3 सामुदायिक संगठनों और स्थानीय व्यापारों के साथ साझेदारी करना

विद्यालय का नेतृत्व करने के लिए सामुदायिक संगठनों और स्थानीय व्यापारों के साथ अच्छी-खासी मात्रा में समन्वय करने की आवश्यकता होती है। आपके विद्यालय के पास कई सामुदायिक संगठन होंगे। कुछ अनौपचारिक होंगे, जैसे माताओं का संगठन या स्वयं सहायता समूह; कुछ अन्य ऐसी अधिक संरचित सेवाएं और कार्यक्रम प्रदान करेंगे जो अन्यथा अप्राप्य संसाधनों के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध मौकों में सुधार करते हैं। वे साक्षरता एवं संख्यात्मक कार्य कौशलों से लेकर प्रदर्शन कलाओं, जीवन कौशलों, विज्ञान एवं कृषि को लोकप्रिय बनाना, संवाद कौशल तथा व्यवसायगत मार्गदर्शन तक के कार्यक्रम पेश कर सकते हैं। कुछ मध्याह्न भोजन में विद्यालय की मदद करते हैं, कुछ अन्य विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्तियों के माध्यम से मदद करते हैं, और कुछ अन्य ऐसे होंगे जो विद्यालय के बुनियादी ढांचे को बनाने में मदद करते हैं। विद्यालयों और सामुदायिक संगठनों के बीच साझेदारियों से यह सुनिश्चित होता है कि ये सेवाएं और कार्यक्रम विशेषज्ञता के साथ प्रदान हों और अध्यापकों के कौशलों की संपूरक बनें।

आपकी नेतृत्व भूमिका में सामुदायिक संगठनों और स्थानीय व्यापारों को आपके विद्यालय की कार्यसूची एवं पाठ्यचर्या से जोड़ना और इन साझेदारियों का उपयोग करके अपने विद्यार्थियों के ज्ञानार्जन को बेहतर बनाना शामिल है। विद्यार्थियों द्वारा क्षेत्र भ्रमण और पेशेवरों या विशेषज्ञों द्वारा विद्यालय के दौरे, ये दो उदाहरण हैं कि कैसे आप इस तरीके से ज्ञानार्जन में वर्धन कर सकते हैं। तालिका 1 में एक उदाहरण दिया गया है कि कैसे एक कक्षा ने अपनी साझेदारियों को पाठ्यचर्या और विद्यालय कैलेंडर से प्रतिचित्रित किया है।

तालिका 1 कक्षा 7 द्वारा समुदाय साझेदारियां स्थापित करने का उदाहरण।
विषयविषयसंस्थान/स्थलसंपर्क व्यक्तिप्रयोजनमहीना
भूगोलमिट्टीकिसान सहकारी समितिश्रीमती गुप्तामिट्टी के प्रकार और उन्हें कैसे पहचानेंजुलाई का आंगतुक
नागरिक-शास्त्रस्थानीय स्वशासनपंचायतश्रीमती चक्रबतीपंचायत के उत्तरदायित्व सूचीबद्ध करने में सक्षम होनाअगस्त का आंगतुक
विज्ञानध्वनिउपकरण निर्माता कार्यशालाश्री जावेदधागे/तार का उपयोग कर उपकरण बनानासितंबर का आंगतुक
अंग्रेज़ीपत्र लेखनडाकघरश्री चानापत्र लेखन प्रोटोकॉल एवं पिन कोडअक्तूबर का आंगतुक
इतिहासधरोहर स्थलदिल्ली सल्तनतश्री थापासंरचना में प्रयुक्त सामग्री की पहचान करना, वह कहां से आई होगी और संरचना की शैलीजनवरी का आंगतुक

इन क्षेत्र भ्रमणों का आयोजन आसान नहीं है, क्योंकि इसमें अनुमतियां लेनी होती हैं, संबंधित लोगों को जानकारी देनी होती है और विद्यार्थियों को सुरक्षित रूप में ले जाना होता है और विद्यालय वापस लाना होता है। भ्रमण की व्यवस्था करने के लिए आपके अध्यापकों को आपसे सहयोग और प्रोत्साहन चाहिए होगा। याद रखें कि विद्यार्थियों के अभिभावक, और एसएमसी, दोनों ही संसाधन हैं और अगर आपको सहयोग चाहिए हो तो इस बात की पूरी संभावना है कि वे थोड़ा अतिरिक्त प्रयास करेंगे। इसमें उपयुक्त वयस्क:विद्यार्थी अनुपात सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र भ्रमण पर विद्यार्थियों के साथ जाना भी शामिल है।

विद्यालय नेता होने के नाते आप निम्नांकित के लिए जिम्मेदार हैं:

  • सामुदायिक संगठनों को अपने विद्यालय के साथ संलग्न करना

  • उपयुक्त कार्यकारी प्रथाएं स्थापित करना

  • निगरानी करना और प्रभाव का मूल्यांकन करना।

सभी साझेदारियों की अनुशंसा एसएमसी को की जानी होती है और उसकी प्रभाविकता की सूचना नियमित आधार पर दी जानी चाहिए ताकि वह विद्यालय के लिए लाभकारी बनी रहे और प्रभावी ढंग से संचालित हो।

गतिविधि 4: विज्ञान गतिविधि केंद्र का क्षेत्र भ्रमण

कक्षा 9 के विद्यार्थी एक फ़ाउंडेशन द्वारा संचालित विज्ञान गतिविधि केंद्र के कई दिनों के क्षेत्र भ्रमण पर गए। एक विद्यार्थी ने विद्यालय के ब्लॉग के लिए एक लेख लिखा (मेहता, 2014) जिसे आप नीचे पढ़ सकते हैं।

चित्र 3 क्षेत्र भ्रमण की कहानी सुनाना।

हमारी मंजिल बंगारपेट थी। यह कुप्पम का हमारा दूसरा और अंतिम क्षेत्र भ्रमण था। पिछली बार हम वहां कक्षा 8 में गए थे। चकित कर देने वाली बात यह थी कि इस बार कुप्पम में सब कुछ हमारे पिछले अनुभव से बिल्कुल अलग था। सभी व्यवस्थाओं में अच्छा समन्वय था और हम आराम से रहे।

इस भ्रमण का विज्ञान वाला भाग बहुत ही अच्छा था। हमने विज्ञान की खूबसूरत दुनिया में परियोजना-आधारित ज्ञानार्जन और स्वतंत्र छानबीन का अनुभव किया। परियोजना-आधारित सीखना एक नया अनुभव था। इसमें विद्यार्थियों को कोई प्रेरक प्रश्न सामने रखना था और प्रयोगों के माध्यम से हमें पहले से गठित परिकल्पना की या तो पुष्टि करनी थी या उसमें बदलाव करने थे। इसने विज्ञान के प्रति मेरा नजरिया बदल दिया। प्रयोगशाला के अत्याधुनिक उपकरणों के साथ प्रयोग करना और परिसर में छोटे वैज्ञानिकों की तरह कार्य करना भी एक अविस्मरणीय अनुभव था।

फाउंडेशन ने हमारे लिए बहुत ही अच्छी व्यवस्थाएं की थीं। हम वहां लगभग छः दिन रहे और भौतिकी, गणित, जीव विज्ञान और रसायन विज्ञान के प्रयोग किए। हमने सम्माननीय प्रोफेसरों के साथ सत्रों में भाग लिया जिससे हमारा विज्ञान का ज्ञान और बढ़ा तथा समृद्ध हुआ। फाउंडेशन के पास अपना खुद का खोज केंद्र है और एक होम थिएटर है जहां हमने अंतरिक्ष के बारे में एक लघु फिल्म देखी।

भ्रमण का सबसे अच्छा हिस्सा था समुदाय के दौरे, जहां हमने शिक्षा के ग्रामीण पथों पर कदम रखे और स्थानीय विद्यालयों के दौरे किए। वहां के विद्यार्थी इतने ज्ञानपूर्ण थे और इतनी प्रतिभाओं से युक्त थे कि जिनका केवल स्वप्न ही देखा जा सकता है। उन्हें देख कर बहुत गर्व का अनुभव हुआ। हमने उनके साथ कुछ मजेदार गतिविधियां भी कीं।

हम पत्थर की खदान की यात्रा, प्राचीन कुप्पम किले की चोटी तक पहुंचने की थकाऊ लेकिन संतोषदायी सैर और हमारे लिए आयोजित विशेष संस्कृति नाइट, जिसमें हम नाचे, गाए और विभिन्न वाद्ययंत्रों को आजमाया, की यादें हमेशा संजोये रखेंगे। मैं इसके साथ समापन करना चाहूंगा कि आप असंख्य तरीकों से आनंद की प्राप्ति और ज्ञानार्जन कर सकते हैं और यह कि समझ कर सीखना सबसे अच्छा तरीका है।

अब अपनी सीखने की डायरी में लिखें कि भ्रमण सफल रहे यह सुनिश्चित करने के लिए आपके विचार में विद्यालय नेताओं और विज्ञान के अध्यापक ने फाउंडेशन के साथ किन चीजों की चर्चा की होगी। साथ ही यह भी लिखें कि आपके विचार में, विद्यार्थियों के सीखने की दृष्टि से उस क्षेत्र भ्रमण से क्या हासिल हुआ।

Discussion

चर्चा

विद्यालय नेताओं और विज्ञान अध्यापक ने आपके विचार में फाउडंशेन के साथ जिन चीजों पर चर्चा की होगी, उनमें संभवतः निम्नांकित बिंदु होंगे:

  • तिथियां
  • कितने विद्यार्थियों के रहने की व्यवस्था की जा सकती है
  • यात्रा

  • ठहरना

  • बजट
  • दैनिक कार्यक्रम
  • संसाधन व्यक्ति
  • भोजन एवं मेन्यू
  • सुरक्षा
  • अतिरिक्त गतिविधियां
  • चिकित्सा सुविधाएं
  • पाठ्यचर्या।

विद्यालय नेता के पास भी ऐसी ही एक सूची होगी कि अभिभावकों के साथ किन चीजों पर चर्चा करनी है। उस सूची में संभवतः निम्नांकित बिंदु होंगे:

  • क्षेत्र भ्रमण के उद्देश्य के बारे में जानकारी
  • अनुदत्त अनुमति हेतु प्रपत्र
  • चिकित्सीय देखभाल और आहार संबंधी विशेष आवश्यकताओं के निर्देश
  • उन चीजों की सूची जो विद्यार्थी अपने साथ ले जा सकते हैं
  • ले जाने और वापस छोड़ने का दिन, तिथि और समय।

ऐसी जानकारी की भी एक सूची होगी जिसकी चर्चा भ्रमण पर साथ जाने वाले अध्यापकों के साथ करनी होगी।

गतिविधि 5: अपने समुदाय के साथ अपनी वर्तमान साझेदारियों का मूल्यांकन करना

अब आपको अपने विद्यालय में प्रचालनरत किसी एक सामुदायिक साझेदारी की छानबीन करनी चाहिए। हो सकता है कि वह किसी स्थानीय व्यापार के साथ आपका कोई बहुत छोटा सा संबंध हो, या फिर वह किसी गैर सरकारी संस्था के साथ अधिक महत्वपूर्ण साझेदारी भी हो सकती है जिसमें आप सुविधाएं साझा करते हों। अपने विद्यार्थियों के ज्ञानार्जन में इस साझेदारी के प्रभाव का मूल्यांकन करने, और साथ काम करने से आप अधिक लाभ पाने में सक्षम हो सकते हैं या नहीं इस बात का मूल्यांकन करने के लिए चित्र 4 में दिए गए संकेतों पर विचार करें।

चित्र 4 में दर्शाई गई एसडब्ल्यूओटी (स्ट्रेंथ/शक्ति, वीकनेस/कमजोरी, अपॉर्चुनिटी/अवसर और थ्रेट/खतरे) ग्रिड का उपयोग करते हुए अपनी सीखने की डायरी में नोट्स बनाएं। हो सकता है कि आप इस मूल्यांकन में स्टाफ, अभिभावकों और साझेदार को शामिल करना चाहें।

चित्र 4 समुदाय के साथ आपके विद्यालय की साझेदारियों का मूल्यांकन करने के लिए एसडब्ल्यूओटी ग्रिड।

Discussion

चर्चा

यह आसान सी ग्रिड इस चीज का ठीक-ठीक विश्लेषण करने में बहुत सहायक हो सकती है कि साझेदारी में कौन सी चीजें काम कर रही हैं और कहां सुधार किए जा सकते हैं। आप इस इकाई के अतिरिक्त संसाधन अनुभाग में एसडब्ल्यूओटी के बारे में अधिक जानकारी पा सकते हैं।

  • क्या ग्रिड से आपको ऐसे क्षेत्रों की पहचान करने में मदद मिली है जहां आप विद्यार्थी ज्ञानार्जन पर साझेदारी के प्रभाव को बेहतर बना सकते हैं? इससे फिर आपकी एसएमसी को दी जाने वाली अनुशंसाओं का आधार निर्मित हो सकता है, या फिर प्राथमिकताओं के बारे में निर्णय लेने में आपको मदद मिल सकती है।

  • क्या आपको लगता है कि एसएमसी के साथ विद्यालय विकास योजना को सूत्रबद्ध करने से पहले आप उनके साथ ग्रिड का उपयोग कर सकते हैं? संभवतः इससे आपको यह महत्वपूर्ण कार्य और आसानी से आगे बढ़ाने में और एसएमसी को विद्यालय की आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं का यकीन दिलाने में मदद मिलेगी।

2 अन्य विद्यालयों और NGOs के साथ भागीदारी

4 विद्यार्थियों के अभिभावकों के साथ संलग्न होना