4 गणितीय गुणधर्मों के बारे में विद्यार्थियों को सोचने में मदद करने वाली कार्य डिजाइन
गतिविधि 2 में, विद्यार्थियों ने निगमन विचार के लिए अपनी प्राकृतिक शक्तियों के आधार पर और गणितीय गुणधर्मों के अपने ज्ञान का उपयोग करके अपनी स्वयं की गणितीय ’सत्यताओं’ का निर्माण किया। गणितीय गुणधर्मों के बारे में जानकारी होना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि गणितीय प्रमाण में कोई भी तर्क इनपर आधारित होना चाहिए। इसी प्रकार, जब कोई कथन लागू होता है और जब लागू नहीं होता, इस बारे में गणितीय स्थितियों को परिभाषित करना भी समान महत्वपूर्ण होता है।
गणितीय समुच्चयों के लिए गुणधर्म और स्थितियाँ परिभाषित करने के बारे में विद्यार्थियों को अवगत होने में सहायता करने के लिए क्रमण और वर्गीकरण के कार्य प्रभावी होते हैं; अर्थात यह कि कौन से गुणधर्म कौन से समुच्चय के हैं। क्रम से छाँटने और वर्गीकरण द्वारा आप भिन्नताओं और समानताओं के बारे में सोचते हैं। अगली गतिविधि में इस तरीके का उपयोग किया गया है।
गतिविधि 3: गुणधर्म और स्थितियाँ पता करने के लिए क्रम से छाँटना और वर्गीकरण
अपने विद्यार्थियों को बताएँ कि ’समानुपात’ उन अनुपातों का एक युग्म है, जो बराबर होते हैं। आनुपातिक होना एक ऐसा गुणधर्म है, जो गणित में विभिन्न विषयों और अवधारणाओं में अक्सर दिखाई देता है।
नीचे आने वाले कथन कुछ ऐसे परिदृश्यों का वर्णन करते हैं, जो गणितीय अवधारणाओं के बारे में बताते हैं। अपने विद्यार्थियों से कहें कि इन्हें पढ़ें और वर्गीकृत करें कि क्या वे आनुपातिक होंगे या नहीं, और किन स्थितियों में होंगे। उन्हें अपने कारण प्रदान करना चाहिए और किसी मित्र को विस्तार से बताना चाहिए कि उदाहरण किसके अनुपाती होगा (या नहीं होगा)। आलोचनात्मक बनें!
- a.किसी फोटोग्राफ को बड़ा करना।
- b.सैंडविच बनाने के लिए ब्रेड के स्लाइस काटना।
- c.एक चर में किसी रैखिक समीकरण का समीकरण (ax + b = 0)।
- d.किसी दी गई समयसीमा में लोगों की किसी संख्या द्वारा किया गया काम।
- e.किसी विशेष सिनेमा में किसी विशेष फिल्म को देखने के लिए लोगों की किसी संख्या द्वारा व्यय की गई राशि।
- f.ट्रेन की यात्राओं में टिकट का किराया।
- g.किसी रेखाखंड को m समान भागों में विभाजित करना।
- h.कुतुब मीनार की ऊँचाई (चित्र 1)।
- i.किसी वृत्त का क्षेत्रफल।
- j.किसी वर्ग का क्षेत्रफल।
- k.किसी बेलन की ऊँचाई और इसकी त्रिज्या का गुणनफल।
- l.किसी शंकु का आयतन।
- m.किसी रिक्शा का किराया।
केस स्टडी 3: गतिविधि 3 के उपयोग का अनुभव श्रीमती अग्रवाल बताती हैं
विद्यार्थियों की इस गतिविधि से जुड़ने में मदद करने के लिए, हमने कक्षा में निर्देशों और उदाहरणों (a) और (b) को साथ में जोर से पढ़ा। फिर हमने (a) के लिए संभावित उत्तरों के बारे में विचार मंथन किया, और फिर उन स्थितियों की चर्चा की, जिन्हें बड़ी की गई फोटोग्राफ को पुरानी वाली के अनुपात में रखने के लिए पूरा करने की आवश्यकता होगी। इसे राहुल द्वारा शुरू किया गया था, जिसने कहा कि फोटोग्राफ को दोगुना बड़ा करने के लिए आपको इसकी चौड़ाई को दोगुना करना होगा। मैं देख सकती थी कि उषा सोच रही थी, क्योंकि उसकी भौंहें चढ़ी हुई थी, और फिर उसने कहा कि इससे काम नहीं होगा क्योंकि इससे चित्र बेडौल दिखाई देगा।
मैंने फिर विद्यार्थियों से कहा कि वे उदाहरणों पर अलग–अलग काम करें ताकि वे पहले अपने स्वयं के विचार और सोच तैयार कर सके, और फिर उनसे अपनी सोच और विचार की चर्चा अपने साथी से करने को कहा।
कुछ समय बाद, मैंने पूरी कक्षा से चर्चा के लिए और विद्यार्थियों के लिए उनके विचार साझा करने के लिए कुछ कथन चुनें। मैंने देखा कि विद्यार्थी बार–बार कुछ ऐसे वाक्य उपयोग कर रहे थेः
- ’लेकिन क्या होगा यदि...?’
- ’यदि आप इसे बदलते हैं, तो उससे यह बदल जाता है/फिर भी वैसा ही रहता है।’
- ’यह समान है, यह अलग है।’
मैंने विद्यार्थियों को ध्यान दिलाया और उन्होंने भी सहमति दी कि गणितीय गुणधर्मों और शर्तों के बारे में पता लगाने के लिए ये अच्छे वाक्य हैं। दो विद्यार्थियों ने झट से एक बड़े कागज पर इन वाक्यों को लिख लिया और उसे शीर्षक दिया कि ’गणितीय गुणधर्मों और शर्तों के बारे में पता लगाने के लिए अच्छे वाक्य’, और फिर कागज को दीवार पर चिपका दिया।
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3 गणितीय गुणधर्मों और तथ्यों को जानना