यह दृष्टिकोण क्यों महत्वपूर्ण है

विज्ञान एक प्रायोगिक विषय है। यद्यपि प्रायोगिक गतिविधियों से विद्यार्थियों को सीखने में मदद मिल सकती है, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए सावधानीपूर्वक योजना तैयार करना अपेक्षित है, जिससे वे प्रभावी साबित हों। कुछ प्रायोगिक गतिविधियां विद्यार्थियों को मानक प्रक्रियाओं का अभ्यास करने के अवसर देती हैं, जिनमें वैज्ञानिक अवधारणाओं तथा विज्ञान की प्रकृति को समझने के लिए अधिक गहन चिन्तन अपेक्षित नहीं होता है। इस इकाई से आपको यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि आपके विद्यार्थी वैज्ञानिक विचारों तथा प्रक्रियाओं के बारे में सोचने और साथ ही प्रायोगिक कौशल को सीखने पर विचार करने के लिए अवसर के रूप में प्रायोगिक गतिविधियों का इस्तेमाल करते हैं।

खोज संबंधी प्रायोगिक कार्य में प्रश्न पूछे जाते हैं कि,– ‘कौन से कारक प्रभावित करते हैं …?’, ‘क्या इसके बीच कोई संबंध है…?’, ‘… के संभावित कारण क्या हो सकते हैं…?’ खोज संबंधी कार्य को निष्पादित करने के लिए, विद्यार्थियों को संबंधित विज्ञान अवधारणाओं के बारे में सोचना और उन्हें लागू करना होता है, और साथ ही विज्ञान संबंधी कौशलों और तकनीकों को इस्तेमाल करना होता है।

इस इकाई में यह सुनिश्चित करने पर बल दिया गया है कि जो प्रायोगिक कार्य आप करते हैं, वह उद्देश्यपूर्ण है। विज्ञान के बारे में और वैज्ञानिक किस प्रकार से कार्य करते हैं? आदि बातों को सीखने में उससे सहायता मिलती है। यह महत्वपूर्ण है कि प्रायोगिक कार्य की योजना सावधानीपूर्वक बनाई जाए जिससे इसमें बिना अतिरिक्त समय लगाये सीखने में बढ़ोत्तरी हो।

आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं

1 किस प्रकार का प्रायोगिक कार्य?