3 प्रयोग प्रदर्शनों का प्रबंध करना

श्रीमती मोहंती को अपना प्रयोग प्रदर्शन करते समय संसाधनों और विद्यार्थियों का प्रबंधन करना पड़ा था। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि प्रत्येक विद्यार्थी प्रयोग प्रदर्शन देख पाए। अपने विद्यार्थियों को प्रयोग प्रदर्शन के ईद-गिर्द इकट्ठा करने का मतलब यह होगा कि कुछ विद्यार्थी उसे देख नहीं पाएंगे, अतः आपको इस बारे में सोचना होगा कि उनका कितना नजदीक होना ज़रूरी है। यह जांचना होगा कि सभी विद्यार्थी शामिल हों। कक्षा में पीछे बैठे वंचित या वर्जित किए जा रहे, हाशिये पर धकेल दिए गए समूहों के विद्यार्थियों को अनदेखा करना आसान है। यह सुनिश्चित करना आपका दायित्व है कि ऐसा न हो। श्रीमती मोहंती ने सुनिश्चित किया कि कमज़ोर विद्यार्थी सबसे आगे रहें। उन्होंने उनको भी शामिल किया, जिन्हें सीखने में कठिनाई होती थी। विद्यार्थियों को आगे बैठाया गया, ताकि वे उन्हें मदद दे सकें। आपको विद्यार्थियों की सुविधा पर भी ध्यान देना होगा। लंबे प्रयोग प्रदर्शनों के लिए, विद्यार्थियों को बैठा देना ज्यादा बेहतर है, क्योंकि असुविधाजनक स्थिति में ध्यान केंद्रित करना कठिन होता है। कुछ स्थितियों में, विद्यार्थी खड़े रह सकते हैं। सभी मामलों में, आपको यह अवश्य सुनिश्चित करना चाहिए कि विद्यार्थी सुरक्षित रहते हुए देख सकते हों और आवश्यक सावधानियां बरत सकते हों। बड़ी कक्षाओं में, आप चाहें तो दो बार प्रयोग प्रदर्शन कर सकते हैं, ताकि आप जो कर रहे हैं और जो घटित रहा है उसे देखने का सर्वोत्तम का हर किसी को मिले।

जब आप प्रयोग प्रदर्शन करें, तो आपको समझाते जाना चाहिए कि आप क्या कर रहे हैं। मेज को अस्त-व्यस्त किए बिना, प्रयोग प्रदर्शन को व्यवस्थित ढंग से संचालित करना महत्वपूर्ण है। अव्यवस्थता न ध्यान भंग करती है, बल्कि यदि आपके विद्यार्थियों को क्रियाकलाप स्वयं करना हो, तो उस मामले में उनके सामने बुरा उदाहरण। महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने विद्यार्थियों का ध्यान आकर्षित करना सुनिश्चित करें जैसे कि दिखाई देने या महसूस कर सकने वाला परिवर्तन या कोई प्रस्तुत सावधानी जिसे बरतना आवश्यक हो।

प्रश्न पूछने से आपको विद्यार्थियों में रुचि जागृत करने और उनकी समझ को विकसित करने में मदद मिलेगी (देखें संसाधन 1, ‘सोचने की क्रिया को बढ़ावा देने के लिए प्रश्न पूछना’)। प्रयोग प्रदर्शन के दौरान ब्लैकबोर्ड का उपयोग कुशलता से करना भी महत्वपूर्ण है। आप उसका उपयोग करके प्रक्रिया के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाल सकते हैं, प्रेक्षण लिख सकते हैं और विद्यार्थियों के उत्तर लिख सकते हैं। ब्लैकबोर्ड पर अपने उत्तर देखने से विद्यार्थी प्रेरित होंगे और पाठ में उनकी रुचि लगातार बनी रहेगी।

विचार के लिए रुकें

  • इस बात का क्या प्रमाण था कि श्रीमती शहनाज़ और श्रीमती मोहंती अपने विद्यार्थियों में ध्यान और रुचि बनाए रखने में सफल हुईं?

विद्यार्थियों से उनके घर के अनुभव के बारे में पूछना, वे क्या महसूस करते और सोचते हैं? इस बारे में पूछना, और उनके प्रेक्षण को केंद्रित करना, ये सभी उनकी रुचि हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण तरीके हैं। आपके विद्यार्थियों का प्रतिक्रिया देने का तरीका भी आपको यह बताता है कि वे रुचि ले रहे हैं या नहीं। ऊब गये विद्यार्थियों द्वारा अभद्रता की जाने की संभावना, रुचि ले रहे विद्यार्थियों की तुलना में अधिक होती है। एकाग्रचित्त विद्यार्थी ध्यान लगाने में शांत रहेंगे, परन्तु प्रश्नों का उत्तर देते समय बातचीत अधिक हो सकती है। रुचि नहीं ले रहे विद्यार्थी प्रश्न पूछने या उत्तरों में योगदान देने के लिए प्रेरित नहीं होंगे।

गतिविधि 1: कक्षा में किए जाने वाले प्रयोग प्रदर्शन की योजना बनाना

अपने प्रयोग प्रदर्शनों की योजना ध्यानपूर्वक बननाने से उनकी सफलता की संभावना भी बढ़ेगी। श्रीमती मोहंती की योजना (संसाधन 2) एक मार्गदर्शक के रूप में, आपको स्वयं प्रयोग प्रदर्शन की योजना बनाने और चरणों के बारे में सोचने में मदद करेगी। जब आप योजना बनाएं उसमें प्रयोग प्रदर्शन के अधिगम उद्देश्यों को शामिल करें:

  • प्रयोग प्रदर्शन से आप क्या हासिल करवाना चाहते हैं?
  • आप प्रयोग प्रदर्शन का परिचय कैसे देंगे?
  • आवश्यक उपकरण और सामग्रियां
  • प्रयोग प्रदर्शन करते समय आप जो चरण संचालित करेंगे
  • वे मुख्य प्रश्न जो आप प्रत्येक चरण में पूछ सकते हैं
  • आप विद्यार्थियों को किस प्रकार व्यवस्थित करेंगे, ताकि सभी देख सकें?
  • विशेष शैक्षिक आवश्यकताओं वाले विद्यार्थियों की मदद आप कैसे करेंगे?
  • मुख्य सीख बिंदुओं को स्पष्ट करने के लिएए कोई शिक्षण सहायक सामग्री जैसे चार्ट, चित्र एवं मॉडल
  • वे सुरक्षा सावधानियां जो आप बरतेंगे
  • प्रयोग प्रदर्शन के प्रत्येक चरण में विद्यार्थिययों को संलग्न करने के तरीके
  • आपके विद्यार्थियों ने क्या सीखा है, आप यह कैसे जानेंगे।

अपनी योजना और पूछे जाने वाले प्रश्न लिख लें,, जिससे प्रयोग के लिए वे आपके पास तैयार हों। यदि आपके स्कूल में कोई और विज्ञान शिक्षक हो तो अपनी योजनाएं उनके साथ साझा करें, ताकि आपके पास जो भी प्रश्न हों उनका स्पष्टीकरण पाने में आपको मदद मिले।

वीडियो: पाठों की कार्ययोजना बनाना

यदि आप चाहते हैं कि आपके विद्यार्थी अपना असली सामर्थ्य हासिल करें, तो अच्छे ढंग से योजना बनाना आपके लिए अति महत्वपूर्ण है। जब आप प्रयोग प्रदर्शनों की योजना बनाने में और सिखाने के उद्देश्यों की पहचान करने में अधिक पारंगत हो जाएंगे, तो यह प्रक्रिया और भी तेजी से हो जाएगी। कभी-कभी किसी सामान्य प्रयोग प्रदर्शन को पहले स्वयं करके उसका अभ्यास कर लेना उपयोगी रहता है। योजना बनाने और प्रक्रिया को बेहतर ढंग से समझने में मदद पाने के लिए, संसाधन 3, ‘पाठों की योजना बनाना’ पढ़ें।

गतिविधि 2: प्रयोग प्रदर्शन का अभ्ययास करना

किसी अवधारणा या प्रक्रिया का प्रयोग प्रदर्शन करने के दौरान प्रश्न पूछने की उपयोगी तकनीकों और उपयुक्त व्याख्याओं का संयोजन तैयार करना सर्वाधिक चुनौतिपूर्ण कार्यों में से एक कार्य है।

इन कौशलों का संयोजन तैयार करने में अपना आत्मविश्वास बढ़ाने का एक मजेदार तरीका यह है कि अपेक्षाकृत आप घर पर किसी अधिक परिचित कार्य में उनका अनौपचारिक अभ्यास करें।

  1. प्रयोग प्रदर्शन का अभ्यास करने के लिए कोई उपयुक्त क्रियाकलाप चुनें। आप आरंभ में किसी बेहद आसान कार्य का प्रयोग प्रदर्शन कर सकते हैं जैसे कमरे में झाड़ू लगाना या किसी फल विशेष को छीलना, और बाद में अधिक जटिल क्रियाकलापों पर पहुंच सकते हैं, जैसे रोटी बनाना, कोई व्यंजन बनाना, सायकिल के पंक्चर को ठीक करना, और फिर खाद्य-परीक्षण प्रयोग प्रदर्शन करना। थोड़े से दर्शकों, जैसे अपने परिजनों के सामने प्रयोग प्रदर्शन करने की कोशिश करें।
  2. अपनी ज़रूरत के उपकरण और सामग्रियां इकट्ठी कर लें।
  3. जोर से बोलते हुए, समझाएं कि आप क्या करने जा रहे हैं और उससे आप क्या सिखाना चाहते हैं।
  4. प्रक्रिया के बारे में आपका दर्शक वर्ग काल्पनिक हो, चाहे वास्तविक पहले से क्या जानता है? यह निश्चित कररने के लिए कुछ प्रारंभिक प्रश्न पूछें।
  5. प्रयोग प्रदर्शन करें, आवश्यकतानुसार स्पष्टीकरण दें तथा समझ को जांचने के लिए प्रश्न पूछें। आवश्यक तो सावधानियों का उल्लेख करें।
  6. मुख्य बिंदुओं को संक्षेप में दोहरा कर या अपने दर्शक वर्ग को ऐसा करने के लिए कह कर प्रयोग प्रदर्शन समाप्तत करें।
  7. अंत में, यदि उपलब्ध हो तो, फ़ीडबैक लें। आपके प्रयोग प्रदर्शन किस तरह से अच्छे गए और आप क्या सुधार कर सकते हैं? उसे लिख लें।

सुरक्षित परिवेश में प्रयोग प्रदर्शन आज़मा लेने के बाद अब समय है कि आप अपना पाठ पढ़ाएं।

गतिविधि 3: अपने शिक्षण में प्रयोग प्रदर्शन का उपयोग करना

अब आप अपनी कक्षा को अपना पाठ पढ़ाने जा रहे हैं।

पढ़ाने वाले दिन यह जांचें कि आपके पास जरूरत के सभी उपकरण और सामग्रियां उपलब्ध हों। यदि समय बचाने के लिए आवश्यक हो तो आप रसायन पहले से तैयार कर सकते हैं।

विषय का परिचय दें, पहले जो पढ़ाया जा चुका है, उससे विषय को जोड़ें तथा विद्यार्थियों से प्रश्न पूछ कर विषय का उनका पूर्व-ज्ञान सुनिश्चित करें। कक्षा को प्रयोग प्रदर्शन का उद्देश्य समझाएं।

जब आप प्रयोग प्रदर्शन करें उस समय तो मुख्य बिंदु समझाते जाएं, जांचें कि विद्यार्थी उन्हें समझ गए और उन्हें आपसे प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करें। जहां प्रासंगिक हो वहां उन्हें पीओई से संलग्न करें।

प्रयोग प्रदर्शन पूरा कर लेने के बाद, निम्नांकित प्रश्नों पर सोचें और नोटस बनाएं.

  • प्रयोग प्रदर्शन की तैयारी करने में आपको कितना समय लगा? आपके अन्य पाठों की तुलना में यह कहां ठहरता है जिनकी विषय-वस्तु मुख्यतःपाठ्य-पुस्तक पर आधारित है?
  • क्या आपको प्रयोग प्रदर्शन का अभ्यास करना उपयोगी जान पड़ा? आपके लिए यह कितना व्यावहारिक है?
  • आपके प्रयोग प्रदर्शन में क्या चीजें अच्छी गईं?
  • विद्यार्थियों ने आपके प्रयोग प्रदर्शन पर किस प्रकार प्रतिक्रिया दी?
  • आपके विचार में विद्यार्थियों ने प्रयोग प्रदर्शन से क्या सीखा? आप यह कैसे जानते हैं?

क्या सुधारा जा सकता है? तथा आप उसमें क्या बदलाव करेंगे?

प्रयोग प्रदर्शन एक ऐसी युक्ति है, जिसका उपयोग विज्ञान के कई प्रकरणों या उपविषयों के शिक्षण में और कई परिस्थितियों या प्रसंगों में किया जा सकता है। प्रयोग प्रदर्शन को सभी आयु के विद्यार्थियों, बहुत छोटों से लेकर वयस्कों तक के साथ प्रयोग किया जा सकता है। पीओई तकनीक तब विशेष रूप से उपयोगी होती है, जब आप चुनौतीपूर्ण अवधारणाएं, जैसे बल, विद्युत, प्रकाश संश्लेषण या दाब आदि पढ़ा रहे होते हैं। प्रयोग प्रदर्शन और पीओई का उपयोग करने से, आप पता लगा सकते हैं कि विज्ञान की इन अवधारणाओं के बारे में आपके विद्यार्थी पहले से क्या जानते हैं? और आप उन्हें ऐसा अनुभव दे सकते हैं जो उनके मन में संभवतः मौजूद अवैज्ञानिक विचारों को विस्तारित करेगा या उन्हें चुनौती देगा।

2 विद्यार्थियों की संलग्नता और सीखने की क्रिया

4 सारांश