यह दृष्टिकोण क्यों महत्वपूर्ण है

अनेक विद्यार्थियों को विद्युत एक कठिन या चुनौतीपूर्ण विषय लगता है। इसका एक कारण यह है कि विद्युत के बारे में सीखने के लिये अमूर्त अवधारणाएं तथा आंखों से नहीं दिखने वाली वस्तुओं का उपयोग किया जाता है, जैसे आवेश और इलेक्ट्रॉन।

भौतिक मॉडल और इसके समान अन्य समाग्री से अमूर्त अवधारणाओं को ’मूर्त स्वरूप’ प्रदान करने में मदद मिलती हैः

  • विद्यार्थियों को ऐसी वस्तुओं या प्रक्रियाओं को कल्पना में देखने में मदद करके जिन्हें वे सीधे नहीं देख सकते (जैसे, किसी वस्तु के आकार या किसी प्रक्रिया में लगने वाला समय बहुत बड़ा या बहुत छोटा हो)
  • किसी जटिल समस्या को सरल बनाने में
  • विद्यार्थियों वस्तुओं को उलट–पुलट कर देख सकते हैं जिससे वह अवधारणा उनके मन में और पक्की हो जाएं या किसी प्रणाली के अलग अलग भागों के बीच के संबंध को जान सकते हैं।
  • मॉडल को उलट–पुलट करके विद्यार्थी यह देख सकते हैं कि वह जिस वस्तु का मॉडल है वह वस्तु कैसे काम करती है।

विद्युत की पढ़ाई भौतिक मॉडलों के साथ करने से विद्यार्थी अपनी कल्पनाओं को परख सकते हैं, भविष्यवाणियाँ कर सकते हैं और इसके प्रभावी मानसिक मॉडल विकसित कर सकते हैं।।

मॉडल और इसके जैसी अन्य सामग्री दोनों की ही अपनी क्षमता और सीमाएं होती हैं। एक सन्दर्भ में काम करने वाला मॉडल हो सकता है कि दूसरे सन्दर्भ में काम न करे। ’सही’ मॉडल से मदद मिलती है, लेकिन ’गलत’ मॉडल से सीखने में कठिनाई आ सकती है। विद्युत परिपथों के भौतिक मॉडलों का अंदाज़ा करने में एक अच्छे मॉडल की विशेषताओं के बारे में सोचना पड़ता है। इसका संबंध संपूर्ण वैज्ञानिक कौतूहल से है, सिर्फ विद्युत से नहीं।

आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं

1 विद्यार्थियों को विद्युत के बारे में क्या कठिनाई महसूस होती है?