2 अपने छात्रों को ऊँची आवाज़ में पढ़कर सुनाना
ऊँची आवाज़ में पुस्तकें पढ़कर सुनाने और ऐसा करते समय पुस्तक के शब्दों पर अपनी ऊँगली रखने से आपके छात्रों को यह समझने में मदद मिलेगी कि छपे हुए शब्दों में अर्थ छिपा होता है। वे सीखेंगे कि किताब किस तरह पकड़ी जाती है और पन्ने कैसे पलटे जाते हैं तथा किस प्रकार पाठ शुरू से अंत तक, बाएँ से दाएँ और ऊपर से नीचे तक एक क्रम में होता है।
जब आप पढ़ने की अच्छी पद्धतियों का नमूना देंगे, तो आपके छात्र आपकी नकल करेंगे। वे पुस्तकों को खुद ‘पढ़ने’ की कोशिश करेंगे, जिसमें वे कभी-कभी अपनी याददाश्त से कहानी के शब्दों को याद करेंगे, कभी चित्रों से संकेत लेंगे और कभी-कभार अपने अनुभव और कल्पना के आधार पर खुद ही कहानी बना लेंगे। ये सभी इस बात को प्रोत्साहित करने वाले संकेत हैं कि उनमें अच्छी पठन पद्धतियों का विकास हो रहा है, इसलिए जब वे ऐसा करते हैं, तो उन पर अवश्य ध्यान दें और उन्हें प्रोत्साहित करें।
केस स्टडी 3: एक पठन रोल मॉडल
सुश्री सरोज बिहार में एक प्राथमिक शिक्षिका हैं। यहाँ वे बता रही हैं कि किस तरह वे अपने छोटे छात्रों के लिए एक पठन रोल मॉडल बनने का प्रयास करती हैं।
चाहे कोई कविता हो या लघुकथा, उसे मैं हर दिन अपने छात्रों को ऊँची आवाज़ में पढ़कर सुनाती हूँ। मैं बहुत सावधानी से किताब खोलती हूँ, ध्यानपूर्वक पृष्ठ पलटती हूँ, कोई कविता या कहानी चुनती हूँ। और अभिव्यक्ति के साथ इसे पढ़ती हूँ ऐसा करते समय पाठ पर अपनी ऊँगली घुमाती जाती हूँ और साथ बने चित्र अपने छात्रों को दिखाती हूँ। अक्सर मैं अलग अलग अवसरों पर एक ही कविता या कहानी एक से ज्यादा बार पढ़ती हूँ।
जब से मैं ऐसे करती आ रही हूँ, मैंने देखा है कि मेरे छोटे छात्र भी किताब को ध्यानपूर्वक संभालने लगे हैं, वे उसे सही तरीके से पकड़ते हैं, एक-एक करके पृष्ठ पलटते हैं, चित्रों को ध्यान से देखते हैं और कभी-कभी शब्दों के नीचे ऊँगली फिराते हैं। बारी-बारी से उनका अवलोकन करके - उनमें से कौन चित्र देख रहा है, पढ़ने का दिखावा कर रहा है, पढ़ने की कोशिश कर रहा है अथवा अधिकांश या सभी शब्द पढ़ रहा है, इस पर ध्यान देकर - मैं इस कौशल के विकास में उनमें से हर एक की प्रगति की निगरानी कर सकती हूँ।
गतिविधि 3: अपने छात्रों को ऊँची आवाज़ में पढ़कर सुनाना
स्थिति अध्ययन 3 और संसाधन 2 का उपयोग सन्दर्भ के रूप में करके, अपने छात्रों को ऊँची आवाज़ में पढ़कर सुनाने के एक सत्र की योजना बनाएँ, उसे लागू करें और उसका मूल्यांकन करें। यदि संभव हो, तो एक सहकर्मी के साथ अपने विचारों और निष्कर्षों पर चर्चा करें।
अगले अनुभाग में कुछ ऐसी रणनीतियों का वर्णन किया गया है, जिनका उपयोग आपके छोटे छात्र उनके प्रारंभिक पठन में कर सकते हैं।
1 पढ़ने की शुरुआत – ‘कौन?’, ‘क्या?’, ‘कहाँ?’, ‘क्यों?