3 ज्यामितीय सहजज्ञान विकसित करना

ज्यामिती का सहजज्ञान वास्तविक जीवन के अनुभवों से विकसित होता है व इसमें अक्सर गतिशील छवियाँ शामिल होती हैं। हम जिन आकारों का उपयोग करते व जिनसे खेलते हैं, वे स्थिर नहीं होते। वे बदलते हैं, वे स्थान से हिलते हैं और उन्हें अन्य आकारों में बदला जा सकता है। उदाहरण के लिए, जब किसी मित्र के साथ केक का चौकोर टुकड़ा (बराबर आधा-आधा) साझा किया जाता है, तो चौकोर को दो त्रिभुजों, दो चतुर्भुजों आदि में काटा जा सकता है। रंगोली बनाते समय (चित्र 3 देखें), आकारों के भीतर के आकारों से खेला जा सकता है, उनमें बदलाव किए जाते हैं और कुछ नया किया जाता है।

चित्र 3 रंगोली बनाना

आकारों से खेलना वास्तुशिल्प में भी देखा जा सकता है। इसके विपरीत, विद्यालयों में पढ़ाई जाने वाली ज्यामिती को अक्सर अपरिवर्ती समझा जाता है: तथ्य, जिनसे खेलने और जिनमें कोई परिवर्तन करना संभव नहीं है। हाल के वर्षों में Cabri जैसे गतिशील ज्यामिती सॉफ़टवेयर या मुफत शेयरवेयर पैकेज GeoGebra के विकास के साथ इस धारणा का धीरे-धीरे परिमार्जन हो रहा है।

अत: विद्यालय में उपयोग होने वाली ज्यामिती में भाषा की बाधा को पार करने के तरीकों को खोजने के साथ ही, अब आप ज्यामितीय सहज ज्ञान के बारे में भी सोचेंगे। फ़्यूजिता आदि। (2004) ज्यामितीय सहज ज्ञान को इनसे संबद्ध बताते हैं:

दिमाग में ज्यामितीय आकार बनाने व उनमें परिवर्तन का कौशल, ज्यामितीय गुण देखना, चित्रों को ज्यामितीय संकल्पनाओं व प्रमेयों से जोड़ना व यह निर्णय करना कि ज्यामिती में प्रश्नों को हल करते समय कैसे शुरू करना चाहिए।

गतिविधि 1 के भाग 2 की तरह, यह अन्तर और समानता पर ध्यान केंद्रित करेगा; यानि इस पर कि क्या समान बना रहता है और क्या बदल सकता है। अगली गतिविधि इसका उदाहरण प्रस्तुत करती है कि विद्यार्थी ज्यामितीय कथनों पर अधिक सहज ज्ञान के साथ कैसे काम कर सकते हैं और साथ ही अपने दिमाग में कैसे गतिशील ज्यामितीय छवियाँ विकसित कर सकते हैं। वे इस कथन के बारे में सोचकर ऐसा करेंगे: ‘किसी वृत्त की समान जीवाएँ केंद्र पर बराबर कोण बनाती हैं।’

गतिविधि 2: ज्यामितीय कथनों के बारे में सोचने का एक सहज ज्ञान आधारित तरीका

इस गतिविधि के लिए, विद्यार्थियों को तीन सीधी लंबी छड़ें, जैसे बाँस के लट्ठे चाहिए, जो लंबाई में समान हों। उन्हें इन छड़ों से एक त्रिभुजाकार फ़्रेम बनाने को कहें , जिसमें फ्ऱेम की दो भुजाएँ समान लंबाई की हों - दूसरे शब्दों में, एक समद्विबाहु त्रिभुज बने (चित्र 4 देखें)। यह गतिविधि बाहर करना सबसे बेहतर होता है, संभव हो, तो जहाँ विद्यार्थी मिट्टी या रेत पर अपने चलने के निशानों को देख सकें।

चित्र 4 एक समद्विबाहु त्रिभुज

भाग 1: देखें क्या हो रहा है

  • बाँस के लट्ठों को पकड़ने वाले प्रत्येक विद्यार्थी से उन छड़ों (या त्रिभुज की भुजाओं) के बारे में कुछ बोलने को कहें, जिन्हें उन्होंने पकड़ रखा है। क्या वे कोण या सापेक्षिक लंबाई के बारे में कुछ कह सकते हैं? दूसरी भुजाओं या कोणों में क्या समान है और क्या भिन्न है?
  • अब विद्यार्थियों को त्रिभुज की भुजाओं को खिसकाने को कहें। विद्यार्थी 1 को उसी स्थिति में रहने को कहें, हालांकि वे मुड़ सकते हैं। विद्यार्थी 1 को अपने ही स्थान पर रखते हुए विद्यार्थी 2 व 3 को त्रिभुज को खिसकाने को कहें।
  • दूसरे विद्यार्थियों से निम्न प्रश्नों के उत्तर देने को कहें:
    • विद्यार्थी 2, फिर विद्यार्थी 3 की गतिविधि को अंकित करने से क्या आकार बनता है? (उत्तर: एक वृत्त - और दोनों विद्यार्थी एक ही वृत्त बना रहे हैं।)
    • यह आकार क्यों बना?

    • विद्यार्थी 1 क्या भूमिका निभा रहा है? (उत्तर: वृत्त का केंद्र।)
    • विद्यार्थी 2 व 3 के बीच की दूरी को उन्होनें कैसे परिभाषित किया? (उत्तर: वृत्त की जीवा।)
    • विद्यार्थी 1 व 2 या विद्यार्थी 2 व 3 के बीच की दूरी को उन्होंने कैसे परिभाषित किया? (उत्तर: त्रिज्या।)

भाग 2: समानता पर काम करना

पहले विद्यार्थियों को तीन-तीन के समूह में विचार करने और इन तीन प्रश्नों के बारे में अपना विचार बाकी कक्षा के साथ साझा करने को कहें:

  • बाँस की छड़ों की लंबाई किन तरीकों से बदली जा सकती है?
  • इससे और क्या बदलेगा? क्या समान बना रहेगा?
  • क्या वे कोई ऐसा गणितीय कथन दे सकते हैं, जो इस बारे में उनके विचार बता सके?

भाग 3: ‘किसी वृत्त की समान जीवाएँ केंद्र पर समान कोण बनाती हैं’, इस गणितीय कथन का अर्थ लगाना

कक्षा के बाहर ही विद्यार्थियों को ‘किसी वृत्त की समान जीवाएँ केंद्र पर समान कोण बनाती हैं’ किसी लिखित स्वरूप में दे दें, क्योंकि यह याद रखने में मुश्किल है।

  • विद्यार्थियों को तीन-तीन के समूह में चर्चा करने को कहें कि इस कथन का क्या अर्थ हो सकता है। यह उससे कैसे संबंधित है, जिसपर वे काम कर रहे हैं? उन्हें याद दिलाएँ कि वे बाँस की छड़ों का उपयोग कर या किसी और तरीके से कोशिश कर सकते हैं।
  • विद्यार्थियों से इस बार में सुझाव माँगें कि ऐसे गणितीय कथन कैसे अधिक पहुँच योग्य हो सकते हैं।
  • उनके विचारों के बारे में पूरी कक्षा की एक चर्चा कराएँ।

आप संसाधन 2, ‘स्थानीय संसाधनों का उपयोग करना’ में इस बारे में और पढ़ सकते हैं।

केस स्टडी 2: गतिविधि 2 के उपयोग का अनुभव श्रीमती चक्रकोटि बताती हैं

इस गतिविधि के लिए हम मैदान में गए। पहले हमने एक कक्षा के रूप में एकसाथ भाग 1 किया। क्योंकि मेरे पास पाँच समूहों के लिए पर्याप्त बाँस की छड़ें थीं, मैंने विद्यार्थियों को पाँच समूहों में बाँट दिया और प्रत्येक समूह को बाँस की तीन छड़ें दीं, जिनमें से दो समान लंबाई वाली थीं और एक अलग लंबाई की। फिर उन्हें अपने समूह में गतिविधि का भाग 1 करके उससे बनने वाला पथ चिह्नित करने को कहा गया। मैंने उनसे अपने प्रेक्षण के नोट बनाने को भी कहा।

फिर प्रत्येक समूह की तीसरी छड़ को कई बार बदला गया (वे सभी अलग लंबाइयों की थीं) और उन्होंने फिर वही गतिविधि की। मैंने गतिविधि के भाग 2 से प्रश्न पूछने से पहले यह करने का निर्णय लिया क्योंकि मुझे लगा कि इससे वे समान प्रश्न पूछने की ओर आगे बढ़ेंगे। फिर जब तक मैं भाग 2 से प्रश्न पूछूँगी, उन्हें अच्छा लगेगा, क्योंकि ये वे प्रश्न होंगे, जो वे स्वयं सोच चुके होंगे - जो वास्तव में कुछ हद तक हुआ भी।

भाग 2 के लिए मैंने पहले उन्हें तीन-तीन के समूह में काम करने को कहा, क्योंकि मुझे लगा कि छोटे समूहों में काम करना गणितीय चर्चा में मदद करेगा। उन्हें गणितीय कथन करना मुश्किल लगा, लेकिन उन्होंने इसका प्रयास किया। इसने गतिविधि के भाग 3 के लिए अच्छी तैयारी करवाई। कथन ‘किसी वृत्त की समान जीवाएँ केंद्र पर समान कोण बनाती हैं’ की शब्दावली को समझने के लिए, गतिविधि का वह भाग एक ही भौतिक स्थान पर करना बहुत मददगार था, क्योंकि इससे विद्यार्थियों को यह बताने में मदद मिली कि उन्होंने पहले क्या किया था, कुछ नए विचारों पर काम किया जा सका और वे दिए गए कथन से अपनी शब्दावली को मिला सके।

बहुत सारी दौड़-भाग हुई। उन सबके यह लिख लेने के बाद, कि उन्होंने क्या देखा था और पूरे समूह की कुछ चर्चाओं के बाद हम कक्षा में वापस गए। वहाँ जाकर, वे जो कुछ हुआ था उस पर और चर्चा के लिए बैठ गए और उसका अर्थ क्या है। यद्यपि इस चर्चा में पहले कही जा चुकी बातें भी दुबारा आईं, मुझे कक्षा के बाहर हुई गतिविधि और जो काम उन्हें अपने स्थान पर बैठ कर पाठ्यपुस्तकों व अभ्यास-पुस्तिकाओं के बीच करना था, उनके बीच की कड़ी को स्पष्ट करना आवश्यक लगा। उनकी घर की गतिविधि के एक भाग के रूप में मैंने उनसे दूसरे गुणों के लिए कुछ गतिविधि सोचने को कहा जिसपर वे गतिविधि 1 में चर्चा कर चुके थे।

विचार के लिए रुकें

  • विद्यार्थियों से किस प्रकार की प्रतिक्रिया अनपेक्षित थी? क्यों?
  • अपने विद्यार्थियों की समझ का पता लगाने के लिए आपने क्या सवाल किए?
  • क्या किसी भी समय आपको ऐसा लगा कि हस्तक्षेप करना चाहिए?

2 जीवन में वृत्त बनाम गणितीय वृत्त: शब्दावली

4 ज्यामितीय छवि विकसित करने के लिए स्वयं अपने प्रश्न बनाना