संसाधन 4: अध्यापक विकास ओईआर के अनुभाग

तालिका R4.1 टीईएसएस-इंडिया अध्यापक विकास ओईआर की विशेषताएं।
यह इकाई किस बारे में हैअध्यापन पद्धति एवं इकाई के पाठ्यक्रम के विषय का परिचय देता है
इस इकाई से विद्यालय नेता क्या सीख सकते हैंये अध्यापक के लिए ज्ञानार्जन अपेक्षाएं हैं और यह इकाई में ज्ञानार्जन के मुख्य अवसरों पर प्रकाश डालता है।
यह दृष्टिकोण क्यों महत्वपूर्ण हैयह अनुभाग समझाता है कि क्यों यह पद्धति, अध्यापक को अपनी सीख को विभिन्न पाठ्यक्रम परिप्रेक्ष्यों में लागू करने में मदद करने के लक्ष्य के साथ, महत्वपर्ण है।
गतिविधि

ये गतिविधियां अध्यापक द्वारा की जानी होती हैं। इनमें से अधिकांश गतिविधियां उन्हें अपने विद्यार्थियों के साथ कक्षा में करनी होती हैं, पर कुछ में सहकर्मियों के साथ परस्पर सहयोगी ढंग से कार्य करना या कक्षा गतिविधियों की तैयारी करना शामिल होता है। इन गतिविधियों से अध्यापक को ऐसे कार्याभ्यास लागू करने में मदद मिलती है जो शिक्षार्थियों को ज्ञानपूर्ण व्यक्ति के रूप में स्थित करती हैं, संवादिक अन्योन्यक्रियाओं को बढ़ावा देती हैं और पूर्व ज्ञान को ध्यान में रखते हुए संरचित ज्ञानार्जन अनुभव प्रदान करती हैं। इन गतिविधियों का बीड़ा उठाने के जरिए ही पारंपरिक कार्याभ्यास भंग होंगे तथा अध्यापक को अध्यापन

एवं ज्ञानार्जन के बारे में नई समझ विकसित करने में मदद मिलेगी।

वृत्त अध्ययन

ये सीधे अध्यापकों द्वारा, उनके अनुभवों के वर्णन हैं जो उन्हें वर्णित, समान प्रकार की, प्रारंभिक या अनुवर्ती गतिविधियां करने में हुए हैं। वृत्त अध्ययनों का इस्तेमाल यह दिखाने में किया जाता है कि अध्यापक, भारतीय अध्यापकों के सामने मौजूद चुनौतियों, जैसे बड़ी, बहुभाषी एवं बहुश्रेणी कक्षाओं, और यथार्थ परिस्थितियों में संसाधनों के अभाव आदि पर किस प्रकार प्रतिक्रिया देते हैं। विशेष रूप से, वे समावेशी कार्यभ्यास दर्शाते हैं और यह दर्शाते हैं कि पूर्व ज्ञान कैसे प्रकट करवाया जाए और अध्यापन को विद्यार्थियों की जिंदगियों के लिए प्रासंगिक कैसे बनाया जाए। वृत्त अध्ययन पारस्परिकता, यानी भागीदारी को सहारा

विचार के लिए रुकेंइससे अध्यापक को अपने मौजूदा कार्याभ्यास या अनुभव पर, अथवा गतिविधियां करते समय या वृत्त अध्ययन पर चर्चा करते समय उन्होंने जिन चीजों पर ध्यान दिया है उन पर, उद्देश्यपूर्ण ढंग से चिंतन करने का प्रोत्साहन मिलता है। इस प्रकार का चिंतन ही अध्यापक के लिए ज्ञानार्जन का कारण बनेगा।
वर्णनयह वर्णन उन पद्धतियों और तकनीकों के लाभों को सुदृढ़ बनाता है जो ओईआर का फोकस हैं। यह दिखाता है कि कैसे पद्धति के विभिन्न पहलू साथ में जुड़ते हैं और एक-दूसरे को पूरा करते हैं। वर्णन का उद्देश्य अध्यापक को अपनी सीख को विभिन्न पाठ्यक्रम संदर्भों में स्थानांतरित करने में समर्थ बनने के लिए सहायता देना है।
सारांशइसमें इकाई में शामिल तकनीक का संक्षिप्त विवरण दिया गया है।
संसाधनइनमें गतिविधियां करने में अध्यापक को सहयोग देने वाली सामग्रियां हैं। उनमें पद्धति के बारे में और विस्तृत विवरण (जैसे मुख्य संसाधनों में से कोई एक), विषय ज्ञान के विकास हेतु सहयोग, कक्षा संसाधन, एनसीएफ़ की लिंक या समान प्रकार की कक्षा गतिविधियों के और उदाहरण हो सकते हैं।
अतिरिक्त संसाधनये अध्यापक को अपना ज्ञानार्जन ओईआर से भी आगे ले जाने के लिए तथा, उनके विकासशील पेशेवर कार्याभ्यास में सहयोग देने हेतु अन्य संसाधनों के साथ संलग्न होने के लिए उन्हें प्रोत्साहित कर उन्हें सशक्त बनाने के लिए हैं। विशेष रूप से, यह विषय ज्ञान के विकास में सहयोग देने का और भारत एवं अन्य
संदर्भ/संदर्भग्रंथ सूचीइनमें उन मुद्दों, जिन पर इकाई में प्रकाश डाला गया है, की उनकी शैक्षिक समझ को विस्तार देने हेतु रचयिताओं द्वारा प्रयुक्त संदर्भ एवं अन्य अनुशंसित पठन दिए गए है।

संसाधन 3: Tess-India मुख्य संसाधनों एवं ओईआर की सूची

संसाधन 5: बदलाव लाने की राह की चुनौतियां