2 समीकरणों की पारिस्थितिक संकल्पना
जैसी कि हमने पहले चर्चा की, समीकरण, अक्सर विशुद्ध रूप से विचारों की प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति होते हैं। विचार लगभग हमेशा ही प्रतीकात्मक बदलाव के जरिये समीकरण का एक समाधान खोजने का होता है। प्रत्येक बदलाव, यदि उसे पारम्परिक रूप से किया जाए, एक समान समीकरण बनाता है, जो पहले समीकरण से अधिक सरल (हल करने में) होता है। समीकरणों की बीज गणितीय संकेत पद्धति को उनके ग्राफ़ीय निरूपण से जोड़कर अधिक अर्थपूर्ण बनाया जा सकता है।
लेकिन यह फिर भी समीकरणों को देखने व हल करने का एक प्रतीकात्मक तरीका है। यह इस अवधारणा पर काम नहीं करता कि प्रत्येक समीकरण को किसी वास्तविक स्थिति के निरूपण, या मॉडल के रूप में देखा जा सकता है।
आप प्रत्येक समीकरण को समझाने के लिए एक कहानी बना सकते हैं। ऐसी कहानियों को विकसित करने पर काम करने से:
- गणित को सजीव बनाएँ
- विद्यार्थियों को किसी परिस्थिति का अर्थ लगाने में काम में आने वाली गणितीय प्रक्रियाओं के बारे में सोचने दें
- विद्यार्थियों को वास्तव में अचर व चर शब्दों के बीच के अंतर के बारे में और यदि वे आपकी कल्पना को बदलने का फैसला करें तो वह संबंध कैसे परिवर्तित होगा, सोचने को कहें।
अगली गतिविधि समीकरणों की पारिस्थितिक संकल्पना हेतु कहानियाँ सोचने का क्रमिक रूप से ज्ञान कराती है। यह आपके विद्यार्थियों को आगे उनके गणितीय अधिगम में अधिक जटिल समस्याओं के लिए तैयार करेगा।
गतिविधि 2: संदर्भ सोचना
भाग 1: कहानी को बदलना
अपने विद्यार्थियों को निम्न बताएँ:
कल्पना कीजिए मोहन ने एक क्विज़ शो में भाग लेकर अपने प्रत्येक सही उत्तर के लिए कुछ धन जीता और नियम यह था कि उसे प्रत्येक सही उत्तर के लिए पिछले प्रश्न से दुगना धन मिलेगा। यदि पाँचवें प्रश्न के पहले वह 30,000 रु जीत चुका था, तो समीकरण 15x = 30,000 बनेगा, जिसमें x वह राशि थी जो उसे पहले प्रश्न का सही उत्तर देने पर मिली थी।
क्या आप कोई दूसरा संदर्भ - दूसरी कहानी सोच सकते हैं, जो समीकरण 15x = 30,000 द्वारा निरूपित की जा सके?
भाग 2: कोई कहानी सोचना
तैयारी
यह महत्वपूर्ण नहीं है कि विद्यार्थियों के उत्तर सही हैं या ग़लत। अपने विद्यार्थियों की गणित को पिरोने के लिए एक रचनात्मक व कल्पनाशील संदर्भ प्रस्तुत करने की क्षमता पर ध्यान केंद्रित कीजिए (और उन्हें प्रोत्साहित कीजिए) और फिर वे उस संदर्भ तक कैसे पहुँचे यह सबके साथ बाँटिए। शुरू करने के लिए एक अच्छा शब्द है ‘कल्पना कीजिए...’
ब्लैकबोर्ड पर समीकरण 2x + 5 = 12 लिखिए।
गतिवधि
अपने विद्यार्थियों से इस समीकरण की पारिस्थितिक संकल्पना के लिए एक शब्द प्रश्न लिखने के लिए अपनी कल्पनाशीलता का उपयोग करने को कहें। उन्हें बाकी की कक्षा के साथ अपने विचार साझा करने को कहें।
भाग 3: समीकरण बनाना और फिर एक कहानी सोचना
तैयारी
यह भाग 1 और 2 के क्रम में है, जो शब्द प्रश्नों की पारिस्थितिक संकल्पना पर केंद्रित है। अब आप अपने विद्यार्थियों से पहले समीकरण बनाने और फिर उनपर ठीक बैठने वाले शब्द प्रश्न सोचने को कहेंगे।
ब्लैकबोर्ड पर तालिका 1 लिखें:
2 | 29 | 10.50 | 3/5 |
x | 3x | 2.5x | 5x/6 |
5x – 8 | 34x – 12 | 5.5x + 1.7 | (2/3)x – 4/5 |
x2 | 2x2 | x2 + 1 | x2 – 2 |
गतिविधि
निम्न नियमों के आधार पर अभिव्यक्तियों का एक संग्रह चुनकर तालिका 1 से एक समीकरण बनाएँ:
एक ही पंक्ति से चुनी गई दो से अधिक अभिव्यक्तियाँ हमेशा जोड़ी जाती हैं और इन्हें हमेशा ‘=’ चिह्न के एक ही ओर होना चाहिए।
भिन्न पंक्तियों की अभिव्यक्तियाँ ‘=’ चिह्न के दोनों ओर होनी चाहिए।
फिर समीकरण को परिभाषित करने वाला एक शब्द प्रश्न बनाएँ।
उदाहरण के लिए, यदि आप पहली पंक्ति से 2 व 10.50 चुनते हैं और दूसरी से 3x व 2.5x, तो आपको मिलेगा:
3x + 2.5x = 2 + 10.50
5.5x = 12.50.
उदाहरण के लिए एक शब्द प्रश्न ऐसा हो सकता है: ‘5.5 सेमी लंबाई व x सेमी चौड़ाई वाले एक आयत का क्षेत्रफल 12.5 सेमी2 है.’
यदि आपके पास बड़े कागज़ हैं, तो अपने विद्यार्थियों से अपने प्रश्न उनपर लिखकर कक्षा में प्रदर्शित करें। विद्यार्थियों को जाकर एक-दूसरे के शब्द प्रश्न पढ़ने को कहें। आप उन्हें अपनी पसंद के शब्द प्रश्न देखकर उनकी प्रतिलिपि बनाकर उन्हें जाँचने और उन्हें लिखने वाले विद्यार्थियों को फीडबैक देने को कह सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए संसाधन 2, ‘कहानी कहना’ पढ़ें।
केस स्टडी 2: गतिविधि 2 के उपयोग का अनुभव श्रीमती मोहंती बताती हैं
शुरुआत में भाग 1 व 2 को करने में बहुत हिचकिचाहट थी, क्योंकि विद्यार्थियों ने कभी इस प्रकार के प्रश्न नहीं बनाए थे। उन्हें काफ़ी प्रबोधन और भरोसा दिलाने की ज़रूरत पड़ी कि उपयुक्त रहने वाली कोई भी कहानी ठीक थी; और यह कि उसका अविश्वसनीय लगना ज़रूरी नहीं था, या यह कि यदि वे अपनी कहानी ‘कल्पना करें कि…’ से शुरू करेंगे, तो इससे मदद मिलेगी। समीकरण 15x = 30,000 के लिए, मीना ने कहा कि यदि 15 चीज़ें खरीदी गई थीं और कुल चुकाया गया मूल्य रु 30,000 था, तो प्रत्येक का मूल्य x होगा। शरद ने सुझाव दिया कि x काम के दिनों की संख्या हो सकती है और रु 30,000 उनसे मिली कमाई।
अब मैंने उन्हें भाग 2 में दिए गए समीकरण पर प्रयास करने को कहा - जो 2x + 5 = 12 था। कोई आगे नहीं बढ़ा। मैंने बिना कुछ कहे केवल प्रतीक्षा करने का निर्णय किया। लगभग 90 सेकंड के बाद, जो पूरे जीवनकाल जितना लंबा अरसा लगा, लेकिन जितना वह था नहीं, रोहित ने बहुत हिचकिचाहट के साथ पूछा कि यदि वह ऑटोरिक्शा से सफर कर रहा था और रु 5 प्रथम किलोमीटर की न्यूनतम राशि थी व प्रत्येक अगले किलोमीटर के लिए रु रु 2 है, तो उसके द्वारा तय की गई दूरी x किमी थी। मीना ने तुरंत कहा कि नहीं, तुम x + 1 किमी चले होगे। अंजू ने उदाहरण प्रस्तुत किया कि खेल के मैदान में बच्चों के दो समूह थे। फिर पाँच च्चे और आ गए और अब बच्चों की कुल संख्या 12 हो गई - समूहों में कितने बच्चे थे? क्योंकि उत्तर 3.5 था, अत: धन पूर्णांकों व अपरिमेय संख्याओं के बीच अंतर के बारे में एक चर्चा हुई, जो रोचक थी।
भाग 3 की चर्चा मुख्यत: यह थी कि वे प्रश्न तो आसान तरीके से बना सकते थे, लेकिन हमेशा ही उसकी व्याख्या कर पाने वाली परिस्थिति नहीं खोज पाते थे।
श्रीमती मोहंती की तरह, हो सकता है आपके विद्यार्थियों को ये गतिविधियाँ अनजान लगें और उन्हें शब्द प्रश्नों पर सोचने के बारे में आत्मविश्वास पैदा करने के लिए अभ्यास की आवश्यकता हो। इस तकनीक का उपयोग गणित के अधिकाधिक प्रकरणों/पाठों में करें, इससे आपके विद्यार्थियों को गणितीय समीकरणों को समझने में मदद मिलेगी।
विचार के लिए रुकें
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1 समीकरण हल करने के नियमों के बारे में सोचने पर