2 गणित समझने के लिए संबंध जोड़ना

विद्यार्थी बहुत ही कम उम्र में गुणनखंडों और गुणजों का अध्ययन और उपयोग करते हैं। माध्यमिक स्कूल में, विद्यार्थियों के लिए आवश्यक होता है कि वे संख्याओं के HCF (महत्तम समापवर्तक) और LCM (लघुत्तम गुणज) का अध्ययन करें। व्यंजकों के साथ काम करते समय उन्हें इस ज्ञान को लागू करने में सक्षम होना चाहिए। इस प्रकार इन विषयों और अवधारणाओं का अलग–अलग समय पर, और अलग–अलग वर्षों में अध्ययन किया जाता है। इसलिए, विद्यार्थी जो वे पढ़ रहे हैं, उसके विभिन्न पहलुओं के बीच संबंध को देखने के लिए असफल हो सकते हैं, और इसके परिणामस्वरूप उनका ज्ञान खंडित हो सकता है। विद्यार्थी अक्सर अंतर्निहित सिद्धांतों को समझने के बजाय, हर चरण पर शब्दशः याद करने पर भरोसा करते हैं, जिससे गुणनखंडों और गुणजों की शक्ति को पहचानने में कमी रह जाती है।

गतिविधि 1 का उद्देश्य संख्याओं के गुणनखंडों और व्यंजकों का पता लगाने के लिए शामिल गणितीय सोच प्रक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित करके इस विखंडन को संबोधित करना है। विद्यार्थियों को गुणनखंड क्या है, संख्याओं के गुणनखंडों और व्यंजकों में गुणनखंडों के बीच संबंध जोड़ने के लिए कहा जाता है। गतिविधि अपेक्षा करती है कि विद्यार्थी जोड़ों या छोटे समूहों में काम करें और अन्य विद्यार्थियों के साथ अपने विचारों का आदान–प्रदान करें।

इस यूनिट में अपने विद्यार्थियों के साथ गतिविधियों के उपयोग का प्रयास करने के पहले अच्छा होगा कि आप सभी गतिविधियों को पूरी तरह (या आंशिक रूप से) स्वयं करके देखें। यह और भी बेहतर होगा यदि आप इसका प्रयास अपने किसी सहयोगी के साथ करें, क्योंकि जब आप अनुभव पर विचार करेंगे तो आपको मदद मिलेगी। गतिविधियों को स्वयं करके देखने से आपको शिक्षार्थी के अनुभवों के भीतर झांकने का मौका मिलेगा, जो अप्रत्यक्ष रूप से आपके शिक्षण और एक शिक्षक के रूप में आपके अनुभवों को प्रभावित करेगा। जब आप तैयार हों, तो अपने विद्यार्थियों के साथ गतिविधियों का उपयोग करें। पाठ के बाद, सोचें कि गतिविधि किस तरह हुई और उससे क्या सीख मिली। इससे आपको विद्यार्थी केन्द्रित शैक्षिक वातावरण के निर्माण में अधिक मदद मिलेगी।

गतिविधि 1: संख्याओं और व्यंजकों के गुणनखंडों का पता लगाना

चित्र 1 छोटे समूहों में कार्य कर रहे विद्यार्थी।

अपने विद्यार्थियों से कहें:

  • निम्नलिखित संख्याओं और व्यंजकों के विभिन्न गुणनखंडों को सूचीबद्ध करें।
    • 60
    • 3xy
    • 15
    • 12x2y3
    • 3x4 – 27x4
    • 2x2 – 8x + 8
  • आपके विचार में कुछ संख्याओं के केवल दो गुणनखंड क्यों होते हैं?
  • अपने समूह में दूसरों को गुणनखंडों का पता लगाने की अपनी विधि का वर्णन करें। क्या आप सभी ने एक ही विधि का उपयोग किया था? क्या सभी प्रश्नों के साथ सभी विधियों ने अच्छी तरह काम किया?
  • गुणनखंड क्या है इसकी उदाहरण सहित स्वयं अपनी परिभाषा या व्याख्या लिखें कि उसे कैसे पाया जा सकता है।

जब आपके विद्यार्थी जोड़े या छोटे समूहों में इन कार्यों को हल करने का प्रयास कर लें, तब कक्षा को एक साथ मिलाएँ और गुणनखंड की अपनी परिभाषा साझा करने के लिए अलग–अलग विद्यार्थियों से पूछें। अन्य सवालों के लिए उनके जवाब खोजने हेतु प्रारंभिक बिंदु के रूप में इन परिभाषाओं का प्रयोग करें। सावधानी से ध्यान दें कि आपके सवालों के जवाब कौन दे रहा है – क्या हमेशा एक ही विद्यार्थी जवाब दे रहे हैं? अपनी सोच को साझा करने के लिए अन्य विद्यार्थियों में आप किस प्रकार आत्मविश्वास विकसित कर सकते हैं?

संसाधन 2 और 3, ‘सामूहिक कार्य का उपयोग करना’ तथा ‘सीखने के लिए बातचीत’, में इन विषयों पर अधिक जानकारी है।

वृत्त–अध्ययन 1: गतिविधि 1 के उपयोग का अनुभुभव श्रीमती कपूर बताती हैं

यह एक शिक्षिका की कहानी है, जिसने अपने माध्यमिक कक्षा के विद्यार्थियों के साथ गतिविधि 1 का प्रयास किया।

मैंने विद्यार्थियों को चार के समूहों में विभाजित किया, ताकि वे परस्पर सहायता कर सकें और उन्हें विचारों के समृद्ध संग्रहण का अधिक मौका़ मिल सके। मैंने प्रत्येक समूह के विद्यार्थियों के नाम के साथ दीवार पर नोटिस चिपका कर, उन्हें समूहों में व्यवस्थित किया। मैंने विद्यार्थियों के प्रत्येक समूह में ऐसे विद्यार्थियों का मिश्रण रखने का प्रयास किया, जो गणित सीखने के प्रति आश्वस्त थे और ऐसे विद्यार्थी भी जो उतना आश्वस्त नहीं थे। मेरा उद्देश्य था कि अधिक आत्मविश्वास वाले विद्यार्थी दूसरों की सहायता करेंगे।

पूर्ण संख्या के मामले में विद्यार्थियों ने बड़ी आसानी से गुणनखंडों को पा लिया, लेकिन व्यंजकों से जुड़ी संख्याओं के बारे में काफी़ बहस हुई। यह अधिकांश समूहों में हुआ, इसलिए मैंने सोचा कि पूरी कक्षा के सामने इन प्रश्नों पर चर्चा करना सहायक हो सकता है। पहले मैंने उनसे पूरी कक्षा के लिए एक छोटा प्रस्तुतिकरण तैयार करने के लिए कहा; ये रहा उसका परिणामः

  • उन्होंने काफ़ी सटीकता से 60 के गुणनखंड के रूप में 1, 2, 3, 4, 5, 6, 10, 12, 15, 20, 30 तथा 60 की पहचान की – हालाँकि कुछ समूह उनमें से कुछ चूक गए थे, पर उन्होंने चूकने वाली संख्याओं को जल्दी से लिख लिया। इससे चर्चा होने लगी कि उन्हें व्यवस्थित होने की ज़रूरत है, और व्यवस्थित होने में कौन–सा दृष्टिकोण सहायक हो सकता है।
  • दूसरे प्रश्न में, कुछ समूहों ने केवल तीन गुणनखंडों को पहचानाः 3 XY, 3, तथा X और Y .
  • कई समूह अभाज्य गुणकों को नोटिस करने और यह समझाने में काफ़ी अच्छे रहे कि ये विशेष हैं, क्योंकि इन्हें केवल स्वयं द्वारा या 1 से विभाजित किया जा सकता है।

मैं वाक़ई चाहती थी कि विद्यार्थी संख्याओं और व्यंजकों के गुणनखंडों के बीच समानताओं को नोटिस करें। पहले क़दम के रूप में मैंने पूछा, ‘किस तरह भाज्य गुणक, अभाज्य गुणकों से अलग हैं?’

वे इससे थोड़ा चकित हो गए, इसलिए मैंने कहा, ‘ठीक है, उदाहरण के रूप में 60 के गुणनखंडों को देखो। अब अपना वाक्य इस प्रकार शुरू करो कि: ”भाज्य गुणक अलग हैं क्योंकि …“.–’ इसका उत्तर देने के लिए कई विद्यार्थी स्वेच्छा से आगे आए, लेकिन वह न तो स्पष्ट और ना ही संक्षिप्त लग रहा था – जो मेरे विचार में अच्छी चर्चा या शिक्षण को प्रोत्साहित नहीं करेगा। मैंने उन्हें ‘बोलने का ढाँचा’ देने का निर्णय लिया, जैसे कि भाषा शिक्षण में कभी–कभी लेखन ढाँचा दिया जाता है। इसलिए मैंने उनसे कहा, ‘पहले अपने साथी को सुनाने का प्रयास करो और फिर मैं तुमसे पूरी कक्षा को सुनाने के लिए कहूँगी।’

उन्होंने कुछ मिनटों के उस प्रकार एक दूसरे के अपनी सोच को शब्दों में ढालने का अभ्यास किया। मैंने यह भी नोटिस किया कि उनमें से कुछ अपनी कही हुई बात को अपनी अभ्यास पुस्तिकाओं में लिख रहे थे, शायद इसलिए कि पूछे जाने पर यह न भूलें कि उन्हें क्या कहना है। लग रहा था कि बोलने के ढाँचे ने वाक़ई उनकी मदद की, क्योंकि जब उनके वाक्यों को साझा करने की बारी आई, तब उनके जवाब स्पष्ट और संक्षिप्त थे और उन्होंने सटीक तरीक़े से गणितीय भाषा का उपयोग किया। वे यह नोटिस करने और अभिव्यक्त करने में कामयाब रहे कि भाज्य गुणक ऐसी संख्या हैं, जिन्हें आगे अन्य संख्याओं के गुणनफलों में विघटित किया जा सकता है, जब तक कि केवल अभाज्य गुणकों का उपयोग न किया जाए। मुझे बेहद ख़ुशी हुई! लेकिन उन्होंने अभी भी इस प्रकार के गुणनखंडों और व्यंजकों के गुणनखंडों के बीच संबंध नहीं जोड़ा था।

मेरे मन में पहला विचार बस यह आया कि उन्हें बता दूँ – मेरा ज्ञान उनमें बाँट दूँ। लेकिन वे इतने उत्साह से भरे और अपने विचार बताने के लिए पूरी तरह मग्न थे कि मैं उन्हें बता नहीं पाई। मैं चाहती थी कि वे स्वयं हल ढूँढ़ें, और स्वयं पता लगाने – गणितीय संरचनाओं और उनके संबंधों की सुंदरता को देखने का आनंद महसूस करें। लेकिन मैं कौन से सवाल पूछ सकती थी, ताकि वे संख्याओं के गुणनखंड और व्यंजकों के गुणनखंडों के बीच के संबंध के बारे में जान सके? मेरे मन में कई सवाल और दृष्टिकोण उभरे, लेकिन वे काफी़ जटिल थे, या फिर ‘उन्हें बताना कि वे क्या हैं’ वाले छिपे सवाल! क्या होगा अगर मैं उन्हें बता देती कि मैं वाक़ई उनसे क्या करवाना चाहती थी? इसलिए मैंने कहाः

मैं वास्तव में चाहती हूँ कि आप संख्याओं के गुणनखंडों का पता लगाने, और व्यंजकों के गुणनखंडों को खोजने के बीच संबंध और समानताएँ तथा असमानताएँ खोजें। उदाहरण के लिए, 60 के गुणनखंडों और 3xy के गुणनखंडों के बीच। और मैं सिर्फ़ आपको इसके बारे में बताना नहीं चाहती, मैं चाहती हूँ कि आप इसके बारे में सोचे और स्वयं अपने लिए उसका पता लगाएँ। अतः एक पल के लिए इस पाठ के दौरान हमने जो कुछ चर्चा की उन सबके बारे में सोचें, भाज्य और अभाज्य गुणनखंडों के बीच अंतर के बारे में, और 60 तथा 3xy के लिए आपने जो गुणनखंड पाया, उस पर ग़ौर करें। क्या समान है, क्या अलग है? क्या आपने सभी के लिए सभी गुणनखंड पा लिए? अपने समूहों में उनके बारे में विचार करें।

और उन्होंने 3xy के नामौजूद गुणनखंडों को ढूँढ़ ही लिया। उन्होंने 3x4 – 27x2 के लिएः उसे 3x2(x2 – 9) के रूप में पुनः लिखते हुए और फिर गुणनखंडों की 3, x, x2, (x2−9), x(x2 − 9), x2(x2 − 9) तथा 3x2(x2 − 9) के रूप में पहचान करते हुए, गुणनखंडों को पा ही लिया।

केवल उसके बाद हम प्रयुक्त पद्धतियों के बारे में विचार करने के लिए आगे बढ़े। हमें वह अगले पाठ में करना पड़ा, क्योंकि हमारे पास समय नहीं बचा था। यह कोई समस्या नहीं थी, क्योंकि अगले पाठ में मैं वापस पिछले पाठ के बारे में सोचने के लिए उनसे कह सकी। मैंने उनसे अपनी अभ्यास पुस्तिकाओं को देखने के लिए कहा कि उन्होंने क्या किया था और उनकी क्या सोच रही थी, और फिर से अपने विचार दर्ज करने के लिए कहा। विधियों के विवरण समझने का कार्य सुगमता से संपन्न हुआ, शायद इसलिए कि हमने पहले ही उसके बारे में बहुत विचार किया था। हमने पूरी कक्षा के साथ विभिन्न विधियाँ साझा कीं, और यदि किसी विधि में कोई कमी थी या कोई विधि अधिक जटिल थी, तो उन्होंने परस्पर एक दूसरे को सुधारा। हमने दरअसल ‘श्रीमती कपूर की कक्षा में सुझाई गई विधि’ के साथ समापन किया, और उसे कागज़ के बड़े टुकड़े पर लिखा और फिर दीवार पर प्रदर्शित किया।

अपने शिक्षण अभ्यास में दिखाना

जब आप अपनी कक्षा के साथ ऐसी कोई गतिविधि करें, तो बाद में सोचे कि क्या ठीक रहा और कहाँ गड़बड़ हुई। ऐसी बातें ऐसी ’स्क्रिप्ट’ पता करने में सहायक होती हैं, जिससे आप विद्यार्थियों में गणित के प्रति रुचि जगा सकें और उसे मनोरंजक बना सकें। यदि वे कुछ भी समझ नहीं पाते हैं तथा कुछ भी नहीं कर पाते हैं, तो वे शामिल होने में कम रुचि लेंगे। जब भी आप गतिविधियाँ करें, इस विचार करने वाले अभ्यास का उपयोग करें, जैसे कि श्रीमती कपूर ने किया, कुछ छोटी–छोटी चीज़ों से काफ़ी फ़र्क पड़ा।

विचार के लिए रुकें

इस पाठ के बाद, अपने साथी शिक्षक के साथ इन प्रश्नों के बारे में बातचीत करने का समय निकालें:

  • आपकी कक्षा कैसी रही?
  • विद्यार्थियों से किस प्रकार की प्रतिक्रिया अनपेक्षित थी? क्यों?
  • अपने विद्यार्थियों की समझ का पता लगाने के लिए आपने क्या सवाल किए?
  • क्या आपको लगा कि आपको किसी समय हस्तक्षेप करना होगा?
  • किन बिंदुओं पर आपको लगा कि आपको और समझाना होगा?

1 पाठ्यपुस्तकों से सीखने में कुछ समस्याएँ

3 तकनीक का अभ्यास करना और LCM और HCF के बीच अंतर पर गौ़र करना