1 किस प्रकार का प्रायोगिक कार्य?

प्रभावी प्रायोगिक कार्य महत्वपूर्ण होता है जिससे अधिक प्रभावी रूप से सीखा जा सकता है। इसमें ‘हैंड्स ऑन’ और ‘माइन्ड्स ऑन’ (शारीरिक और बौद्धिक सक्रियता) दोनो ही होते हैं। अनेक विस्तृत प्रकार के प्रायोगिक कार्य हैं, जिनमें से प्रत्येक के लाभ और नियोजन मुद्दे में शामिल हैं–

  • प्रदर्शन (प्रयोग करके दिखाना)
  • ढांचागत प्रयोग
  • ‘रोटेटिंग’ प्रयोग या ‘सर्कस’ प्रयोग
  • खोज
  • समस्या समाधान।

प्रदर्शन करने के अतिरिक्त, सभी प्रकार के प्रायोगिक कार्यों में विद्यार्थियों द्वारा जोड़ी में या समूहों में काम करना शामिल होता है। खोज करने और समस्या का समाधान करने से संबंधित प्रयोगों से विद्यार्थियों को स्वतंत्र व सृजनात्मक कार्य करने का अवसर मिलता है। जबकि ढांचागत प्रायोगिक गतिविधियां मानक तकनीकों से परिचित होने तथा उनका अभ्यास करने के लिए अच्छी होती हैं। सर्कस प्रयोगों से उपकरणों की आवश्यकता में कमी करने में सहायता मिल सकती है। आप संसाधन 1 में प्रत्येक किस्म के प्रायोगिक कार्य के संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

किस प्रकार के प्रायोगिक कार्य का इस्तेमाल किया जाए यह विकल्प गतिविधि के उद्देश्य तथा साथ ही समय और संसाधन संबंधी सीमाओं पर निर्भर करता है। ‘उद्देश्य’ और ‘विद्यार्थियों को क्या सीखना चाहिए’? का सम्बन्ध संकल्पनात्मक विज्ञान संबंधी जानकारी या प्रयोगशाला प्रक्रियाओं से होता है। इसका सम्बन्ध खोज कौशलों, प्रस्तुतीकरण सम्प्रेषण कौशलों और साथ ही समूह कार्यकरण कौशलों से भी है। विद्यार्थियों को सभी कौशलों द्वारा पढ़ाया जाना चाहिए तथा उनका अभ्यास किया जाना चाहिए।

समूह प्रायोगिक गतिविधियों को करने के लिए नियमित बातों को पढ़ाने पर समय व्यतीत करना उपयोगी साबित होता है। इससे विद्यार्थी के मुख्य उद्देश्य पर अधिक समय व्यतीत करने में समर्थ होंगे क्योंकि वे यह जानते होंगे कि प्रायोगिक गतिविधि में उनसे क्या अपेक्षा की जाती है?

एक प्रभावी समूह प्रायोगिक पाठ उस पाठ से पहले प्रभावी योजना पर निर्भर करता है। आपको सर्वश्रेष्ठ गतिविधि को चुनना होगा और साथ ही इसके समय, संगठन तथा आप प्रायोगिक गतिविधि के दौरान क्या करेंगे? इन सभी बातों पर विचार करना होगा।

किसी भी गतिविधि के लिए यह सोचना महत्वपूर्ण है, कि ‘हम क्या चाहते हैं कि विद्यार्थी क्या सीखें?’ और ‘इस गतिविधि में शिक्षण कहां पर होना चाहिए?’

विचार के लिए रुकें

  • आपके द्वारा किस प्रकार के प्रायोगिक कार्य का प्रयोग किया गया है?
  • आपको सबसे अधिक आनन्द किस प्रकार के प्रायोगिक कार्य में आता है?
  • आप किस प्रकार के प्रायोगिक कार्य के साथ सबसे अधिक सहज महसूस करते हैं?
  • आपके द्वारा अन्य अध्यापकों को किस प्रकार के प्रायोगिक कार्य को इस्तेमाल करते हुए देखा गया है?

केस स्टडी 1: गुरूत्वाकर्षण पढ़ाना और गतिविधियों का इस्तेमाल करना

श्री गुप्ता ने गुरूत्वाकर्षण से संबंधित कक्षा IX की प्रायोगिक गतिविधियों से जुड़ी अपनी योजनाओं की समीक्षा करने का फैसला किया।

इससे पहले, मैंने कक्षा IX के साथ अधिकांश प्रायोगिक गतिविधियों के लिए प्रदर्शन करना चुना था। इस वर्ष मैं पाठों में कुछ अलग प्रकार के प्रायोगिक कार्य को शामिल करना चाहूंगा। अगला प्रकरण गुरूत्वाकर्षण होगा, इसलिए मैंने कक्षा IX के गुरूत्वाकर्षण से जुड़ी भिन्न-भिन्न गतिविधियों की समीक्षा करके यह तय करने का निर्णय किया कि कौन-कौन सी गतिविधियों को प्रदर्शन के लिए रखा जाए और कौन-कौन सी गतिविधियों को सामूहिक प्रायोगिक गतिविधियों के रूप में रखने पर अधिक उपयोगी साबित होंगी।

मेरे निर्णय तीन मुद्दों से प्रभावित होंगे–

  • कक्षा IX में अनेक विद्यार्थी हैं और मेरे पास बहुत से उपकरण नहीं हैं।
  • मैंने समूह प्रायोगिक कार्य के संबंध में कोई बहुत अधिक कार्य पहले नहीं किया है, तथा मुझे इस बात की भी थोड़ी चिंता है कि समूहों में काम करने के दौरान कुछ विद्यार्थियों को संभालना कठिन हो सकता है।
  • किसी गतिविधि की योजना बनाने के लिए मुझे कोई भी तरीका क्यों न चुनना पड़े? मेरे विद्यार्थियों को उस गतिविधि से संबंधित उद्देश्य जल्दी से समझ में आना चाहिए और उनका ध्यान इधर-उधर भटकना नहीं चाहिए।

आज मैंने अध्याय की सभी प्रायोगिक गतिविधियों के लिए एक तालिका तैयार की है। मैंने प्रत्येक गतिविधि के लिए जानकारी को एकत्र किया तथा प्रदर्शन करके दिखाने या एक सामूहिक प्रायोगिक गतिविधि का इस्तेमाल करने के कारणों को भी उल्लिखित किया–

तालिका
गतिविधिमहत्वपूर्ण शिक्षण बिन्दुगतिविधि का प्रकारकारण और टिप्पणियां
1स्थिर रफ्तार पर वृत्ताकार गति में त्वरण शामिल होता है। वृत्ताकार गति के लिए वस्तु पर बल का प्रयोग किया जाना चाहिए जो कि वृत्त के केन्द्र की ओर लगने वाला होना चाहिए। इस बल के बिना, वस्तु एक सीधी रेखा में चलती है। गुरूत्वाकर्षण बल के कारण चन्द्रमा धरती के चारो ओर अपनी कक्षा में बना रहता है, आदि।अध्यापक द्वारा प्रदर्शन।जब पत्थर को छोड़ा जाता है तब होने वाला प्रक्षेप्य जोखिम- अधिक जोखिमपूर्ण होता है। मुझे इसे नियंत्रित करना होगा! इस प्रयोग का प्रदर्शन शीघ्रता से किया जा सकता है तथा विद्यार्थियों का ध्यान भी बना रहेगा
2गुरूत्वाकर्षण बल - जब किसी वस्तु को ऊपर की ओर फेंका जाता है तो वह वस्तु धरती पर वापस आ जाती हैं। मुक्त अवस्था में गिरती हुई वस्तुएं धरती की सतह की ओर निरन्तर त्वरण प्रदर्शित करती हैंअध्यापक प्रदर्शन द्वारा।संभावित जोखिम/नियंत्रण मुद्दा - अति उत्साह से पत्थर फेंकना! मुझे यह करना होगा
3वायु प्रतिरोध का प्रभाव यह है कि जितनी तेजी से पत्थर गिरता है, उतनी तेजी से कागज नहीं गिरता है। लेकिन वायु के प्रतिरोध के बिना, सभी वस्तुएं एक समान गति पर नीचे गिरती हैं।हवा वाले हिस्से के संबंध में चुनिंदा विद्यार्थियों द्वारा प्रदर्शन करना तथा इसके बाद अध्यापक का प्रदर्शन। यदि, वैक्यूम पम्प उपलब्ध नहीं है तो चन्द्रमा पर अंतरिक्ष यात्री के वीडियो क्लिप का डेमो। आप क्लिप को अपने मोबाइल फोन पर डाउनलोड कर सकते हैं तथा इसे सभी को दिखा सकते हैं।कुछ विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी अधिक प्रेरणादायक साबित होगी।
4पानी में पैदा होने वाले उत्प्लावक बल के विरूद्ध हवा से भरी बोतल को पानी के नीचे बनाए रखने के लिए उसे नीचे की ओर धकेलने की आवश्यकता। त्पेक्ष - द्रव्य में किसी वस्तु पर उर्ध्वगामी बलसमूह प्रयोग यदि विद्यार्थी स्वयं ही बल का अनुभव करते हैं तो इसे अधिक समय तक याद रखा जा सकता है। यह अधिक मौज-मस्ती भरा होता है। यदि वे अति-उत्साही हैं, तो यह विद्यार्थियों की भागीदारी के साथ प्रदर्शन हो सकता है।
5कील पानी में डूब जाती है, लेकिन कॉर्क तैरता रहता है। यदि भार उत्पेक्ष बल से अधिक है तो वस्तु डूब जाती है। उत्पेक्ष बल, द्रव्य के घनत्व और वस्तु के घनत्व पर निर्भर करता है; यदि वस्तु का घनत्व द्रव्य के घनत्व से अधिक होता है, तो वस्तु डूब जाती हैअतिरिक्त निर्देशित प्रश्न के साथ प्रदर्शन।विद्यार्थी यह सोचते हैं कि उन्हें पहले से ही उत्तर मालूम है। निर्देशित प्रश्नों के साथ त्वरित प्रदर्शन से शामिल बलों के बारे में उनकी समझ की जांच करने का अवसर प्राप्त होगा
6स्प्रिंग तुला/विस्तारित तुला/टाउट स्टि्रंग द्वारा मापा गया स्पष्ट वजन द्वारा पानी में और अधिक नीचे धकेला जाता है - ऐसा द्रव्य की ओर से उत्पेक्ष बल के कारण होता है।समूह प्रयोगइसके लिए बहुत अधिक उपकरणों की आवश्यकता नहीं पड़ती है और स्प्रिंग/स्ट्रिंग/ इलास्टिक बैंड के प्रभाव को विद्यार्थियों द्वारा स्वयं अनुभव करना उपयोगी साबित होता है

इसलिए मैं इस विषय में केवल दो गतिविधियों के लिए प्रदर्शनों के स्थान पर समूह प्रयोगों का प्रयास करने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन कुछ प्रदर्शनों के लिए मैं विद्यार्थी सहायकों की अधिक सेवाएं प्राप्त करूंगा।

गतिविधि 1: प्रायोगिक गतिविधियों का नियोजन करना

इस गतिविधि से आपको अपनी कक्षा के लिए प्रायोगिक गतिविधियों की योजना बनाने में मदद मिलेगी।

श्री गुप्ता द्वारा राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा तैयार पाठ्यपुस्तक का प्रयोग किया जाता है। जिस प्रकार की तालिका श्री गुप्ता ने गुरूत्वाकर्षण अध्याय के लिए बनाई थी, उसी प्रकार की एक तालिका बनाने के लिए अपनी स्वयं की पाठ्यपुस्तक का प्रयोग करें। उन विविध प्रायोगिक गतिविधियों को देखें जिन्हें आप कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए संसाधन 1 का प्रयोग करें कि आप दो भिन्न-भिन्न प्रकार के प्रयोगों की योजना बनाते हैं। आपके द्वारा गुरूत्वाकर्षण को पढ़ाने के संदर्भ में इस योजना का उपयोग करने के लिए इसे अपने पास रखें।

विचार के लिए रुकें

  • जब आप प्रायोगिक कार्य की योजना बनाते हैं तो आपके महत्वपूर्ण मुद्दे कौन-कौन से होते हैं?

स्पष्ट रूप से आप अपने पास उपलब्ध उपकरणों तथा यदि आवश्यक है, तो उन्हें किस प्रकार से सुधारना है। आदि पर विचार करते हैं। आपको इस बात पर भी विचार करना होगा कि अपने विद्यार्थियों को किस प्रकार से समूहों में व्यवस्थित करें? वे वास्तव में क्या करेंगे? तथा ऐसा करके वे क्या सीखेंगे? आप संसाधन 2 ‘पाठों की योजना बनाना’ में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

गतिविधि 2: एक ढांचागत प्रयोग की योजना बनाना

इस गतिविधि से आपको प्रायोगिक कार्य की योजना बनाने में मदद मिलेगी जिससे विद्यार्थियों को गुरूत्वाकर्षण के बारे में सीखने में सहायता किया जा सकता है। आपको संसाधनों 1 और 3 का संदर्भ ग्रहण करना होगा।

इस गतिविधि में आप ढांचागत प्रयोग के लिए योजना बनाएंगे। (उदाहरण के लिए, पाठ्यपुस्तक से उत्प्लावकता के बारे में पढ़ाना।) इस गतिविधि से संबंधित महत्वपूर्ण शिक्षण बिन्दुओं को तालिका 1 में नोट किया गया है।

ढांचागत प्रयोग की महत्वपूर्ण विशेषताओं तथा लाभों की पहचान करने के लिए संसाधन 1 का प्रयोग करें। इसके बाद संसाधन 3 को देखें। नीचे दी गई जाँच सूची (तालिका 2) का प्रयोग करते हुए, इस गतिविधि को अपनी कक्षा के साथ करने की योजना तैयार करने में इसकी सहायता ले सकते हैं। कुछ बॉक्स आंशिक रूप से पहले से ही भरे हुए हैं।

तालिका 2 ढांचागत प्रयोग जांच सूची।
मुद्दे और जानकारीअपेक्षित कार्रवाई/नोट्स
मेरी विद्यार्थियों से क्या सीखने की अपेक्षा है?
भावी नियोजन: मुझे कौन-कौन से उपकरण चाहिए?

सिंक्स की उपलब्धता

बाउल्स (पात्र या बर्तन) - इतने बड़े कि बोतलें उनमें डूब जाएं।

ढ़क्कन सहित प्लास्टिक की बोतलें

इस बात की जांच करें कि प्रत्येक समूह के लिए पर्याप्त बाउल्स (पात्र या बर्तन आदि) या सिंक्स उपलब्ध हैं।

विद्यार्थियों से पाठ के संबंध में प्रयोग करने के लिए ढ़क्कन वाली छोटी बोतलें लाने के लिए कहें।

समय: प्रायोगिक गतिविधि में कितना समय लगेगा? मुझे उपकरणों आदि की व्यवस्था करने और गतिविधि के बाद उन्हें हटाने के लिए कितना समय देना चाहिए?

समूह: यह कितने बड़े होने चाहिए? प्रत्येक समूह में कौन होना चाहिए? प्रत्येक समूह द्वारा कहां काम किया जाएगा?
सुरक्षा: सम्भावित समस्याएं क्या हो सकती हैं?पानी की छींटें या रिसाव - फिसलनयुक्त फर्शसुनिश्चित करें कि विद्यार्थी किसी भी प्रकार के रिसाव को तत्काल पोंछ देते हैं
मुद्दे और जानकारीअपेक्षित कार्रवाई/नोट्स
शिक्षण की व्यवस्था कहां की जाती है? विद्यार्थियों द्वारा किन-किन महत्वपूर्ण बातों को रिकार्ड करना चाहिए?

मेरे विद्यार्थियों को वह कौन सी जानकारी है जिसे गतिविधि को करने से पहले जानना चाहिए? क्या मुझे पाठ्यपुस्तक गतिविधि में किसी प्रश्न या जानकारी को शामिल करने की आवश्यकता है?

इस गतिविधि को करने के लिए मेरे विद्यार्थियों को किन-किन सामान्य या मानक प्रक्रियाओं को करना होगा?

अब अपने विद्यार्थियों के साथ इस प्रायोगिक गतिविधि को करने के लिए इस योजना का प्रयोग करें। क्या सभी विद्यार्थियों को गतिविधि में शामिल किया गया था? क्या सभी विद्यार्थियों को शामिल किया गया था? क्या आप इन विद्यार्थी समूहों का अगली बार प्रयोग करेंगे?

यह दृष्टिकोण क्यों महत्वपूर्ण है

2 गुरूत्वाकर्षण के संबंध में प्रायोगिक कार्य के लिए खोज संबंधी कार्यप्रणाली का प्रयोग करना