3 योजना बनाना और खोजों को क्रियान्वित करना

आपकी खोज का कोई भी उद्देश्य हो, यदि आप चाहते हैं कि वह सफल हो, तो इसे पहले से योजनाबद्ध करने की आवश्यकता है। आप श्री शर्मा की योजना को संसाधन 3 में देख सकते हैं। आपको अपने छात्रों को एक खोज के लिये तैयार करने की और उनकी योजना बनाने में सहायता करने की भी आवश्यकता होगी।

गतिविधि 1: एक प्रयोगात्मक खोज की योजना बनाना

संसाधन 3 खोज की कुछ ऐसी योजनायें प्रदान करता है, जिन्हें आप बदलाव के सन्दर्भ में क्रियान्वित कर सकते हैं। आप जिस विषय पर पढ़ा रहे हैं, उस पर भी खोज की योजना बना सकते हैं। आपकी योजना आपके छात्रों की आयु और योग्यता के लिये उपयुक्त होनी आवश्यक होगी। निम्नलिखित योजना बनाने के चरण उन चरणों के लिये एक मार्गदर्शक प्रदान करते हैं, जो आपके लिये करने आवश्यक हैं –

  1. खोज का क्या उद्देश्य है?
  2. इस खोज को करके आप क्या चाहते हैं कि छात्र सीखें ?
  3. कौनसे उपकरणों और सामग्रियों की आपको आवश्यकता पड़ेगी ?
  4. कौनसी सुरक्षा आशंकाओं को ध्यान में रखने की आवश्यकता है ? आप कौनसी सावधानियों का पालन करेंगे ?
  5. आप खोज का परिचय कैसे कराएँगे ?
  6. आप छात्रों को कैसे यह समझने में सहायता करेंगे कि उन्हें क्या करना है ?
  7. छात्र कैसे काम करेंगे ? समूहों में ? जोड़ियों में ?
  8. जैसे – जैसे खोज अग्रसर होता है ? छात्रों को कौनसे रिकार्डस बनाने की आवश्यकता होगी ?
  9. उनके काम करने के दौरान आप कौनसे प्रश्न पूछ सकते हैं ?
  10. खोज के पश्चात अपने छात्रों को उन्होंने जो सीखा है, उसकी समीक्षा करने में सहायता करने के लिये आप क्या करेंगे ?

वीडियो: पाठों का नियोजन करना

विचार के लिए रुकें

  • अपने विद्यार्थियों के साथ एक खोज करने के बारे में आप कैसा अनुभव करते हैं? रोमांचित? या चिन्तित? ऐसा क्यों है?

यदि इसमें आपने पहले एक भी अनुभव नहीं किया हो, तो विद्यार्थियों द्वारा खोज का संचालन करना थोड़ा चुनौतीपूर्ण लग सकता है। यद्यपि, आपके विद्यार्थियों का उत्साह और व्यस्तता आपकी तैयारी के लिये एक पुरस्कार होगा। यदि आपके पास एक बड़ी कक्षा है, तो आपको इस सम्बन्ध में भिन्नता से सोचना पड़ सकता है कि आप आपने विद्यार्थियों के साथ किस प्रकार से कार्य करें? जिससे वे अनुभव में से सबसे अधिक प्राप्त कर सकें। समूहों का प्रयोग लाभकारी हो सकता है और शायद कक्षा को दो भागों में बाँटना और एक पाठ में आधे के साथ और दूसरे पाठ में अगले आधे के साथ काम करना आपको विद्यार्थियों के साथ पास आकर काम करने का अवसर देगा। यह सबसे अधिक लाभदायक उन विद्यार्थियों के लिये हो सकता है, जिन्हें अपने सीखने के समबन्ध में अधिक सहायता की आवश्यकता है। एक बार आपने इस प्रकार पढ़ा लिया, तो आप पायेंगे कि कम संवादात्मक उपागम एक शिक्षक के रूप में आपके लिये संतोषप्रद नहीं है। अपनी खोज प्रारंभ करने से पहले केस स्टडी 3 पढ़ लें।

केस स्टडी 3: उत्क्रमणीय बदलाव की खोज करना

श्रीमती बीना शर्मा कहती हैं कि उत्क्रमणीय बदलाव के सम्बन्ध में शिक्षण के भाग के रूप में उन्होंने कैसे एक खोज का प्रयोग किया।

मैं चाहती थी कि विद्यार्थी उत्क्रमणीय बदलावों की खोज करें। वे जिन बदलावों की खोज कर सकते थे उनके सम्बन्ध में मेरे पास बहुत सारी योजनायें थीं, लेकिन उन सभी को क्रियान्वित करने में उनका बहुत सारा समय लग जाता। अत:, मैंने उन्हें चार के छोटे समूहों में काम कराने का निश्चय किया और उन्हें खोज करने के लिये बदलावों की एक सूची दी।

  • मैंने उन्हें बताया कि मुझे कुछ रोटियाँ बनाने की आवश्यकता है, लेकिन आटे में कंकड़ी थी।
  • मैंने कहा कि मुझे थोडा–सा नमक चाहिये, लेकिन मैंने उसे पानी में गिरा दिया था।
  • मैंने कहा कि मेरे दीये के लिये मुझे तेल चाहिये था, लेकिन वह पानी के साथ मिला हुआ था।
  • मैंने कहा गर्माहट के लिये मैं कुछ लकड़ियाँ जलाना चाहती थी, लेकिन उसमें में उसे वापस पाना चाहती थी।
  • मैंने पूछा जलाने के बाद क्या मैं अपनी मोमबत्ती वापस पा सकती थी?

‘क्या आप मेरी सहायता कर सकते हैं?’ मैंने पूछा। ‘क्या आप खोज करेंगे और वापस हम रिपोर्ट करेंगे?’ वे बहुत रोमांचित थे और मेरी सहायता करना चाहते थे। प्रत्येक समूह दो खोज चुन सकता था और मैंने निश्चित किया कि कम से कम एक समूह द्वारा सभी किये जायें। उनकी खोज की योजना बनाने में सहायता करने के लिये मैंने उन्हें विचार करने के लिये कुछ प्रश्न दिये। ये इस प्रकार थे–

  • मिश्रण को पृथक करने के लिये आप कैसे प्रयास करेंगे?
  • आपको किस उपकरण की आवश्यकता होगी?
  • आप किस क्रियाविधि का पालन करेंगे?
  • आप क्या प्रेक्षण करेंगे?
  • आप क्या रिकॉर्ड करेंगे?
  • अपने निष्कर्ष परिणामों को आप कैसे रिपोर्ट करेंगे?
  • आपके समूह का प्रत्येक सदस्य क्या करेगा?

मैंने उन्हें बताया कि वे एक विशेषज्ञ वैज्ञानिक जिनका नाम डॉक्टर बहुत जानते हैं उनको सहायता करने के लिये कह सकते हैं। यदि उन्हें इसकी आवश्यकता पड़े। मैंने, डॉक्टर बहुत जानते हैं की भूमिका निभाई और जब उन्होंने बातचीत की और योजना बनाई तब मैंने उन्हें उनकी योजना को लिखने के लिये प्रोत्साहित किया और उन्होंने क्या करने की योजना बनाई है? इसके सम्बन्ध में प्रश्न पूछे।

जब वे तैयार हो गये तब उन्होंने अपनी सामग्रियाँ इकट्ठी कीं और योजनाओं को क्रियान्वित किया। यह निश्चित करने के लिये कि वे सुरक्षित रूप से काम कर रहे हैं और प्रेक्षण कर रहे हैं,

समूहों ने जो विभिन्न उपागम लिये, वह देखना दिलचस्प था। उदाहरण के लिए, एक समूह ने सावधानीपूर्वक तेल को बहा कर तेल और पानी को पृथक किया, जबकि एक अन्य समूह ने पानी को वाष्पित कर देने के लिये उसे गरम किया। एक अन्य समूह ने नमक वाले पानी को एक उथली थाली में धूप में छोड़ दिया, लेकिन एक अन्य समूह ने नमक को छानकर निकालने का प्रयास किया।

अगले सत्र में हमने मिश्रणों को पृथक करने के लिये उन्होंने जिन विधियों का प्रयोग किया था, कौनसे सफलतम थे? और क्यों? कौनसे बदलाव उत्क्रमणीय नहीं थे? और क्यों? पर बात–चीत की। विद्यार्थियों ने मेरे लिये अपने रिपोर्ट्स लिखे। मुझे यह स्पष्ट था कि उन्होंने गतिविधि का आनंद उठाया, क्योंकि उन्होंने अपने कुछ बेहतरीन काम किये थे। मैं बहुत प्रसन्न थी कि मैंने पुस्तक से केवल एक कागज़ और पेंसिल वाला अभ्यास करने के बजाय यह खोज की, क्योंकि इसने वास्तव में उनका ध्यान खींचा था।

विचार के लिए रुकें

  • सारणी 1 का सन्दर्भ दोबारा देखते हुए, विद्यार्थियों को किस प्रकार का खोज (खोज) करने के लिये कहा गया था? आपके विचार से खोज के प्रति श्रीमती बीना के उपागम की सफलता में किसका योगदान था?शिक्षण में आप किन योजनाओं का प्रयोग करेंगे?गतिविधि 1 से अपनी योजना की जाँच करें और यदि चाहें तो उसमें बदलाव लायें।

क्या आपने ध्यान किया कि श्रीमती बीना ने खोज को एक समस्या हल के प्रसंग में स्थित किया? उन्होंने विद्यार्थियों से केवल मिश्रणों को पृथक करने के बारे में खोज करने के लिये नहीं कहा – बल्कि उन्होंने इसे एक ऐसी कहानी का अंश बनाया जिसका एक उद्देश्य था। जब आप अपनी खोज की योजना बनाते हैं, उस प्रसंग के बारे में विचार करें जिसमें उसे स्थित कर सकते हैं। यह एक हल करने के लिये समस्या हो सकती है, जैसे कि समुद्र के पानी से नमक प्राप्त करना अथवा कीलों को जंग लगने देने से बचाना। अथवा आप विद्यार्थियों को वैज्ञानिकों की भूमिका दे सकते हैं जिनका कार्य सिफारिशें करना है – उदाहरण के लिये, कौनसा उष्मारोधी सबसे बढ़िया है

गतिविधि 2: अपने शिक्षण में एक खोज का प्रयोग करना

अब अपनी कक्षा के साथ आप अपनी खोज सम्बंधित पाठ को पढ़ाने जा रहे हैं।

संसाधन 4, ‘पाठों की योजना बनाना’, आपको इस गतिविधि को करने में सहायता देने के लिये परामर्श देता है, और संसाधन 5 खोज के लिये कुछ योजनायें देता है, जिन्हें आप बदलाव के प्रसंग में क्रियान्वित कर सकते हैं। पहले जिस पर चर्चा हो चुकी है, उससे जोड़ते हुए खोज का परिचय दें। कक्षा को खोज के उद्देश्य की व्याख्या दें।

जैसे–जैसे विद्यार्थी खोज पर काम करते रहें, आप कक्षा में घुमते रहें और जाँचे कि वे क्या कर रहे हैं। उनकी विचारों के बारे में पता लगाने के लिये प्रश्न पूछें और उनका सहायता करें। निश्चित करें कि आप उन विद्यार्थियों की सहायता कर रहे हैं, जिन्हें सीखने में अधिक कठिनाई है। इसे आप कई ढंगों से कर सकते हैं, जैसे उदाहरण के लिये, उनकी बात–चीत को सहायता देने के लिये उन्हें समूह में एकत्रित करना और उनके साथ काम करना, अथवा उन्हें एक आसान काम देना।

एक बार जब खोज से सम्बंधित पाठ समाप्त हो चुका हो, तो निम्नलिखित प्रश्नों के बारे में सोचें और नोट्स बनायें–

  • आपके विद्यार्थियों ने किस प्रकार की खोज की?
  • खोज की तैयारी के लिये कौनसी योजना बनाने की आवश्यकता पड़ी?
  • आपके पाठ के साथ क्या अच्छा गया?

  • विद्यार्थियों ने खोज के प्रति कैसी प्रतिक्रिया दिखाई?
  • आपके विचार से खोज को करने से विद्यार्थियों ने क्या सीखा?आप यह कैसे जानते हैं?
  • क्या सुधारा जा सकता है?आप इसे कैसे बदलेंगे?
  • कौनसे विद्यार्थियों ने अच्छा किया और किन्हें अधिक सहायता की आवश्यकता पड़ सकती है? आप यह कैसे जानते हैं?

प्रयोगात्मक खोज प्राथमिक विज्ञान पाठ्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और विज्ञान के सम्बन्ध में सीखने के लिये आधार हैं। इन्हें सभी आयु और विज्ञान के विषयों के लिये प्रयोग किया जा सकता है। ये विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं। वे विद्यार्थियों को सम्मिलित करने के अवसर प्रदान करते हैं। विद्यार्थियों के विज्ञान कौशलों और समझ को बेहतर बनाने के लिये आप अपने शिक्षण में खोज का प्रयोग नियमित रूप से कर सकते हैं।

वीडियो: सभी को शामिल करना

2 खोज के उद्देश्य

4 सारांश