3 सहपाठी समीक्षा (peer review) का उपयोग करना

‘समीक्षा करने’ का अर्थ है लिखे गए काम को पढ़ना और उसे सुधारने के तरीके खोजना। छात्रों के लिए स्वयं के लेखन की समीक्षा करना संभव है, हालांकि लेखकों के लिए प्रायः स्वयं अपनी गलतियाँ देखना और ऐसे क्षेत्रों की पहचान करना कठिन हो सकता है जिनमें वे सुधार कर सकते हैं।

एक कार्यनीति जिसका उपयोग आप कर सकते हैं वह है peer review का आयोजन जिसका मतलब है छात्रों से एक दूसरे के लिखित कार्य को पढ़वाना और उस पर टिप्पणी करवाना। यह बहुत उपयोगी होता है क्योंकि:

  • अन्य छात्रों के काम को पढ़कर, छात्र इस बारे में अधिक सजग हो जाते हैं कि काम में क्या आवश्यक है और स्व-मूल्यांकन के महत्वपूर्ण कौशल को विकसित करते हैं
  • शिक्षक के बजाय सहपाठी के प्रेक्षणों और सुझावों को स्वीकार करना अधिक आसान हो सकता है
  • सहपाठी लेखक की अनुभूतियों को अधिक समझ सकते हैं, और अपनी टिप्पणियाँ और सुझाव अधिक मुक्त रूप से प्रकट कर सकते हैं
  • छात्रों के लिए अपने सहपाठियों के काम को पढ़ना अत्यंत प्रेरणादायक हो सकता है, और इससे छात्रों को लेखन में अधिक आनंद मिल सकता है।

कई शिक्षक समकक्षीय समीक्षा के बारे में चिंतित होते हैं। गतिविधि 3 आजमाएं, जो आपके छात्रों के साथ समकक्षीय समीक्षा का उपयोग करने से संबंधित कुछ मुद्दों का ध्यान दिलाती है।

गतिविधि 3: समकक्षीय समीक्षा का उपयोग करना

इस गतिविधि को आप अकेले या अन्य शिक्षकों के साथ भी कर सकते हैं।

कुछ शिक्षकों, जैसे केस स्टडी 2 में श्रीमती यादव, के पास छात्रों द्वारा अपने काम या उनके सहपाठियों के काम की समीक्षा करने के लिए कई प्रश्न होते हैं। श्रीमती जाधव के प्रश्न पढ़ें। क्या वे आपके अपने प्रश्नों के समान ही हैं? आप उन्हें क्या उत्तर देंगे? यदि संभव हो, तो किसी सहकर्मी के साथ उनके प्रश्नों पर चर्चा करें।

यहाँ एक अन्य शिक्षक द्वारा दिए गए उत्तर प्रस्तुत हैं। आप इनमें से किन उत्तरों से सहमत हैं? उन्हें पढ़ें और देखें कि क्या ये आपकी अपनी कक्षा में उपयोगी होंगे:

  • सहपाठियों के लिखित कार्य को सही करने के लिए छात्रों का पाठों को सावधानी से पढ़ना आवश्यक होता है। पठन की क्रिया छात्रों के लिए एक सीखने का अनुभव होता है। चाहे वे सुधार न भी कर पाएं तो भी, वे इस बारे में एक सामान्य विचार बना सकेगें कि गद्यांश में क्या गलत है।
  • छात्रों को समूह और जोड़ी की गतिविधियों में शामिल करने से बहुत सारा शोरगुल तो होता है, लेकिन ऐसा केवल शुरुआत में होता है। छात्रों के किसी गतिविधि के लिए समूह बनाने के आदी हो जाने के बाद, वे शीघ्रता से काम में लग जाते हैं।
  • अच्छा होगा कि सामूहिक समीक्षा गतिविधियों को आजमाने से पहले, इस योजना को प्रधानाध्यापक के साथ साझा करें। इस तरह से, आप उनका समर्थन प्राप्त कर सकते हैं और अन्य सहकर्मियों से मदद भी माँग सकते हैं।

केस स्टडी 3: छात्रों से एक दूसरे के लिखित कार्य की समीक्षा करवाने के लिए श्रीमती सायकिया एक तरीका अपनाती हैं

श्रीमती पल्लवी सायकिया माध्यमिक विद्यालय में मुख्याध्यापिका थीं। गत वर्ष, जब श्रीमती सायकिया ने एक नए अंग्रेजी शिक्षक, श्री रथ को नियुक्त किया तो उन्होंने पाया कि वे हर समय शिकायत करते रहते थे कि उन्हें बहुत सारी गलतियाँ सुधारनी पड़ती हैं। उन्होंने श्री राज और अन्य अंग्रेजी शिक्षकों को यह दिखाने का निश्चय किया कि छात्रों से एक दूसरे के काम की समीक्षा कैसे करवाई जाय। उन्होंने कक्षा 8, जो एक खास तौर पर बड़ी और शोरगुल भरी कक्षा थी, को चुना और उन्हें लेखन का एक काम दिया जो NCERT की पाठ्यपुस्तक Honeydew से था। यह कार्य What to do when a Tsunami warning is announced पर आधारित था। श्री रथ ने अपने अनुभव के बारे में अपनी पत्रिका में लिखा।

जब छात्रों ने अपने पाठ लिख लिए, तब श्रीमती सायकिया ने कक्षा को पाँच समूहों में बाँटा, और उन्हें नाम दिए: व्याकरण-विद्वान, विराम चिह्न विशेषज्ञ, विषय-वस्तु संग्राहक, स्पेल चेकर और स्टाइल गुरू। उन्होंने कक्षा को पुनर्व्यवस्थित भी किया ताकि प्रत्येक समूह के सदस्य एक डेस्क पर आमने सामने बैठें।

श्रीमती सायकिया ने समूहों के सामने घोषित किया कि वे उनके नेता हैं, और उन्हें उनके आलेखों की समीक्षा करने में उनकी मदद करनी होगी। छात्र बहुत रोमांचित हो गए। श्रीमती सायकिया द्वारा समूहों के नामों के अर्थ स्पष्ट करने के बाद, छात्र समझ गए कि उन्हें क्या करना है।

उन्होनें अपने निर्देश स्पष्ट कर दिए: व्याकरण-विद्वानों को सूनामी पर लिखे हरेक लेखांश की व्याकरण सही करनी थी, विराम चिह्न विशेषज्ञों को विराम चिह्न की गलतियों की जाँच करनी थी, इत्यादि। हर समूह के पास एक अलग काम था, और जब वे अपने आलेखों की जाँच समाप्त कर लेते, तो उन्हें वह सेट अगले समूह तक पहुँचाना था। श्रीमती सायकिया ने गतिविधि के लिए एक नियम बनाया कि प्रत्येक समूह को अलग रंग का उपयोग करके गलतियाँ दर्शानी होंगी, क्योंकि गलतियों को अलग अलग रंगों में दर्शाने से लेखक को बिल्कुल सही ढंग से पता लगाने में मदद होगी कि किस प्रकार का संशोधन आवश्यक है (व्याकरण, विराम चिह्न, आदि)।

छात्रों ने यह काम कक्षा के तीन पीरियडों में पूरा किया। श्रीमती सायकिया ने हर लेखक को आलेख लौटा दिए, और उनसे दस मिनट के लिए चुपचाप बठै कर किए गए संशोधनों को पढ़ने को कहा। उन्होंने कक्षा में चक्कर लगाया, रुक-रुक कर छात्रों से हुई गलतियों को स्पष्ट किया, तथा उन्ह तदनुसार बदलने में उनकी मदद की।

मैंने देखा कि उनकी कल्पनाशीलता के कारण, श्रीमती सायकिया ने एक कठिन काम को सरल बना दिया था। समूहों के दिलचस्प नाम रखने का विचार मुझे खास तौर पर पसंद आया। मुझे लगा कि श्रीमती सायकिया द्वारा छात्रों से एक दूसरे के काम की समीक्षा करवाना छात्रों के लिए एक सीखने का बहुत अच्छा अनुभव था, और उससे शिक्षक के समय की भी बचत होती थी। मैंने इसे अपनी खुद की कक्षाओं में आजमाने का निश्चय किया।

गतिविधि 4: कक्षा में आजमाएं – लिखित काम की सहपाठियों द्वारा समीक्षा

अगली बार जब आपके छात्र अंग्रेजी में कुछ लिखे तब उनसे उनके अपने काम, या अपने सहपाठियों के काम की समीक्षा करवाएं। आप भी केस स्टडी 3 की प्रधानाध्यापिका की तरह ही कर सकते हैं, और अपने छात्रों को लेखन के अलग अलग पहलुओं की खोज करने वाले समूहों में बाँट सकते हैं: व्याकरण, विराम चिह्न, स्पेलिंग, विषय-वस्तु और शैली।

इस कार्य के लिए जांच सूची का प्रयोग करना एक वैकल्पिक तकनीक है (देखें संसाधन 3 और इकाई ’निर्माणात्मक आंकलन के माध्यम से भाषा सीखने में सहायता करना’) मुख्य बिंदुओं को चार्ट पेपर के एक टुकड़े पर लिखें और उसे दीवार पर चिपकाएं ताकि छात्र उसे हर समय देख सकें। इस जाँचसूची से, छात्र एक दूसरे के काम को पढ़ सकते हैं और गलतियों या उन बातों के बारे में टिप्पणी कर सकते हैं जिन्हें सुधारा जा सकता है।

पाठों की समीक्षा कर लेने के बाद, छात्र अपने काम को अदल-बदल कर सकते हैं, और फिर अपने सहपाठियों की टिप्पणियों का उपयोग करते हुए अंतिम मसौदा लिख सकते हैं।

क्या छात्रों को इस गतिविधि में मज़ा आया? उन्होंने क्या सीखा? आप अगली बार गतिविधि में कैसे सुधार कर सकते हैं?

2 पाठ लेखन को सार्थक बनाना

4 सारांश