2 संसाधन–युक्त होना

आपमें से कई शिक्षक ऐसी चुनौतीपूर्ण स्थितियों में कार्य करते हैं जहां विद्यालय में आपके पास बहुत ही कम उपकरण या संसाधन होते हैं, गतिविधियों को कक्षा से इतर या आगे ले जाने से आपका शिक्षण और अधिक सशक्त हो जाता है। अगले केस स्टडी को पढ़ने और गतिविधि 3 करने से पहले संसाधन 1, ‘स्थानीय संसाधनों का उपयोग करना’ पढ़ें।

अगले केस स्टडी में, मात्र छहः शिक्षकों वाले एक विद्यालय के स्टाफ़ ने समूह के रूप में साथ मिलकर यह छानबीन की कि कैसे वे स्थानीय परिवेश का उपयोग करके अधिक संसाधन–युक्त बन सकते हैं

केस स्टडी 2: एक संसाधन–युक्त विद्यालय

एक शिक्षिका श्रीमती नीलिमा समझाती हैं कि प्रक्रिया के बारे में उन्होंने कैसा महसूस किया और एक शिक्षिका के तौर पर उनमें क्या अन्तर आया है? श्रीमती नीलिमा अपनी कक्षा के लिए एक वाह्य गतिविधि करने की योजना बनाई जिसमें समूहों में कार्य करते हुए विद्यार्थियों को अपने पास के परिवेश में वास स्थलों की पहचान करनी थी। उन्होंने अपनी योजना बनाने से पहले गतिविधि को बेहतर ढंग से आयोजित कर पाने के लिए, संसाधन 2, ‘समूह कार्य का उपयोग करना’ को पढ़ लिया था।

हमारे प्रधानाचार्य अच्छे शिक्षक हैं और वे अपनी कक्षाओं को पढ़ाते समय प्रायः स्थानीय परिवेश का उपयोग करते हैं। एक बार हमारी साप्ताहिक बैठक में प्रधानाचार्य हमसे कहा कि हम सोचें कि स्थानीय परिवेश का और अधिक उपयोग कैसे किया जा सकता है? हमारी बातचीत के दौरान उन्होंने हमारे विचार सुने और इसके फलस्वरूप स्थानीय परिवेश के उपयोग करने के लिए कई नये सुझाव आए। जैसे–

  • विद्यार्थियों को वनस्पति वर्ग एवं जन्तु वर्ग आदि जैसी चीज़ों की छानबीन के लिए बाहर ले जाना।
  • क्षेत्र को मानचित्रित करना।
  • विभिन्न उद्देश्यों के लिए विद्यालय भवन और स्थल का मापन करना।
  • कक्षा में उपयोग के लिए परिवेश से संसाधन जुटाना।
  • विभिन्न चीजों की जांच-पड़ताल करने के लिए उपाय करना।
  • वास स्थलों को छाँटना तथा परखना।
  • छाया और सूर्य का अध्ययन करना।
  • विद्यालय या विद्यालय के बाहर स्थानीय विशेषज्ञों आरै विद्याथियों के बीच विचारों का आदान–प्रदान।
  • स्थानीय संरक्षण संबंधी मुद्दों पर ध्यान देना।
  • हमारी कागज़ की कमी को पूरा करने के लिए सामग्रियां एकत्र कर उन्हें पुनर्चक्रित करना – जैसे बक्सों/ डिब्बों से कार्ड का उपयोग करना तथा लिफाफों का फिर से इस्तेमाल लेना।

मैंने पहले ऐसी वस्तुओं को फिर से उपयोग करने की संभावनाओं के बारे में नहीं सोचा था। मैं इस सूची को देख कर काफ़ी उत्साहित थी। अब यह महत्वपूर्ण है कि हम कब और कैसे इसका उपयोग कर सकते हैं?ये महत्वपूर्ण था।

हमने, सबसे पहले विद्यार्थियों को स्थानीय क्षेत्र से कुछ चीज़ें एकत्र करने के लिए प्रोत्साहित किया और उनके लिए ऐसी चीजों की एक सूची बनाने में मदद की जिनकी तलाश उन्हें करनी थी।

मैं कक्षा VII में वन-कटाई के बारे में पढ़ाने जा रही थी। मैंने प्रधानाचार्य से स्थानीय वन प्रबंधक को उनके सामने आने वाली समस्याओं के बारे में विद्यार्थियों से बात करने हेतु आमंत्रित करने की अनुमति ले ली।

मैं अपने पाठ की योजना बनाने के लिए और वन प्रबंधक को आमंत्रित करने तथा उन्हें किस प्रकार अपने शिक्षण प्रक्रिया के लक्ष्यों के बारे में बताया जाए इस संदर्भ में विचार करने के लिए मैं उनके घर चली गयी।

विचार के लिए रुकें

  • ऊपर गतिविधि 1 आपकी दी गयी सूची केस स्टडी से किस प्रकार मेल खाती है?
  • क्या, केस स्टडी ऐसे अन्य अवसर सुझाती है जिन्हें आप अपनी सूची में जोड़ सकते हैं? यदि हाँ, तो उन्हें अभी जोड़ दें।
  • आप, अपने और सहकर्मियों के शिक्षण में मदद पहुंचाने वाली सामग्रियों को एकत्र करने के लिए अपनी कक्षा में या विद्यालय में संसाधन समूह कैसे विकसित कर सकते हैं?
  • आप, किन अन्य तरीकों से अधिक साधन संपन्न हो सकते हैं? उदाहरण के लिए, क्या विद्यार्थियों से बात करने के लिए लोगों को विद्यालय में आमंत्रित करते हैं?

यह अच्छा होगा कि आप उन संसाधनों की सूची बनाएं, जो आपके विद्यालय में उपलब्ध हैं। तथा यह सोचें कि आपके पास जो संसाधन उपलब्ध हैं उसमें और कैसे अभिवृद्धि कर सकते हैं। इससे आपको पता चला कि आपके शिक्षण में सहयोग के लिए क्या-कुछ उपलब्ध है। संसाधनों का उपयोग आपको और अधिक कल्पनाशील ढंग से सोचने के लिए प्रोत्साहित भी करता है। अन्य सहकर्मियों से बात करने से आपको पता चलेगा कि किसी नियोजित गतिविधि को कहाँ–कहाँ से संसाधनों मिल सकते हैं। आपके विद्यार्थियों पर अधिक सक्रिय तरीकों से सीखने का प्रभाव दिखेगा।

1 स्थानीय परिवेश का संसाधन के रूप में उपयोग करना

3 बाहरी परिवेश का उपयोग करने के लाभ