संसाधन

संसाधन 1: विद्युत विषय में कठिनाई के स्त्रोत

यह संसाधन गतिविधि 1 में उपयोग किया गया है।

तालिका R1.1 विद्युत विषय में आपके विद्यार्थियों को कहाँ कठिनाई आ सकती है?
खण्डगतिविधिमुख्य शैक्षणिक बिंदु / इस गतिविधि और साथ के पाठ से विद्यार्थियों को मुझे क्या सिखाना है?कठिनाई के स्त्रोत? संभाव्य गलतफहमियाँ?
1.1

आवेश (कूलम्ब में मापा जाने वाला) का प्रति सेकंड प्रवाह ही विद्युत धारा (एम्पीयर में मापा जाता है) है। अमीटर द्वारा मापा गया विद्युत धारा। पारम्परिक धारा की माप + से – तक होती है।

विद्युत धारा और इलेक्ट्रॉन एक चालक से हो कर जाते हैं। विद्युत धारा तुरंत होता है, लेकिन इलेक्ट्रान चलन की गति लगभग 1 मि.मि. प्रति सेकंड होती है

आवेश ऐसी वस्तु नहीं है जिसे देखा जा सके।

इलेक्ट्रॉन के बहाव की दिशा और पारम्परिक धारा को लेकर भ्रम

इलेक्ट्रॉन्स की धीमी गति और धारा की तत्क्षणता में मेल

1.2

चालक में विभवांतर के कारण आवेश उसमें से प्रवाहित होता है

विभवांतर = प्रति यूनिट आवेश पर किया गया काम

1 वोल्ट = 1 जूल प्रति कूलम्ब वोल्टमीटर द्वारा मापा गया

यह विचार कि बैटरी विद्युत प्रवाह देती है वोल्टेज नहीं
1.3आम तौर पर उपयोग किये जाने वाले हिस्सों के लिये पारम्परिक चिह्न
1.41.4.1किसी चालक के लिये वोल्टेज और विद्युत धारा का आपसी संबंध। अलग अलग बैटरी की संख्या के लिये प्रदर्शित किया गया है। ओम के नियम वोल्टेज और धारा के बीच ग्राफ द्वारा व्यक्त करते है।

वोल्टेज और विद्युत धारा के बीच ग़लतफहमी

परिपथ के रेखाचित्र के अनुसार वास्तविक परिपथ बनाना।

परिपथ में वोल्टमीटर और अमीटर के संयोजन

1.4.2हिस्सों को बदलने से धारा प्रभावित होती है। प्रतिरोध की अवधारणा, प्रतिरोध बढ़ने से धारा कम होता है

संभावित गलतफहमी ’हिस्सों द्वारा धारा को सोख लिया जाता है’

पाठ की चर्चा में चालक में से इलेक्ट्रॉनों के हो कर गुजरने का मानसिक मॉडल

1.4.3

चालक के प्रतिरोध को प्रभावित करने वाले कारण

तार की प्रतिरोधकता लंबाई जितना ज्यादा होगी, प्रतिरोध भी उतना ही ज्यादा होगा।

चालाक के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल जितना ज्यादा होगा उतना ही प्रतिरोध कम

विद्युत धारा को मापते हुए प्रतिरोध का अनुमान लगाना प्रतिरोध को सीधे मापना नहीं

चालान के अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल का नियम प्राप्त करने के लिये, विद्यार्थियों को याद दिलाना होता है कि व्यास दुगुना करने से क्षेत्रफल चौगुना होता है

आपसी सम्बन्ध को याद रखना

1.51.5.1श्रेणी में प्रतिरोधक श्रेणी परिपथ में कहीं भी धारा एक समान बहती है धारा प्रतिरोध की कुल मात्रा पर निर्भर करता है।परिपथ को परिपथ रेखाचित्र के रूप में व्यक्त करना से मिलाना। धारा सोख लिया जाना’ गलतफहमी
1.5.2

श्रेणी में प्रतिरोधकों के लिये, कुल विभवांतर प्रत्येक प्रतिरोध के विभवांतरों का योग।

V = IR के रूप में, श्रेणी में प्रतिरोधकों का कुल प्रतिरोध = प्रत्येक प्रतिरोध का योंग का योग

परिपथ को परिपथ रेखाचित्र के रूप में व्यक्त करना
1.61.6.1

तीन प्रतिरोधक समांतर हों, तो प्रत्येक प्रतिरोधक का विभवांतर और तीनों प्रतिरोधों के विभवांतर समान होगा।

परिपथ के अखंडित भाग में धारा = प्रत्येक प्रतिरोधक के धारा का योग

परिपथ को परिपथ रेखाचित्र के अनुरूप व्यक्त करना।

गणनाएं समझने के लिये कठिन हो सकती हैं।

गतिविधि के बाद कुल प्रतिरोध की गणना कठिन हो सकती है। कुल प्रतिरोध में कमी आना शुरू में सहज ज्ञान के विपरीत होता है

1.71.7.1

जब विद्युत धारा किसी चालक में से गुजरता है तब कुछ ऊर्जा गर्मी के रूप में निकल जाती है

बल P = VI

ऊर्जा H = V I t

ऊर्जा cap h equals cap i squared times cap r

 
1.7.2गर्मी के प्रभाव के व्यावहारिक अनुप्रयोग हीटर, टोस्टर, फिलामेंट वाले बल्ब, फ्यूज़ आदिक्या, सभी विद्यार्थी इन उदाहरणों को पहचानते होंगे?
12.8

विद्युत बल P = V I I

P = R

cap p equals cap i squared times cap r

बल को वाट्स में मापा जाता है

ऊर्जा की व्यापारिक यूनिट = किलोवाट घंटा (kW h) = 3.6 × 106 जूल।

विद्युत उपकरणों द्वारा आवेश सोख नहीं लिया जाता। हम उपयोग की गई ऊर्जा का पैसा देते हैं, आवेश का नहीं

ऊर्जा और आवेश में ग़लतफहमी

4 सारांश

संसाधन 2: वार्तालाप गतिविधि