यह दृष्टिकोण क्यों महत्वपूर्ण है

यदि आप प्रश्न पूछते हैं, तो आपके विद्यार्थी संभवतः उत्तर देंगे। अनेक कक्षाओं में कुछ ही विद्यार्थी प्रश्नों के उत्तर देते हैं और उत्तर अक्सर बेहद संक्षिप्त होते हैं। विज्ञान के बारे में अधिक बातचीत नहीं होती है!

व्यगोतस्की (1978) ने सिद्ध किया कि ज्ञान का सृजन और समझ मुख्य रूप से सामाजिक प्रक्रिया है। समझ संभवतः विद्यार्थियों के साझा समाज में दिखाई देती है और उनके द्वारा इसे अपने व्यवहार का हिस्सा बना लिया जाता है। नए विचारों के बारे में बातचीत करने के माध्यम से उनका अन्वेषण करने, और व्याख्या तथा औचित्य के बारे में पूछने की गतिविधियां समझ विकसित करने की प्रक्रिया का हिस्सा है। विद्यार्थियों के आपस में बात करने, और अध्यापक के साथ चर्चा करने से समझ बनती है; व्यगोतस्की ने दिखाया कि भाषा विचार के लिए साधन बनती है। अध्यापक विद्यार्थियों को अपने विचारों का वर्णन करने और स्पष्ट करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं, और चीजों के गलत होने के भय को दूर कर सकते हैं। शोधों के अनुसार योजना बनाने में पर्याप्त समय देने से सामान्यतया विद्यार्थियों की तर्कसंगत ढ़ंग से सोच पाने की क्षमता बढ़ जाती है और उन्हें इसका लाभ मिलता है।

जोड़े में एक दूसरे से बातचीत करने के लिए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने से उन्हें बातचीत का लाभ मिलता है और ऐसा करना अधिक विद्यार्थियों वाली कक्षाओं में कारगर होता है। इस इकाई में, आप संरचित विद्यार्थी बातचीत को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों के लिए तीन संभावित दृष्टिकोणों के बारे में सीखेंगे। आप संसाधन 2, ’सीखने के लिए बातचीत’ में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

विचार के लिए रुकें

  • आपके विद्यार्थियों को विज्ञान के पाठों में बातचीत करने के अवसर कब मिलते हैं?
  • आप उन्हें दूसरे विद्यार्थियों के साथ विज्ञान संबंधी विचारों पर बात करने के लिए कैसे प्रोत्साहित करते हैं?
  • आप उनके विचारों को जानने के लिए कैसे व्यवस्था करते हैं?

बातचीत के माध्यम से, हम समस्याओं का बेहतर समाधान ढूंढने के लिए अपने बौद्धिक संसाधनों को इकट्ठा कर सकते हैं जो कि हम अकेले नहीं कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, एक साथ सोचने के लिए भाषा का इस्तेमाल करते हुए, विद्यार्थी खुद से सोचने के बहुमूल्य तरीके भी सीख सकते हैं। इस इकाई में विद्यार्थियों की जोड़ियों के साथ सार्थक बातचीत के लिए कुछ तकनीकें दी गई हैं। अन्य तकनीकें – जैसे कि माइंड मैपिंग, ब्रेनस्ट्रॉमिंग और प्रायोगिक कार्य करना भी लाभकारी विद्यार्थी विज्ञान वार्ता के लिए उपयोगी हैं। इन सभी तकनीकों को अन्य इकाइयों में सम्मिलित किया गया है।

आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं

1 तकनीकः ‘विचार करें–जोड़ा बनाएं–साझा करें’ (Think-Pair-Share)