1 विद्यालय विकास योजना का परिचय

चित्र 2 विद्यालय की विकास योजना एक मार्गदर्शक योजना होती है जो ऐसे परिवर्तनों को नियत करती है जो विद्यालय में सुधार लाने हेतु ज़रूरी होते हैं।

विद्यालय विकास योजना (एसडीपी) विद्यालय सुधार का आधार प्रदान करती है और उसे विद्यालय के दर्शन और दूरदर्शिता को प्रतिबिंबित करना चाहिए। इसमें अगली समयावधि हेतु प्राथमिकताएं एवं कार्य सूचीबद्ध होते हैं – कई विद्यालय सामान्यः त्रिवर्षीय योजनाएं बनाते हैं जिसे अधिक विस्तृत वार्षिक योजना से संपूरित किया जाता है।

एसडीपी विद्यालय की स्व-समीक्षा को प्रेरित करती है और समुदाय को दर्शाती है कि विद्यालय अपने विद्यार्थियों हेतु सर्वश्रेष्ठ संभव परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है। पहला केस स्टडी और गतिविधि यह स्पष्ट करते हैं कि योजना बनाना महत्वपूर्ण क्यों है।

केस स्टडी 1: विकास नियोजन महत्वपूर्ण क्यों है

श्रीमती नागराजू एक शहरी प्राथमिक विद्यालय की विद्यालय नेता हैं। अधिकतर विद्यालय प्रमुखों की तरह, वे बहुत व्यस्त होती हैं और उनके पास दैनिक कार्यों’ की सूची होती है ताकि जो कार्य उन्हें पूर्ण करवाने हैं उन्हें वे याद रख सकें:

सोमवार:

  1. छत की मरम्मत के बारे में जिला कार्यालय को पत्र लिखना।
  2. (कक्षा 2 की अध्यापिका) अमिति से पाठों में देर से पूरा करने बारे में बातचीत करना।
  3. कक्षा 5 के भ्रमण में हुई घटना के बारे में विद्यालय के बाद रक्षी के माता-पिता से मुलाकात की कोशिश करना और मिलना।
  4. मध्याहन भोजन के बाद विद्यालय में धीरे धीरे चलना (आपके लिए एक अधिगम चहलकदमी) – पाठों में व्यवहार पर केंद्रण करना।
  5. पिछले हफ्ते की उपस्थिति सूचियां जांचना और जिला कार्यालय के लिए प्रपत्र भरना।
  6. सुनिश्चित करना कि पिछले हफ्ते के सभी पत्रों का उत्तर भेज दिया गया है।
  7. दुरुम (एसएमसी अध्यक्ष) के साथ मुलाकात तय करना।
  8. अगले दिन की पाठ्यचर्या (क्रॉस-करिकुलर) लिए शुमि की योजना की जांच करना।
  9. निशा के पिता की शिकायत का उत्तर देना।
  10. शुक्रवार को कक्षा 4 में हुई घटना की जांच-पड़ताल करना।

हर दिन श्रीमती नागराजू के पास ऐसी ही एक सूची होती है। अधिकतर उन्हें सामने लाए गए मुद्दों पर उत्तर देना और आवश्यक प्रशासनिक कार्य पूरे करना होता है।

गतिविधि 1: योजना क्यों बनाएं?

श्रीमती नागराजू की सोमवार की सूची देखें।

  • सूची के कौन से कार्य आवश्यक प्रशासनिक कार्य हैं?

  • सूची के कौन से कार्य घटनाओं पर प्रतिक्रियाएं हैं?
  • सूची के कौन से कार्य वे कार्य हैं जो अध्यापन और सीखने में सुधार ला सकते हैं?
  • यदि वे बहुत व्यस्त हैं तो किन कार्यों के अधूरे छूट जाने की संभावना है?

अपनी सीखने की डायरी में वह सलाह लिखें जो आप श्रीमती नागराजू को उनके कार्यों के प्रबंधन के लिए देंगे।

Discussion

चर्चा

आप जानेंगे कि दस में से आठ आइटम आवश्यक प्रशासनिक कार्य अथवा घटनाओं पर प्रतिक्रियाएं हैं। केवल दो कार्य – अधिगम चहलकदमी (Learning walk) करना (आइटम सं. 4) और अगले दिन की पाठ्यचर्या (क्रॉस-करिकुलर) दिवस की योजना जांचना (आइटम सं. 8) – ऐसे हैं जिनमें विद्यार्थियों के सीखने पर सीधा असर डाल सकते है। अधिगम चहलकदमी से वे सीखने के व्यवहार के बारे में जानकारी एकत्र करने में सक्षम हो पाएंगी, जिससे वे अपने की और बेहतर मदद कर सकेंगी; अगले दिन की पाठ्यचर्या की योजनाएं सुनिश्चित करने से वे विद्यार्थियों को सकारात्मक अनुभव दें पायेंगे। आइटम 4 व 8 तत्काल आवश्यक नहीं हैं, अतः उनकी आसानी से अनदेखी हो सकती है। लेकिन यदि श्रीमती नागराजू को अपने विद्यालय में सीखने–सिखाने में बदलाव लाना है तो इन कार्यों की प्राथमिकता उच्च होनी चाहिए। शायद वे कुछ प्रशासनिक कार्य किसी अन्य को सौंप सकती हैं? शायद आइटम 5 और 9 की जिम्मेदारी कक्षा के शिक्षक–शिक्षिका उठा सकते हैं?

विद्यालय प्रमुख के रूप में दिन-प्रतिदिन की घटनाओं एवं प्रशासनिक कार्यों में घिर जाना आसान है। कभी-कभी बड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए और जटिल समस्याओं का हल निकालने के लिए समय निकालना कठिन हो जाता है। एसडीपी का उद्देश्य है रणनीतिक बनने में आपकी मदद करना और उन कार्यों की पहचान करना और प्राथमिकता के क्रम में अधिक महत्व देना जो अंततः अध्यापन और सीखने में सुधार लाएंगे। यही विद्यालय के अन्य व्यस्त अध्यापकों पर भी लागू होगा। विकास योजना आप सभी को दीर्घ-कालिक लक्ष्यों पर केंद्रित बने रहने और उन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कार्यों को प्राथमिकता देने में मदद करेगी।

विद्यालय की समीक्षा के बाद आप और आपकी नेतृत्व टीम (या साथी अध्यापक) ऐसे कार्यों की पहचान कर चुके होंगे जिन्हें विद्यालय में सुधार लाने के लिए आपके द्वारा किए जाने की आवश्यकता है। इनमें ये शामिल हो सकते हैं:

  • ऐसे विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाना जो प्राथमिक विद्यालय की समाप्ति तक, धाराप्रवाह पढ़ने में सक्षम हों
  • विद्यालय की चर्या संरचना बदलना
  • विद्यालय में सतत एवं व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) के उपयोग को सुधारना।

सबसे पहला चरण है अधिक प्राथमिकता वाले कुछ क्षेत्रों की पहचान करना। इसमें हितधारकों से बातचीत करना शामिल होगा, और चुनी गई प्राथमिकताओं को विद्यालय की सामूहिक परिकल्पना से सुसंगत होना चाहिए। (इकाई के परिप्रेक्ष्य अपने विद्यालय के लिए एक साझी परिकल्पना बनाना भी इस इकाई के साथ संयोजन में उपयोगी है)।

जब आपके पास परिकल्पना एवं प्राथमिकताएं हों तो अगला चरण है वे कार्य-समूह तैयार करना जिनसे वांछित बदलाव आने की संभावना हो। उदाहरण के लिए, यदि विद्यालय चर्या की संरचना को बदलना प्राथमिकता है, तो किये जाने वाले कार्यों में निम्नांकित शामिल हो सकते हैं:

  • वैकल्पिक विद्यालय दिवस कार्यक्रम के लिए दो या तीन विकल्पों की पहचान करना
  • अध्यापकों, विद्यार्थियों और माताओं-पिताओं से बात कर वह विकल्प पहचानना जो सर्वाधिक उपयुक्त हो सकता है
  • सबसे उपयुक्त विकल्प के अनुरूप समय-सारणी को फिर से लिखना और उसे स्टाफ एवं माता-पिता के अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करना

  • विद्यार्थियों को योजना की जानकारी देना और वह तिथि निश्चित करना जब नयी दिवस योजना आरंभ होगी।

प्रत्येक कार्य की जिम्मेदारी के लिए आपको एक व्यक्ति की पहचान करीनी होगी, कार्य पूरा करने के लिए समय सीमा तय करनी होगी और प्रगति का अनुश्रवण करने के लिए कुछ मानदंड की पहचान करनी चाहिए। गतिविधि 2 केन्द्रित होने में आपकी मदद करेगी। ‘छात्राओं की उपस्थिति में सुधार करना’ जैसी बातें लिखना आसान है पर जब तक कोई विशिष्ट उपाय न करे तब तक कुछ नहीं होगा।

चित्र 3 लक्ष्यों के लिये कार्य करना ज़रूरी होता है।

गतिविधि 2: लक्ष्यों को कार्यों में बदलना

‘मेरे विद्यालय में छात्राओं की उपस्थिति में सुधार करना’, इस लक्ष्य पर विचार करें। अपनी सीखने की डायरी में ऐसे चार या पांच कार्य लिखें जो इस लक्ष्य को हासिल करने की ओर ले जाएंगे।

संसाधन 1 में एसडीपी की एक टेंप्लेट वर्णित है। इस पर इकाई में बाद में अधिक विस्तार से विचार किया जाएगा, पर अभी इस पर एक नज़र डाल लें ताकि आपको पता हो कि आपका क्या लक्ष्य है।

पहला चरण है विद्यालय हेतु प्राथमिकताओं की पहचान करना (तालिका का पहला स्तंभ)। स्व-समीक्षा बहुत से विचार प्रदान करेगी, परन्तु उनकी चर्चा आपके हितधारकों के साथ की जानी होगी।

विद्यालय प्रमुख इस इकाई में क्या सीखेंगे

2 हितधारकों के साथ कार्य करना