2 कक्षा में जोड़ी में कार्य का उपयोग करना

अब केस स्टडी 2 को पढ़ें।

केस स्टडी 2: जोड़ियों में बात करना

श्रीमती रोशनी यह जानना चाहती थीं कि उनकी कक्षा को श्वसन के बारे में क्या पता है? इसलिए उन्होंने सांस अंदर लेने और बाहर छोड़ने के बारे में उनके विचारों की खोज करने से शुरुआत करने का निर्णय लिया। वे बताती हैं कि उन्होंने क्या किया? और क्यों?

मुझे विज्ञान सच में बहुत पसंद है और मैं चाहती हूँ कि मेरी कक्षा को भी इसमें आनन्द मिले। जब मैंने शिक्षक के तौर पर प्रशिक्षण लिया था तो मुझे ऐसे विज्ञान प्रशिक्षक मिले थे जिन्होंने इस कार्य को बहुत आनन्ददायी बना दिया था। तब से मैं भी अपने विद्यार्थियों के लिए ऐसा ही करना चाहती थी। ऐसा हमेशा आसान नहीं होता क्योंकि जिस स्कूल में मैं पढ़ाती हूँ वह ग्रामीण इलाके में है और उसमें विज्ञान के लिए अधिक उपकरण व संसाधन नहीं हैं। पर मेरे प्रशिक्षक ने कहा कि विज्ञान को रोमांचक बनाने के लिए आस पास पर्याप्त संसाधन होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विद्यार्थियों को विज्ञान के बारे में बातचीत करने में और प्रायोगिक कार्य करने में सक्षम बनाने की आवश्यकता है। मैंने इसकी शुरुआत अपनी छठवीं कक्षा को जोड़ियों में कार्य करवाने का निर्णय लिया ताकि हर किसी को गतिविधि करने का और अपने अनुभवों के बारे में बातचीत करने का मौका मिले।

हम सजीवों के लक्षणों को देख रहे थे क्योंकि उनकी पाठ्यपुस्तकों में अगला विषय बिंदु यही था मैं विद्यार्थियों को यह अध्याय तुरन्त पढ़ना नहीं चाहती थी। मुझे अपने मन में अपने प्रशिक्षक की आवाज सुनाई पड़ी कि, चीजों की जाचं -पड़ताल करने की आवश्यकता है और मैं यह जानना चाहती थी कि उन्हें श्वसन के बारे में क्या पता है? मैंने सांस लेने व छोड़ने से शुरुआत की।

मैंने उनसे पहले स्वयं कार्य करने के लिए कहा। कहा कि वे अपने हाथ अपनी पसलियों पर रखें और धीरे-धीरे सांस लें और फिर छोड़ें। जब वे सांस अंदर-बाहर कर रहे थे तो मैंने उनसे कहा कि वे इस बारे में सोचें और महसूस करें कि उनके पसली-पिंजर, मुख और नाक के साथ क्या हो रहा है? और ऐसा क्यों हो रहा है? इसके बाद, मैंने उनसे यही कार्य अपने पड़ोसी के साथ करने के लिए कहा। मैंने कहा कि उनके साथी द्वारा सांस लिए जाने और छोड़े जाने के दौरान वे अपने हाथ अपने साथी की पसलियों पर रखें। इससे विद्यार्थियों में काफ़ी अधिक चर्चा हुई, ठहाके छूटे और उनमें रुचि जागी, क्योंकि उन सभी ने इसे कई-कई बार करके देखा।

जब वे यह कार्य कर रहे थे, तो मैं कक्षा में घूमती रही और उनकी बात–चीत को ध्यान से सुना। मैंने उन्हें इस बारे में सोचने का समय दिया कि उनके विचार में क्या हो रहा है? इसके बाद मैंने कुछ जोड़ियों से इस पर उनकी टिप्पणियां मांगीं। मैंने वे जोड़ियां चुनीं, जिनके बारे में मुझे पता था कि उनके पास कुछ रोचक विचार हैं।

उनके उत्तरों में से कुछ उत्तर इस प्रकार के थे–

  • छाती बाहर की ओर गति करती है
  • पसलियां ऊपर की ओर गति करती हुई प्रतीत होती हैं
  • पसलियां बाहर की ओर फैलती हैं
  • नाक और मुंह से हवा अंदर जाती हुई महसूस होती है
  • छाती फूल जाती है

  • हम हवा अंदर लेते हैं।

इसके बाद उन्होंने जोड़ियों में इस बात पर चर्चा की कि ऐसा क्यों हुआ? फिर मैंने कुछ अन्य जोड़ियों से उनके विचार बताने को कहा। यह साफ़ था कि अधिकतर जोड़ियां यह बताने में समर्थ थीं कि ऐसा अंदर हवा लेने के कारण था। परन्तु विद्यार्थी यह नहीं समझा सके कि छाती के फैलने से हवा के अंदर प्रवेश करने में मदद क्यों मिलती है?

छाती और फेफड़ों के आयतन में विस्तार देने से वायुदाब घटता है, जिसके कारण से वायु अदंर प्रवेश करती है और बलों को बराबर कर देती है। यह विचार मेरा कोई भी विद्यार्थी समझ नहीं सका। तो मैंने बाकी के पाठ में उन्हें दिखाया कि ऐसा कैसे होता है? तथा वायुदाब संतुलित करने वाले बलों के बारे में बताया।

अगला चरण होगा सांस लेने व छोड़ने की क्रिया के विषय में और खोज करना जिसमें वास्तविक उदाहरण जोड़ने के लिए हम देखेंगे कि अन्य जानवर कैसे सांस लेते हैं? इससे पाठ्यपुस्तक के साथ एक कड़ी बन जाएगी तथा उन्हें यह याद रखने और बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।

वीडियो: सीखने के लिए बातचीत

विचार के लिए रुकें

श्रीमती रोशनी ने अपने विद्यार्थियों के सांस लेने तथा श्वसन के विचारों को अनुभव से जोडऩे का अवसर देने के लिए उन्हें सक्रिय जोड़ी में कार्य कराया। क्या, आप अपनी कक्षा के साथ ऐसी सरल गतिविधियाँ नियमित रूप से करते हैं? यदि नहीं, तो आप यह कैसे कर सकते हैं?

गतिविधि 2: कक्षा में जोड़ी में कार्य का उपयोग करना

अब जोड़ी में कार्य करते हुए अपना नियोजित पाठ पढ़ाएं, तो अपने विद्यार्थियों को बतायें कि हम कैसे सांस लेते हैं? भोजन को निगलने पर उसके साथ क्या होता है? हम मल का उत्सर्जन कैसे करते हैं या विज्ञान में आप जो भी अन्य विषय पढ़ा रहे हों उसके बारे में बातचीत करने में सक्षम बनाएं।

इस बारे में सोचें कि उनके बातचीत के दौरान आप क्या करेंगे? और इस बारे में सोचें कि आप निम्नांकित कैसे करेंगे?

  • अपनी कक्षा का परिचय जोड़ी में कार्य से कराना।
  • विद्यार्थियों को जोड़ियों में संग ठित करना।
  • विद्यार्थियों को बताना कि वे किस बारे में बात करने जा रहे हैं?
  • यह तय करना कि वे कितनी देर तक बातचीत करेंगे?
  • उनके शिक्षण के बारे में पता लगाना।

एक-दूसरे के विचारों को कैसे सुनें एवं सम्मान दें इस बारे में अपने विद्यार्थियों को सलाह देना महत्वपूर्ण है, ताकि साथ मिल कर वे ऐसी समझ बना सकें जिस पर वे दोनों सहमत हों। आपको जिन भी संसाधनों की आवश्यकता हो, साथ मिल कर एकत्र करें और फिर अपना पाठ पढ़ाएं।

विचार के लिए रुकें

पाठ कैसा रहा? क्या विद्यार्थियों ने रुचि ली? आप यह कैसे जानते हैं? विद्यार्थियों ने क्या किया अथवा उन्होंने क्या नहीं किया? क्या आप इस बारे में अधिक जान सके कि सांस लेने या पाचन के लिए, जोड़ियों में कार्य करने में से आपके द्वारा चुने गए विषय के बारे में वे क्या जानते हैं? अगली बार आप जोड़ी में कार्य करने के लिए सुधार कैसे ला सकते हैं?

1 जोड़ी में कार्य का उपयोग करने की योजना बनाना

3 जोड़ी में कार्य के लाभ