2 प्रश्नों को पूछने के तरीके

जब आप प्रश्न पूछते हैं, तो क्या सभी विद्यार्थी प्रश्नों के बारे में सोचते हैं? आपको कैसे पता? आप किस तरह से सभी विद्यार्थियों को अधिक भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं?

शोध दर्शाते हैं कि बहुत से शिक्षक उत्तर देने के लिए कहने से पहले विद्यार्थियों को केवल एक सेकेंड का समय प्रदान करते हैं। क्या आप विद्यार्थियों को अपने उत्तरों के बारे में सोचने के लिए समय प्रदान करते हैं? शिक्षक भी अक्सर उन्हीं विद्यार्थियों से प्रश्नों का उत्तर देने के लिए कहते हैं, जिन्होंने अपने हाथ पहले से उठा रखे होते हैं। पाठ चलता रह सकता है। लेकिन, किसी को उत्तर देने के लिए कहने से पहले मात्र कुछ और सेकेंड तक इंतज़ार करने से आप निम्नलिखित में वृद्धि को देखेंगेः

  • विद्यार्थी के उत्तरों की लंबाई
  • उत्तर देने वाले विद्यार्थियों की संख्या
  • विद्यार्थी के प्रश्नों की आवृत्ति
  • कम सक्षम विद्यार्थियों के पास से उत्तरों की संख्या
  • विद्यार्थियों के बीच सकारात्मक संवाद।

अगली गतिविधि आपसे यह देखने के लिए अपने अगले सत्र में इन प्रविधियों में से कुछ को आजमाने के लिए कहती है कि क्या यह आपके साथ होता है?

गतिविधि 2: चिंतन के समय में वृद्धि करना

बलों या किसी अन्य विषय पर अपने अगले पाठ की योजना बनाना और उन प्रश्नों के बारे में सोचना, जिन्हें कि आप पूछना चाहते हैं?

उन प्रश्नों की सूची बनायें जिन्हें कि आप पूछ सकते हैं? नीचे दिये गये प्रश्न इस बात का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं कि आप जिस तरह से अपने प्रश्नों को बनाते हैं, उसमें छोटा सा बदलाव किस प्रकार से इस बात को संभव बनाता है कि आपके विद्यार्थी बोलने से पहले सोचने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

  • अगर मेज के साथ-साथ आप इस ईंट को खींचते हैं, तो आपके विचार में क्या होगा?
  • अगर आप जोर से खींचते हैं, तो क्या होता है?
  • अगर हम कंक्रीट के खेल के मैदान में ईंट को रखते हैं और हम धक्का देते हैं, तो क्या घटित हो सकता है? क्या यह वही रहेगी? अगर, हां तो क्यों? अगर नहीं, तो क्यों?

इसके पहले कि आप विद्यार्थियों से उत्तर देने के लिए कहें, आपको उन्हें सोचने के लिए समय देना चाहिए। इसके बाद, जब आपकी अपनी कक्षा को पढ़ाते हैं तो हर बार जब आप प्रश्न पूछते हैं, तो स्वयं को थोड़ा अधिक समय तक रुकने की याद दिलायें और देखें कि क्या होता है? हो सकता है कि आप ज्यादा अल्प-भाषी विद्यार्थियों को संक्षिप्त पूरक प्रश्न पूछकर और अधिक सोचने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपने पूछा है ‘अगर आप लट्ठे को ज्यादा ज़ोर से धक्का देते हैं, तो आपके विचार में क्या होगा?’, कुछ सेकेंड के बाद आप पूछ सकते हैं ‘उस दशा में लट्ठे की गति का क्या होगी? जबकि आप उसे और जोर से धक्का देते हैं?’ इस प्रकार के अन्य प्रश्नों के बारे में सोचें, जिनका कि आप उपयोग कर सकते हैं।

पाठ के बाद, प्रश्नों के अपने नये उपयोग पर विद्यार्थीयों की प्रतिक्रिया के बारे में सोचने के लिए समय निकालें। विद्यार्थियों से मिले महत्वपूर्ण उत्तरों और प्रतिक्रियाओं को रिकार्ड कर लें।

विचार के लिए रुकें

यह हो सकता है कि आपके अधिकतर विद्यार्थी आपके द्वारा किये गये सूक्षम परिवर्तनों से अवगत न हों, लेकिन इसका क्या प्रभाव पड़ा है? प्रश्न पूछने का प्रबंध आपने कितनी अच्छी तरह से किया है? क्या आप विराम देने और उन्हें ज्यादा देर तक सोचने देने में सफल रहे हैं? इसने उनकी भागीदारी को किस प्रकार से प्रभावित किया? पाठ में किसने भाग लिया, जवाब दिया या ज्यादा जुड़ाव रहा है?

आप यह कैसे जानते हैं? उन्होंने ऐसा क्या कहा? या किया? जिसकी वजह से आपने सोचा कि विद्यार्थी अधिक रुचि ले रहे हैं?

1 प्रश्न पूछना और सोचना

अपने विद्यार्थियों के चिंतन को विस्तारित करना