4 ज्यामितीय छवि विकसित करने के लिए स्वयं अपने प्रश्न बनाना
गतिविधि 2 व केस स्टडी 2 बताती हैं कि विद्यालयी ज्यामिती विद्यार्थियों के सहजज्ञान पर काम करके कैसे सीखी जा सकती है। श्रीमति चक्रकोडी ने बताया कि उन्होंने कक्षा के बाहर व अन्दर सीखी हुई बातों के बीच की कड़ी को चर्चा के माध्यम से कैसे सुदृढ़ किया। छड़ों का उपयोग करके ज्यामिती पढ़ने व विद्यार्थियों को स्थान परिवर्तन को बार-बार ‘अभिनीत’ करने को कहने से उनके दिमाग में छवियाँ बन जाती हैं। ये छवियाँ इस यूनिट में पहले परिभाषित ज्यामितीय सहजज्ञान को विकसित करने के लिए आवश्यक हैं। इस बात से अवगत रहना भी महत्वपूर्ण है कि सभी लोग विवरण दिए जाने पर समान छवि नहीं ‘देखेंगे’।
विद्यार्थियों को किसी ज्यामितीय छवि से अवगत कराने का एक अच्छा तरीका उनसे यह पूछना है कि क्या प्रश्न पूछे जाने हैं।
गतिविधि 3: अच्छे प्रश्न पूछना
यह कार्य अकेले और जोड़ियों में काम करने वाले विद्यार्थियों, उसके बाद होने वाली पूरी कक्षा की चर्चा या विचार-विमर्श, उसके बाद और एकल/जोड़ी के कार्य, आदि के लिए कारगर है।
विद्यार्थियों को चित्र 5 को देखने और उसके बारे में संभावित प्रश्न पूछने को कहें।

कुछ प्रश्न ये हो सकते हैं:
वृत्त का केंद्र क्या है?
- बिंदु P क्या है?
- कोण OTP समकोण क्यों है?
- रेखा t क्या है?
- रेखा t रेखा t’ से कैसे संबंधित है?
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विद्यार्थियों को अच्छे प्रश्न पूछने के लिए मार्गदर्शन देना एक ऐसी तकनीक है, जिसका आप कई विषयों में उपयोग कर सकते हैं। यह विषय के बारे में विद्यार्थियों की समझ का मूल्यांकन करने में आपकी मदद के लिए बहुत अच्छी तकनीक है। जब विद्यार्थी अपने प्रश्न बना लें, तो आप जोड़ियों को अपने प्रश्नों की अदला-बदली करके एक-दूसरे के प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास करने को कह सकते हैं। फिर उत्तरों को मूल्यांकन के लिए वापस दे दें। जब विद्यार्थी इस प्रकार की गतिविधि करते हैं, तो कक्ष में घूमना और वे जो कह रहे हैं, उसे सुनना महत्वपूर्ण है - यदि विद्यार्थी इसमें भाग नहीं ले रहे, तो आपको उन्हें प्रोत्साहित करना होगा। अगले पाठ में, विद्यार्थियों को दूसरे सहयोगियों के साथ काम करने को कहें, जिससे वे एक दूसरे की मदद कर सकें।
3 ज्यामितीय सहजज्ञान विकसित करना