1 प्रोजेक्ट कार्य का आरंभ करना

प्रोजेक्ट की शुरूआत अच्छी तरह करना महत्वपूर्ण है। इस भाग में दो गतिविधियाँ हैं जिनसे आप ऐसा कर सकेंगे। पहला– जिसमें दिलचस्पी बनाने के लिये एक समारोह आयोजित करना शामिल है। दूसरा– जिसमें अपनी कक्षा के साथ उन संभावित प्रश्नों पर चर्चा करना शामिल है जिन पर वे अनुसंधान करेंगे।

शुरूआत करना

प्रायः प्रोजेक्ट का आरंभ किसी सामान्य पाठ की तरह ही होता हैः शिक्षक कुछ कागज या किताबें देते हैं और वे विद्यार्थियों से कहते हैं कि वे एक प्रोजेक्ट करने वाले हैं। अपने विद्यार्थियों के साथ प्रोजेक्ट शुरू करने के अन्य दिलचस्प और आकर्षक तरीके भी हैं। किसी प्रोजेक्ट की अच्छी शुरूआत एक अच्छा ख़्याल है। इससे आपके विद्यार्थियों की दिलचस्पी बनती है और वे महत्वपूर्ण और रचनात्मक तरीके से सोचना शुरू कर देते हैं।

प्रोजेक्ट का आरंभ बहुत जटिल होना या उसके लिये बहुत सी योजना बनाना आवश्यक नहीं है। यह कक्षा में चर्चा करने, या अपने विद्यार्थियों को कोई विचार करने योग्य चित्र दिखाने जैसा आसान भी हो सकता है। आप उन्हें किसी रेडियो कार्यक्रम को या आपके द्वारा डाउनलोड की हुई किसी ऑडियो फाइल को सुनने के लिये कह सकते हैं। (यहाँ आप अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर सकते हैं यदि उसे इंटरनेट से जोड़ा जा सके।)

जिन प्रारंभिक वृतांतो को लिये अधिक योजना बनाने की आवश्यकता होगी, वे हो सकती हैं:

  • स्थानीय कारखाने, इमारत, कॉलेज, बस्ती आदि की यात्रा

  • स्थानीय समुदाय से किसी अतिथि वक्ता को आमंत्रित करना
  • YouTube या इस प्रकार की अन्य कोई वीडियो क्लिप

इस प्रकार की प्रारंभिक घटनाओं के लिये ज्यादा तैयारी और योजना बनानी होती है। इसका विद्यार्थियों पर अधिक गहरा असर हो सकता है। इससे सभी के लिये बेहतर प्रोजेक्ट अनुभव और अधिक सीखा जा सकता है।

गतिविधि 1: ’ऊर्जा के स्त्रोत’ के लिये प्रोजेक्ट की शुरूआत की योजना बनाएं

इस गतिविधि से आपको अपनी कक्षा के साथ एक प्रोजेक्ट की तैयारी करने और उसे करने में मदद मिलेगी।

कैसे निर्णय करें कि, सुझाए गए में से आपको पसंद है, या किसी अन्य के बारे में सोचें जो इतनी ही प्रभावी हो। अपनी कक्षा के साथ ऊर्जा के स्त्रोतों पर एक प्रोजेक्ट शुरू करने के लिये प्रारंभिक घटना का उपयोग आप अनोखे और रोमांचक तरीके से कैसे करेंगे, इसकी योजना बनाएं।

आप कोई भी प्रारंभिक आयोजन चुनें, याद रखें कि आप वह करने जा रहे हैं जो आप आमतौर पर कक्षा के साथ नहीं करते। विद्यार्थियों के लिये यह अनोखा और यादगार होना चाहिये। याद रखें, प्रारंभिक आयोजन के अन्त में आपको अपने विद्यार्थियों में प्रोजेक्ट के लिये जोश भरना है।

विचार के लिए रुकें

  • क्या, आपने पहले कभी ऐसा किया है? यदि हाँ, तो उसके परिणाम कैसे रहे?
  • आपको क्या लगता है कि आपके विद्यार्थियों की इस विधि के लिये क्या प्रतिक्रिया होगी?

प्रोजेक्ट के लिये प्रश्न का निर्णय करना

ऐसे प्रोजेक्ट जो प्रश्नों के इर्द–गिर्द घूमते हैं, उनसे आपके विद्यार्थियों की उत्सुकता बढ़ेगी। एक अच्छा प्रश्न प्रोजेक्ट को एक स्पष्ट, छोटे और दमदार कथन के रूप में संक्षिप्त करता है। इसका संबंध अधिगम प्राप्ति से होना चाहिये। उदाहरण के लिये कुछ प्रश्न हैं–

  • ’क्या नदी का पानी पीना सुरक्षित है?’
  • ’स्कूल के तालाब का प्रदूषण हम कैसे कम कर सकते हैं?’
  • ’आपके जूतों के तलों पर धारियाँ क्यों होती हैं?’

  • ’हमें टीकाकरण की आवश्यकता क्यों होती है?’

या ये किसी अमूर्त अवधारणा के बारे में हो सकते हैं–

  • ’हम अपनी बढ़ती जनसंख्या का पेट बेहतर तरीके से कैसे भर सकते हैं?’
  • ’क्या बेहतर है– विज्ञान या अंधविश्वास?’

गतिविधि 2 से आपको अपनी कक्षा के साथ प्रोजेक्ट के लिये प्रश्न विकसित करने में मदद मिलेगी। आप गतिविधि प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिये कर सकते हैं, या आप इसे शुरूआत के बाद कर सकते हैं।

गतिविधि 2: ऊर्जा के स्रोत के लिये अपनी कक्षा के साथ एक अच्छे प्रश्न पर विचार मंथन करना

यह गतिविधि आपके लिए अपनी कक्षा के साथ करने के लिए है। यदि आपने अपनी कक्षा के साथ पहले कभी विचार मंथन नहीं किया है, तो विचार मंथन की इकाई को पढ़ लेना मददगार होगा।

  • अपनी कक्षा से कहें कि वे पाठ्यपुस्तक के अध्याय ऊर्जा के स्रोत से संबंधित एक प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहे हैं।

  • अपने विद्यार्थियों को अध्याय को सावधानी से पढ़ने के लिये 15 मिनट दें। उनसे कहें कि यह उन्हें स्वयं ही करना है।

  • विद्यार्थियों को दस मिश्रित क्षमता और लिंग वाले समूहों मे व्यवस्थित करें। ये समूह पहले ही बना लें। प्रत्येक समूह के विद्यार्थियों के नाम पढ़कर सुनाएं और कक्षा में प्रत्येक समूह को बैठने की जगह बताएं। विद्यार्थियों को अपने समूह में जाने के लिये समय दें।

  • प्रत्येक समूह को एक बड़ा कोरा कागज दें। समूह को एक लेखक नामित करने के लिये कहें।

  • लेखक को कागज पर बीच में बड़े अक्षरों में ’ऊर्जा के स्रोत’ लिखने को कहें।

  • सभी समूहों से कहें कि उनके पास दस मिनट हैं जिसमें उन्हें ऊर्जा के स्रोत पर वे सारे प्रश्न लिखने हैं जो वे सोच सकें। वे पाठ्यपुस्तक का और इस विषय पर अपने पूर्व ज्ञान का उपयोग कर सकते हैं।

  • दस मिनट बाद, प्रत्येक समूह से अपने प्रश्नों को पढ़ने के लिये कहें। प्रत्येक समूह से कहें कि अपने प्रश्नों में से दो ऐसे प्रश्न चुनें जो वास्तविक जीवन के सबसे निकट हों, दिलचस्प हों और चुनौती भरे हों और जो प्रोजेक्ट का आधार बन सकें।
  • प्रत्येक समूह के प्रश्न ब्लैकबोर्ड पर लिखें।

जब आपके पास प्रश्नों का एक सेट बन जाए , तब आप क्या करेंगे ? यह इस पर निर्भर करेगा कि आपको प्रोजेक्ट विद्यार्थियों से समूह में करवाना है या प्रत्येक से अलग – अलग। उन्हें एक प्रश्न को जाँचने के लिये चुनने का या किसी दूसरे प्रश्न पर सोचने का मौका दिया जा सकता है। उन्हें आप जाँच करने के करने के लिये प्रश्न को वोट देने के लिये कह सकते हैं।

यह दृष्टिकोण क्यों महत्वपूर्ण है?

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