3 शब्दों से बीजगणित और बीजगणित से शब्दों तक

शब्द समस्याओं में कठिन विचारों में से एक है, शब्दों को बीजगणित में अनुवादित करना और बीजगणित को शब्दों में। अगली गतिविधि के दो भाग हैं। पहला भाग आपके विद्यार्थियों को दिलचस्प तरीके से शब्दों तथा बीजगणितीय अभिव्यक्तियों का मिलान करने का अभ्यास करने का अवसर देता है। दूसरे भाग में विद्यार्थियों से कहा जाता है कि वे कुछ बीजगणितीय समीकरणों से खुद अपनी शब्द समस्याएं बनाएं।

गतिविधि 2: शब्द और बीजगणित

भाग A: फ्लैश कार्ड

तैयारी

दो भिन्न रंगों के फ्लैश कार्ड बनाएं (या भिन्न शेडिंग वाले, जैसा चित्र 3 में है)। फ्लैश कार्ड के एक तरफ सादा छोड़ दें, ताकि विद्यार्थी उस तरफ लिख सकते हैं। हरे कार्डों पर, अंग्रेज़ी में (या आपके स्कूल में चलने वाली शिक्षा की भाषा में) एक अंकगणितीय वक्तव्य लिखें। नारंगी कार्डों पर, गणितीय प्रतीकों और प्रचालनों का उपयोग करके संगत वक्तव्य लिखें। कार्डों को उस प्रकार के कार्य से प्रासंगिक बनाएं, जिसमें आपके विद्यार्थी लगे हुए हैं। यह त्रिकोणमिति, वृत्त या गणित का कोई अन्य पहलू हो सकता है – चित्र 3 में उदाहरण देखें।

चित्र 3 शब्द और बीजगणित फ्लैशकार्ड

यदि आपकी कक्षा में 30 विद्यार्थी हैं, तो आपको 15 जोड़ी कार्डों की आवश्यकता होगी।

गतिविधि

कार्डों को यादृच्छिक ढंग से विद्यार्थियों को वितरित कर दें। अपने विद्यार्थियों से कहें कि उस विद्यार्थी को तलाशें, जो आपकी जोड़ी को पूरा करता है।

भाग B : खुद अपनी शब्द समस्याएं लिखना

तैयारी

निम्नलिखित समीकरणों को अपनी कक्षा के लिए प्रासंगिक बनाने के लिए संशोधित करें और उन्हें ब्लैकबोर्ड पर लिखें:

  • y = 3x
  • x + y = 150
  • 3x – y = 22
  • 2x + 3y = 88
  • A = 16p
  • 32 = x(y + 2)

गतिविधि

अपने विद्यार्थियों को निम्न बताएँ:

  • प्रत्येक समीकरण के लिए, जितने अधिक संदर्भ–आधारित शब्द समस्याएं लिखना संभव हो उतनी अधिक लिखें। उदाहरण के लिए, समीकरण y = 3x के लिए आप लिख सकते हैं, ’’कविता के पांव उसके छोटे भाई से तीन गुना बड़े हैं’।
  • आपके विद्यार्थियों को किस समीकरण के लिए शब्द समस्याएं लिखना सबसे कठिन लगा? आप इस प्रकार क्यों सोचते हैं ?
  • प्रत्येक समीकरण में, आपकी कौन सी शब्द समस्या सबसे अधिक वास्तवित थी ? और क्यों ? क्या आप अन्य शब्द समस्याओं को अधिक वास्तविक बनाने का प्रयास कर सकते हैं?

गतिविधि के अंत में , अपने विद्यार्थियों से कहें कि प्रत्येक समीकरण के लिए सबसे दिलचस्प शब्द समस्याओं को चुनें और उन्हें क्लासरूम की दीवार पर प्रदर्शित करें।

आप मुख्य संसाधन ’कहानी कहना, गीत, रोल–प्ले और नाटक’ पर भी एक नजर डालना चाह सकते हैं।

केस स्टडी 2: गतिविधि 2 के उपयोग का अनुभव श्रीमती अनुपमा बताती हैं

मेरे विद्यार्थियों ने गतिविधि 1 का उपयोग करने में आनंद लिया और उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा था, लेकिन फिर भी उन्हें इस प्रकार के बीजगणितीय विचारों को लिखने में कठिनाई होती थी, जैसे हमने मिलकर जो प्रश्न हल किया था, उसमें आया विचार ’उसके पास रु. 150 बचे थे’। इसलिए, मैंने गतिविधि 2 से कार्डों का उपयोग करने का निर्णय किया तथा कुछ और कार्ड बना डाले।

मेरी कक्षा में 64 विद्यार्थी थे, इसलिए मैंने 32 जोड़ियां बनाईं, जिससे सभी के पास एक साथी हो। मैं विद्यार्थियों को बाहर खेल के मैदान में ले गयी, ताकि उन्हें एक दूसरे को तलाशने की जगह मिल सके। जब वे अपना साथी तलाशने के लिए इधर–उधर घूम रहे थे तो काफी शोर मचा, लेकिन जल्दी ही यह पूरा हो गया। जब उन सबकी जोड़ियां बन गईं, तो मैंने उनसे कहा कि वे बैठकर अपने कार्ड पर दिए गए बीजगणित से मेल खाती दो संदर्भ–आधारित शब्द समस्याओं पर काम करें, जिनको उन्होंने अपने कार्डों के पीछे लिखा था। फिर प्रत्येक जोड़ी एक अन्य जोड़ी से मिली और एक दूसरे को अपनी संदर्भ–आधारित शब्द समस्याएं दीं, ताकि वे गणितीय वाक्यांशों को अपनी मातृभाषा में लिख लें और फिर बीजगणित को लिख लें। जब विद्यार्थियों में किसी बात पर असहमति हुई, तो हमने उस विचार पर पूरी कक्षा के रूप में विचार किया और मैंने कक्षा के साथ साझा करने के लिए कुछ ’वाकई अच्छी’ शब्द समस्याएं मांगीं।

लगता था कि हर किसी को इस विचार से बहुत कुछ समझ में आया। अगर वे निश्चित नहीं होते तो वे लोगों से पूछते थे और उन्होंने बीजगणित को शब्दों और संदर्भों से जोड़ने वाले बहुत से उदाहरण सुने तथा उन पर काम किया।

भाग B के लिए, मैंने विद्यार्थियों से कहा कि वे पहले बनाए चार–चार के समूह में काम करते रहें और प्रत्येक समीकरण के लिए कम से कम चार समस्याएं लिखें। जब प्रत्येक समूह ने कम से कम चार समीकरणों के लिए कुछ बना लिया, तो मैंने उनका काम रोक दिया। इस समय तक कुछ समूहों ने सभी समस्याएं पूरी कर ली थीं और मुझे अहसास हुआ कि शायद मेरे पास गणित में अधिक आत्मविश्वास वाले विद्यार्थियों के लिए कुछ अन्य समस्याएं होनी चाहिए थीं।

फिर मैंने अनुवर्ती प्रश्नों को कक्षा में एक चर्चा में उपयोग किया। मैंने पूछा कि ’क्या चीज़ सबसे कठिन थी और क्यों?’ इसका अर्थ था कि विद्यार्थियों को अपनी सोच के बारे में सोचना पड़ा – मेरे ख्याल से इसे ’अधिसंज्ञान’ (metacognition) कहते हैं। उनसे यह दृष्टिकोण अपनाने के लिए कहने से मुझे भी इस बात की अधिक जानकारी हुई कि उन्हें क्या कठिन लगता है और इसलिए कहां पर अधिक अभ्यास करना पड़ेगा; इस कक्षा के लिए यह विषय था, कोष्ठकों का प्रयोग करना। मुझे लगा कि वे प्रश्न वास्तविक थे या नहीं इसके बारे में पूछा गया प्रश्न भी उपयोगी था। उन्हें यह सोचना पड़ा कि इस स्तर के गणित से वे क्या प्रतिरुपण/मॉडल कर सकते हैं और उन्होंने देखा कि शब्द समस्याएं कभी–कभी अवास्तविक हो सकती हैं।

विचार के लिए रुकें

  • अपने विद्यार्थियों की समझ का पता लगाने के लिए आपने क्या सवाल किए?
  • क्या किसी भी समय आपको ऐसा लगा कि हस्तक्षेप करना चाहिए?
  • क्या आपने कार्य में किसी भी तरीके का संशोधन किया? अगर हाँ, तो इसके पीछे आपका क्या कारण था?

2 शब्द समस्याओं को पढ़ना और डिकोड करना

4 किसी संदर्भ का गणितीय प्रतिरूपण करना