1 अपने राज्य के साथ सहयोगी के तौर पर काम करना

राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एनसीएफ) 2005 और शिक्षा का अधिकार (RtE) कानून 2009 ने विकेंद्रीकरण को बढ़ावा देकर तथा राज्य और साथ ही विभिन्न जिला और ब्लॉक-स्तरीय संगठनों की भूमका को स्पष्ट तौर पर साफ-साफ वर्णित करके भारत में विद्यालय शिक्षा के परिदृश्य को बदल दिया है। विद्यालय स्तर पर, RtE 2009 ने SMC की भूमिका और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से निर्धारित किया है। इस कार्य में जिम्मेदारी के विभिन्न स्तर हैं, लेकिन राज्य ने स्पष्ट किया है कि विद्यालयों में निम्नांकित चीज़ें हों:

  • अगर आवश्यक हो तो छात्रों को सुरक्षित परिवहन की सुलभता
  • निर्धारित छात्र:शिक्षक अनुपात
  • आवश्यक कक्षाओं और स्वतंत्र और कार्यशील शौचालयों के साथ सभी मौसमों में सुरक्षित इमारत

  • पर्याप्त और सुरक्षित पीने का पानी
  • चारदीवारी जिसमें खेल के उपकरणों के साथ खेल का मैदान और किचन शेड प्रदान किया गया हो।
  • एक पुस्तकालय
  • प्रशिक्षित शिक्षक जो सभी बच्चों से एक जैसा बर्ताव करें
  • देर से हुए प्रवेशों के लिए विशिष्ट प्रशिक्षण
  • सभी अध्यापन और सीखने की सामग्री का प्रावधान जैसे पाठ्यपुस्तकें, कार्यपुस्तकें, लेखन-सामग्री, वर्दियाँ और दोपहर का भोजन।

इसकी बहुत संभावना है कि इन जिम्मेदारियों के वहन के लिए राज्य के पास विभिन्न पहल और योजनाएं हो, जैसे हर प्राथमिक विद्यालय के इर्द- गिर्द बाड़ लगाने के लिए तीन वर्षीय कार्यक्रम, 50,000 शिक्षकों की जगहें भरने के लिए भरती कार्यक्रम, शैक्षिक विकलांगता वाले छात्रों के लिए विशिष्ट सेवाओं के साथ मोबाइल वैन्स या पूरे राज्य में तकनीकी बुनियादी सुविधाओं को स्थापित करने के लिए पुख्ता योजना।

चित्र 1 विद्यालय नेता होने के नाते आपको राज्य की योजनाओं की जानकारी होनी चाहिए ताकि आपके विद्यालय और छात्रों की भलाई के लिए उनका इस्तेमाल कैसे करना है इसकी आप योजना बना सकें।

गतिविधि 1: राज्य-स्तरीय संस्थान कहां मदद कर सकते हैं इसकी पहचान करना

उपरोक्त सूची को देखें और ऐसे क्षेत्रों की पहचान करें जहां आपके विद्यालय को महत्वपूर्ण राज्य स्तरीय संस्थानों से मदद नहीं मिल रही हो जिनमें जिला, ब्लॉक और क्लस्टर स्तर भी शामिल है। उदाहरण के लिए, संभव है आपके यहां शौचालय सुविधा अच्छी ना हो या बाड़ टूट चुकी हो या शिक्षकों की कमी हो। आप किस तरीके से इन कमियों की रिपोर्ट करेंगे जिससे आपको अनुकूल प्रतिक्रिया मिल सके?

Discussion

चर्चा

अलग अलग संस्थानों के विभिन्न राज्य, जिला और उप-जिला प्रतिनिधियों को सूचित करना, बातचीत और कार्य करना यह एक जबरदस्त चुनौती है। विद्यालय नेता होने के नाते, पहला चरण यह हो सकता है कि अपने विद्यालय की आवश्यकताओं और ज़रूरतों पर, या जो पहले ही आपकी विद्यालय विकास योजना (जिसे आपकी SMC के साथ सम्मिलित तौर पर बनाया गया हो) में बताया गया हो, उस पर विचार करें। हो सकता है आपने यह पहले ही कर लिया हो।

अलग अलग क्षेत्रो में शायद बहुत कुछ किया जाना चाहिए होगा (बुनियादी सुविधाएं, अध्यापन और सीखना, उपस्थिति, समुदाय के साथ संबंध आदि) और अनिवार्य रूप से मनचाहे सुधार करने के लिए सीमित संसाधन उपलब्ध होंगे। यह लाभकारी होगा अगर आप SMC सदस्यों की या स्थानीय समुदाय के कुछ महत्वपूर्ण लोगों या नेताओं की मदद लें जो आपको आपके लक्ष्य और दृष्टिकोण को हासिल करने में मदद और समर्थन प्रदान कर सकते हैं।

एक और पहलू जो ढूंढा और सावधानी से जाँचा जा सकता है वह है उपलब्ध योजनाएं और परियोजनाएं जिन्हें आपके राज्य के द्वारा आगे बढ़ाया जा रहा है। इनके बारे में जागरूक होना उपयोगी होता है, क्योंकि फिर आप उनके लिए अपने विद्यालय के संसाधनों और/या अवसरों के आबंटन में आग्रह कर सकते हैं।

इसलिए विद्यालय नेता होने के नाते अपने आपको यह सूचित करना आवश्यक है कि कैसे अलग अलग सरकारी संस्थान आपके विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने में आपकी मदद कर सकते हैं। सूचित रहने के लिए और प्रभाव कायम रखने के लिए आपको सीधे अपने राज्य के संगठनों के साथ कार्य करने और उनके साथ संबंध बनाने की आवश्यकता है।

जैसे-जैसे आप अपने राज्य के संगठनों के साथ काम करते जाएंगे आपको पता चलेगा कि यह कार्य सिर्फ उनसे अपने विद्यालय के लिए संसाधनो की प्राप्ति करने के बारे में ही नहीं है बल्कि प्रावधानों को प्रभावित करने, समस्याओं को सुलझाने, विद्यालय की प्रमुख गतिविधियों के क्रियान्वयन की योजना बनाने, प्रगति की निगरानी करने और सबसे महत्वपूर्ण रूप से – सभी छात्र सीख रहे हैं यह सुनिश्चित करने के लिए भी है। निम्नलिखित वृत्त अध्ययन में आप देखेंगे कि वहां विद्यालय और राज्य संगठनों के बीच अधिक दो-तरफा संपर्क है, जिसमें एक सक्रिय विद्यालय नेता होने के नाते आप एक संसाधन होने के साथ-साथ लाभार्थी या ‘ग्राहक’ भी हैं।

वृत्त-अध्ययन 1: श्रीमती मिस्त्री DIET के साथ काम करती हैं

श्रीमती मिस्त्री, जो एक 12 साल का अनुभव रखने वाली विद्यालय नेता हैं, शिक्षा एवं प्रशिक्षण जिला संस्थान (DIET) के साथ मिलकर अपने क्षेत्र में कार्य कर रही हैं और उन्होंने DIET प्रमुख के साथ नियमित संपर्क बनाए रखा है, जो उन्हें छात्रों को पढ़ाने के लिए नई शिक्षा पद्धतियों और संसाधनों के बारे में नई जानकारियाँ देते रहते हैं।

श्रीमती मिस्त्री के यहां नियमित तौर पर शिक्षकों की कमी होती है और उन्हें DIET के द्वारा आयोजित होनेवाले प्रशिक्षण सत्रों में सहभागी होने के लिए शिक्षकों को छोड़ने में मुश्किलें आती हैं लेकिन फिर भी वे उनके व्यावसायिक विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसलिए उन्होंने DIET की मदद से खुद ही अपने विद्यालय में कुछ सत्रों का आयोजन किया है। उन्होंने मुक्त शिक्षा संसाधन प्रदान करके मदद की है और कुछ वेबसाइटों को दिखाया है जिनसे वे संदर्भ ले सकती हैं।

श्रीमती मिस्त्री जिन अन्य तरीकों से DIET के साथ शामिल होती हैं वे हैं उनके प्रशिक्षण कार्यक्रमों को कई तरीकों से प्रभावित करना – अपने विद्यालय के अनुभवों को अन्य विद्यालयों के साथ बांटना जो दूसरे क्षेत्र में स्थित हैं और अपने विद्यालय में उन्होंने जिन रूकावटों और समस्याओं का सामना करके सुलझाया है उनका उद्धरण करना।

देश में गुणवत्ता शिक्षण के क्षेत्र में बढ़ते हुए परिवर्तनों और नवाचारों को देखते हुए उन्हें यह महत्वपूर्ण लगा कि उन्हें DIET की रचना, क्रियान्वयन और शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम की योजना में मदद प्रदान करनी चाहिए और इसलिए DIET के साथ संबंध अधिकतर दोतरफा सड़क के समान है।

गतिविधि 2: महत्वपूर्ण राज्य स्तरीय संस्थानों के साथ आपके सहयोग के प्रकार और हद का मूल्यांकन करना

इस गतिविधि के लिए आपको संसाधन 1 की रिक्त तालिका का संदर्भ लेना होगा। तालिका R1.1 के बाईं ओर के कॉलम में महत्वपूर्ण राज्य संस्थान शामिल हैं जो आपके विद्यालय नेता के कार्य के साथ संबंधित हैं। हर संस्थान के आगे, उनके साथ आपके संबंधों के स्तर स्पष्ट रूप से सबसे अच्छा वर्णन करने वाले चार कॉलमों में से एक पर निशान लगा कर आपकी उनके साथ सहभागिता को दर्जा प्रदान करें। उदाहरण के लिए, आपका DIET या शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण राज्य परिषद (SCERT) के मुकाबले CRC और/या BRC के साथ ज्यादा संपर्क होगा।

इस बारे में सोचें कि क्या यह संपर्क दो-तरफा है, या इसके बजाय यह कि जानकारी उनकी तरफ से आपकी तरफ आ रही है या आपकी तरफ से अन्य संस्थानों के जरिए उनकी तरफ जा रही है। आपको यह पता लगेगा कि कुछ संस्थानों के साथ आपका कोई संपर्क नहीं है – हो सकता है कि आपको उनकी भूमिका और जिम्मेदारीयों के बारे में निश्चित तौर पर जानकारी नहीं हो। आप जिन पहलुओं के लिए उनसे संपर्क करते हैं उनको लिखने से आपको मदद मिलेगी (जैसे दोपहर का भोजन, डेटा संकलन, जानकारी प्रदान करना, सामग्री का विकास, प्रशिक्षण, शैक्षिक समर्थन आदि)। छठे कॉलम में। फिर उस संस्थान में जिस मुख्य व्यक्ति के साथ आप संपर्क में हैं उसका नाम लिखें, अगर आप नाम जानते हों तो। यह शायद सबसे वरिष्ठ व्यक्ति ना हो और कई बार आपका संपर्क शायद मत्रि या रिश्तेदार हो या ऐसा कोई व्यक्ति हो जो उचित व्यक्ति से आपका संपर्क करा सके।

Discussion

चर्चा

इस गतिविधि से शायद आपको पता चलेगा कि आप किसे जानते हैं और किसे नहीं जानते, और व्यवस्था के किस स्तर पर आपका नेटवर्क मजबूत है। क्या ऐसे अन्य कोई संस्थान हैं जो सहयोग करने और नेटवर्क बनाने के लिए आपके लिए महत्वपूर्ण हों और जो उपरोक्त सूची में ना हो? अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि, वर्तमान में आपका आपसी सहयोग और नेटवर्किंग किस प्रकार का है और विद्यालय नेता होने के नाते आपके कार्य के ऐसे कौन से प्रमुख क्षेत्र हैं जिनके लिए आप उनसे संपर्क करते हैं या वे आपसे करते हैं? व्यावसायिक नेटवर्क बनाने के लिए कहां से और कैसे शूरूआत करनी है अगर आप इसके बारे में निश्चित नहीं हैं तो आप अन्य विद्यालय नेताओं की मदद ले सकते हैं। एक बार आपका नेटवर्क स्थापित होने के बाद उसे कैसे जीवित रखना है इसके लिए आपको योजना बनाने की आवश्यकता होती है। संभावनाओं में शामिल हैं दो-तरफा संपर्क बनाना (उदाहरण के लिए, फोन, इ-मेल, पत्र के द्वारा या व्यक्तिगत तौर पर या ऑनलाइन सोशल मीडिया साइटों जैसे लिंक्डइन के द्वारा)।

विद्यालय नेता इस इकाई में क्या सीखेंगे

2 अन्य विद्यालयों और NGOs के साथ भागीदारी