संसाधन 6: सामूहिक कार्य का उपयोग करना

सामूहिक कार्य एक सुव्यवस्थित, सक्रिय, पैडागॉजी की रणनीति है जो विद्यार्थियों को एक जैसी शैक्षिक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक साथ छोटे समूहों में काम करने हेतु प्रोत्साहित करती है। ये छोटे समूह संरचित गतिविधियों के माध्यम से अधिक सक्रिय और अधिक प्रभावी अधिगम को बढ़ावा देते हैं।

समूह कार्य के लाभ

विद्यार्थियों को समूह में कार्य करवाने से उनमें सोचने, संवाद कायम करने, विचारों का आदान–प्रदान करने और निर्णय लेने के लिए प्रभावी अभिप्रेरण का एक प्रभावी तरीक़ा है। समूहों में विद्यार्थी दूसरों से सीख और सिखा सकते हैं, जो एक सशक्त एवं सक्रिय अधिगम का तरीका है।

सामूहिक कार्य, विद्यार्थियों को समूहों में बैठने से कहीं अधिक मतलब रहता है। इसमें स्पष्ट उद्देश्य से साझा शिक्षण कार्य पर काम करना और योगदान देना शामिल है। आपको इस बात को लेकर स्पष्ट होना होगा कि आप पढ़ाने के लिए सामूहिक कार्य का उपयोग क्यों कर रहे हैं? यह जोड़े में कार्य या विद्यार्थियों द्वारा स्वयं कार्य करने पर महत्व देने योग्य क्यों है? इसलिए सामूहिक कार्य सुनियोजित और उद्देश्यपूर्ण होना चाहिए।

समूह कार्य की योजना

कब और कैसे आप सामूहिक कार्य का उपयोग करेंगे, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप पाठ के अंत में किस प्रकार का अधिगम हासिल करना चाहते हैं? आप पाठ के आरंभ, अंत या मध्य में समूह कार्य शामिल कर सकते हैं। परन्तु आपको पर्याप्त समय देने की ज़रूरत होगी। आपको समूहों को व्यवस्थित करने के सबसे अच्छे तरीक़े तथा उस कार्य के बारे में सोचने की ज़रूरत होगी, जो आप चाहते हैं कि आपके विद्यार्थी पूरा करें

एक शिक्षक के रूप में, यदि आप पहले से निम्नवत् की योजना बनाते हैं, तो आप सफलतापूर्वक कार्य कर सकते हैं:–

  • सामूहिक गतिविधि के लक्ष्य और अपेक्षित परिणाम
  • गतिविधि के लिए आवंटित समय, जिसमें फीडबैक या पाठ का सारांश आदि शामिल है
  • समूहों को कैसे विभाजित करें (कितने समूह, प्रत्येक समूह में कितने विद्यार्थी, समूहों के लिए मापदंड)
  • समूहों को कैसे व्यवस्थित करें (समूह के सदस्यों की अलग–अलग भूमिका, अपेक्षित समय, सामग्री, रिकॉर्डिंग और रिपोर्टिंग)
  • किस प्रकार कोई मूल्यांकन करेगा और कौन किस प्रकार इसको रिकार्ड करेगा (सामूहिक आंकलन से व्यक्तिगत मूल्यांकन को अलग करने पर ध्यान रखें)
  • आप समूहों की गतिविधियों को कैसे अवलोकन करेंगे

समूह–कार्य हेतु चुनौतियां

आप जो कार्य अपने विद्यार्थियों को पूरा करने के लिए कहेंगे इस पर निर्भर करेगा कि आप उनसे क्या सीखने की अपेक्षा रखते हैं? सामूहिक–कार्य में प्रतिभाग, एक–दूसरे को सुनना, उनके विचारों को समझना और सहयोगपूर्ण ढंग से काम करना। वैसे समूह कार्य का मुख्य उद्देश्य है कि आप उन्हें, जो पढ़ा रहे हैं उस विषय के बारे में वे कुछ सीखें। उदाहरणों के लिए बिन्दुओं को निम्नवत् शामिल कर सकते हैं:

  • प्रस्तुतिकरण: समूह में कार्य करते समय विद्यार्थी कक्षा के शेष बच्चों के लिए प्रस्तुतिकरण तैयार करते हैं। समूह कार्य उस दशा में अधिक प्रभावी होता है यदि प्रत्येक समूह को अलग–अलग पहलुओं से जुड़ी विषयवस्तु दें, जिससे एक ही विषय को कई बार सुनने के बजाय एक दूसरे को सुनने के लिए प्रेरित हों। प्रत्येक समूह के प्रस्तुतिकरण के लिए निर्धारित एवं समय का कड़ाई के साथ पालन करवायें। पाठ आरंभ करने से पहले मापदण्डों को बोर्ड पर लिखें, जिससे विद्यार्थी अपने प्रस्तुतिकरण की योजना बनाने के लिए मापदंड का उपयोग कर सकें तथा एक–दूसरे के कार्य का मूल्यांकन कर सकें। मापदंड में निम्नवत् बिन्दु शामिल हो सकते हैं–
    • क्या, प्रस्तुतिकरण स्पष्ट था?
    • क्या, प्रस्तुतिकरण अच्छी तरह संरचित था?
    • क्या, मैंने प्रस्तुतिकरण से कुछ सीखा?
    • क्या, प्रस्तुतिकरण ने मुझे सोचने पर विवश किया?
  • समस्या का हल: विद्यार्थी, समूह में कार्य कर समस्याओं को हल करते हैं। इसमें विज्ञान के किसी प्रयोग को करना, गणित के निर्मेयों को हल करना, अंग्रेज़ी में किसी कहानी या कविता का विश्लेषण करना, या इतिहास में साक्ष्य का विश्लेषण करना शामिल हो सकते हैं।
  • कोई कलाकृति या उत्पाद तैयार करना: विद्यार्थी कोई कहानी, नाटक का अंश, संगीत का खंड, अवधारणा स्पष्ट करने के लिए मॉ़डल, किसी समस्या पर समाचार रिपोर्ट या सूचना का सार प्रस्तुत करने के लिए पोस्टर तैयार कर सकते हैं या अवधारणा की व्याख्या कर सकते हैं। किसी नए विषय की शुरुआत में समूहों को विचारमंथन या विचारों का खाका खींचने के लिए पाँच मिनट देने पर आप अच्छी तरह जान पाएँगे कि विषय के बारे में पहले से क्या जानते हैं? जो आपको पाठ को मानक स्तर तक ले जाने में सहायक होगा।
  • विभेदित कार्य: समूह कार्य किसी उपयुक्त नियत कार्य पर अलग–अलग आयु या स्तर के विद्यार्थियों के लिए एक साथ काम करने का मौक़ा देता है। उच्च ज्ञान रखने वाले विद्यार्थी व्याख्या करने के मौक़े का लाभ उठा सकते हैं, जब कि कम जानने वाले विद्यार्थी कक्षा की अपेक्षा समूह में सवाल पूछने में सहज महसूस करेंगे, और अपने सहपाठियों से सीखेंगे।
  • चर्चा: विद्यार्थी किसी मुद्दे पर विचार करते हैं और निष्कर्ष निकालते हैं। इसमें आपकी ओर से थोड़ी बहुत तैयारी करने की ज़रूरत होगी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि विद्यार्थियों के पास विभिन्न विकल्पों पर विचार करने के लिए पर्याप्त जानकारी हैं। चर्चा या वाद–विवाद का आयोजन आपके और विद्यार्थियों के लिए बहुत ही फ़ायदेमंद हो सकता है।

समूहों को व्यवस्थित करना

चार या आठ के समूह उपयुक्त हो सकते हैं, लेकिन यह आपकी कक्षा के आकार, भौतिक परिवेश, फ़र्नीचर, कक्षा का ज्ञान स्तर तथा आयु की सीमा पर निर्भर करेगा। आदर्श रूप में समूह में प्रत्येक को परस्पर देखने, बिना चिल्लाए बात करने और समूह के परिणाम के लिए सभी को प्रतिभाग करने की ज़रूरत होगी।

  • यह तय करें कि किस प्रकार और क्यों आप विद्यार्थियों को समूहों में विभाजित करेंगे? उदाहरण के लिए, आप समूहों को दोस्ती, दिलचस्पी या एकसमान या मिश्रित ज्ञान स्तर द्वारा विभाजित करेंगे। अलग–अलग तरीक़ों का प्रयोग करें और समीक्षा करें कि प्रत्येक कक्षा के लिए क्या अच्छी तरह काम करता है
  • योजना बनाएँ कि समूह के सदस्यों को आप क्या भूमिकाएँ सौंपेंगे? (उदाहरण के लिए, रिकार्ड लेने वाला, प्रवक्ता, टाइम–कीपर या उपकरण संग्रह करने वाला), और इसे आप कैसे स्पष्ट करेंगे

समूह कार्य का प्रबंध

आप समूह कार्य का अच्छी तरह से प्रबन्धन करने के लिए दिनचर्या और नियम निर्धारित कर सकते हैं। जब आप नियमित रूप से सामूहिक कार्य का प्रयोग करते हैं, तो विद्यार्थियों को पता रहेगा कि आप क्या उम्मीद करते हैं? और उन्हें यह अच्छा लग सकता है। प्रारम्भिक चरण में यह उचित होगा कि पूरी कक्षा के साथ समूह कार्य करके समूह में, टीम के साथ कार्य करने की अच्छाई को चिन्हित कर लें। आपको चर्चा करनी चाहिए कि अच्छा सामूहिक कार्य व्यवहार कैसे संभव हो सकता है। ‘नियमों’ की सूची तैयार करनी चाहिए, जिन्हें प्रदर्शित किया जा सके; उदाहरण के लिए, ‘एक दूसरे के प्रति सम्मान’, ‘सुनना’, ‘एक दूसरे की सहायता करना’, ‘एक से अधिक विचारों को आज़माना’, आदि।

सामूहिक कार्य के बारे में स्पष्ट मौखिक निर्देश देना महत्वपूर्ण है, जिन्हें संदर्भ के लिए ब्लैकबोर्ड पर भी लिखा जा सकता है। आपको निम्नवत् कार्य करना होगाः–

  • अपनी योजना के अनुसार जिन समूहों में काम करना हो, वहाँ अपने विद्यार्थियों को निर्देशित करना, कक्षा में जगह चिह्नित करना, जहाँ वे काम करेंगे या किन्हीं फ़र्नीचर या स्कूल बैग ले जाने के बारे निर्देश देना।
  • काम के बारे में काफ़ी स्पष्ट रहें और बोर्ड पर छोटे निर्देश या चित्र द्वारा उन्हें अंकित करें। इसके पहले कि आप शुरुआत करें, विद्यार्थियों को प्रश्न पूछने की अनुमति प्रदान करें।

पाठ के दौरान, यह देखने और जाँचने के लिए चारों ओर घूमते रहें कि समूह किस प्रकार काम कर रहे हैं? यदि वे काम से भटक रहे हैं या काम में अटक रहे हैं, तो जहाँ आवश्यक हो सलाह दें।

हो सकता है काम के दौरान आप समूहों में परिवर्तन करना चाहें। जब आप सामूहिक कार्य के प्रति आश्वस्त महसूस करें तो ये रहे दो तकनीक हैं, जिन्हें आज़माया जा सकता है – बड़ी कक्षा का प्रबन्धन करते समय ये विशेष रूप से उपयोगी हैं।

  • ‘विशेषज्ञ समूह’: प्रत्येक समूह को अलग कार्य सौंपे, जैसे कि बिजली उत्पन्न करने के एक तरीक़े पर शोध या किसी नाटक के किरदार को विकसित करना। उपयुक्त समय के बाद, समूहों को पुनर्व्यवस्थित करें ताकि प्रत्येक नए समूह में सभी मूल समूहों से एक ‘विशेषज्ञ’ शामिल हो। फिर उन्हें ऐसा कार्य सौंपे जिसमें सभी विशेषज्ञों के ज्ञान को क्रमवार एकत्रित करना शामिल हो, जैसे यह निर्णय लेना कि किस प्रकार के पॉवर स्टेशन का निर्माण किया जाए या नाटक तैयार किया जाय।
  • प्रतिनिधि: यदि कार्य में किसी चीज़ को तैयार करना या समस्या हल करना शामिल हो, तो कुछ समय बाद, प्रत्येक समूह को दूसरे समूह में प्रतिनिधि भेजने के लिए कहें। वे समस्या के लिए विचारों या समाधानों की तुलना कर सकते हैं और फिर स्वयं अपने समूह में वापस रिपोर्ट कर सकते हैं। इस प्रकार, समूह एक दूसरे से सीख सकते हैं।

कार्य के अंत में, सार प्रस्तुत करें कि क्या सीखा गया? और आपने, जिन ग़लतियों को देखा हो, उन्हें ठीक करें। आप प्रत्येक समूह के फ़ीडबैक को सुन सकते हैं, या केवल एक या दो समूह से पूछें, जिनके पास आपके विचार में अच्छी अवधारणाएँ हैं। विद्यार्थियों की रिपोर्टिंग को संक्षिप्त रखें और यह पहचानते हुए दूसरे समूहों से कार्य पर फ़ीडबैक की प्रस्तुति करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें कि क्या अच्छी तरह संपन्न किया गया? क्या दिलचस्प था? तथा इसे और विकसित कैसे किया जा सकता है?

यद्यपि, आप अपनी कक्षा में समूह कार्य करवाना चाहते हैं। कई बार आपके लिए उसको करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि कुछ विद्यार्थी–

  • सक्रिय अधिगम के प्रति प्रभावशून्य होते हैं और ध्यान नहीं देते
  • हावी हो जाते हैं
  • ख़राब पारस्परिक कौशल या विश्वास की कमी के कारण भाग नहीं लेते।

समूह कार्य के प्रबंधन को प्रभावशाली बनने के लिए, इस बात पर विचार करें हुए कि किस सीमा तक शिक्षण के परिणामों की पूर्ति हुई है और विद्यार्थियों ने कितनी अच्छी तरह प्रतिक्रिया की है (क्या उन सबको लाभ पहुँचा है?), उपर्युक्त सभी बिंदुओं पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। समूह कार्य, संसाधन, समय या समूहों की संरचना में यदि आप कोई समायोजन करना चाहते हैं, तो सावधानीपूर्वक विचार करें और योजना बनाएँ।

शोध यह सुझाव देते हैं कि हर समय समूह कार्य विद्यार्थियों की उपलब्धि पर सकारात्मक प्रभाव नहीं डालते हैं, इसलिए आपको हर पाठ में इसका इस्तेमाल करने के लिए बाध्य नहीं होना चाहिए। आप अनुपूरक तकनीक के रूप में समूह कार्य का प्रयोग करने पर विचार कर सकते हैं, उदाहरण के लिए विषय परिवर्तन के बीच अंतराल के रूप में या कक्षा में किसी चर्चा को अचानक शुरू करने के लिए, सुगम शुरुआत के रूप में या प्रायोगिक अधिगम गतिविधियों का परिचय कराने और कक्षा में समस्या हल करने के रूप में या विषयों की समीक्षा करने के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है।

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