4 शिक्षक की भूमिका

चर्चा के दौरान शिक्षक के रूप में श्री भान की भूमिका थी विषय-बिंदु के परिचय का प्रबंधन करना (जिसमें किन्हीं भी परिचयात्मक प्रश्नों को प्रस्तुत करना शामिल था), समूहों का गठन करना और उनकी निगरानी करना, तथा विद्यार्थियों के विचारों को सारांश रूप देना।

यद्यपि प्रेक्षक की भूमिका, आपको आपके विद्यार्थियों की समझ और चिंतन प्रक्रिया की अंदरूनी जानकारी देने में मूल्यवान हो सकती है, परन्तु कभी-कभी हस्तक्षेप करना और विद्यार्थियों को प्रेरित करना भी सहायक हो सकता है। ध्यानपूर्वक अतिरिक्त प्रश्न पूछने से आपके विद्यार्थियों को बेहतर ढंग से अपने विचारों को स्पष्ट करने, अपनी बात को विस्तार देने और अपने तर्कों को समझाने के लिए मदद मिल सकती है। निम्नलिखित प्रकार के प्रेरक प्रश्न किसी विषय-बिंदु के बारे में अधिक व्यापक ढंग से और अधिक गहराई से सोचने में आपके विद्यार्थियों की मदद कर सकते हैं–

  • … से तुम्हारा क्या अर्थ है?
  • क्या तुम … के बारे में विस्तार से बता सकते हो?
  • क्या तुम समझा सकते हो कि तुम … से सहमत क्यों नहीं हो?

गतिविधि 2: चर्चा में समूहों का उपयोग करना

इस बारे में सोचें कि आप क्या चाहते हैं? कि कुपोषण के विषय-बिंदु के अंदर, उसके बारे में विद्यार्थियों को किस चीज के बारे में अधिक सीखना चाहिए? इसके बाद एक प्रश्न तैयार करें जिस पर वे छोटे-छोटे समूहों में चर्चा कर सकते हों।

इसके बाद, यह तय करें कि आप समूहों का गठन कैसे करेंगे? विचारों के मिश्रण को प्रोत्साहित करने के लिए दोस्तों के समूह हो सकते हैं या मिश्रित योग्यता वाले समूह हो सकते हैं। इससे विद्यार्थियों को एक-दूसरे का अधिक सहयोग करने और विभिन्न दृष्टिकोण एवं योग्यता के प्रति समझ और संवेदनशीलता विकसित करने में मदद मिलेगी।

क्या उन्हें किसी अतिरिक्त जानकारी की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो आप उन्हें वह कैसे देंगे? चर्चा के दौरान और उसके बाद आप अपने विद्यार्थियों की मदद कैसे करेंगे? पाठ की योजना बनाने के बाद कक्षा का संचालन करें।

विचार के लिए रुकें

  • निम्नलिखित के बारे में आपने क्या देखा?
    • विद्यार्थी की सहभागिता?
    • समूहों में चर्चा का स्तर और गहराई?
    • समर्थक/सहायक के रूप में आपकी भूमिका?
    • प्रश्न करने का कौशल?
    • वे समूह जिन्हें क्रियाकलाप अधिक कठिन लगा हो?
  • इन क्षेत्रों में आप अगली बार क्या परिवर्तन करेंगे?

वीडियो: चिंतन को बढ़ावा देने के लिए प्रश्न पूछने का उपयोग करना

गतिविधि 3: विद्यार्थियों की चर्चाओं की समझ

गतिविधि 2 के अंत में या अगले पाठ के आरंभ में अपनी कक्षा से यह पूछने में कुछ मिनट लगायें कि उनके विज्ञान के पाठों में चर्चा करने के अनुभव के बारे में उनके विचार क्या हैं ? हो सकता है कि कुछ विद्यार्थी सीधे आपसे बात करना नहीं चाहें , परन्तु वे समूह में बात कर सकते हैं। उसके बाद आपको समूहों के विचारों का लिखित फ़ीडबैक दे सकते हैं। उनके लिए एक - दो प्रश्न तैयार करें , जैसे –

  • विज्ञान में अपने सहपाठियों से विभिन्न विचारों के बारे में बात करने के संबंध में आपको क्या अच्छा लगता है?
  • उसे और बेहतर बनाने के लिए क्या किया जा सकता है?
  • क्या चर्चा से आपको नई जानकारी सीखने में मदद मिली? ऐसा क् यों है? क्यों नहीं?

फीड बैक देने के लिए कहने से पहले उन्हें बात करने के लिए समय दें।

गतिविधि 2 पर स्वयं चिंतन करने के साथ-साथ उनके फीडबैक का उपयोग करते हुए अपने चर्चा से पाठों की मज़बूत बातों को पहचानें तथा चर्चा को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आपको जिन क्षेत्रों पर कार्य करने की ज़रूरत है उन क्षेत्रों की पहचान करें। जब आप अगली चर्चा गतिविधि करें, तो आप सुधार के अपने लक्ष्यों के बारे में खुद को याद दिला सकें।

3 चर्चा के कौशल का विकास करना

5 विभिन्न पद्धतियो में चर्चा का उपयोग करना