1 प्रयोग प्रदर्शनों का उपयोग क्यों करें?

आपके विद्यार्थी पाठ में पूरी तरह संलग्न हों और सक्रिय रूप से इसमें भाग लें, इसके लिए आपका यह विचार हो सकता है कि उन्हें हमेशा ही करके सीखना चाहिए। निश्चित रूप से विद्यार्थियों को विज्ञान में प्रायोगिक कार्य स्वयं करने का अवसर दिया जाना चाहिए। इससे उन्हें उपकरणों को संभालने और उनका उपयोग करने का कौशल विकसित करने, निर्णय लेने, आँकड़े एकत्र करने और वे जो कर व सीख रहे हैं उसके बारे में सक्रिय रूप से सोचने का अवसर मिलता है।

प्रयोग प्रदर्शन, सीखने की क्रिया में उद्देश्यपूर्ण सहभागिता के लिए उपयोगी अवसर प्रदान करते हैं, जिससे पाठ्यपुस्तक में दी गई अवधारणाओं की समझ में वृद्धि की जा सकती है। विज्ञान के शिक्षकों का यह तर्क है कि ‘विद्यार्थी के सीखने की क्रिया में एक महत्वपूर्ण प्रकरण बन सकने वाले किसी रोचक विषयवस्तु कभी-कभी अविस्मरणीय, प्रयोग प्रदर्शन’ की संभावना हमेशा रहती है (वेलिंगटन एवं आयरसन, 2012)।

विचार के लिए रुकें

  • विद्यार्थियों को उनका प्रायोगिक कार्य स्वयं करने देने की बजाय प्रयोग प्रदर्शन को चुनने के पीछे आपके पास क्या कारण हो सकते हैं?
  • कक्षा के प्रायोगिक कार्य तथा आप जो प्रयोग प्रदर्शन कर चुके हैं या करते हैं उनके बारे में सोचें। आपके विचार में, विद्यार्थियों के लिए प्रत्येक से क्या लाभ हैं?

प्रयोग प्रदर्शन से एक साझा अनुभव मिलता है, जिससे आप अपने विद्यार्थियों का ध्यान ऐसे कुछ विशेष पहलुओं पर केंद्रित करवा सकते हैं, जो हो सकता है कि उनसे छूट जाते। आप अपनी व्याख्याओं के समर्थन के लिए और विद्यार्थियों की समझ को सहारा देने के लिए प्रयोग प्रदर्शनों का उपयोग कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, भोजन के विषय में पढ़ाते समय प्रयोग प्रदर्शन से विद्यार्थी यह प्रेक्षण प्राप्त कर सकते हैं कि भोजन के पकते समय उसमें कैसे बदलाव होते हैं?

विद्यार्थी अपना प्रायोगिक कार्य स्वयं क्यों नहीं कर सकते? इसके कई कारण भी हैं। उदाहरण के लिए, विद्यार्थियों की संख्या बहुत अधिक होने पर, संभव है कि पर्याप्त समय, स्थान व संसाधन उपलब्ध न हों। एक शिक्षक के तौर पर, आपको अपने पेशेवर ज्ञान का उपयोग यह निर्णय लेने के लिए यह करना है कि प्रयोग प्रदर्शन का उपयोग करना कब उपयुक्त रहेगा? शिक्षक के तौर पर आपके लिए सबसे आसान क्या है? यह देखने के वजाय आपको अपने विद्यार्थियों के सीख के आधार पर निर्णय को उचित ठहराना होगा। सभी प्रक्रियाएं और परिघटनाएं कक्षा में किए जाने वाले प्रयोग प्रदर्शनों के लिए उपयुक्त हों, ऐसा नहीं है। कुछ इतनी जटिल या लंबी हो सकती हैं कि कक्षा में उन्हें करना व्यावहारिक न हो।

आपके विद्यार्थियों के लिए, प्रयोग प्रदर्शन में ‘कक्षा के प्रयोग की तुलना में बेहतर होने, अधिक दृश्य होने, अधिक स्पष्ट होने और अधिक प्रभावी होने’ का सार्मथ्य है। (वेलिंगटन एवं आयरसन, 2012, पृ. 165). परन्तु इसका अर्थ यह भी हो सकता है कि विद्यार्थी कम सक्रिय रूप से संलग्न हों, ज्यादा कुछ नहीं सीखें और बोर हो जाएं। तो, प्रश्न यह उठता है कि एक शिक्षक होने के नाते आप विद्यार्थियों की सहभागिता को अधिकतम कैसे कर सकते हैं? उनकी सीख को सहारा कैसे दे सकते हैं? और उनमें रुचि जागृत कैसे कर सकते हैं?

आंशिक रूप से इस प्रश्न का उत्तर यह सुनिश्चित करना है कि आप प्रयोग प्रदर्शन के उद्देश्य के बारे में स्पष्ट हों और जानते हों कि आप उसके ज़रिए क्या उपलब्ध करना चाहते हैं?

प्रयोग प्रदर्शनों के कई संभव उद्देश्य हैं। इन्हें तीन मुख्य प्रकारों में श्रेणीबद्ध किया जा सकता है–

  • किसी परिघटना, अवधारणा, नियम, सिद्धांत या प्रक्रिया को उदाहरण देकर स्पष्ट करना
  • शिक्षण से पहले विद्यार्थियों को प्रेरित और उद्दीप्त करना तथा उनमें उत्सुकता जागृत करना
  • विद्यार्थियों को अपने मौजूदा विचार व्यक्त करने में और उनकी खोज करने में मदद करना।

ये सभी महत्वपूर्ण हैं और किसी एक अकेले प्रयोग प्रदर्शन से एक से अधिक उद्देश्यों की पूर्ति की जा सकती है। प्रयोग प्रदर्शन के उद्देश्य से आपके द्वारा योजना बनाने और प्रयोग प्रदर्शन के संचालन के तरीके पर असर पड़ेगा।

केस स्टडी 1: भोजन पकाना

भोजन एक ऐसा विषय है, जिसमें विद्यार्थियों को रुचि होती है। यह उनके दिन-प्रतिदिन के जीवन का हिस्सा है और उनकी सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण भाग है। भोजन के विषय को पढ़ाने की क्रिया को विद्यार्थियों के अनुभव तथा उनके भावी जीवन के साथ जोड़ना अपेक्षाकृत आसान है। घर के प्रसंग में छोटे विद्यार्थियों को भोजन से परिचित कराया जा सकता है। इस केस स्टडी में, श्रीमती शहनाज़ भोजन पकाते समय उसमें होने वाले बदलावों के बारे में छोटे विद्यार्थियों की कक्षा को पढ़ाती हैं।

मैंने उनमें रुचि जागृत करने के लिए तथा वे ज्यादा ध्यान से अवलोकन करें, इसके लिए विभिन्न खाद्य पदार्थों जैसे– चावल, पालक, रोटी और सब्जियों को पकाने का एक प्रयोग प्रदर्शन किया। सबसे पहले मैंने खाद्य-पदार्थों को पकाने से पहले विद्यार्थियों से कहा कि उन्हें देखें और उनका वर्णन करें। उन्होंने जो शब्द इस्तेमाल किए, उन्हें मैंने ब्लैकबोर्ड पर लिख दिया। भोजन पकाने के प्रयोग प्रदर्शन के दौरान, मैंने विद्यार्थियों से प्रश्न पूछे ताकि उनका ध्यान केंद्रित रहे और उनकी रुचि बनी रहे। साथ ही मैंने कमज़ोर नज़र वाले विद्यार्थियों को खाद्य पदार्थ छू कर महसूस करने दिए उन्होंने उन चीजों के वर्णन में कुछ अलग शब्द बताए, जिन्हें मैंने ब्लैकबोर्ड पर लिख दिया।

यह मेरे पाठ का एक अंश है:

श्रीमती शहनाज़         चावल को पकाने से पहले वह कैसा है?

विद्यार्थियों ने वर्णनकारी शब्द दिए और मैंने वे शब्द ब्लैकबोर्ड पर लिख दिए। मैंने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया कि वे रंग, आकृति और सतही बनावट पर विचार करें और प्रश्नों के उपयोग से उन्हें खाद्य-पदार्थों को नज़दीक से देखने को प्रेरित किया उदाहरण के लिए–

श्रीमती शहनाज़          यह किस रंग का है?

विद्यार्थी                 सफेद।

श्रीमती शहनाज़          क्या यह ऐसा सफेद है? (मैंने एक सफेद वस्तु की ओर इशारा किया।)

विद्यार्थी                 नहीं, यह उससे कुछ भूरा है।

श्रीमती शहनाज़          बहुत अच्छे। चलो देखते हैं कि चावल के उबलने पर क्या होता है। (मैंने उबलते हुए पानी में चावल डाले।) आपके विचार में क्या होगा?

विद्यार्थी                यह और ज्यादा सफेद हो जाएगा।

श्रीमती शहनाज़         तुम्हें कैसे पता?

विद्यार्थी                  मेरी मां घर पर चावल पकाती हैं, मैंने देखा है।

श्रीमती शहनाज़ जिन-जिन विद्यार्थियों को चावल खाना पसंद है, वे हाथ उठाएं।

सभी विद्यार्थी अपने-अपने हाथ उठाते हैं।

श्रीमती शहनाज़          किस-किसको कच्चे चावल खाना पसंद है?

सभी विद्यार्थी अपने हाथ नीचे कर लेते हैं। वे हँसते हैं और अजीब-अजीब चेहरे बनाते हैं, मतलब कि वे बताते हैं कि ऐसा करना मूर्खतापूर्ण होगा।

श्रीमती शहनाज़          जब तक चावल पक रहे हैं, हम पालक को देखेंगे। पालक पकने से पहले कैसा है?

मैंने एक कटोरे में पालक रख दिया और विद्यार्थियों ने प्रश्न का उत्तर दिया। मैंने उनके उत्तरों को ब्लेकबोर्ड पर लिख दिया।

श्रीमती शहनाज़          किस-किसने पका हुआ पालक खाया है? जब वह पक जाता है तो क्या होता है?

विद्यार्थियों ने घर के अपने अनुभव के आधार पर अपनी-अपनी जानकारी के बारे में बताया। मैंने पालक को पकाया और विद्यार्थियों ने एकाग्रचित्त हो कर उसे बदलते हुए देखा। जो हो रहा था उस पर उनका ध्यान केंद्रित रखने के लिए मैंने उनसे कुछ प्रश्न पूछे, जैसे –

  • ‘पालक बदल क्यों गया?’
  • ‘चावल कैसे बदले?’
  • ‘भोजन को बदलने वाली चीज़ क्या है?’
  • ‘किस खाद्य-पदार्थ में सबसे ज्यादा बदलाव आया?’

  • ‘हम खाना क्यों पकाते हैं?’

वीडियो: चिंतन को बढ़ावा देने के लिए प्रश्न पूछने का उपयोग करना

आपके लिए इस समय संसाधन 1, ‘सोचने की क्रिया को बढ़ावा देने के लिए प्रश्न पूछना’ पर नज़र डालना उपयोगी सिद्ध हो सकता है।

विचार के लिए रुकें

  • श्रीमती शहनाज़ के प्रयोग प्रदर्शन के बारे में सोचें। उसके उद्देश्य क्या थे? उन्हें प्राप्त करने के लिए उन्होंने क्या किया?
  • विद्यार्थी किस प्रकार संलग्न थे?
  • आपके विचार में विद्यार्थियों ने प्रयोग प्रदर्शन से ऐसा क्या सीखा? जो वे तब नहीं सीख पाते यदि श्रीमती शहनाज़ केवल पाठ्य-पुस्तक पर निर्भर रही होतीं?

यह उपागम क्यों महत्वपूर्ण है

2 विद्यार्थियों की संलग्नता और सीखने की क्रिया