1 समीकरण हल करने के नियमों के बारे में सोचने पर

x का कोई संभव (के कोई संभव) मान खोजने के लिए, जब p(x), q(x) के बराबर हो, हमें इस समीकरण p(x) = q(x) को ‘हल’ करना होगा।

कुछ नियम हैं जो कभी-कभी समीकरण हल करने में सहायक होते हैं। इन नियमों को विद्यार्थी याद कर लेते हैं - या आधे-अधूरे या ग़लत याद

करते हैं और इनके उपयोग करने की प्रक्रिया में कई ग़लतियाँ कर बैठते हैं। गतिविधि 1 का भाग 1 विद्यार्थियों को यह सोचने पर मजबूर करने के लिए बनाया गया है कि ये नियम कहाँ से आए और इन्हें क्यों और कब उपयोग किया जा सकता है। भाग 2 का उद्देश्य विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार के समीकरणों का ज्ञान कराना है। यदि विद्यार्थी दूसरे विद्यार्थियों से अपने विचार साझा कर सकें, तो वे अधिक प्रभावी ढंग से सीखते हैं। उन्हें ‘अपने सहपाठी से उसपर चर्चा करो’ कहना एक अच्छी रणनीति है।

इस यूनिट में अपने विद्यार्थियों के साथ गतिविधियों के उपयोग का प्रयास करने के पहले अच्छा होगा कि आप सभी गतिविधियों को पूरी तरह (या आंशिक रूप से) स्वयं करके देखें। यह और भी बेहतर होगा यदि आप इसका प्रयास अपने किसी सहयोगी के साथ करें, क्योंकि जब आप अनुभव पर विचार करेंगे तो आपको मदद मिलेगी। स्वयं प्रयास करने से आपको शिक्षार्थी के अनुभवों के भीतर झांकने का मौका मिलेगा, जो परोक्ष रूप से आपके शिक्षण और एक शिक्षक के रूप में आपके अनुभवों को प्रभावित करेगा। जब आप तैयार हों, तो अपने विद्यार्थियों के साथ गतिविधियों का उपयोग करें। पाठ के बाद, सोचें कि गतिविधि किस तरह हुई और उससे क्या सीख मिली। इससे आपको सीखने वाले विद्यार्थियों पर ध्यान केंद्रित रखने वाला अधिक शैक्षिक वातावरण बनाने में मदद मिलेगी।

गतिविधि 1: समीकरणों के बारे में सीखना

भाग 1: समीकरण हल करने के खेल के नियम

अपने विद्यार्थियों को निम्न बताएँ:

समीकरण हल करते समय कुछ नियम, या सच हैं, जो उपयोगी हो सकते हैं। हो सकता है आप इन्हें पहले से जानते हों। इस गतिविधि का उद्देश्य यह है कि आप बताएँ कि ये नियम कैसे बने और इन्हें क्यो और कैसे उपयोग किया जा सकता है। आपको इन सामान्य कथनों का अर्थ समझाने के लिए इन कथनों पर लागू होने वाले उदाहरण सोच लेना उपयोगी होगा।

निम्न में से कौन से नियमों का उपयोग समीकरण हल करने के लिए हमेशा, कभी-कभी या कभी नहीं किया जा सकता? आपको कैसे पता?

  • यदि p(x) = q(x), तो p(x) + c = q(x) + c
  • यदि p(x) = q(x), तो p(x) – c = q(x) – c
  • यदि p(x) = q(x), तो p(x) .c = q(x) .c
  • यदि p(x) = q(x), तो p(x)/c = q(x)/c
  • यदि [p(x)]2 = [q(x)]2, तो p(x) = – q(x)
  • यदि [p(x)]2 = [q(x)]2, तो p(x) = q(x)

इन नियमों में से प्रत्येक का एक ग्राफ़ बनाएँ और मूल p(x) = q(x) से उनकी तुलना करें। अपने सहपाठी के साथ चर्चा करें कि इन ग्राफ़ में क्या बदला है और क्या समान है।

भाग 2: कोई नहीं एक और अनन्त समाधान

अपने विद्यार्थियों को निम्न बताएँ:

नीचे तीनों प्रश्नों के उत्तरों की तुलना करें। आपके परिणाम भिन्न कैसे हैं? ये किस प्रकार भिन्न हैं?

  • यदि 4(x – 8) = 4x – 32, तो x का पता लगाएँ.
  • यदि 4(x – 8) = 4x – 30, तो x का पता लगाएँ.
  • यदि 4(x – 8) = x – 32, तो x का पता लगाएँ.

प्रत्येक समीकरण के LHS व RHS एक ही ग्राफ़ पर बनाकर अपने बीजीय परिणामों को ग्राफ़ के माध्यम से प्रदर्शित कीजिए। आपने क्या देखा?

समीकरण 2x – 3y = 8 को लें। इस समीकरण का एक ग्राफ़ बनाएँ। अब ax + by = c स्वरूप वाले एक और समीकरण का ग्राफ़ बनाएँ, जिससे दोनों समीकरणों में हों:

  • समाधानों का समान समुच्चय
  • कोई उभयनिष्ठ समाधान नहीं
  • केवल एक उभयनिष्ठ समाधान।

समीकरण 2x – 3y = 8 को फिर से लें। अब ax + by = c स्वरूप वाला एक और समीकरण लिखें, जिससे दोनों समीकरणों में हों:

  • समाधानों का समान समुच्चय
  • कोई उभयनिष्ठ समाधान नहीं
  • केवल एक उभयनिष्ठ समाधान।

इस गतिविधि के दौरान , अपने विद्यार्थियों को अपने विचारों के बारे में एक दूसरे से बात करने व एक दूसरे की मदद करने को प्रोत्साहित करें।

केस स्टडी 1: श्रीमती राऊल गतिविधि 1 के उपयोग के बारे में बताती हैं

यह एक शिक्षिका की कहानी है , जिसने अपने माध्यमिक कक्षा के विद्यार्थियों के साथ गतिविधि 1 का प्रयास किया।

अगले भाग पर जाने से पहले भाग 1 को कर लेना अच्छा विचार था। भाग 1 में विद्यार्थियों को पहले तो सामान्य कथनों का अर्थ लगाने में परेशानी हुई। कथन का अर्थ क्या था यह समझने के लिए उदाहरणों के उपयोग का संकेत कारगर रहा।

मैंने कक्षा में घूमकर अन्दाज़ा लगाया कि विद्यार्थी गतिविधि के भाग 2 को कैसे हल कर रहे थे। मैंने देखा कि उनके मन में कई भ्रान्तियाँ थीं। मैंने विचार किया कि मैं इससे कैसे निपट सकता हूँ। मैंने एक निर्णय किया: मैंने सबसे उनके समाधान बताने को कहा और उन सभी को ब्लैकबोर्ड पर लिख दिया, चाहे वह सही हों या ग़लत। फिर मैंने पूछा, ‘तुम्हें कैसे पता कि यही सही उत्तर है? किसी सहपाठी से चर्चा करो।’ उनकी अधिकांश ग़लतियाँ समीकरण के परिचालन से संबद्ध थीं। क्योंकि हमने केवल भाग 1 किया था, अत: इसपर अब चर्चा हो सकती थी। फिर भी मैंने देखा कि यद्यपि अब विद्यार्थियों को पता था कि परिचालन के ‘नियम’ ऐसे क्यों होते हैं, उन्हें समीकरण हल करने के परिप्रेक्ष्य में इन्हें पहचानने के लिए कुछ अभ्यास की आवश्यकता है। एक और भ्रान्ति, और जिससे मुझे आश्चर्य हुआ, यह थी कि कई विद्यार्थियों को 4(x – 8) में कोष्ठकों की भूमिका के बारे में पता नहीं था। उन्होंने केवल कोष्ठक को हटाया और 4x – 8 लिख दिया। इसलिए हमने चर्चा की कि कोष्ठक क्यों दिया जाता है और उसका अर्थ क्या है।

ग्राफ़ बनाने से समीकरणों का अर्थ लगाने में बहुत मदद मिली। रेणू ने सबसे पहले पूरा किया, इसलिए मैंने उसे उन दूसरों की मदद करने को कहा जो किसी समाधान को पाने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें इस बात से आश्चर्य हुआ कि ग्राफ़ अलग दिखते थे। वे इस बारे में अपनी चर्चा अधिक आत्मविश्वास से कर पाते थे कि तीनों समीकरणों में क्या समान था और क्या असमान।

प्रमुख संसाधन ‘विचारशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए प्रश्नों का उपयोग’ व ‘सीखने के लिए बात करें’ भी देखें।

अपने शिक्षण अभ्यास में दिखाना

जब आप अपनी कक्षा के साथ ऐसा कोई अभ्यास करें, तो बाद में बताएं कि क्या ठीक रहा और कहां गड़बड़ हुई। ऐसे सवालों की ओर ध्यान दें जिसमें विद्यार्थियों की रुचि दिखाई दे और वे आगे बढ़ते हुए नजर आएं और वे जिनका स्पष्टीकरण करने की आवश्यकता हो। ऐसे चिंतन से वह ‘स्क्रिप्ट’ मिल जाती है, जिसकी मदद से आप विद्यार्थियों के मन में गणित के प्रति रुचि जगा सकते हैं और उसे मनोरंजक बना सकते हैं। यदि वे कुछ भी समझ नहीं पाते हैं तथा कुछ भी नहीं कर पाते हैं, तो वे शामिल होने में कम रुचि लेंगे। जब भी आप गतिविधियां करें, इस विचार करने वाले अभ्यास का उपयोग करें व कुछ छोटी चीज़ें नोट करें, जैसे श्रीमती राऊल ने किया, कुछ बहुत छोटी चीज़ें जिन से काफी फर्क पड़ा।

विचार के लिए रुकें

ऐसे चिंतन को गति देने वाले अच्छे सवाल हैं:

  • आपकी कक्षा में यह गतिविधि कैसी रही?
  • विद्यार्थियों से किस प्रकार की प्रतिक्रिया अनपेक्षित थी? क्यों?
  • अपने विद्यार्थियों की समझ का पता लगाने के लिए आपने क्या सवाल किए?

  • क्या आपके सभी विद्यार्थियों ने गतिविधि में भाग लिया? क्या कोई ऐसे विद्यार्थी थे जो ग्राफ़्स के बारे में कम आत्मविश्वासी थे? अगली कक्षा में आप उनके सीखने को प्रोत्साहन कैसे देंगे?
  • किन बिंदुओं पर आपको लगा कि पाठ के अंत में आपको दुबारा समझाना पड़ा?

यदि आपको इंटरनेट की पहुँच है, तो वहाँ ऑटोग्राफ़ जैसे गणित के ग्राफ़िंग सॉफ़टवेयर हैं। वे आपके विद्यार्थियों की समीकरणों के ग्राफ़ की कल्पना करने में मदद कर सकते हैं।

आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं

2 समीकरणों की पारिस्थितिक संकल्पना