1 स्वयं की समझ

शिक्षक के रूप में आपको उस विषय की अच्छी समझ होनी चाहिए, जिसे कि आप पढ़ा रहे हैं। इसके अलावा आपको इस बात से भी अवगत होना चाहिए कि आपके विद्यार्थियों को अवधारणात्मक रूप से कौन सी चीज़ कठिन लग सकती है और गलतफहमियों के संभावित क्षेत्र कौन से हैं। आप इस बात का पता लगा सकते हैं कि आपके विद्यार्थी आकलन की विभिन्न तकनीक, जैसे कि अवधारणा का पता लगाने (इकाई पर्यवेक्षण के नमूने–छाया और रात व दिन) को देखें, किन विचारों को संजोये रहते हैं। पूर्वानुमान लगाना, पर्यवेक्षण करना, व्याख्या करना (इकाई को देखें प्रदर्शन विधि–भोजन), चित्र और सही/गलत प्रश्नोत्तरियों को देखें।

गतिविधि 1: स्वयं की समझ का पता लगाना

ऊष्मा और तापमान के बारे में संसाधन 1 सही/गलत प्रश्नोत्तरी है। इस प्रश्नोत्तरी को स्वयं बिना उत्तर देखे हल करें। जब आप इसे पूरा कर लें तो ऐसे किन्हीं भी प्रश्नों, जिनके बारे में आप आश्वस्त नहीं हों, अपने उत्तर की जाचं करने के लिए संदर्भ सामग्री का उपयोग करें।

संसाधन 2 और 3, ‘प्रगति और कार्य-प्रदर्शन का आकलन करना’ तथा ‘अनुश्रवण और फीडबैक देना’ इस बात का पता लगाने के बारे में उपयोगी जानकारी उपलब्ध कराता है कि आपके विद्यार्थी क्या जानते हैं? और जब उनकी सोच गलतफहमी पैदा करने वाली हो तो उसे चुनौती देना। सहयोग और उपयोगी फीडबैक प्रदान करने से आपके विद्यार्थी अपनी अवधारणाओं पर और अधिक प्रश्न करने के लिए प्रेरित होंगे तथा अपने विचारों की और अधिक जांच-पड़ताल करेंगे।

विचार के लिए रुकें

  • जब आपने इस प्रश्नोत्तरी को किया तो आपको कैसा लगा?
  • क्या आपको कोई भी प्रश्न मुश्किल लगा? अगर हां तो कौन सा? और क्यों?
  • क्या प्रश्नोत्तरी ने आपको अपने विद्यार्थियों के लिए विषय के सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण पहलुओं की पहचान करने में आपकी मदद की? आपकी समझ में ये क्या हो सकती हैं।
  • आपकी समझ में किन गलत धारणाओं को यह प्रश्नोत्तरी प्रकट करेगी?

शुरू-शुरू में ये प्रश्न अपेक्षाकृत आसान लगते हैं, लेकिन कुछ उत्तरों को लेकर अनिश्चित रहना असामान्य नहीं है। हालांकि इसे कम चुनौतिपूर्ण बनाने के लिए ‘परीक्षण’ की बजाय ‘प्रश्नोत्तरी’ कहा गया है। फिर भी हो सकता है कि आपने अपनी समझ की परख किये जाने के बारे में थोड़ी-बहुत चिंता महसूस की हो। आपके विद्यार्थियों को भी इसी तरह की अनुभूतियाँ होंगी। अतः जब आप किसी विषय की अपने विद्यार्थियों की समझ की जांच कर रहे होते हैं, तो यह जरूरी है कि उन्हें सहज बनाये रखें। उन्हें इस बात का भरोसा दिलाये जाने की ज़रूरत होती है कि उनका परीक्षण नहीं किया जा रहा है। उन्हें यह जानने की ज़रूरत होती है कि उनके विचारों में आपकी दिलचस्पी है, जिससे आप उन्हें ज्यादा प्रभावी ढंग से पढ़ा सकें।

वीडियो: प्रगति और कार्यप्रदर्शन का आकलन करना

केस स्टडी 1: विद्यार्थियों के विचारों के बारे में पता लगाना

श्री मिश्रा जी ने इस बात का पता लगाने के लिए पूर्वानुमान का उपयोग किया कि जब तरल पदार्थों को मिलाया जाता है, तो ऊष्मा और तापमान के बारे में उनके कक्षा सात के विद्यार्थी क्या समझते? और मानते हैं? यहां वे यह बताते हैं कि उन्होंने क्या किया? और किस चीज़ का पता लगाया

मैंने विद्यार्थियों से इस बारे में पूर्वानुमान लगाने के लिए कहा कि जब मैं विभिन्न तापमान पर पानी की विभिन्न मात्राओं को मिलाता हूं तो क्या होगा? मैंने विद्यार्थियों से यह पूछकर शुरुआत की कि थर्मामीटर क्या करता है? अधिकतर विद्यार्थी यह जानते थे कि इसका उपयोग तापमान मापने के लिए किया गया था, लेकिन कुछ का विचार था कि यह ऊष्मा को भी मापता था। मैंने उन्हें उत्तर बताने की बजाय बस वही बात कही जो कि रोचक थी, क्योंकि मैं चाहता था कि वे अपने विचारों को प्रकट करने में सहज महसूस करें।

इसके बाद, मैंने समान आयतन और तापमान के पानी के दो टोंटीदार पात्रों को लिया जिसमें पानी ठंडा था। मैंने एक विद्यार्थी से प्रत्येक टोंटीदार पात्र का तापमान मापने के लिए कहा, जिससे कि इस बात को देखा जा सके कि वे समान हैं। मैंने इस बारे में विद्यार्थियों से उनके पूर्वानुमानों को लिखने के लिए कहा कि उस समय पानी के तापमानों का क्या होगा? यदि पानी के दोनों टोंटीदार पात्रों को एक अन्य पात्र में मिश्रित कर दिया जाए। क्या तापमान कम होगा? बढ़ेगा? या वही बना रहेगा? इसके अलावा मैंने अंतिम तापमान का पूर्वानुमान लगाने के लिए भी कहा। अधिकतर विद्यार्थियों ने सोचा कि यह वही होगा लेकिन कुछ ने सोचा कि तापमान कम हो जाएगा क्योंकि यह पानी का बड़ा आयतन था, जिसकी कि मैंने अपेक्षा नहीं की थी।

मैंने पानी के विभिन्न आयतनों और तापमानों के लिए समान कार्य-विधियों का अनुसरण किया। मैंने उपयोग किया–

  • एक लीटर गर्म पानी और एक लीटर ठंडा पानी
  • आधा लीटर गर्म पानी और एक लीटर ठंडा पानी
  • एक लीटर गर्म पानी और आधा लीटर ठंडा पानी

इस गतिविधि को करने में अधिक समय नहीं लगा और विद्यार्थियों ने जिस बात का पूर्वानुमान लगाया और उनके पूर्वानुमानों के पीछे के जो कारण थे, उनसे मुझे उनके वर्तमान चिंतन को समझने में मदद मिली। उदाहरण के लिए, दो विद्यार्थियों ने सोचा कि ‘गर्म’ ‘ठडें’ के मुकाबले ज्यादा सशक्त था। यद्यपि अधिकतर ने इस बारे में सही-सही पूर्वानुमान व्यक्त किया कि क्या तापमान बढ़ेगा? अथवा घटेगा? या वही बना रहेगा? परन्तु वे मिश्रणों के तापमान का पूर्वानुमान लगाते समय उतने अधिक आश्वस्त नहीं थे। कुछ विद्यार्थियों ने बस एक तापमान को दूसरे से घटा दिया। कुछ ने उन्हें जोड़ दिया।

विचार के लिए रुकें

  • आपकी समझ में श्री मिश्रा जी के विद्यार्थियों ने तापमान के बारे में क्या समझा?
  • उन्होंने कौन सी वैकल्पिक संकल्पनाएं खोजीं?
  • उन्होंने उनके वास्तविक चिंतन को प्रकट करने के लिए उन्हें किस तरह से प्रोत्साहित किया?

यह दृष्टिकोण क्यों महत्वपूर्ण है

2 ऊष्मा और तापमान के बारे में वैकल्पिक संकल्पनाएं