3 प्रश्न पूछने के लिए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करना

दो मुख्य कारणों से विद्यार्थियों को प्रश्न पूछना सीखने की आवश्यकता होती है। पहला, यदि वे कार्य को नहीं समझते हैं और उन्हें मदद की आवश्यकता होती है, तो यह महत्वपूर्ण है कि उनमें आपसे या अपने किसी सहपाठी से पूछने का आत्मविश्वास हो। यह महसूस करना कि पूछना ठीक ही है और प्रश्न सूत्रबद्ध कर पाना समान रूप से महत्वपूर्ण है।

दूसरा, एक लोकतांत्रिक समाज का सक्रिय सदस्य बनने के लिए उन्हें तथ्यों की व्याख्या करने, उनकी वैधता पर संदेह करने और लोगों के द्वारा किए गए दावों को चुनौती दे पाने की आवश्यकता होती है।

केस स्टडी 2: प्रश्न पूछना

श्री सिंह अपने विद्यार्थियों को कुछ प्रश्न बनाने के लिए कहते हैं।.

जब मैं विषय के आखिर में पहुंचता हूं, तो मैं सामान्यतः पर अपने विद्यार्थियों से पूछता हूं कि क्या वे सब कुछ समझ रहे हैं या नहीं? और क्या किसी को कोई प्रश्न पूछना है? मुझे हमेशा यही उत्तर मिलता, ’हां, हम समझ गए हैं’। बहुत कम ही विद्यार्थियों ने कभी मुझसे प्रश्न पूछा। हालांकि जब परीक्षा की बारी आती है, तो वे कभी उतना अच्छा नहीं करते, जितनी मुझे उम्मीद होती है। इससे यह स्पष्ट है कि विद्यार्थियों की बड़ी संख्या है जो कुछ अवधारणाओं को नहीं समझती। मैंने तय किया कि मुझे इसके बारे में कुछ करना पड़ेगा।

जब ’हम क्यों बीमार पडत़े हैं?’ विषय समाप्त किया, तब मैंने एक अलग तरीका अपनाने का निर्णय लिया। गृहकार्य के लिए, अध्याय के अंत में प्रश्नों को हल करने की बजाय मैंने उनसे अपने सहपाठियों के लिए एक प्रश्न–पत्र तैयार करने कहा। प्रत्येक को पांच प्रश्न तैयार करने थे। मैंने उनसे यह भी कहा कि वे ऐसे किसी भी प्रश्न का अलग से रिकार्ड बना लें जो वे विषय के बारे में पूछना चाहते हों।

अगले दिन मैंने उन्हें चार–चार के समूहों में व्यवस्थित किया। मैंने समूहों को इस तरह व्यवस्थित किया जिससे योग्यता के समान स्तर पर पहुंच चुके विद्यार्थी एक साथ हों। प्रत्येक समूह के प्रत्येक व्यक्ति के प्रश्नों (जोड़कर कुल 20 प्रश्न) पर अच्छी तरह काम करना था। मैंने अपेक्षाकृत कमजोर विद्यार्थियों के समूहों की सहायता करने के लिए ध्यान केंद्रित किया, लेकिन मैंने पाया कि उन्होंने एक उपयुक्त स्तर पर कुछ अच्छे प्रश्न तैयार किए थे। यदि किसी समूह ने जल्दी काम समाप्त कर लिया, तो मैंने उनसे कहा कि ऐसे किन्हीं भी क्षेत्रों के अतिरिक्त प्रश्नों के बारे में सोचें जिसमें उन्हें मदद की जरूरत हो।

अभ्यास के अंतिम दस मिनटों में, मैंने उन्हें अध्याय के अंत में दिए गए प्रश्नों के उत्तर देने के काम में लगाया। जब वे यह कर रहे थे, मैं चारों तरफ गया और ऐसे किसी भी प्रश्न का उत्तर दिया जिसके बारे में विद्यार्थियों को अब भी संदेह था।

विचार के लिए रुकें

आप कौन–कौन से कदम उठा सकते हैं जिनसे आपके विद्यार्थी प्रश्न पूछने में सक्षम महसूस करें?

यह महत्वपूर्ण है कि विद्यार्थी प्रश्न पूछने का आत्मविश्वास महसूस करें। आपको उनके लिए समय और अवसर दें जिससे वे प्रश्न पूछ सकें और साथ ही ध्यानपूर्वक प्रतिक्रिया दे सकें। उन्हें बताएं कि यह अच्छा प्रश्न है और आपको प्रसन्नता हुई कि उन्होंने पूछा। उत्तर को आप जितना अधिक से अधिक स्पष्ट रूप से समझा सकें समझाएं। एक फोलो–अप प्रश्न के साथ बात समाप्त की जा सकती है, जो दर्शाएगा कि वे वास्तव में समझ सके हैं या नहीं। यदि आप सहयोगपूर्ण और मित्रतापूर्ण वातावरण बना सकें, तो विद्यार्थियों के लिए प्रश्न पूछना आसान लगेगा।

गतिविधि 3: अपने विद्यार्थियों को प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करना

यह गतिविधि आपके विद्यार्थियों को किन्हीं आंकड़ों के बारे में पूछने के लिए प्रश्नों पर विचार करने का अवसर देगी। इसी तरह का चिंतन और प्रश्न करना लोकतांत्रिक समाज का अच्छा नागरिक बनने में उनकी मदद करेगा। इसके फॉलो–अप के रूप में वे कोई प्रोजेक्ट कार्य कर सकते हैं।

  • संसाधन 3 में दिए गए आंकड़े ब्लैकबोर्ड पर उतारें (आपके पास यदि कोई और आंकड़े उपलब्ध है तो आप इसकी बजाय उसका उपयोग कर सकते हैं)।
  • विद्यार्थियों से आंकड़ों को देखने और फिर दो प्रश्न लिखने के लिए कहें जो वे डेटा के बारे में पूछ सकें।
  • उनसे अपने प्रश्नों को अपनी बगल में बैठे विद्यार्थी के प्रश्नों से मिलाने और फिर साथ मिलकर दो और प्रश्न सोचने का प्रयास करने के लिए कहें।
  • उनसे स्वेच्छा से अपने प्रश्न बताने के लिए कहें और कुछ विद्यार्थियों के प्रश्नों को ब्लैकबोर्ड पर लिखें।

कुछ प्रश्न आपको उम्मीद के अनुरूप ही मिलेंगे, जैसे, ’किस राज्य में टीकाकरण की दर सबसे अधिक है?’ और कुछ अधिक रोचक प्रश्न होंगे, जैसे, ’मां का दूध पिया हुआ शिशु होने और सामान्य से कम वजन वाला बच्चा होने में क्या आपस में कोई संबंध है?’ या ’पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में टीकाकृत बच्चों की प्रतिशतता में इतना भारी अंतर क्यों है?’

अब और विस्तार से खोज करने के लिए अपने विद्यार्थियों को उनके प्रश्नों में से एक प्रश्न चुनने के लिए कहें। वे इसे गृहकार्य के के रूप में कर सकते हैं। उन्हें ऐसा प्रश्न चुनने के लिए प्रोत्साहित करें जिसका उत्तर देना उनकी स्थितियों के अनुरूप हो। उदाहरण के लिए, यदि इंटरनेट तक उनकी पहुंच है, तो किसी भिन्न प्रश्न चुनेंगे और यदि वे लाइब्रेरी, टीवी, रेडियो या परिवार के सदस्यों पर निर्भर हैं तो उसके अनुरूप भिन्न–भिन्न प्रश्न चुनेंगे।

2 प्रश्न पूछने की तकनीकें

4 सारांश