संसाधन 3: Tess-India मुख्य संसाधनों एवं ओईआर की सूची

  • पाठों का नियोजन करना: विद्यार्थी प्रभावी ढंग से सीख सकें इसलिए अध्यापकों को ऐसी गतिविधियों की योजना बनानी होगी जो उनके विद्यार्थियों के पूर्वज्ञान में वृद्धि करती हों। इस मुख्य संसाधन में विद्यार्थियों के सीखने को बढ़ाने के लिए, पाठ की योजना बनाते समय अपनाई जाने वाली पद्धतियां और क्रियाएं दी गई हैं।
  • सभी को शामिल करना: कक्षा की गतिविधियों में सभी विद्यार्थियों को भाग लेने का अवसर मिले यह सुनिश्चित करने के लिए अध्यापकों को अपने विद्यार्थियों को समझना होगा,। यह जानना होगा कि वे क्या जानते हैं और कैसे जानते हैं। यह मुख्य संसाधन सभी विद्यार्थियों को सीखने के अवसर उपलब्ध कराने के विचार प्रस्तुत करता है।
  • सीखने के बात करें विद्यार्थियों के लिए एक-दूसरे से और अपने अध्यापक से बात करने के अवसर पैदा करना सीखने का पुष्ट करने के लिए अत्यावश्यक है। विद्यार्थी बातचीत के जरिए अपनी समझ साझा करते हैं और उसे नई सीख से जोड़ते हैं। सभी आयु के विद्यार्थियों के लिए बातचीत महत्वपूर्ण है। यह मुख्य संसाधन दर्शाता है कि अध्यापक कक्षा में विद्यार्थियों के लिए उत्पादक बातचीत में संलग्न होने के अवसर कैसे दें सकते हैं।
  • जोड़ी में कार्य का उपयोग करना: जोड़ी में कार्य से विद्यार्थी अपनी समझ के बारे में बातचीत करके और उसे एक-दूसरे तक संप्रेषित करके एक-दूसरे से सीखने में समर्थ बनते हैं। इस मुख्य संसाधन में इस संबंध में विचार दिए गए हैं कि कैसे जोड़ी में कार्य का उपयोग सभी विषयों और आयु के विद्यार्थियों के सीखने को सहारा देने के लिए प्रभावी ढंग से किया जा सकता है।
  • चिंतन को बढ़ावा देने के लिए खुले प्रश्न पूछना: अच्छे प्रश्न पूछना अध्यापकों के लिए एक महत्वपूर्ण कौशल होता है। खुले सवालों से विर्द्याथियों में चिंतन प्रेरित हो सकता है। ऐसे प्रश्न यह जानने में भी अध्यापकों की मदद करते हैं कि उनके विद्यार्थी क्या जानते हैं। इस मुख्य संसाधन में अपनेविद्यार्थियों के उत्तरों को ध्यानपूर्वक सुनने के साथ-साथ, उनके चिंतन को विस्तार देने के लिए अलग अलग प्रकार के प्रश्नों का उपयोग करने के विचार दिए गए हैं।
  • निगरानी करना और फीडबैक देना: यह मुख्य संसाधन अध्यापकों को प्रेक्षण और, चिंतन प्रेरित करने के लिए प्रश्नों के साथ हस्तक्षेप करने से पहले विद्यार्थियों की बातचीत को और उससे वे जो समझ विकसित कर रहे हैं उसको ध्यान से सुनने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  • समूहकार्य का उपयोग करना: विद्यार्थियों को समूह में कार्य करने हेतु संगठित करना और उन्हें एक-दूसरे के विचारों में वर्धन करने तथा अपनी समझ विकसित करने के लिए अवसर देना। इस मुख्य संसाधन में अध्यापकों के लिए विभिन्न गतिविधियों में विद्यार्थियों को संगठित करने के कुछ तरीके दिए गए हैं।
  • प्रगति और प्रदर्शन का आकलन करना: विद्यार्थियों की प्रगति का आकलन करने से अध्यापकों को वह प्रमाण मिलता है जिसकी उन्हें अपने प्रत्येक विद्यार्थी के लिए अगली सीखने (ज्ञानार्जन) की गतिविधि की योजना बनाने के लिए आवश्यकता होती है। इस मुख्य संसाधन में अलग अलग प्रकार के आकलन समझाए गए हैं और इस बात की छानबीन की गई है कि निर्देश से पहले, उनके दौरान और उनके बाद आकलन कैसे किया जा सकता है।
  • स्थानीय संसाधनों का उपयोग करना: संसाधन सीखने की क्रिया को विद्यार्थियों के लिए सुपरिचित तथा अर्थपूर्ण बना कर गतिविधियों में प्रामाणिकता उत्पन्न कर सकते हैं। संसाधनों से विद्यार्थियों को वस्तुओं (जैसे फलों की फांक और काउंटर) से प्रतीकों (जैसे संख्याएं या भिन्न) तक ऐसे तरीके से आने में मदद मिलती है जो उनके लिए अर्थपूर्ण है। इस प्रकार, संसाधनों का रचनाशील ढंग से उपयोग करने से सीखने की गतिविधियां विद्यार्थियों के लिए अधिक प्रेरक एवं प्रासंगिक बन जाती हैं।
  • कहानी सुनाना, गाने, रोल प्ले और नाटक: इस मुख्य संसाधन में बताया गया हैं कि कैसे अध्यापक संपूर्ण पाठ्यक्रम के विभिन्न क्षेत्रों में कहानी सुनाने, गीत, रोल प्ले तथा नाटकों का उपयोग करके विद्यार्थियों को विचार विकसित करने एवं एक-दूसरे से ज्ञान साझा करने में सक्रिय कर सकते हैं।

तालिका R3.1 प्राथमिक अंग्रेजी ओईआर में मुख्य संसाधन एवं वीडियो। here [Tip: hold Ctrl and click a link to open it in a new tab. (Hide tip)]

तालिका R3.2 प्राथमिक गणित ओईआर में मुख्य संसाधन एवं वीडियो। here

तालिका R3.3 प्राथमिक विज्ञान ओईआर में मुख्य संसाधन एवं वीडियो। here

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संसाधन 2: शिक्षण-के सिद्धांत

संसाधन 4: अध्यापक विकास ओईआर के अनुभाग