्चे अंग्रेज़ी पढ़ने लगे; तो वे अंग्रेज़ी लिखना शुरू करने के लिए भी उत्साहित थे।

(भट्ट, 2009 से लिया गया)

विचार के लिए रुकें

  • क्या आप श्री हेमराज भट्ट के इस निष्कर्ष से सहमत हैं कि सुनना, बोलना और पढ़ना अंग्रेज़ी लिखने से पहले किया जाना चाहिए? क्यों या क्यों नहीं?
  • भारत में, माध्यमिक स्कूल के छात्रों ने अपनी पूर्व प्राथमिक कक्षाओं से ही अंग्रेज़ी पढ़ी है लेकिन उनमें से अधिकांश छात्र सरल शब्दों को भी पढ़ पाने में असमर्थ हैं, फिर अंग्रेज़ी वाक्य लिखना तो दूर की बात है। आपके अनुसार श्री भट्ट की अखबार गतिविधि इस समस्या को सुलझाने में कहाँ तक सफल हो सकती है।
  • क्या आपको लगता है कि आप उपरोक्त अखबार गतिविधि अपने छात्रों के साथ आज़माकर देख सकते हैं? यदि आपके पास अंग्रेज़ी अख़बार उपलब्ध नहीं हैं, तो क्या आप कई तरह की अंग्रेज़ी पाठ्यपुस्तकों का उपयोग करके इस गतिविधि को आज़मा सकते हैं?

गतिविधि 3: लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए पढ़ना − एक नियोजन गतिविधि

संसाधन 2 की गतिविधियों को पढ़ें। इनमें से प्रत्येक गतिविधि में पढ़ना और लिखना आपस में जुड़े हुए हैं।

  • कोई ऐसी एक गतिविधि चुनें, जिसे आप अपनी कक्षा के साथ आज़मा सकते हों।
  • आप इस गतिविधि में छात्रों द्वारा तैयार किए गए लेखन का मूल्यांकन किस प्रकार करेंगे?
  • आप संघटन पर कितना ध्यान देंगे और लिप्यंतरण पर कितना ध्यान देंगे?
  • क्या आपको लगता है कि पढ़ने और लिखने के बीच संबंध जोड़ना महत्वपूर्ण है?

2 फीडबैक देना

4 सारांश