5 विद्यार्थियों की वैज्ञानिक समझ को विकसित करना

अब केस स्टडी 3 को पढ़ें और संसाधन 2, ‘प्रगति और कार्य-क्षमता का आकलन करना’ को पढ़ें, विशेष रूप से विद्यार्थी अपनी पढ़ाई में कहां हैं? इसका आकलन करने और पता लगाने से संबंधित खंडों को।

केस स्टडी 3: विद्यार्थियों में ऊष्मा और तापमान के बीच अंतर की समझ को विकसित करना

इस केस स्टडी में, श्री मिश्रा जी उस पाठ के बारे में बात करते हैं, जिसे कि उन्होंने ऊष्मा और तापमान के बारे में अपने विद्यार्थियों के विचारों से अवगत होने के बाद पढ़ाया था, जैसा कि केस स्टडी 1 में वर्णित किया गया है।

जब विभिन्न तापमानों पर पानी को विभिन्न आयतनों में मिलाया जाता है, तो तापमान में परिवर्तनों की खोज करने से यह पाठ विद्यार्थियों को जोड़ता है। मैंने उन्हें ऐसा करने के लिए कुछ आयतन प्रदान किये, लेकिन कहा कि वे अन्य कामों को भी कर सकते हैं, अगर उनके पास समय हो। मैंने ब्लैकबोर्ड पर निर्देशों को लिख दिया। विद्यार्थियों को परिणामों की तालिका पूरी करनी थी। उन्होंने पानी के आयतनों और शुरुआती तापमान को रिकार्ड किया। उन्हें परिणामी तापमान का पूर्वानुमान लगाना था और फिर वास्तविक तापमान को रिकार्ड करना था।

उनके इस काम को खत्म कर लेने पर क्या होता है? इसे समझाने के लिए एक प्रदर्शन किया। मैंने अपनी व्याख्या में सहायता के लिए एक मॉडल का उपयोग किया। मैंने ऊष्मा का प्रतिनिधित्व करने के लिए डाई (रंग) का उपयोग किया। रंग की सघनता ने तापमान का प्रतिनिधित्व किया। मेरे पास विभिन्न तापमानों पर पानी का प्रतिनिधित्व करने के लिए डाई की विभिन्न मात्राओं से पहले से ही तैयार अनेक खाली डिब्बे थे। मैंने विद्यार्थियों से यह बताने के लिए कहकर कि सबसे ठंडे से सबसे गर्म में रखने के लिए डिब्बों को किस क्रम में रखा जाए? इस बात की जांच की कि वे मॉडल को समझते हैं। यहां तक कि ‘ठंडे’ टोंटीदार पात्र में भी कुछ डाई थी, हालांकि वह काफी फीका था। इसके बाद मैंने यह दर्शाने के लिए विभिन्न सांद्रता की विभिन्न मात्राओं को मिश्रित किया कि उस समय क्या होता है? जब पानी के विभिन्न आयतन विभिन्न तापमानों पर मिश्रित किये जाते हैं। प्रत्येक बार मैंने विद्यार्थियों से उनका पूर्वानुमान बताने के लिए कहा और अपने पास बैठे विद्यार्थी के साथ बात करने के लिए उन्हें समय दिया।

विद्यार्थियों ने इसे पसंद किया और इस बारे में पूर्वानुमान लगाने का आनंद लिया कि रंग का क्या होगा? ऐसा जान पड़ा मानो पूर्वानुमान लगाना उनके लिए आसान था और वही गलतियाँ नहीं कीं, जो कि उन्होंने पहले की थीं।

एक बार उनके प्रदर्शन को देखने के बाद मैंने उनसे उनकी व्यावहारिक खोज के परिणामों पर चर्चा करने और उसकी व्याख्या करने और इस बात का पूर्वानुमान लगाने के लिए कहा कि मेरे द्वारा उन्हें दी गयी अन्य स्थितियों में क्या होगा? मैं इस बात को देख सकता था कि ऊष्मा और तापमान के बारे में बेहतर समझ हासिल करने में इस गतिविधि ने उनकी मदद की थी। इसने ऊष्मा और तापमान के बारे में उनके विचारों को बदल दिया था।

श्री मिश्रा का मॉडल उनके विद्यार्थियों की ऊष्मा और तापमान को समझने में मदद करता जान पड़ा। उन्होनें तापमान की जगह पर रंग की सघनता को रखकर उसकी अमूर्त अवधारणा को ज्यादा ठोस बना दिया। विद्यार्थी परिणामी ‘तापमान’ को देख सकते थे। इसने उनकी मात्रात्मक समझ को विकसित करने के लिए आगे बढ़ने से पहले गुणात्मक समझ को हासिल करने में मदद की।

विचार के लिए रुकें

  • आप इस बात को स्पष्ट करने के लिए किस प्रकार से श्री मिश्रा जी के मॉडल का उपयोग कर सकते हैं कि गर्म चाय के प्याले की तुलना में बर्फ के पहाड़ में ज्यादा तापीय ऊर्जा (ऊष्मा) होती है।
  • इसके पहले सूचीबद्ध वैकल्पिक संकल्पनाओं में से किसको इस मॉडल का उपयोग करके संपर्क किया जा सकता है?
  • इस मॉडल की सीमाएं या खतरे क्या हैं?
  • क्या ऐसी कोई वैकल्पिक संकल्पनाएं हैं, जिसे कि यह मॉडल अनजाने में बल प्रदान कर सकता है?

उपमाओं और मॉडलों का उपयोग करते समय आपको अवश्य ही उनकी सीमाओं और वैकल्पिक संकल्पनाओं को बल प्रदान करने की संभावना के प्रति सजग रहना होगा। श्री मिश्रा द्वारा उपयोग में लाया गया डाई मॉडल इस विचार को बल प्रदान कर सकता है कि ऊष्मा एक ऐसा पदार्थ है, जो कि प्रवाहित होता है। यह स्थिर निरूपण होने के द्वारा भी सीमित है। गर्म तरल पदार्थ ठंडा हो जाएगा, लेकिन डाई मॉडल में इसे दर्शाया नहीं गया है। इन सीमाओं से निपटने का सर्वश्रेष्ठ तरीका विद्यार्थियों से यह पूछना है कि यह मॉडल अच्छा मॉडल क्यों नहीं है? और यह किस चीज़ को दर्शाता है। इस बात को भी ध्यान में रखें कि श्री मिश्रा ने विद्यार्थियों के सामने पानी में डाई नहीं मिलाई, इससे इस विचार को बल मिला होता कि ऊष्मा एक पदार्थ है।

गतिविधि 3: ऊष्मा और तापमान के बारे में पढ़ाना

अब आप ऊष्मा और तापमान के बीच अंतर को अपने विद्यार्थियों की समझ को विकसित करने के क्रम में उन्हें पढ़ाने जा रहे हैं। अपनी योजना की शुरुआत करने से पहले आपको संसाधन 4 को पढ़ना चाहिए। इससे आपको इस बात का निर्णय लेने में मदद मिलेगी कि क्या करना है? आपको इन कदमों के बाद गतिविधि के लिए योजना बनाने की ज़रूरत है, लेकिन शुरुआत करने से पूर्व प्रमुख संसाधन ‘पाठ योजना बनाना’, को पढ़ें, जो कि योजना बनाने में प्रमुख चरणों को सार रूप में व्यक्त करता है और नियोजन के महत्व की समझ प्रदान करता है। आपको इन कदमों के बाद गतिविधि के लिए योजना बनाने की ज़रूरत है–

  • इस उद्देश्य की पहचान करें कि आप क्या चाहते हैं? कि आपके विद्यार्थी इस गतिविधि से क्या सीखें? और आप किन वैकल्पिक संकल्पनाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे?
  • इस बात का निर्णय करें कि आप उनकी वैकल्पिक संकल्पनाओं को किस प्रकार से चुनौती देंगे या नये विचारों को प्रस्तुत करेंगे। उदाहरण के लिए, आप बर्फीले पानी का तापमान माप सकते हैं, मोमबत्ती से पानी को गर्म कर सकते हैं और यह पूछ सकते हैं कि ऊष्मा कहां चली गयी, जबकि पानी अभी भी ठंडा है।
  • उन उपकरणों और सामग्रियों की सूची बनायें जिनकी कि आपको ज़रूरत पड़ेगी।
  • इस बात का निर्णय करें कि आप किस प्रकार से गतिविधि को क्रियान्वित करेंगे। इस गतिविधि को कक्षा में प्रयोग करके या प्रदर्शन विधि द्वारा करा सकते हैं।
  • इस बात का निर्णय करें कि क्या आप चाहते हैं? कि विद्यार्थी जोड़ियों में, समूहों में या अलग-अलग कार्य करें।
  • इस बात का निर्णय करें कि आप उन विद्यार्थियों की सहायता कैसे करेंगे, जिन्हें अपनी पढ़ाई में ज्यादा मदद की ज़रूरत है।
  • आप जिन विचारों को पढ़ाना चाहते हैं उन्हें किस प्रकार स्पष्ट करेंगे, की योजना बनाएं। क्या आपकी व्याख्या मॉडल या उपमा का उपयोग करेगी? उदाहरण के लिए, आप यह दर्शाने के लिए डाई मॉडल का उपयोग कर सकते हैं कि ठंडी वस्तुओं में भी तापीय ऊर्जा होती है।

  • नये विचारों को सुदृढ़ बनाने के लिए आपके विद्यार्थी उनके साथ क्या करेंगे? क्या वे नये संदर्भों पर बात–चीत करेंगे और उन्हें लागू करेंगे? या क्या वे दूसरे उदाहरणों पर बात–चीत करेंगे? उदाहरण के लिए, आप उन्हें कुछ सही या गलत प्रश्न दे सकते हैं।

आपके द्वारा पढ़ाये जाने वाले विज्ञान के बहुत से पाठ में अधिकतर विद्यार्थियों के पास स्वयं की वैकल्पिक संकल्पनाएं, मान्यताएं या सिद्धांत होंगे। इसलिए आपको उन विचारों को सुनने की ज़रूरत पड़ेगी, जो कि आपके विद्यार्थियों में विज्ञान के बारे में पहले से बना रखी है। आप उनके विचारों को प्रकट करने और उन पर चर्चा करने के अवसर प्रदान कर सकते हैं। जब आप अपने पाठ की योजना बनाते हैं, तो इन विचारों के लिए सही समाधान हो।

4 वैकल्पिक संकल्पनाओं को बदलने के लिए विद्यार्थियों की मदद करना

6 सारांश