संसाधन 2: समूहकार्य का उपयोग करना

समूहकार्य एक व्यवस्थित, सक्रिय, अध्यापन कार्यनीति है जो विद्यार्थियों के छोटे समूहों को एक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करती है। ये छोटे समूह संरचित गतिविधियों के माध्यम से अधिक सक्रिय और अधिक प्रभावी शिक्षण को प्रोत्साहित करते हैं।

समूहकार्य के लाभ

समूहकार्य विद्यार्थियों को सोचने, संवाद कायम करने, विचारों के आदान-प्रदान करने तथा निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित करके सीखने के लिये उन्हें प्रेरित करने का बहुत ही प्रभावी तरीका हो सकता है। आपके विद्यार्थी दूसरों को सिखा सकते हैं तथा उनसे सीख भी सकते हैं। यह शिक्षण का शक्तिशाली और सक्रिय स्वरूप है।

समूहकार्य में विद्यार्थियों का समूहों में बैठना काफी नहीं होता है। इसमें स्पष्ट उद्देश्य के साथ सीखने के लिये साझा कार्य करना तथा उसमें योगदान करना शामिल होता है। आपको इस बात को लेकर स्पष्ट होना होगा कि आप पढ़ाई के लिए सामूहिक कार्य का उपयोग क्यों कर रहे हैं? और यह जानना होगा कि भाषण देने, जोड़ियों में कार्य या विद्यार्थियों के स्वयं से कार्य करने से कैसे बेहतर है। इस तरह समूहकार्य को सुनियोजित और उद्देश्यपूर्ण होना चाहिए।

समूहकार्य का नियोजन करना

आप समूहकार्य का उपयोग कब और कैसे करेंगे यह इस बात पर निर्भर करेगा कि पाठ से आप क्या–क्या सीखना चाहते हैं? आप समूहकार्य को पाठ के आरंभ, अंत या बीच में शामिल कर सकते हैं। लेकिन आपको पर्याप्त समय की आवश्यकता होगी। आप, जो कार्य अपने विद्यार्थियों से पूरा करवाना चाहते हैं तो समूहों को नियोजित करने के सर्वोत्तम ढंग के बारे में सोचना होगा।

एक अध्यापक के रूप में समूहकार्य की सफलता सुनिश्चित कर सकते हैं यदि आप निम्नलिखित की योजना अग्रिम रूप से बना लेते हैं–

  • सामूहिक गतिविधि के लक्ष्य और अपेक्षित परिणाम।
  • किसी भी फीडबैक या सारांश कार्य सहित। गतिविधि के लिए आवंटित समय।
  • समूहों को कैसे विभाजित करना है कितने समूह , प्रत्येक समूह में कितने विद्यार्थी, समूहों के लिए मापदंड।
  • समूहों को कैसे नियोजित करना है– समूह के विभिन्न सदस्यों की भूमिका, आवश्यक समय, सामग्रियाँ, रिकार्ड करना और रिपोर्ट करना।
  • कोई भी आकलन कैसे किया गया तथा उसको रिकार्ड कैसे किया जाऐगा – व्यक्तिगत आकलनों को सामूहिक आकलनों से अलग पहचानने का ध्यान रखें।
  • समूहों की गतिविधियों पर आप कैसे निगरानी रखेंगे।

समूहकार्य के काम

विद्यार्थीयों को जो सीखना है, उसी के अनुसार हम उन्हें काम आवंटित करते हैं। समूहकार्य में भाग लेकर वे एक-दूसरे को सुनने, विचारों को समझाने और आपसी सहयोग से काम करना सीखेंगे। फिर भी उनका मुख्य लक्ष्य जो विषय पढ़ा रहे हैं, वह सीखना होता है। इन कार्यों के लिए कुछ उदाहरणों हो सकते हैं–

  • प्रस्तुतिकरण: विद्यार्थी समूहों में काम करके शेष कक्षा के लिए प्रस्तुतिकरण बनाते हैं। यह सबसे अधिक उपयोगी तब होता है जब प्रत्येक समूह के पास विषय के भिन्न पहलू होते है जिससे वे एक ही विषय को कई बार सुनने की बजाय एक दूसरे को सुनने के लिए प्रेरित होते हैं। प्रत्येक समूह को प्रस्तुत करने के लिए दिए गए समय के विषय में काफी सख्ती बरतें और अच्छे प्रस्तुतिकरण के लिए मापदंडों का एक सेट निश्चित करें। इनको पाठ प्रारम्भ होने से पहले बोर्ड पर लिखें। विद्यार्थी मापदंडों का उपयोग अपने प्रस्तुतिकरण की योजना बनाने और एक दूसरे के काम का आकलन करने के लिए कर सकते हैं। इन मापदंडों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
    • क्या प्रस्तुतिकरण स्पष्ट था?
    • क्या प्रस्तुतिकरण अच्छा बना था?
    • क्या मैंने प्रस्तुतिकरण से कुछ सीखा?
    • क्या प्रस्तुतिकरण ने मुझे सोचने पर मजबूर किया?
  • समस्या को हल करना: विद्यार्थी किसी एक या अधिक समस्याओं को हल करने के लिए समूह में काम करते हैं। इसमें विज्ञान का कोई प्रयोग, गणित की समस्याएं हल करना, अंग्रेजी कहानी या कविता का विश्लेषण, या इतिहास के सबूत का विश्लेषण करना हो सकता है।
  • कोई कलाकृति या उत्पाद बनाना: विद्यार्थी समूह में काम करके किसी कहानी, नाटक के भाग, संगीत के अंश, किसी अवधारणा को समझाने के लिए मॉडल, किसी मुद्दे पर समाचार रिपोर्ट या जानकारी को सारांशित करने या अवधारणा को समझाने के लिए पोस्टर बना सकते हैं। समूहों को किसी नए विषय के आरंभ में मंथन करने या मस्तिष्क में रूपरेखा बनाने के लिए पाँच मिनट देने से आपको उनक पूर्व ज्ञान के बारे में जानकारी मिलेगी, जिससे आपको पाठ को उपयुक्त स्तर का बनने में सहायता मिलेगी।
  • विभेदित कार्य: समूहकार्य विभिन्न आयु या दक्षता स्तरों के विद्यार्थीयों को किसी उपयुक्त काम पर मिलकर कार्य करने के लिए अवसर है। अधिक दक्षता प्राप्त करने वाले काम को समझाने के अवसर से लाभ उठा सकते हैं जबकि कम दक्षता प्राप्त करने वालों के लिए कक्षा के बदले समूह में प्रश्न पूछना आसान हो सकता है और वे अपने सहपाठियों से सीख सकेंगे।
  • चर्चा: विद्यार्थी किसी मुद्दे पर विचार करके एक निष्कर्ष पर पहुँचते हैं। इसके लिए आपको अपनी ओर से काफी तैयारी करनी होगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि विभिन्न विकल्पों पर विचार करने के लिए विद्यार्थीयों के पास पर्याप्त पूर्व ज्ञान है, लेकिन विचार–विनिमय आप और विद्यार्थी दोनों के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है।

समूहों का नियोजन करना

चार से आठ के समूह आदर्श होते हैं किंतु यह आपकी कक्षा भौतिक पर्यावरण, फर्नीचर तथा कक्षा की दक्षता और आयु के दायरे पर निर्भर करेगा। आदर्श रूप से समूह में हर एक के लिए एक दूसरे से मिलना, बिना चिल्लाए बात करना और समूह के परिणाम में योगदान करना आवश्यक होगा।

  • तय करें कि आप विद्याथिर्यों को समूहों में कैसे और क्यों विभाजित करेंगे? उदाहरण के लिए– आप समूहों को मित्रता, रुचि या समान अथवा मिश्रित दक्षता के अनुसार बाँट सकते हैं। भिन्न तरीकों से प्रयोग करें और समीक्षा करें कि प्रत्येक कक्षा के लिए क्या सर्वोत्तम है?
  • योजना बनाएं कि आप समूह के सदस्यों को कौन सी भूमिकाएं देंगे उदाहरण के लिए– नोट लेने वाला, प्रवक्ता, टाइम कीपर या उपकरणों का संग्रहकर्ता और आप इसे कैसे स्पष्ट करेंगे?

समूहकार्य का प्रबंधन करना

आप अच्छे समूहकार्य के प्रबंधन के लिए दिनचर्याएं और नियम तय कर सकते हैं। जब आप नियमित रूप से समूहकार्य का उपयोग करते हैं, तो विद्यार्थियों को पता चल जाएगा कि आप क्या अपेक्षा करते हैं? और वे इसे रुचिपूर्ण ढंग से कर पाएंगे। टीम और समूह में काम करने के लाभ की पहचान करने के लिए आरंभ में कक्षा के साथ काम करना एक अच्छा विचार है। आपको चर्चा करनी चाहिए कि समूहकार्य में अच्छा व्यवहार क्या होता है? तथा संभव हो तो ‘नियमों’ की एक सूची बनाएं जिसे प्रदर्शित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए – एक दूसरे के लिए सम्मान, सुनना, एक दूसरे की सहायता करना, एक से अधिक विचार को आजमाना, आदि।

समूहकार्य के बारे में स्पष्ट रूप से बता देना महत्वपूर्ण है जिसे ब्लैक–बोर्ड पर लिखा भी जा सकता है। आपको–

  • अपनी योजना के अनुसार अपने विद्यार्थियों को उन समूहों का विवरण देना होगा जिनमें वे काम करेंगे। ऐसा आप शायद कक्षा में ऐसे स्थानों को निर्दिष्ट करके कर सकते हैं जहाँ वे काम करेंगे या किसी फर्नीचर या स्कूल के बैगों को हटाने के बारे में अनुदेश देकर कर सकते हैं।
  • कार्य के बारे में बहुत स्पष्ट होना और उसे बोर्ड पर लघु अनुदेशों या चित्रों के रूप में लिखना चाहिए। शुरू करने से पहले विद्यार्थियों को प्रश्न पूछने की अनुमति प्रदान करें।

पाठ के दौरान, यह देखने और जाँच के लिए घूमें कि समूह किस तरह से काम कर रहे हैं। यदि कार्य ठीक से नहीं कर पा रहें हैं या अटक रहे हैं तो जहाँ जरूरत हो वहाँ सलाह प्रदान करें।

आप कार्य के दौरान समूहों में बदलाव चाहते हैं, तब दो तकनीकें आजमाई जा सकती हैं – वे बड़ी कक्षा के प्रबंधन में खास तौर पर उपयोगी होती हैं।

  • ‘विशेषज्ञ समूह ’: प्रत्येक समूह को एक अलग कार्य दें, जैसे बिजली उत्पन्न करने के एक तरीके पर शोध करना या किसी नाटक के लिए किरदार विकसित करना। एक उपयुक्त समय के बाद, समूहों को पुनर्गठित करें ताकि नये समूह में पुराने समूह से एक विशेषज्ञ हो। फिर उन्हें एक कार्य दें जिसमें सभी विशेषज्ञों के ज्ञान को एकत्र करना होता है, जैसे निश्चय करना कि किस प्रकार का पॉवर स्टेशन बनाना या नाटक का अंश तैयार करना चाहिए।
  • दूत’: यदि कार्य में कोई चीज बनाना या किसी समस्या को हल करना है तो कुछ समय बाद हर समूह से दूसरे समूह में एक दूत भेजने को कहें। वे विचारों या समस्या के हलों की तुलना कर अपने समूह को सूचित कर सकते हैं। इस प्रकार समूह एक दूसरे से भी सीख सकते हैं।

कार्य के अंत में, जो कुछ सीखा गया है उसका सार बनाएं और आपको नज़र आई किसी भी गलतफहमी को सुधारें। आप चाहें तो सारे समूहों का फीडबैक सुन सकते हैं, या केवल एक या दो समूहों से पूछ सकते हैं जिनके पास आपको लगता है कि कुछ अच्छे विचार हैं। विद्यार्थियों की रिपोर्ट करने की प्रक्रिया को संक्षिप्त रखें और उन्हें अन्य समूहों के काम पर फीडबैक देने को प्रोत्साहित करें जिसमें वे पहचान सकते हैं कि क्या अच्छा किया गया था? क्या बात दिलचस्प थी और किस चीज़ को और विकसित किया जा सकता था?

यदि, आप कक्षा में समूहकार्य करना चाहते हैं। आपको प्रभावी रूप से समूहकार्य का नियोजन कठिन लग सकता है क्योंकि कुछ विद्यार्थी–

  • सक्रिय शिक्षण का प्रतिरोध करते हैं और उसमें शामिल नहीं होते।
  • हावी होने वाली प्रकृति के होते हैं
  • अंतर्व्यैयक्तिक कौशलों व आत्मविश्वास की कमी के कारण भाग नहीं लेते।

शैक्षिक लक्ष्य कहाँ तक प्राप्त हुए और विद्यार्थियों की कैसी प्रतिक्रिया रही? क्या वे सभी लाभान्वित हुए? इस पर विचार करने के अलावा, समूहकार्य के प्रबंधन में प्रभावी बनने के लिए उपरोक्त सभी बिंदुओं पर विचार करना महत्वपूर्ण होता है। सामूहिक कार्य, संसाधनों, समयों या समूहों की रचना में आप द्वारा किए जा सकने वाले समायोजनों पर सावधानी से विचार करें और उनकी योजना बनाएं।

शोध से पता चला है कि विद्यार्थियों की उपलब्धि बढ़ाने के लिए हर समय समू ह में का र्य करना आवश्यक नहीं है। हर पाठ में समूह कार्य का उपयोग करना ज़रूरी नहीं है। आप चाहें तो समूहकार्य का उपयोग एक पूरक तकनीक के रूप में कर सकते हैं। उदाहरण के लिए विषय परिवर्तन के बीच या कक्षा में चर्चा को तुरन्त शुरु करने के साधन के रूप में कर सकते हैं। इसका उपयोग विवाद का सुलझाने या अनुभव के आधार पर किए जाने वाली शिक्षण गतिविधि, समस्या हल करने के अभ्यास करने या विषय–समीक्षा के लिये भी किया जा सकता है।

संसाधन 3: कुछ बाहर की जा सकने वाली गतिविधियाँ