1 निर्णय करना कि कब प्रदर्शन किया जाए?

जहां आपके पास विकल्प हो, वहाँ हमेशा प्रदर्शन करना विद्यार्थियों के शिक्षण की सर्वोत्तम कार्य-प्रणाली साबित नहीं हो सकती है। उदाहरण के लिए, प्रयोगशाला से संबंधित मूल कौशल और तकनीकों को सीखने के लिए विद्यार्थियों को उपकरणों को संभालने की आवश्यकता पड़ती है।

लेकिन कुछ मामलों में प्रदर्शन सर्वोत्तम विकल्प होता है। अक्सर शिक्षक सामूहिक प्रायोगिक गतिविधियों के बजाय प्रदर्शन करके दिखाने का चयन करते हैं, क्योंकि वे–

  • किसी गतिविधि के लिए विशिष्ट उपकरणों के सिर्फ एक सेट का उपयोग करते हैं।
  • समकक्ष समूह में प्रायोगिक परीक्षणों की गतिविधि की व्यवस्था करने की तुलना में उन्हें जल्दी से किया जा सकता है।
  • शिक्षक का इनसे सर्वाधिक नियंत्रण होता है, और खास तौर पर ऐसा तब उपयोगी होता है जब कोई प्रायोगिक गतिविधि जटिल या खतरनाक होती है।
  • इस बात की संभावना अधिक होती है कि आपके विद्यार्थी सटीक प्रक्रिया और परिणाम देख सकेगें।
  • जब आप प्रदर्शन करते हैं, तो आपको अपने विद्यार्थियों के ध्यान को केंद्रित करने में मदद मिलती है।

विचार के लिए रुकें

  • ‘प्रकाश’ विषय में आपका पसंदीदा प्रदर्शन कौन-सा है?
  • आपको इसका उपयोग करना क्यों पसंद करते हैं?
  • इस प्रदर्शन में आपके विद्यार्थी क्या सीखते हैं?

केस स्टडी 1: कुमारी वरसानी ‘प्रकाश’ विषय के शिक्षण के दौरान प्रदर्शनों का उपयोग करने की योजना बनाती हैं।

कुमारी वरसानी ने पाठ से संबंधित अपनी योजना बनाने के एक हिस्से के रूप में कक्षा X की पाठ्यपुस्तक में प्रकाशविषय के अंतर्गत परावर्तन से संबंधित प्रायोगिक गतिविधियों की योजना वनाई।

कक्षा X के साथ काम करते हुए मैं अनेक प्रायोगिक कार्य-प्रणालियां शामिल करना चाहूंगी, इसलिए मैं सुनिश्चित करना चाहती हूँ कि जब मैं कोई प्रदर्शन करने का फैसला करूं, तो यह उस गतिविधि को करने का सबसे प्रभावशाली तरीका होना चाहिए। प्रत्येक प्रयोगिक गतिविधि के संबंध में निर्णय करते समय मैंने तीन बातों पर विचार किया–

  • कक्षा X में विद्यार्थियों की संख्या अधिक है और मेरे पास अधिक उपकरण नहीं हैं।
  • मैंने इससे पहले कोई सामूहिक प्रायोगिक कार्य नहीं किया था,जब कई विद्यार्थी एक साथ एमूह में गतिविधि करेगे तो मैं उनका नियंत्रण और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को लेकर चिंतित हूँ।
  • किसी गतिविधि की योजना बनाने के लिए मै, कोई भी ऐसा तरीका चुनूंगी जिसमें,मेरे विद्यार्थियों को उस गतिविधि से संबंधित उद्देश्य जल्दी से समझ आ जाए और उनका ध्यान इधर-उधर नहीं जाए ।

यह फैसला करने में अपनी सहायता के लिए मैंने एक तालिका तैयार की है कि प्रदर्शन कहाँ पर सबसे प्रभावी होगा [तालिका 1]।

तालिका 1 निर्णय करना कि शिक्षण के प्रत्येक बिन्दु के लिए कौन-से प्रदर्शन का इस्तेमाल किया जाए।
गतिविधिमहत्वपूर्ण शिक्षण बिन्दु मैं अपने विद्यार्थियों को क्या सिखाना चाहती हूँ?

प्रदर्शन या अन्य प्रकार की प्रायोगिक गतिविधि? चयन का मुख्य कारण?

टिप्पणियां?

मुझे इसके अलावा और क्या करना होगा?

1.

चमकदार चम्मच एक ओर से उत्तल दर्पण और दूसरी ओर से अवतल दर्पण की तरह व्यवहार करती है।

भिन्न-भिन्न दूरियों पर अवत्तल दर्पण में प्रतिबिम्ब।

भिन्न-भिन्न दूरियों पर उत्तल दर्पण में प्रतिबिम्ब।

प्रतिबिम्ब का आका? र सीधा या उल्टा ?वास्तविक या आभासी?

शिक्षक-निर्देशित गतिविधि, प्रत्येक विद्यार्थी को इस गतिविधि का प्रयास करना चाहिए।

यदि सबके पास चमकदार चम्मच हो तो यह गतिविधि शीघ्र और सर्वाधिक प्रभावशाली ढंग से करायी जा सकती है।

उत्तल भाग में कोई बदलाव नहीं, लेकिन अवतल भाग में सभी को दो तरह के प्रतिबिम्ब देखने होंगे।

1.2

अवतल दर्पण सूर्य से प्रकाश की किरणों को एक बिंदु पर एकत्र करता है। इस बिंदु पर बहुत तेज़ रोशनी होती हैं – एक बिन्दु पर ऊर्जा के संकेंद्रण से क्षति या जलन हो सकती है!

दर्पण के केंद्र से बिंदु तक की दूरी दर्पण की फोकल दूरी होती है। प्रचलित नियम– वक्र दर्पण और किरणों का रेखाचित्र तैयार करना दूर स्थित वस्तु से किरणें समांतर होती हैं। तीर के निशान वस्तु से आते हैं।

शब्दावली– ध्रुव P, मुख्य फोकस F फोकस दूरी f मुख्य अक्ष, वक्र के्रन्द्र C।

प्रदर्शन। सुरक्षा– तेज़ रोशनी के परावर्तित हो कर आँखों में जाने का संभावित खतरा होता है।

रेखाचित्र बनाने के प्रचलित नियमों तथा शब्दावली का परिचय देने के लिए दर्पण को बनाना, सूर्य से समांतर किरणों तथा दर्पण से परावर्तित होने वाली अभिसारित किरणों को दिखाना होगा।

शायद यह दर्शाना मुश्किल होगा कि सूर्य का प्रतिबिम्ब उल्टा है!

अगली गतिविधि के लिए छोड़ दें?

1.3

अवतल दर्पण में वस्तु के छह अलग-अलग बिन्दुओं से बनने वाले प्रतिबिम्बों की विशेषताएं।

प्रतिबिम्ब का स्थान, आकार और प्रकार।

शब्दावली और प्रचलित नियमों का उपयोग करना।

प्रदर्शन। समय का मुद्दा सटीक प्रक्रियाएं तथा परिणामों को सुनिश्चित करना।

बहुत लम्बा और तकनीकी विषय है इसलिए इसमें अनेक प्रश्न निहित होते हैं तथा ध्यान बनाए रखने के लिए विद्यार्थियों की रूचि भी अपेक्षित होती है। प्रत्येक परिस्थिति के लिए अलग अलग विद्यार्थी ‘सहायक’होगें।

प्रतिबिम्बों को देखने का मुद्दा– प्रत्येक को हर प्रतिबिम्ब देखना चाहिए।

1.4गतिविधि 1.3, से वस्तु के छह में से प्रत्येक बिन्दु से किरण रेखाचित्र बनाना जिससे किरण रेखाचित्र बनाने के नियमों को समझाया जा सके।

प्रदर्शन। समय का मुद्दा और सटीक प्रक्रियाएं तथा परिणामों को सुनिश्चित करना।

बहुत लम्बा और तकनीकी विषय है, इसलिए इसमें अनेक प्रश्न निहित होते हैं तथा ध्यान बनाए रखने के लिए विद्यार्थियों की रूचि भी अपेक्षित होती है। प्रत्येक परिस्थिति के लिए अलग अलग विद्यार्थी ‘सहायक’होगें।

अपने-अपन रेखाचित्र बनाने वाले विद्यार्थियों को तत्काल फौलो-अप की आवश्यकता होती है।

1.5 अवतल दर्पण में प्रतिबिम्ब हमेशा आभासी, धुंधले और सीधे बनते है।प्रत्येक समूह के लिए उत्तल दर्पण के साथ शिक्षक-निर्देशित गतिविधि। इसके लिए पर्याप्त दर्पण हैं तो संसाधन कोई मुद्दा नहीं होगा। इस प्रकार हर एक को देखने के लिए ज्यादा तीव्रतम् और प्रभावी तरीका है।

इस प्रकार, छह में से तीन गतिविधियां कराने के लिए संसाधनों का मुद्दा नहीं है और इन्हें मेरे विद्यार्थियों द्वारा अच्छे से किया जा सकेगा, लेकिन बाकी तीनों को अब भी प्रदर्शन के रूप में ही किया जाना ही बेहतर होगा।

विचार के लिए रुकें

  • क्या, आप कुमारी वरसानी के प्रत्येक निर्णय से सहमत हैं?
  • यदि नहीं, तो इनमें से कौन-से आप बदलेंगे, और क्यों?

गतिविधि 1: अपनी शिक्षण योजना बनाना

कक्षा X की पाठ्पुस्तक के अध्याय ‘प्रकाश’ और ‘मानव आँख के एक भाग के रूप में अपवर्तन को पढ़ाने और समझाने की योजना बनाने में यह गतिविधि आपकी मदद करेगी। इस गतिविधि के लिए आपको संसाधन 1 की जरूरत होगी आपको इसकी एक प्रति अपनी नोटबुक में बनानी होगी।

कक्षा X की पाठ्यपुस्तक में दिये गये अपवर्तन को पढ़ाने और समझाने के लिए उपयोग की गई गतिविधियों को देखिये। प्रत्येक के लिए निम्नलिखित के संबंध में नोट बनाएं–

  • आप विद्यार्थियों को गतिविधि से क्या सिखाना चाहते हैं?
  • आप गतिविधि प्रदर्शन करना चाहते हैं या किसी अन्य प्रायोगिक गतिविधि के रूप में कार्य कराना चाहते है। अपने विकल्प का कारण बताएं– उदाहरण के लिए, संसाधन, समय, प्रेरणा, सुरक्षा, सटीक प्रक्रिया और परिणाम को दर्शाना।

संसाधन 1 में दी गई तालिका को पूरा करने के लिए ऊपर केस स्टडी1 में दिये उदाहरण का उपयोग करें।

प्रकाश से संबंधित पाठ से कितनी गतिविधियों को प्रदर्शन किया जाना बेहतर होगा?

यदि आपके स्कूल में विज्ञान का कोई अन्य शिक्षक है तो उनसे पूछें कि उनके द्वारा इस प्रकार के निर्णय किस प्रकार से लिए जाते हैं – और वे किन प्रदर्शनों की योजना बना रहे हैं? अधिक जानकारी के लिए, संसाधन 2, ‘पाठ की योजना बनाना’ पढ़ें।

वीडियो: पाठों का नियोजन करना

यह दृष्टिकोण क्यों महत्वपूर्ण है

2 प्रभावी प्रदर्शनों की योजना बनाना