2 प्रतिनिधायन (Delegation)

प्रतिनिधायन का मतलब है किसी को आपकी ओर से कोई काम करने या निर्णय लेने के लिए प्राधिकार देना। तथापि, हालांकि आप नेतृत्व के दायित्वों को प्रत्यायोजित कर सकते हैं, एक विद्यालय प्रमुख होने के नाते आप फिर भी उत्तरदायी और अंतिम रूप से जिम्मेदार होंगे। इसलिए आप वह व्यक्ति होंगे जिसे विद्यालय प्रबन्धन समिति कमिटी (एसएमसी) और/या सरकारी शिक्षा पर्यवेक्षक उत्तरदायी ठहराएगा। ऐसे काम हैं जो आपके विद्यालय में ही किए जाते हैं और एक विद्यालय नेता के रूप में अन्य लोगों को (जिम्मेदारियों का प्रत्यायोजन करने के ऊपर एकमात्र दायित्व आपका है।)

प्रतिनिधायन को प्रबंधन करने की एक तकनीक माना जाता है जो कार्यकुशलता में सुधार लाता है, प्रबंधक को अन्य कर्तव्यों से निपटने का अवसर देता है और अन्य लोगों को स्वयं का विकास करने के अवसर प्रदान कर सकता है।

‘अत्यावश्यकता की ग्रिड’ (चित्र 2) सभी कामों को श्रेणियों में समूहगत करके अपने काम का प्राथमिकीकरण करने का सरल तरीका है, जैसे वे काम जिन्हें आपके द्वारा तत्काल दिए जाने की जरूरत होती है, और वे जिन्हें आप किसी अन्य व्यक्ति को आसानी से प्रत्यायोजित कर सकते हैं। चित्र 3 में दर्शाया गया है कि आप अपने कामों का समूह कैसे बना सकते हैं।

चित्र 2 अत्यावश्यकता की ग्रिड (Urgency-grid)

ग्रिड में प्राथमिकताएं निम्नानुसार हैं:

  • प्राथमिकता 1 (P1): अत्यावश्यक और महत्वपूर्ण (U and I): इन कार्यों को किसी भी अन्य काम के ऊपर प्राथमिकता दी जानी है। हालांकि आप अन्य लोगों को शामिल कर सकते हैं, अंततः आप जिम्मेदार हैं और इसलिए आपको सुनिश्चित करना है कि कार्यों को प्रभावी ढंग से और समय पर पूरा किया जाय।
  • प्राथमिकता 2 (P2): महत्वपूर्ण लेकिन अत्यावश्यक नहीं (I not U): ये कार्य प्राथमिकताएं नहीं हैं, लेकिन आम तौर पर उन्हें आप स्वयं करना चाहेंगे क्योंकि वे महत्वपूर्ण हैं। चूंकि वे महत्वपूर्ण हैं उन्हें करने में अधिक देर करना अच्छी बात नहीं है, अन्यथा वे P1 कार्य बन जाएंगे। यदि आप ऐसा काम प्रत्यायोजित करने का निश्चय करते हैं, तो यह महत्वपूर्ण हैं कि आप उस व्यक्ति का पर्यवेक्षण करें और/या उसे समुचित सहायता प्रदान करें ताकि काम को आपके अपेक्षित स्तर के अनुसार पूरा किया जा सके।
  • प्राथमिकता 3 (P3): अत्यावश्यक लेकिन महत्वपूर्ण नहीं (U not I): चाहे कुछ भी कारण हो, इन कामों को तत्काल प्रतिक्रिया चाहिए लेकिन वे आपकी भूमिका के लिए महत्वपूर्ण नहीं होते हैं। चूंकि ये महत्वपूर्ण नहीं हैं, आपको इन कामों में बहुत अधिक समय नहीं लगाना चाहिए।ये वे काम हैं जिन्हें करने के लिए आप दबाव में हो सकते है क्योंकि उन्हें अत्यावश्यक के रूप में पेश किया जाता है, लेकिन उन पर कुछ मिनट काम करने पर आपको पता चलता है कि वे अत्यावश्यक नहीं हैं। प्रतिक्रिया में होने वाले विलम्ब से बचने के लिए, उन्हें किसी और को प्रत्यायोजित करना बेहतर होगा।
  • प्राथमिकता 4 (P4): न तो अत्यावश्यक और न ही महत्वपूर्ण (neither U nor I): आपको अपने आप से पूछना चाहिए कि आपको ये काम करने की जरूरत है भी या नहीं। ऐसे काम अनाकर्षक होते हैं और आपके समय का सदुपयोग नहीं हैं, करें। इसलिए इन्हें औचित्य के अनुसार प्रत्यायोजित करे ।

यह ध्यान देने वाली बात है कि अन्य लोग कुछ कामों को आपके सम्मुख अत्यावश्यक और/महत्वपूर्ण के रूप में पेश कर सकते हैं. हालांकि आपका खयाल अन्यथा हो सकता है। अपने समय का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए दृढ़ संकल्पी लीडर होने के नाते, आपको अपनी बात पर टिका रहना और दृढ़ रहना होगा। अत्यावश्यकता की ग्रिड आपके लिए अपने कार्यों और गतिविधियों का प्राथमिकीकरण करने का मॉडल प्रदान करती है।

चित्र 3 सहकर्मियों को काम प्रत्यायोजित करना।

गतिविधि 2: प्रतिनिधायन के लिए अत्यावश्यकता ग्रिड का उपयोग करना

अपनी डायरी में बॉक्सों को ‘P1’, ‘P2’, ‘P3’ और ‘P4’ लेबल करते हुए अत्यावश्यकता ग्रिड का अपना खुद का संस्करण बनाएं। अब उन कार्यों पर विचार करें जो पिछले दो सप्ताहों में आपके पास आए हैं और उन्हें प्राथमिकता की विभिन्न श्रेणियों में लिखें। वे ऐसे कार्य नहीं होने चाहिए जो अब पूरे हो गए हैं। वे महत्व और अत्यावश्यकता में भिन्न होंगे।

यह काम कर लेने के बाद, सोचें कि प्रत्येक कार्य के विषय में अब तक क्या कुछ कर लिया गया है। देखें कि क्या ग्रिड के किसी खंड में अन्य खंडों से अधिक पूरे किए गए कार्य हैं, और आपने पूरे किए गए कार्यों को किस सीमा तक प्रत्यायोजित किया है। अंत में, सोचें कि किन कार्यों को, और किसे प्रत्यायोजित किया जा सकता है।

आपको निम्नलिखित पर विचार करना चाहिए:

  • कार्य की अत्यावश्यकता: अत्यावश्यक कार्यों को हमेशा प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें आपके द्वारा ही पूरा किया जाना चाहिए। आप उन्हें आसानी से प्रत्यायोजित कर सकते हैं या उनमें अन्य लोगों को शामिल कर सकते हैं।
  • कार्य का महत्व: ऐसे कार्य हो सकते हैं जो आप स्वयं करना चाहते हैं, हालांकि वे अधिक समय लेने वाले हो सकते हैं। आपको इन्हें प्राथमिकता देनी होगी, लेकिन यदि किसी कारण से आपको उन्हें प्रत्यायोजित करने की जरूरत महसूस हो, तो आपको निगरानी करनी होगी कि वे सामयिक और कुशल तरीके से पूरे किए जाएं।

  • काम करने का दायित्व उठाने वाले व्यक्ति की क्षमता: यह महत्वपूर्ण है क्योंकि आप अपेक्षा करेंगे कि समाधान की गुणवत्ता ऐसी हो जैसे वह काम आप ही ने किया है। इसलिए, उन्हीं लोगों को प्रत्यायोजन करने की सलाह दी जाती है जिन पर आपको काम पूरा करने का भरोसा है। कभी-कभी अनुभव का महत्व होता है!
  • सबसे महत्वपूर्ण रूप से, आप दोनों के पास कितना समय है: यदि आपके द्वारा प्रत्यायोजित किए गए व्यक्ति को काम पूरा करने में आपसे अधिक समय लगता है, दोबारा सोचें। यदि उस व्यक्ति के कार्य को संतोषजनक ढंग से पूरा करने के लिए बहुत सारे पर्यवेक्षण की जरूरत होगी, तो दोबारा सोचें।

अपने काम का प्राथमिकीकरण करना और चुनाव करना कि क्या प्रत्यायोजित करना चाहिए कभी आसान काम नहीं होता, क्योंकि आपको सुनिश्चित करना होता है कि काम पूरा किया जाय। भरोसे से संबंधित मुद्दे और काम करने वाले व्यक्ति का समुचित समर्थन वे अन्य कारण हैं जिनकी वजह से प्रतिनिधायन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। लेकिन प्रत्यायोजन करने से हिचकने से आप निराश और अभिभूत हो सकते हैं, जिससे अंततः आपके कार्य-निष्पादन पर प्रभाव पड़ सकता है।

तालिकाएं 2 और 3 दो विद्यालय शिक्षकों द्वारा बनाई गई अत्यावश्यकता ग्रिड दर्शाती हैं – एक प्राथमिक विद्यालय में और दूसरी माध्यमिक विद्यालय में। यह कार्य प्रभावी ढंग से करने में सक्षम होने के लिए, दोनों विद्यालय शिक्षकों को:

  • पता लगाना है कि प्रत्येक कार्य में उनका कितना समय व्यतीत होता है
  • समस्या वाले क्षेत्रों का निर्धारण करना है
  • पहले से योजना बनानी है
  • ‘अत्यावश्यक लेकिन महत्वपूर्ण नहीं’ कार्यों, और साथ ही, उन कार्यों को जो ‘न तो अत्यावश्यक हैं और न ही महत्वपूर्ण’ हैं प्रत्यायोजित करने पर विचार करें।
तालिका 2 एक प्राथमिक विद्यालय शिक्षक की अत्यावश्यकता ग्रिड।

P1

अदनान के मातापिता से उसके अनुपस्थित रहने के बारे में बात करना।

मेरे द्वारा किये गये श्री अनिल के प्रेक्षणों को साझा करना और उनसे श्री शर्मा की कक्षा का प्रेक्षण करने को कहा।

P2

नए सेक्शन के लिए फर्नीचर के ऑर्डर के लिए स्मरण पत्र भेजना।

छात्रों के मासिक उपस्थिति रिकार्ड जिला कार्यालय को भेजना।

P3

कक्षा V के अन्य छात्रों से कल विद्यालय में आ रहे अतिथि के लिए अपने प्रॉजेक्ट लाने को कहना।

P4

एक सामान्य विचार विमर्श के लिए सप्ताह के दौरान किसी समय विद्यालय मैनेजमेंट कमिटी के सदस्यों से मिलना।

तालिका 3 एक माध्यमिक विद्यालय प्रमुख की अत्यावश्यकता ग्रिड।

P1

भौतिकी के शिक्षक, श्री मोहान्ती, जिन्हें एक पारिवारिक अंत्येष्टि के लिए छुट्टी लेना है, उनका काम सौंपने के विषय़ में स्टाफ से बात करना।

विकलांग छात्रों की स्वास्थ्य जाँच के लिए मनीष को सुबह 11 बजे तक भेजना।

प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण में भाग लेने वाले स्टाफ की सूचना DIET को देना

P2

समारोह के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम संयोजित करना और जाँच करना कि क्या अतिरिक्त अभ्यास की जरूरत है।

अंतर-विद्यालय प्रतियोगिता में विद्यालय का प्रतिनिधित्व करने वाले छात्रों की यात्रा के लिए अनुमति प्राप्त करना।

P3

बाल दिवस पर वक्ताओं के लिए एक माइक्रोफोन उपलब्ध कराने की व्यवस्था करना।

P4

विद्यालय प्रबन्धन समिति से पूछना कि क्या वे दो महीने बाद चौकीदार का अनुरक्षण व्यय बढ़ाना पसंद करेंगे।

इस बात पर विचार कर लेने के बाद कि आपके समय का प्रबंधन और अन्य लोगों को कार्यों का प्रतिनियोजन अपनी प्रभावकारिता और कार्यकुशलता को सुधारने में आपको कैसे सक्षम कर सकता है, उम्मीद है कि आप इस स्थिति में होंगे जहाँ से आप देख सकते हैं कि आप स्वयं अपने व्यक्तिगत विकास की जरूरतों पर ध्यान देने के लिए जगह कैसे बना सकते हैं।

अगले खंड में आप व्यक्तिगत विकास नियोजन पर नज़र डालेंगे। आप सोचने लगेंगे कि विद्यालय नेता के रूप में आपकी भूमिका में आप क्या अच्छा कर सकते हैं, और यह पहचान करने में आत्म-आलोचक होंगे कि आपको कहाँ सुधार करना चाहिए। ये चिंतन-मनन आपको स्वयं अपनी कार्य प्रणाली को सुधारने में मदद करेंगे, आपके स्टाफ की कार्यशैली को विकसित करने में आपको सक्षम करेंगे और अन्ततः आपके छात्रों के सीखने की प्रक्रिया को सुधारेंगे।

1 विद्यालय प्रमुख के रूप में अपने काम को प्राथमिकता देना और अपने समय का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करना

3 अपने व्यावसायिक विकास की योजना बनाना