4 सारांश

इस इकाई में आपसे यह पता लगाने को कहा गया कि आपके विद्यार्थी संयोजित ठोस पदार्थों का आयतन कैसे ज्ञात करते हैं। इसमें आपके लिए ऐसे तरीकों की चर्चा की गई, जिनका उपयोग करके आप विद्यार्थियों को गणित सीखने की प्रक्रिया से ज्यादा अच्छी तरह जोड़ सकते हैं, और वे किस तरह समझ सकते हैं कि गणित केवल पाठ्यपुस्तक के सूत्र नहीं है, बल्कि यह वास्तविक जीवन के विचारों के बारे में है। आपने सीखा है कि गणित में ऐसे चयन करने में विद्यार्थियों की मदद किस तरह की जाए, जिससे वे अपनी अधिगम पर नियंत्रण को महसूस करें : और प्रश्नों को हल करने के विकल्पों और विचारों को अपने शब्दों में कैसे समझायें। चयन करने का अर्थ है कि उन्हें इन विचारों के बारे में सोचना पड़ता है, जिससे वे अधिक प्रभावी ढंग से सीखते हैं और उस शिक्षा से जुड़ाव महसूस करते हैं। अब उन्हें ऐसा महसूस नहीं होता कि वे कुछ ऐसा काम कर रहे हैं, जिसका उनसे कोई संबंध ही नहीं है।

ये तरीके महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि कई विद्यार्थियों को गणित सीखना इतने बड़े सदमे जैसा लगता है कि वे उस बारे में सोचना भी नहीं चाहते। वे एक सही उत्तर पाने के लिए एक सही प्रक्रिया का उपयोग करने के बारे में इतने अधिक चिंतित रहते हैं कि वे गणित के बारे में सोचने में सक्षम ही नहीं हो पाते। उन्हें इस बात की चिंता रहती है कि यदि उनका उत्तर गलत हो गया, तो लोग उन्हें मूर्ख समझेंगे, इसलिए बेहतर है कि हल करने की कोशिश ही न की जाए। व्यापक रूप से फैली हुई इन धारणाओं से बाहर निकलने में बहुत समय और दृढ़ता की आवश्यकता है, लेकिन यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके विद्यार्थी इस इकाई में वर्णित तरीकों का उपयोग करके अपने पाठों से जुड़ें, क्योंकि इससे उन्हें यह मानने में मदद मिलेगी कि वे गणित को हल कर सकते हैं।

विचार के लिए रुकें

इस इकाई में आपके द्वारा उपयोग किए गए तीन विचार पहचानें जो अन्य विषयों को पढ़ाने में भी काम करेंगे। उन दो विषयों पर अब एक नोट तैयार करें, जिन्हें आप जल्द ही पढ़ाने वाले हैं, जहाँ थोड़े-बहुत समायोजन के साथ उन अवधारणाओं का उपयोग किया जा सकता है।

3 डरावनी गणितीय भाषा को सुलझाना

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