संसाधन 3: कक्षा में प्रभावी प्रदर्शनों की योजना बनाना

इस संसाधन का उपयोग गतिविधि 2 के लिए किया जाता है।

इसमें नीचे दिये चार बिंदुओं में से प्रत्येक को योजना के अंतर्गत किस प्रकार से संबोधित किया जाए? प्रभावी प्रदर्शन के लिए सामान्य सुझाव दिये हैं गये है–

  • पूरे पाठ का एक हिस्सा बने।

1 प्रभावी प्रदर्शन आशय के अनुसार ही कार्य करते हैं

कक्षा में प्रयोग करने से पहले किसी भी नये प्रदर्शन को करके देखना महत्वपूर्ण होता है।

ऐसा करना स्पष्ट रूप से सुरक्षा की दृष्टि से तो महत्वपूर्ण है ही, साथ ही यह सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है कि आपके पास सही उपकरण और समझ-बूझ है जिससे इसे अपनी कक्षा के सामने बिना अधिक समायोजनों के कर सकें। यदि आपको किसी प्रायोगिक प्रदर्शन की तैयारी करने में अधिक समय लगता है तो आपके विद्यार्थियों की दिलचस्पी खत्म हो सकती है।

  • आप पहले से कितनी तैयारी कर सकते हैं जिससे विद्यार्थियों दिलचस्पी खत्म नहीं हो, या अनावश्यक विवरणों से उनका ध्यान नहीं बंटे?

  • यदि एक पाठ के दौरान आपको विद्यार्थियों को एक से अधिक प्रदर्शन दिखाने हैं, तो क्या उन्हें प्रयोगशाला में अलग अलग जगहों पर तैयार किया जा सकता है? जिससे विद्यार्थियों को उन्हें तत्काल दिखाया जा सके?
  • यदि उपकरणो की व्यवस्था उस प्रायोगिक गतिविधि का महत्वपूर्ण हिस्सा है, तो प्रत्येक प्रदर्शन के लिए उपकरणों की अलग ट्रे में रखना सुविधाजनक होगा जिससे आप आवश्यक वस्तुओं को खोजने की बजाए आसानी से उनका उपयोग कर पाएंगे।

आपके द्वारा नए प्रदर्शन किए जाएं इससे पहले संभावित खतरों की जाँच कर लें और किसी अधिक अनुभवी सहकर्मी से प्रदर्शन को सुरक्षित रूप से कैसे किया जाए इस बारे में मार्गदर्शन प्राप्त करें।

2 प्रभावी प्रदर्शन सभी को उन बिंदुओं के बारे में बताते हैं जो ध्यान में लाना चाहते हैं

यदि आपके विद्यार्थी प्रदर्शन की महत्वपूर्ण बातों को नहीं देख पाते, तो इससे उनके शिक्षण में सहायता प्राप्त नहीं होती है।

  • वे कौन-सी बातें हैं जो आपके विद्यार्थियों को प्रदर्शन में देखने की आवश्यकता होती है उदाहरण के लिए, लेंस से एक विशेष दूरी पर रखी वस्तु से विकसित हुआ प्रतिबिम्ब या आपतन कोण को कैसे मापा जाता है?

आपके विद्यार्थी वही देखें जो आप उन्हें दिखाना चाहते हैं इसे सुनिश्चित करने के दो पहलू होते हैं। पहला, आप सुनिश्चित करना कि विद्यार्थी क जो आप उन्हें दिखाना चाहते हैं। दूसरा, यह सुनिश्चित करना वे वैसा देखने के लिए हैं जो आप उन्हें दिखाना चाहते हैं।

2.1 सुनिश्चित करना कि विद्यार्थी, वास्तविक रूप वे देख पाते हैं जो आप उन्हें दिखाना चाहते हैं।

जब आप प्रदर्शन का अभ्यास करके देखते हैं, तब इस बात पर विचार करें कि विद्यार्थियों को यह कैसा दिखेगा?

  • आप प्रदर्शन कहां करेंगे?
  • आप जब ऐसा करेंगे तो विद्यार्थी कहां बैठेंगे या खड़े होंगे?
  • आप कैसे सुनिश्चित करेंगे कि सभी को वह सब कुछ दिखाई देता है जो आप उन्हें दिखाना चाहते हैं? क्या विद्यार्थियों को इस विशेषता को देखने के लिए किसी दूसरी जगह जाना होगा? क्या जब आप बोल रहे होंगे तब विद्यार्थियों को अभ्यास करने के लिए उपकरण एक से दूसरे को देना होगा?

2.2 सुनिश्चित करना कि आपके विद्यार्थी वह देखने के लिए तैयार हैं जो आप उन्हें दिखाना चाहते हैं।

इसका अर्थ है विद्यार्थियों को किसी चीज के आयोजन के दौरान ही ठीक जगह पर देखने की आवश्यकता होती है। इसका अर्थ यह भी है कि वे यह समझे हैं कि क्या हो रहा है?

  • आपको किन अवधारणाओं या अनुभवों के संदर्भ में विद्यार्थियों को याद दिलानी होगी जिससे विद्यार्थी जो कुछ देख रहे हैं उसे समझ सकें? क्या, विद्यार्थियों को जरूरी विवरणों को पहचानने और गैरजरूरी विवरणों पर ध्यान नहीं देने में मदद करने के लिए किन्हीं छवियों या अन्य संसाधनों की आवश्यकता है?
  • आप कैसे सुनिश्चित करेंगे कि सभी सही समय पर सही जगह को देख रहे हैं? हालांकि, उन्हें यह बताना महत्वपूर्ण है कि उन्हें कब कहां देखना है? लेकिन जैसे आवश्यक हो आप थोड़ा रुक कर या प्रदर्शन के महत्वपूर्ण हिस्से को दोहरा कर सभी का ध्यान आकर्षित कर सकते हैं।

3 प्रभावी प्रदर्शनों से यह सुनिश्चित किया जाता है कि विद्यार्थी निष्क्रिय दर्शक नहीं हैं अपितु वे सक्रिय रूप से शिक्षा प्राप्त करते हैं

आप विद्यार्थियों की भागीदारी को सुनिश्चित करके और प्रदर्शन के दौरान उन्हें अधिक सक्रिय शिक्षार्थी बना कर अपने प्रदर्शनों को अधिक प्रभावी बना सकते हैं:–

  • जब भी संभव हो विद्यार्थियों को बताने के बजाय प्रदर्शन के बारे में प्रश्न पूछें। उदाहरण के लिए, ‘मुझे कहाँ से परावर्तन कोण मापना चाहिये?’ बजाय इसके ‘मैं यहाँ से परावर्तन कोण माप रहा/रही हूं’,बशर्ते आपने यह शब्द पहली बार इस्तेमाल न किए हों।
  • प्रदर्शन से पूर्व विद्यार्थियों से पूछे क्या होगा? पूर्वानुमान लगाने को कहें और उनसे उनके पूर्वानुमानों के कारण बताने के लिए भी कहें। ‘‘आपके अनुसार इस बार प्रतिबिम्ब कहाँ बनेगा? क्यों?’’

  • ऐसे प्रश्न पूछें जो पूर्व शिक्षण से संबंधित हों।
  • प्रदर्शन के ऐसे भागों में विद्यार्थियों से मदद ले जहाँ उनके लिए को खतरा नही है।

4 प्रभावी प्रदर्शन पूरे पाठ का एक हिस्सा होते हैं।

प्रदर्शन पूरे पाठ को समझने में योगदान देते हैं। ऐसा प्रभावी रूप से करने के लिए, आपको प्रारम्भिक चरण में ‘माहौल बनाना’ होता है, यह सुनिश्चित करें कि प्रदर्शन से आप जो शिक्षा के बिंदु प्रदान करना चाहते हैं, उन सभी को विद्यार्थियों द्वारा प्राप्त किया जाता है फिर पूर्ण सत्र में शिक्षण को समेकित करें।

प्रारम्भिक तौर पर निम्नलिखित कार्य करें:

  • पाठ के संबंध में अधिकतम चार शैक्षिक परिणाम (लर्निग आउट कम) की पहचान करें।
  • प्रदर्शन के दौरान विद्यार्थी जिन बातों की ओर आपका ध्यान आकर्षित करें, ऐसे महत्वपूर्ण प्रश्नों की ओर ध्यान आकर्षित करें
  • विद्यार्थियों द्वारा पहले से ही प्राप्त जानकारी को वर्तमान में जो किया जाने वाला है, उससे साथ जोड़ने में विद्यार्थियों की सहायता करें।

पूर्ण सत्र के दौरान:

  • प्रत्येक विद्यार्थी प्रदर्शन से जो कुछ सीखा है, उसका सार बताने के लिए कहें क्या ,यह उनकी अपेक्षा के अनुरूप था? क्या उन्हें कोई असामान्य या आश्चर्यजनक बात का पता लगा ?)।

संसाधन 2: पाठों का नियोजन करना

अतिरिक्त संसाधन