1 अनुमान लगाना गणितीय प्रक्रिया के बारे में सोचना है
जीवन में ज्यादातर चीज़ों की तरह, और खास तौर पर फल जूस के विक्रेता की तरह, आप अनुमान लगाने का जितना ज्यादा अभ्यास करते हैं, इस पर काम करते समय आपको उतना ही बेहतर परिणाम प्राप्त होता है। मजेदार प्रश्न यह है कि एक अच्छा अनुमानकर्ता होना एक अच्छा विचार क्यों है? आप अपने विद्यार्थियों को अच्छे अनुमानकर्ता बनने के लिए प्रोत्साहित करना क्यों चाहते हैं? अनुमान लगाने से ऐसी कौन सी शिक्षा मिलती है, जो सटीक उत्तर पर काम करने से भिन्न है?
अनुमान करते समय, विद्यार्थी अपने सामने मौजूद समस्या को हल करने के लिए आवश्यक सोच प्रक्रिया पर वास्तव में विचार करना शुरू कर सकते हैं, इन बातों के दबाव के बिना कि उन्हें एकदम सही उत्तर प्राप्त करना है, और उन्हें सही गणनाओं के विस्तार में जाना है। कलन विधि लागू करने से सटीक उत्तर प्राप्त होगा, अनुमान नहीं। इसलिए, अनुमान लगाना उस सोच की रूपरेखा बनाना है, जो विकसित होगी, साथ ही उन क्षेत्रों का बोध होना है, जहां समस्या का समाधान हो सकता है। यह विद्यार्थियों को सोचने के लिए विवश कर सकता है कि कलन विधि क्यों काम करती है। जब बाद में वे किसी प्रश्न का सही उत्तर निकाल लेते हैं, तो वे इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि अनुमान लगाने की प्रक्रिया में उनकी सोच स्पष्ट थी या नहीं, और इस तरह उन्हें गणनाओं के करने में की गयी किसी भी त्रुटि के बारे में पता चलता है।
तो इस प्रकार, अनुमान करना गणितीय सोच के लिए एक उपकरण है। यह खास तौर पर भारत में प्रासंगिक है, क्योंकि स्कूल की गणित में कैलकुलेटर्स के प्रयोग की अनुमति नहीं है – इसलिए लम्बी गणनाओं में फंसना एक वास्तविकता है।
गतिविधि 1 में आप अपने विद्यार्थियों से कहेंगे कि पहले वे प्रश्नों में अनुमान लगाने का अभ्यास करें, जिसका उन्होंने ज्यादा प्रयोग किया हो, लेकिन यह गतिविधि उन्हें इस बात के लिए भी बाध्य करेगी कि वे तमाम संभावित उत्तरों के बारे में भी सोचना शुरू करें। गतिविधि के प्रश्न 3 में आप उनसे कहेंगे कि वे वास्तविक जीवन की किसी वस्तु का उपयोग करते हुए की जाने वाली गणनाओं में शामिल गणितीय सोच प्रक्रिया का वर्णन करने के एक तरीके के तौर पर अनुमान करने के बारे में सोचें।
इस यूनिट में अपने विद्यार्थियों के साथ गतिविधियों के उपयोग का प्रयास करने के पहले अच्छा होगा कि आप सभी गतिविधियों को पूरी तरह (या आंशिक रूप से) स्वयं करके देखें। यह और भी बेहतर होगा यदि आप इसका प्रयास अपने किसी सहयोगी के साथ करें, क्योंकि जब आप अनुभव पर विचार करेंगे तो आपको मदद मिलेगी। स्वयं प्रयास करने से आपको शिक्षार्थी के अनुभवों के भीतर झांकने का मौका मिलेगा, जो परोक्ष रूप से आपके शिक्षण और एक शिक्षक के रूप में आपके अनुभवों को प्रभावित करेगा। जब आप तैयार हों, तो अपने विद्यार्थियों के साथ गतिविधियों का उपयोग करें। पाठ के बाद, सोचें कि गतिविधि किस तरह हुई और उससे क्या सीख मिली। इससे आपको अधिक विद्यार्थी–केंद्रित रखने वाला शैक्षिक वातावरण बनाने में मदद मिलेगी।
गतिविधि 1: अनुमान लगाना और त्रुटियां करना
अपने विद्यार्थियों से निम्नलिखित पूछें:
- सटीक उत्तर की गणना किए बिना दी गयी सांख्यिकीय अभिव्यक्तियों के निकटतम पूर्णांक का पता लगाएं।
- a.
- b.
- c.
- चर राशियों के दिए गए मूल्यों पर इन अभिव्यक्तियों के मूल्यों का अनुमान लगाएं। एक बार फिर, सटीक उत्तर की गणना नहीं करें।
- a.यदि हो तो के मूल्य का अनुमान लगाएं
- b.यदि हो तो के मूल्य का अनुमान लगाएं
- c.यदि हो तो के मूल्य का अनुमान लगाएं
- चित्र 2 में प्रदर्शित पारम्परिक चारपाई को बनाने में प्रयोग होने वाली रस्सी की लम्बाई का अनुमान लगाएं।
जब आपके ज्यादातर विद्यार्थियों ने प्रश्नों को हल करने का एक प्रयास कर लिया हो, तो उनसे पूछें:
- क्या आप बता सकते हैं कि इन प्रश्नों का जवाब देने के लिए आपने क्या किया? अनुमान लगाने की प्रक्रिया में आपको क्या करना अथवा सोचना पड़ा? प्रश्न 3 में आपने क्या किया इसपर पहले नजर डालना आपके लिए मददगार हो सकता है।
अनुमान लगाने में विद्यार्थी विभिन्न तरीकों का प्रयोग कर सकते हैं। उनके सभी सुझावों को स्वीकार करना महत्वपूर्ण है और तब उनसे अनुमान लगाने के विभिन्न तरीकों का मूल्यांकन करने को कहें।
केस स्टडी 1: गतिविधि 1 के उपयोग का अनुभव श्रीमती सोनिया बताती हैं
यह एक शिक्षिका की कहानी है, जिसने अपने माध्यमिक कक्षा के विद्यार्थियों के साथ गतिविधि 1 का प्रयास किया।
प्रश्न 1 और 2 को हमने पूरी कक्षा की गतिविधि के तौर पर किया। मैंने ब्लैक बोर्ड पर एक समय में एक प्रश्न लिखा, और तब विद्यार्थियों से उत्तर और विचार प्राप्त किया। प्रश्न 3 और 4 के लिए हमने पूरी कक्षा के तौर पर काम शुरू किया, और बाद में उन्होंने जोड़े बनाकर इसपर काम किया।
जब मैंने पहला प्रश्न ब्लैकबोर्ड पर लिखा, विद्यार्थी एक दूसरे की ओर बहुत संदेह भरी नजरों से देख रहे थे, जैसे उन्हें इससे पहले इस तरह की कोई चीज़ करने के लिए कभी भी प्रोत्साहित नहीं किया गया हो –– वे केवल सटीक उत्तर की गणना करना चाहते थे।
अचानक, रचित ने कहा कि यह 4,20,000 होगा। मैंने उससे पूछा कि उसने ऐसा क्यों सोचा और उसने कहा कि 6 बार 7 होता है 42 और सौ बार सौ के लिए हमने चार शून्य जोड़ दिए। साक्षी ने तुरंत कहा कि 6 और 7 इकाई वाले स्थान पर थे, इसलिए ऐसा नहीं होगा, लेकिन उसने कहा कि उसका सोंचना है कि यह 10,000 से ज्यादा होगा, क्योंकि 106 और 107 अंक 100 से बड़े हैं और 100 × 100 है, 10,000 के बराबर। तरुना और राहुल इससे सहमत थे।
प्रश्न 1 के भाग (b) ने उनकी गति थोड़ी धीमी कर दी, लेकिन तरुना ने फैसला किया कि यह 2 से ज्यादा और 3 से कम होगा। जब इसक पीछे का तर्क पूछा गया, उसने कहा कि 3 बार 225 होगा 675, जो अंश से अधिक है, और दो बार 225 होगा 450, जो अंश से कम है। भाग (c) के लिए, आदित्य ने फैसला किया कि यह 14 से ज्यादा होगा क्योंकि रूट 4 होता है 2, और इसलिए रूट 5 उससे ज्यादा होगा और इस प्रकार गुणन का परिणाम 14 से ज्यादा होगा।
उनके तर्क में मुझे यह बात खटकी कि उन्होंने ’इससे ज्यादा’ अथवा ’इससे कम’ की भाषा का इस्तेमाल स्वतः ही शुरू कर दिया। इससे लगता है कि ऊपरी और निचली सीमाओं के बारे में सोचना वास्तव में स्वाभाविक होता है इसने मुझे यह सोचने को मजबूर किया कि मुझे शायद इस बारे में शिक्षा देने के लिए इतना ज्यादा समय नहीं खर्च करना चाहिए, बल्कि इस तरह के प्रश्नों का प्रयोग करना चाहिए, ताकि उनमें ये अवधारणाएं स्वाभाविक तौर पर विकसित हों।
उन्हें उन अभिव्यक्तियों को लेकर बहुत संदेह था जिनके साथ उन्हें शुरू करना था। मुझे ऐसा इसलिए लगा, क्योंकि इसमें एक भिन्न शामिल था –शायद मुझे पूछना चाहिए था। मैंने थोड़ी देर तक इंतजार किया, ताकि वे इस बात से वास्तव में अवगत हो जाएं कि जो संकेत मैं उन्हें देने जा रही हूं, उसपर वे टिके हैं और उसका सम्मान करेंगेः अनुमान लगाना शुरू करने के लिए का अनुमान लगाना। शिवम ने फैसला किया कि लगभग 0.8 होगा, जो तकरीबन 1 है, और इस प्रकार वह अभिव्यक्ति x + 5 होगी। मैंने उनसे पूछा कि क्या वह अधिकतम अथवा न्यूनतम मान होगा, और वे सभी सहमत थे कि वह अधिकतम होगा। ऐसी अभिव्यक्ति के लिए जिसमें शामिल हो मुझे कोई भी संकेत देने की ज़रूरत नहीं पड़ी। सभी सीधे अनुमान करने लगे, क्या होगा – ऐसा लगता है कि मेरे संकेत ने काम किया। उन्होंने कहा कि मान लगभग 4 होगा और इसका मतलब है कि न्यूनतम मान 9 होगा।
तीसरी अभिव्यक्ति को लेकर उनके चेहरों पर परेशानी झलकने लगी। मैंने उनसे पूछा कि उन्हें क्या परेशानी है, तो उन्होंने कहा कि परेशानी घन और वर्ग निकालने में थी। इसलिए, मैंने उन्हें एक सहायक प्रश्न देकर उनकी मदद कीः मैंने उनसे कहा कि वे 3 और 0.1 का घन निकालें, और परिणाम देखें। तरुना ने कहा कि 3 का घन संख्या 3 से बड़ा होगा, लेकिन 0.1 का घन 1 से छोटा होगा। तब मैंने उनसे बस इतना कहा ’अब इस अभिव्यक्ति को देखो’ और उन्होंने तुरन्त ही उत्तर निकाल लिए। एक बार फिर, बगैर उत्साह बढ़ाए, उन्होंने अपने अनुमानों में एक शृंखला की पहचान कर ली।
चारपाई के बारे में कक्षा में वास्तविक उत्सुकता थी। उन्होंने मुझसे पूछा कि चारपाई की लम्बाई और चौड़ाई क्या है। मैंने उन्हें बताया कि उनका अनुमान वहीं से शुरू होता है – यह उनके ऊपर निर्भर है। सभी ने फैसला किया कि उन्हें इसे दो मीटर गुणा एक मीटर मानना चाहिए। लेकिन वहां इस बात पर ज्यादा चर्चा हुई कि वे दोगुना कैसे करेंगे, क्योंकि रस्सी फ्रेम के चारों ओर लपेटी जानी थी। इस बिन्दु पर मैंने उनसे इसपर जोड़े बनाकर काम करने को कहा, और यह भी कि वे बाद में अपनी सोच को पूरी कक्षा के साथ साझा करने के लिए तैयार रहें।
प्रश्न 4 के कारण अत्यधिक चर्चा हुई। इसका वर्णन करने में उन्हें परेशानी हुई–– शुरुआत में ऐसा लगा कि उनके पास भाषा नहीं है। मैंने सोचा कि यदि वे सभी अपनी बातचीत तेज आवाज में करें और अपने विचारों को बताएं तो उन्हें मदद मिलेगी, इसलिए मैंने उनसे कहा कि वे अपनी सोच एक दूसरे को जोड़े में बताएं और जब वे अपनी व्याख्याओं से खुश हों, तो इसे अपनी अभ्यास पुस्तिकाओं में लिखें। इसके बाद हमने कुछ व्याख्याओं को पूरी कक्षा के साथ साझा किया। मैंने ध्यान दिया कि कुछ विद्यार्थियों ने उन बातों में बदलाव किया, जो उन्होंने पूरी कक्षा के साथ चर्चा में निकले परिणाम के रूप में लिखा था। व्याख्याएं शायद बहुत परिष्कृत नहीं थीं, लेकिन मैं उनकी सोच के बारे में विचार करना शुरू करने के उनके प्रयास और उनकी प्रतिबद्धता से बहुत प्रभावित थी – यह करना कोई आसान काम नहीं है! मैंने उन्हें यह बात बताई और यह भी कहा कि मुझे यह करना अभी भी बहुत कठिन लगता है।
अपने शिक्षण अभ्यास के विषय में विचार करना
जब आप अपनी कक्षा के साथ ऐसी कोई गतिविधि करें, तो बाद में सोचे कि क्या ठीक रहा और कहाँ गड़बड़ हुई। ऐसे प्रश्नों की ओर ध्यान दें, जो विद्यार्थियों में रुचि पैदा करे और जिन्हें आपको स्पष्ट करने की आवश्यकता हो। ऐसी बातें ऐसी ’स्क्रिप्ट’ पता करने में सहायक होती हैं, जिससे आप विद्यार्थियों में गणित के प्रति रुचि जगा सकें और उसे मनोरंजक बना सकें। यदि वे कुछ भी समझ नहीं पाते हैं तथा कुछ भी नहीं कर पाते हैं, तो वे शामिल होने में कम रुचि लेंगे।
विचार के लिए रुकें ऐसे चिंतन को गति देने वाले अच्छे सवाल हैं:
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आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं